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-   -   दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल) (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1408)

kamesh 30-11-2010 06:56 AM

दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
सभी मित्रो को मेरा नमस्कार आज दिल में अक हुक सी उठी तो मेने यह सूत्र बनाया जिसमें आप सभी का सहयोग आशीर्वाद और प्यार चाहिए , मेरी सोच है की बिना दर्द के प्यार परवाना नहीं चढ़ता है और बिना चोट खाए प्यार की गहराई समझ में नहीं आती,तभी तो कहतें है "जब दर्द नहीं था सिने में तो खाक मजा था जीने में,अब के सावन हम भी रोयें सावन के महीने में" आप सभी आमंत्रित है अपने अनुबव ,गीत गजल और शायरी के साथ जो आप के दिल की गहराई से निकली हो

धन्यवाद

kamesh 30-11-2010 07:00 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
टूटे हुवे खाब्बो ने इतना ये बताया है

दिल ने दिल ने जिसे चाह था आँखों ने गवाया है

YUVRAJ 30-11-2010 07:26 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
भाई,
जहाँ तक मेरा मानना है कि बिना दुश्मानों के मोहब्बत कामयाब नहीं होती/ दर्द तो सामान्य जीवन का अंग है/

YUVRAJ 30-11-2010 07:33 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Na jaane tum pe itna yakin kyon hai?
Tera khayal bhi itna haseen kyon hai?
Suna hai Pyar ka dard meetha hota hai!!!
to aankh se nikla ye aansu namkeen kyon hai?

kamesh 30-11-2010 05:15 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
राही मनवा दुःख की चिंता क्यों सताती है दुःख तो अपना साथी है
दुःख है इक सम जाती आती है जाती है दुःख तो अपना साथी है


kamesh 30-11-2010 05:18 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
आदमीं आदमीं को क्या देगा
जो भी देगा उसे खुदा देगा
आदमीं आदमीं को क्या देगा

pooja 1990 30-11-2010 05:27 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
nice post kamesh ji

kamesh 30-11-2010 05:32 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by pooja 1990 (Post 20613)
nice post kamesh ji

आप जिन के करीब होते है

वो बड़े खुशनसीब होतें हैं

kamesh 30-11-2010 06:01 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
करमवा बैरी हो गए हमार,बलमवा बैरी हो गए हमार ,
चिठिया हो तो हर कोई बांचे, भाग न बांचे कोई
सजनवा बैरी हो गए हमार, करमवा बेरी हो गए हमार

kamesh 30-11-2010 06:02 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
जब भी ये दिल उदास होता है

जाने कौन आस पास होता है

Kumar Anil 30-11-2010 09:51 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by युविराजा (Post 20348)
na jaane tum pe itna yakin kyon hai?
Tera khayal bhi itna haseen kyon hai?
Suna hai pyar ka dard meetha hota hai!!!
To aankh se nikla ye aansu namkeen kyon hai?

युवी मेरे दोस्त बात तो पते की है कि प्यार के इस मीठे दर्द मेँ अश्क नमकीन क्योँ होते हैँ । यकीनन इस प्रश्न का उत्तर कोई चोट खाया इन्सान ही दे सकता है । क्या फोरम पर ऐसा कोई बन्दा है ?

jai_bhardwaj 30-11-2010 10:33 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
जब भी तुझसे मेरा सामना हो गया
उस घड़ी मेरा 'मैं' , लापता हो गया
तुमने भूले से नाम ए वफ़ा क्या लिया
मेरा जख्म ए जिगर फिर हरा हो गया
क़त्ल करते हैं जो , पूछते हैं वही
कुछ तो कहिये तो क्या माजरा हो गया
दुश्मनों की तरफ से फिकर अब नहीं
दोस्ती में दग़ा , सौ दफ़ा हो गया
इस जमाने में विज्ञान की खैर हो
मौत का अब सरल रास्ता हो गया :cheers:
जिसने दुनिया को जीता वो इंसान 'जय'
जिसने खुद को ही जीता, खुदा हो गया

