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-   -   दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल) (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1408)

malethia 10-05-2011 09:14 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 

यदि जीवन शान से है जीना,
फर्ज है अपना प्रकृति को बचाना,
अनमोल है जीवन इस धरा पर,
खुदा ने दिया है यह नज़राना।

जीयें उसे कैसे, यह एक सवाल है?
प्रकृति का यह उपहार बेमिसाल है,
हो रहा है दोहन, इसका इतना,
जीवन पर आ पड़ी है कैसी विपदा?:beating:

जल जीवन का आधार है,
जल बिन यह जीवन निराधार है,
रोक कर प्रदूषण को,
वातावरण को स्वच्छ बनाना है।

जो वायु जीवन देती है,
उसे युगों तक कायम रखना है
न काटो इन दरख्तों को,
जो छाया तुमको देते हैं।

भरते हैं ये पेट तुम्हारा,
पशुओं का भी पालन करते हैं,
करके ग्रहण ये कार्बनडाई ऑक्साइड
हमारे जीवन को मधुर बनाते हैं।:crazyeyes:

न उजाड़ो इन वनों को,
जो प्राकृतिक आपदा से बचाते हैं,
रोक कर वर्षा का जल,
भूमि का जल-स्तर बढ़ाते हैं।

आज इन्हें बचाओगे तो,
कल जीवन भी बच जाएगा
दिख रहा है जो भविष्य खतरे में,
खतरे से बाहर आ जाएगा।

लगाकर पेड़ ज्यादा से ज्यादा
हमें इस जमीं को सजाना है
पूज्यनीय है यह प्रकृति,
इस संजीवनी को बचाना है।:think:

khalid 19-05-2011 02:22 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
राहे वफा मेँ हम ने ये इनआम पाये हैँ !
आँसु बहाये हैँ तो कभी मुस्कुराये हैँ !
उस की दुआऐँ हैँ फूलोँ की रात दिन !
जिस ने हमारी राह मेँ काँटे बिछाये हैँ !
कोई भी उस के दर्द को पहचानता नहीँ !
वो जिस ने हर किसी के लिए गम उठाये हैँ !
बिजली वहीँ वहीँ गिरायी हैँ वक्त ने !
हमने जहाँ भी नशेमन बनाये हैँ !
मौसम की बेरुखी से जो डरतेँ नहीँ कभी !
दौरे खिजाँ मेँ फूल वही मुस्कुराये हैँ !
दिल से भुलाए बैठी हैँ वो जिन की दुश्मनी !
वो रौशनी से आज भी दामन बचाये हैँ !

prashant 19-05-2011 05:05 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
यहाँ बहुत दर्द है भाई जो मेरे दिल के लिए अच्छा नहीं है/

ndhebar 19-05-2011 05:26 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
बेसबब जूझना थकना और फिर से खुद से लड़ जाना

टूट जाने की हद तक चुप-चाप हर गम को सह जाना

तब होती है उसकी बाँहों में बिखर जाने की वो ज़िन्दगी सी तलब

पर आखिरी ख्वाहिश की तरह उस ख्वाहिश का भी आखिर तक रह जाना

Sikandar_Khan 10-08-2011 09:45 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
ये आवाज कैसी है
जो दिल पर दस्तक देती है
क्यो भला फिर सुनूँ मैं कुछ ?
जब कोई आहट होती है.
तुम्हारी सांसो की आवाज
या है एक वो अहसास,
भर देता है जब जीवन
फिर अब है क्यो ये क्रंदन?
दूर कभी होती है जब
आवाज कही सन्नाटे में
ऐसे दूर हुई है वो
क्या लौटेगी ????
फिर कभी इस गली
न जाने कब कैसे होगा?
उन कदमो का इस दर तक आके
फिर यूही अचानक कभी
आकर दस्तक देना
और ये पूछना......
क्या मैं आ सकती हूँ ????
इस दालान से गुजर के
तेरे दिल तक जा सकता हूँ ..

Dr. Rakesh Srivastava 10-08-2011 12:12 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by teji (Post 23566)
सफ़र मैं हूँ एक सफ़र मुझ में भी है
मैं शहर में घूमता हूँ, एक शहर मुझ में भी है

मेरे टूटे घर को हंसकर मत देख मेरे नसीब

मैं अभी टूटा नहीं हूँ, एक घर मुझ में भी है

खूब वाकिफ हूँ मैं दुनिया की हकीकत से मगर
शख्स कोई हर तरफ से बेखबर मुझ में भी है

आदमी में बढ़ रहा है दिनों दिन कैसा ज़हर
देखता मैं भी हूँ, कुछ ज़हर मुझ में भी है

वक़्त के जरुरत से कोई अछुता है नहीं
कैसे मैं इनकार कर दूं, कुछ असर मुझ में भी है

बेधड़क बेख़ौफ़ चलता हूँ बियाबान में ,मगर
आईने से सामना होने का डर मुझ में भी है .

तेजी जी, अगर ये ख़याल आपका गढ़ा है,
तो आपका कद यकीनन काफी बड़ा है.

rajnish manga 29-10-2012 05:24 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
[QUOTE=kamesh;20342]

:iagree:
जिस जगह पहले उम्मीदों का ठिकाना था ‘शरर’
दिल के उस गोशे में अब दर्द उठता रहता है.


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