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-   -   दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल) (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1408)

kamesh 02-12-2010 07:26 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए
इन्हें देख लोग घबरा गये
ऊपर से आवाज़ आई

ये कैसी बिदाई है
लोगो ने कहा
महबूब की डोली देखने
यार की अर्थी आई है

kamesh 02-12-2010 07:32 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by amit_tiwari (Post 21291)
कामेश बंधू सूत्र का लिंक देने के लिए धन्यवाद.

ये रचना पुराने मित्रों ने पढ़ी होगी किन्तु फिर भी पोस्ट कर रहा हूँ. शायद नए मित्रों को पसंद आये |

काफी उदास है और पढने वालों से गुज़ारिश है की एक बार में पूरा पढ़ें अन्यथा मज़ा नहीं आएगा |



मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

तुम जब भी सामने आती हो
बस तुमको सुनना चाहता हूँ,
ऐ काश कभी तुम ये कह दो
मैं तुमसे मुहब्बत करती हूँ !
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो
तुम मुझको बेहद चाहती हो
लेकिन जाने क्यूँ तुम चुप हो
ये सोच के दिल घबराता है
ऐसा तो नहीं है ना जाना?
सब मेरी नज़र का धोखा है
मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
मैं तुमसे कहना चाहता हूँ
लेकिन कुछ कह सकता भी नहीं
माना कि मुहब्बत है फिर भी
लब अपने खुल भी नहीं सकते

मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

ख्वाबों में बहुत कुछ बोलती हो
पर सामने चुप ही रहती हो
ये सोच के दिल घबराता है
तुमको खोने से डरता हूँ
मैं तुमसे ये कैसे पूछूं
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

मुझे ठण्ड रास नहीं आती
मुझे बारिश से भी नफरत थी
पर जिस दिन से मालूम हुआ
ये मौसम तुमको भाता है
अब जब भी सावन आता है
बारिश में भीगता रहता हूँ
बूंदों में तुमको ढूँढता हूँ
कतरों से तुमको पूछता हूँ

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

जब हाथ दुआ को उठते हैं
अल्फाज़ कहीं खो जाते हैं
बस ध्यान तुम्हारा होता है
और आंसू गिरते रहते हैं
हर ख्वाब तुम्हारा पूरा हो
सो रब की मिन्नत करता हूँ

तुम कैसे मुहब्बत करती हो,
मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ !

राँझा भी नहीं, मजनू भी नहीं
फरहाद नहीं, अजरा भी नहीं |
वो किस्से हैं, अफ़साने हैं
वो गीत हैं, प्रेम तराने हैं
मैं जिंदा एक हकीकत हूँ
मैं ज़ज्बा-ए-इश्क की शिद्दत हूँ
मैं तुमको देख के जीता हूँ
मैं हर पल तुम पे मरता हूँ

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो ?

क्या बात कही है आप ने
हर जख्मी जिगर को ये अपना सा लगेगा वाह क्या सून्दर मन की बात को अश्को में भर के प्रस्तुत किया आप ने सूत्र पर चार चाँद लगा दिया
आते रहें और दर्द से सराबोर कर दें ताकि जो भी पढ़े बेवफा न बने

kamesh 02-12-2010 07:40 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
तुम बिन ज़िन्दगी में वीरानी सी छाई है

शाम भी तेरी यादों का सैलाब लेकर आई है

आज भी महरूम हूँ तेरे प्यार से
तुमसे दिल लगाने की सजा क्या खूब मैंने पाई है

ये मेरी खता है की तुझको अपना खुदा बना बैठा

फितरत में तो तेरी आज भी बेवफाई है

फिर भी दुआ है मेरी हर ख़ुशी मिले तुझको
किस्मत में तो अपनी बस तन्हाई है

khalid 02-12-2010 08:44 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 21603)
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए
इन्हें देख लोग घबरा गये
ऊपर से आवाज़ आई

ये कैसी बिदाई है
लोगो ने कहा
महबूब की डोली देखने
यार की अर्थी आई है

जवाब नहीँ छोटे इसके एक एक शब्द का

amit_tiwari 02-12-2010 10:45 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 21603)
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए
इन्हें देख लोग घबरा गये
ऊपर से आवाज़ आई

ये कैसी बिदाई है
लोगो ने कहा
महबूब की डोली देखने
यार की अर्थी आई है

भाई कहने सुनाने में तो ये बात भली है बस कोई इसे जीवन में अपने उतार ना ले |
प्रेम अच्छा है किन्तु उसमें जान वां देने की बातें भली नहीं है | एक व्यक्ति के ऊपर मात्र उसका ही नहीं उसके माँ,बाप,भाई, बहन, दोस्तों, अध्यापकों सबका अधिकार होता है और एक व्यक्ति के लिए उन सबको जीवन भर का दुःख और संताप देना किसी भी प्रकार से अच्छा नहीं इससे अच्छा तो जा के दुसरे को ठोक:gm::gm: देना है हेहेही |

malethia 02-12-2010 04:03 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
दर्दे मरीज करहाता रहा करहाता रहा
देखने वाले कहते रहे कि धीरज कीजे

ये जो हमदर्दी है नाटक है दिखावा है सिर्फ
अपना बोझ अपने ही कंधो पे उठाया कीजे

प्यार का नाम है बस नाम है इस दुनिया में
प्यार व्यापार नही जो सोच समझ कर कीजे

वफ़ा के नाम पे अब कुछ नही होता हासिल
बेवफाई ना करे कोई तो फिर क्या कीजे

बाद मरने के भी क्या बोझ किसी पे बनना
अपनी लाश अपने ही कन्धो पे उठा भी लीजे

सिवा सलाह के यहाँ किसने किसी को क्या दिया
मदद के वास्ते झोली ना फैलाया कीजे

ABHAY 02-12-2010 04:19 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
दील की क्या आवाज है कोई क्या जाने मन से जो आवाज निकले उसे कोई क्या सुने आँखों से जो आशु निकले उसे कोई क्या पोछे जब जख्म देने वाले ही अपने हो तो दूसरों पे इल्जाम क्यो दे दे !

ABHAY 02-12-2010 04:24 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
दिल से आवाज निकली है कोई सुन न ले
आखो से आज आशु निकली है देखना कही गिर न जाये
कितने दिनों बाद एक दिल फेक आशिक से पाला पड़ा है ,
ये भी कही हमें भूल न जाये !:iloveyou:

kamesh 02-12-2010 04:40 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by ABHAY (Post 21985)
दिल से आवाज निकली है कोई सुन न ले
आखो से आज आशु निकली है देखना कही गिर न जाये
कितने दिनों बाद एक दिल फेक आशिक से पाला पड़ा है ,
ये भी कही हमें भूल न जाये !:iloveyou:

sine men jalan aankhon me tufan sa kyo hai
is sahar men har saksh paresan sa kyon hai

ABHAY 02-12-2010 04:45 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 22010)
sine men jalan aankhon me tufan sa kyo hai
is sahar men har saksh paresan sa kyon hai

कोई कहता है दिल टूट गया कोई कहता है आखे खुल गई
मगर कोई ये नहीं कहता की लड़की बेबफा हो गई !


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