Kumar Anil 01-12-2010 06:56 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by bhaaiijee (Post 20737)
जब भी तुझसे मेरा सामना हो गया
उस घड़ी मेरा 'मैं' , लापता हो गया
तुमने भूले से नाम ए वफ़ा क्या लिया
मेरा जख्म ए जिगर फिर हरा हो गया
क़त्ल करते हैं जो , पूछते हैं वही
कुछ तो कहिये तो क्या माजरा हो गया
दुश्मनों की तरफ से फिकर अब नहीं
दोस्ती में दग़ा , सौ दफ़ा हो गया
इस जमाने में विज्ञान की खैर हो
मौत का अब सरल रास्ता हो गया :cheers:
जिसने दुनिया को जीता वो इंसान 'जय'
जिसने खुद को ही जीता, खुदा हो गया

भाई जी
इस सुन्दर रचना को हमारे लिए प्रस्तुत करने पर आपको धन्यवाद । कितनी सुन्दर बात कितने सरल शब्दोँ मेँ कि जिससे आप प्रेम करते है जिसे आप सर्वस्व मान बैठते हैँ उससे आपका जब साक्षात्कार होता है तो आपके भीतर का ' मैँ ' न जाने पिघलकर कहाँ चला जाता है और ' हम ' मेँ समाहित हो जाता है । अर्द्धनारीश्वर की परिकल्पना मेँ सम्भवतः यही भाव निहित हैँ जिसे मूर्त रूप प्रदान किया गया है ।

amit_tiwari 01-12-2010 05:37 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
कामेश बंधू सूत्र का लिंक देने के लिए धन्यवाद.

ये रचना पुराने मित्रों ने पढ़ी होगी किन्तु फिर भी पोस्ट कर रहा हूँ. शायद नए मित्रों को पसंद आये |

काफी उदास है और पढने वालों से गुज़ारिश है की एक बार में पूरा पढ़ें अन्यथा मज़ा नहीं आएगा |



मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

तुम जब भी सामने आती हो
बस तुमको सुनना चाहता हूँ,
ऐ काश कभी तुम ये कह दो
मैं तुमसे मुहब्बत करती हूँ !
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो
तुम मुझको बेहद चाहती हो
लेकिन जाने क्यूँ तुम चुप हो
ये सोच के दिल घबराता है
ऐसा तो नहीं है ना जाना?
सब मेरी नज़र का धोखा है
मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
मैं तुमसे कहना चाहता हूँ
लेकिन कुछ कह सकता भी नहीं
माना कि मुहब्बत है फिर भी
लब अपने खुल भी नहीं सकते

मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

ख्वाबों में बहुत कुछ बोलती हो
पर सामने चुप ही रहती हो
ये सोच के दिल घबराता है
तुमको खोने से डरता हूँ
मैं तुमसे ये कैसे पूछूं
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

मुझे ठण्ड रास नहीं आती
मुझे बारिश से भी नफरत थी
पर जिस दिन से मालूम हुआ
ये मौसम तुमको भाता है
अब जब भी सावन आता है
बारिश में भीगता रहता हूँ
बूंदों में तुमको ढूँढता हूँ
कतरों से तुमको पूछता हूँ

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

जब हाथ दुआ को उठते हैं
अल्फाज़ कहीं खो जाते हैं
बस ध्यान तुम्हारा होता है
और आंसू गिरते रहते हैं
हर ख्वाब तुम्हारा पूरा हो
सो रब की मिन्नत करता हूँ

तुम कैसे मुहब्बत करती हो,
मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ !

राँझा भी नहीं, मजनू भी नहीं
फरहाद नहीं, अजरा भी नहीं |
वो किस्से हैं, अफ़साने हैं
वो गीत हैं, प्रेम तराने हैं
मैं जिंदा एक हकीकत हूँ
मैं ज़ज्बा-ए-इश्क की शिद्दत हूँ
मैं तुमको देख के जीता हूँ
मैं हर पल तुम पे मरता हूँ

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो ?

Kumar Anil 01-12-2010 08:17 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by amit_tiwari (Post 21291)
कामेश बंधू सूत्र का लिंक देने के लिए धन्यवाद.

ये रचना पुराने मित्रों ने पढ़ी होगी किन्तु फिर भी पोस्ट कर रहा हूँ. शायद नए मित्रों को पसंद आये |

काफी उदास है और पढने वालों से गुज़ारिश है की एक बार में पूरा पढ़ें अन्यथा मज़ा नहीं आएगा |



मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

तुम जब भी सामने आती हो
बस तुमको सुनना चाहता हूँ,
ऐ काश कभी तुम ये कह दो
मैं तुमसे मुहब्बत करती हूँ !
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो
तुम मुझको बेहद चाहती हो
लेकिन जाने क्यूँ तुम चुप हो
ये सोच के दिल घबराता है
ऐसा तो नहीं है ना जाना?
सब मेरी नज़र का धोखा है
मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
मैं तुमसे कहना चाहता हूँ
लेकिन कुछ कह सकता भी नहीं
माना कि मुहब्बत है फिर भी
लब अपने खुल भी नहीं सकते

मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

ख्वाबों में बहुत कुछ बोलती हो
पर सामने चुप ही रहती हो
ये सोच के दिल घबराता है
तुमको खोने से डरता हूँ
मैं तुमसे ये कैसे पूछूं
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

मुझे ठण्ड रास नहीं आती
मुझे बारिश से भी नफरत थी
पर जिस दिन से मालूम हुआ
ये मौसम तुमको भाता है
अब जब भी सावन आता है
बारिश में भीगता रहता हूँ
बूंदों में तुमको ढूँढता हूँ
कतरों से तुमको पूछता हूँ

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

जब हाथ दुआ को उठते हैं
अल्फाज़ कहीं खो जाते हैं
बस ध्यान तुम्हारा होता है
और आंसू गिरते रहते हैं
हर ख्वाब तुम्हारा पूरा हो
सो रब की मिन्नत करता हूँ

तुम कैसे मुहब्बत करती हो,
मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ !

राँझा भी नहीं, मजनू भी नहीं
फरहाद नहीं, अजरा भी नहीं |
वो किस्से हैं, अफ़साने हैं
वो गीत हैं, प्रेम तराने हैं
मैं जिंदा एक हकीकत हूँ
मैं ज़ज्बा-ए-इश्क की शिद्दत हूँ
मैं तुमको देख के जीता हूँ
मैं हर पल तुम पे मरता हूँ

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो ?

सीधी सरल मगर मर्मस्पर्शी रचना जिसे पढ़कर भावविभोर हो गया हूँ । एक अहसास ऐसा जागा कि बस इस अनमोल रचना के माध्यम से उसमेँ डूबा ही रहूँ । दिल के सारे तार झँकृत हो गये और मेरा स्व न जाने कहाँ विलीन हो गया , गर याद रहा तो सिर्फ प्रेम की यह अद्भुत अभिव्यक्ति और उसकी अमर गाथा ।

jai_bhardwaj 01-12-2010 11:42 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by amit_tiwari (Post 21291)



मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

ख्वाबों में बहुत कुछ बोलती हो
पर सामने चुप ही रहती हो
ये सोच के दिल घबराता है
तुमको खोने से डरता हूँ
मैं तुमसे ये कैसे पूछूं
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

तारों सा चमकते रहना
फूलों सा महकते रहना
मुस्कान रहे अधरों पर
खुशियाँ बरसाते रहना!!
हर बार सफल तुम होगे
विश्वास सदा ये रखना
बाधाएं आती रहती हैं
तुम राह बनाते रहना !!
असफल जो कभी हो जाओ
मन को न हारने देना
होते हैं ग्रहण छोटे ही
बस याद सदा यह रखना!!
हो जाए भूल जो तुमसे
खुद को भी क्षमा कर देना
पर चेहरे की आभा को
तुम मलिन न होने देना!!
यश अपयश, हार सफलता
वरदान भी हैं अभिशाप भी हैं
तुम इनमे खो मत जाना
संयत हो चलते रहना !!

amit_tiwari 02-12-2010 01:12 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kumar anil (Post 21452)
सीधी सरल मगर मर्मस्पर्शी रचना जिसे पढ़कर भावविभोर हो गया हूँ । एक अहसास ऐसा जागा कि बस इस अनमोल रचना के माध्यम से उसमेँ डूबा ही रहूँ । दिल के सारे तार झँकृत हो गये और मेरा स्व न जाने कहाँ विलीन हो गया , गर याद रहा तो सिर्फ प्रेम की यह अद्भुत अभिव्यक्ति और उसकी अमर गाथा ।

इसे लिखने के बाद मैं खुद भी कभी इस पर कुछ नहीं लिख पाया !
'मुझे ठण्ड रस नहीं आती...' के बाद के अंतरे डरा देते हैं |
इब्न-ए-इंशा की इक ग़ज़ल की दो लाइन हैं कि ' कूंचे को तेरे छोड़ कर, जोगी ही बन जाएँ मगर! जंगल तेरे, परबत तेरे, बस्ती तेरी, इंशा तेरा' बस यही हाल होता है |
अमीर खुसरो ने अपनी एक अधूरी नज़्म में कहा था कि 'सर रख तली, जब जाना सखी, पिया की गली' माने कि अपना अभिमान (सर) नीचे रख के प्रेम नगर में घुसो |
इसी बात को एक हिन्दू संत ने कुछ यूँ कहा कि ' जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी हैं मैं नाही' मतलब जब अभिमान(मैं) था तब प्रभु नहीं दिखे और जब अभिमान यानी मैं चला गया तो प्रभु दिख गए |
कितना स्पष्ट जीवन दर्शन हैं, दोनों धर्म एक ही बात कह रहे हैं कि अभिमान छोडो तो प्रेम और प्रभु दोनों मिल जाएँ |

Quote:

Originally Posted by bhaaiijee (Post 21548)
तारों सा चमकते रहना
फूलों सा महकते रहना
मुस्कान रहे अधरों पर
खुशियाँ बरसाते रहना!!
हर बार सफल तुम होगे
विश्वास सदा ये रखना
बाधाएं आती रहती हैं
तुम राह बनाते रहना !!
असफल जो कभी हो जाओ
मन को न हारने देना
होते हैं ग्रहण छोटे ही
बस याद सदा यह रखना!!
हो जाए भूल जो तुमसे
खुद को भी क्षमा कर देना
पर चेहरे की आभा को
तुम मलिन न होने देना!!
यश अपयश, हार सफलता
वरदान भी हैं अभिशाप भी हैं
तुम इनमे खो मत जाना
संयत हो चलते रहना !!

थोडा देर लगी भाई किन्तु पहचान गया आपको |

अपना तो संघर्ष का विचार ही नहीं रहता हेहेहे, सीधे हथियार डाल कर कह देते हैं
'मत सताओ हमें, हम सताए हुए हैं,
अकेले रहने का गम उठाये हुए हैं,
खिलौना समझ के ना खेलो हमसे,
हम भी उसी खुदा के बनाए हुए हैं'

jai_bhardwaj 02-12-2010 01:32 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
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Originally Posted by amit_tiwari (Post 21578)
'मत सताओ हमें, हम सताए हुए हैं,
अकेले रहने का गम उठाये हुए हैं,
खिलौना समझ के ना खेलो हमसे,
हम भी उसी खुदा के बनाए हुए हैं'


शब्द अकल वालों ने तो मतलब से रच डाला !
शब्दों की भाषा क्या समझेगा कोई दिलवाला !!
जब जब दिलवालों ने कुछ भी कहना चाहा !
या तो नज़रों से कह पाए या अश्रु गिरा डाला !!

amit_tiwari 02-12-2010 01:34 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by bhaaiijee (Post 21587)

शब्द अकल वालों ने तो मतलब से रच डाला !
शब्दों की भाषा क्या समझेगा कोई दिलवाला !!
जब जब दिलवालों ने कुछ भी कहना चाहा !
या तो नज़रों से कह पाए या अश्रु गिरा डाला !!

होश वालों के बस में कहाँ इश्क का जूनून ?
हम दीवाने हैं जो जान भी लुटा देते हैं !!!

amit_tiwari 02-12-2010 01:45 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 

बिखरती रेत पर किस नक़्शे को आबाद रखेगी?
वो मुझको याद रखे भी तो कितना याद रखेगी?
उसे बुनियाद रखनी है अभी दिल में मुहब्बत की
मगर ये नींव वो मेरे बाद रखेगी!
पलट कर भी नहीं देखी उसी की ये बेरुखी हमने!
भुला देंगे उसे ऐसा कि वो भी हमें याद रखेगी !!!

kamesh 02-12-2010 07:26 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए
इन्हें देख लोग घबरा गये
ऊपर से आवाज़ आई

ये कैसी बिदाई है
लोगो ने कहा
महबूब की डोली देखने
यार की अर्थी आई है

kamesh 02-12-2010 07:32 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by amit_tiwari (Post 21291)
कामेश बंधू सूत्र का लिंक देने के लिए धन्यवाद.

ये रचना पुराने मित्रों ने पढ़ी होगी किन्तु फिर भी पोस्ट कर रहा हूँ. शायद नए मित्रों को पसंद आये |

काफी उदास है और पढने वालों से गुज़ारिश है की एक बार में पूरा पढ़ें अन्यथा मज़ा नहीं आएगा |



मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

तुम जब भी सामने आती हो
बस तुमको सुनना चाहता हूँ,
ऐ काश कभी तुम ये कह दो
मैं तुमसे मुहब्बत करती हूँ !
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो
तुम मुझको बेहद चाहती हो
लेकिन जाने क्यूँ तुम चुप हो
ये सोच के दिल घबराता है
ऐसा तो नहीं है ना जाना?
सब मेरी नज़र का धोखा है
मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
मैं तुमसे कहना चाहता हूँ
लेकिन कुछ कह सकता भी नहीं
माना कि मुहब्बत है फिर भी
लब अपने खुल भी नहीं सकते

मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

ख्वाबों में बहुत कुछ बोलती हो
पर सामने चुप ही रहती हो
ये सोच के दिल घबराता है
तुमको खोने से डरता हूँ
मैं तुमसे ये कैसे पूछूं
तुम कैसे मुहब्बत करती हो?

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

मुझे ठण्ड रास नहीं आती
मुझे बारिश से भी नफरत थी
पर जिस दिन से मालूम हुआ
ये मौसम तुमको भाता है
अब जब भी सावन आता है
बारिश में भीगता रहता हूँ
बूंदों में तुमको ढूँढता हूँ
कतरों से तुमको पूछता हूँ

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो

जब हाथ दुआ को उठते हैं
अल्फाज़ कहीं खो जाते हैं
बस ध्यान तुम्हारा होता है
और आंसू गिरते रहते हैं
हर ख्वाब तुम्हारा पूरा हो
सो रब की मिन्नत करता हूँ

तुम कैसे मुहब्बत करती हो,
मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ !

राँझा भी नहीं, मजनू भी नहीं
फरहाद नहीं, अजरा भी नहीं |
वो किस्से हैं, अफ़साने हैं
वो गीत हैं, प्रेम तराने हैं
मैं जिंदा एक हकीकत हूँ
मैं ज़ज्बा-ए-इश्क की शिद्दत हूँ
मैं तुमको देख के जीता हूँ
मैं हर पल तुम पे मरता हूँ

मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ
तुम कैसे मुहब्बत करती हो ?

क्या बात कही है आप ने
हर जख्मी जिगर को ये अपना सा लगेगा वाह क्या सून्दर मन की बात को अश्को में भर के प्रस्तुत किया आप ने सूत्र पर चार चाँद लगा दिया
आते रहें और दर्द से सराबोर कर दें ताकि जो भी पढ़े बेवफा न बने

kamesh 02-12-2010 07:40 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
तुम बिन ज़िन्दगी में वीरानी सी छाई है

शाम भी तेरी यादों का सैलाब लेकर आई है

आज भी महरूम हूँ तेरे प्यार से
तुमसे दिल लगाने की सजा क्या खूब मैंने पाई है

ये मेरी खता है की तुझको अपना खुदा बना बैठा

फितरत में तो तेरी आज भी बेवफाई है

फिर भी दुआ है मेरी हर ख़ुशी मिले तुझको
किस्मत में तो अपनी बस तन्हाई है

khalid 02-12-2010 08:44 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 21603)
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए
इन्हें देख लोग घबरा गये
ऊपर से आवाज़ आई

ये कैसी बिदाई है
लोगो ने कहा
महबूब की डोली देखने
यार की अर्थी आई है

जवाब नहीँ छोटे इसके एक एक शब्द का

amit_tiwari 02-12-2010 10:45 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 21603)
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए
इन्हें देख लोग घबरा गये
ऊपर से आवाज़ आई

ये कैसी बिदाई है
लोगो ने कहा
महबूब की डोली देखने
यार की अर्थी आई है

भाई कहने सुनाने में तो ये बात भली है बस कोई इसे जीवन में अपने उतार ना ले |
प्रेम अच्छा है किन्तु उसमें जान वां देने की बातें भली नहीं है | एक व्यक्ति के ऊपर मात्र उसका ही नहीं उसके माँ,बाप,भाई, बहन, दोस्तों, अध्यापकों सबका अधिकार होता है और एक व्यक्ति के लिए उन सबको जीवन भर का दुःख और संताप देना किसी भी प्रकार से अच्छा नहीं इससे अच्छा तो जा के दुसरे को ठोक:gm::gm: देना है हेहेही |

malethia 02-12-2010 04:03 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
दर्दे मरीज करहाता रहा करहाता रहा
देखने वाले कहते रहे कि धीरज कीजे

ये जो हमदर्दी है नाटक है दिखावा है सिर्फ
अपना बोझ अपने ही कंधो पे उठाया कीजे

प्यार का नाम है बस नाम है इस दुनिया में
प्यार व्यापार नही जो सोच समझ कर कीजे

वफ़ा के नाम पे अब कुछ नही होता हासिल
बेवफाई ना करे कोई तो फिर क्या कीजे

बाद मरने के भी क्या बोझ किसी पे बनना
अपनी लाश अपने ही कन्धो पे उठा भी लीजे

सिवा सलाह के यहाँ किसने किसी को क्या दिया
मदद के वास्ते झोली ना फैलाया कीजे

ABHAY 02-12-2010 04:19 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
दील की क्या आवाज है कोई क्या जाने मन से जो आवाज निकले उसे कोई क्या सुने आँखों से जो आशु निकले उसे कोई क्या पोछे जब जख्म देने वाले ही अपने हो तो दूसरों पे इल्जाम क्यो दे दे !

ABHAY 02-12-2010 04:24 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
दिल से आवाज निकली है कोई सुन न ले
आखो से आज आशु निकली है देखना कही गिर न जाये
कितने दिनों बाद एक दिल फेक आशिक से पाला पड़ा है ,
ये भी कही हमें भूल न जाये !:iloveyou:

kamesh 02-12-2010 04:40 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by ABHAY (Post 21985)
दिल से आवाज निकली है कोई सुन न ले
आखो से आज आशु निकली है देखना कही गिर न जाये
कितने दिनों बाद एक दिल फेक आशिक से पाला पड़ा है ,
ये भी कही हमें भूल न जाये !:iloveyou:

sine men jalan aankhon me tufan sa kyo hai
is sahar men har saksh paresan sa kyon hai

ABHAY 02-12-2010 04:45 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 22010)
sine men jalan aankhon me tufan sa kyo hai
is sahar men har saksh paresan sa kyon hai

कोई कहता है दिल टूट गया कोई कहता है आखे खुल गई
मगर कोई ये नहीं कहता की लड़की बेबफा हो गई !

kamesh 03-12-2010 07:43 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
कई बार यू हीं देखा है ये जो मन की सीमा रेखा है मन तोड़ने लगता है
अनजानी चाह के पीछे अनजानी राह के पीछे मन दोड़ने लगता है

Sikandar_Khan 03-12-2010 07:52 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
कागज पे आंसूओ के सिवा और कुछ नही
बाद अज़ सलाम उसने लिखा और कुछ नहीँ
दिल का हरेक जख्म लहू थूकने लगा
उस से बिछड़ के मुझ को हुआ और कुछ नहीँ
जैसे ही चराग हवा ने बुझा दिया

समझो हयात इस के सिवा और कुछ नहीँ
उसने जो मेरी बात का हंस कर दिया जवाब
मालूम ये हुआ कि वफा और कुछ नहीँ

खुशियोँ के क़ाफले करेँ हर पल तेरा तवाफ
होँटोँ पे अपने इसके सिवा और कुछ नहीँ

YUVRAJ 03-12-2010 08:48 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
मेरी कब्र से मिटटी चुरा रहा है कोई !
मर के भी मुझको याद आ रहा है कोई !
ये खुदा, मुझको दो पल की ज़िंदगी दे दे,
मेरे कब्र से उदास होके जा रहा है कोई !!!

kamesh 04-12-2010 07:31 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
Quote:

Originally Posted by sikandar (Post 22319)
कागज पे आंसूओ के सिवा और कुछ नही
बाद अज़ सलाम उसने लिखा और कुछ नहीँ
दिल का हरेक जख्म लहू थूकने लगा
उस से बिछड़ के मुझ को हुआ और कुछ नहीँ
जैसे ही चराग हवा ने
बुझा दिया
समझो हयात इस के सिवा और कुछ नहीँ
उसने जो मेरी बात का हंस कर दिया जवाब
मालूम ये हुआ कि वफा
और कुछ नहीँ
खुशियोँ के क़ाफले करेँ हर पल तेरा तवाफ
होँटोँ पे अपने इसके सिवा और कुछ नहीँ

Quote:

Originally Posted by युविराजा (Post 22339)
मेरी कब्र से मिटटी चुरा रहा है कोई !
मर के भी मुझको याद आ रहा है कोई !
ये खुदा, मुझको दो पल की ज़िंदगी दे दे,
मेरे कब्र से उदास होके जा रहा है कोई !!!

वाह क्या बात कही है दोनों भाइयों ने,लगता है आप लोगो के भी जखम गहरें है
एक शेर
केसे केसे रंग दिखाए सारी रतियाँ
हम को ही हम से चुराए सारी रतियाँ

YUVRAJ 04-12-2010 11:18 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
ज़िन्दगी तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं ...
तेरे
दामन मे मेरे वास्ते क्या कुछ भी नहीं ...
आप इन
हाथों की चाहें तो तलाशी ले लें ...
मेरे हाथों में
लाकीरों के सिवा कुछ भी नहीं ...
Quote:

Originally Posted by kamesh (Post 22973)
वाह क्या बात कही है दोनों भाइयों ने,लगता है आप लोगो के भी जखम गहरें है
एक शेर
केसे केसे रंग दिखाए सारी रतियाँ
हम को ही हम से चुराए सारी रतियाँ


YUVRAJ 04-12-2010 04:22 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
सिर्फ़ यादों का एक सिलसिला रह गया ।
अल्लाह जाने उनसे क्या रिश्ता रह गया .
एक चाँद छुप गया जाने कहा ?
एक सितारा उसे रात भर ढूँढता रह गया ।

Video Master 04-12-2010 04:39 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
हमें सभी के लिए बनना था
और शामिल होना था सभी में

हमें हाथ बढ़ाना था
सूरज को डूबने से बचने के लिए
और रोकना अंधकार से
कम से कम आधे गोलार्ध को

हमें बात करना था पत्तियों से
और इकठ्ठा करना तितलियों के लिए
ढेर सारा पराग

हमें बचाना था नारियल का पानी
और चूल्हे के लिए आग

पहनना था हमें
नग्न होते पहारों को
पदों का लिबास
और बचानी थी हमें
परिंदों की चहचाहट

हमें रहना था अनार में दाने की तरह
मेहँदी में रंग
और गन्ने में रस की तरह

हमें यादों में बसना था लोगों के
मटरगस्ती भरे दिनों सा
और दोरना था लहू बनकर
सबो के नब्ज़ में

लेकिन अफ़सोस की हमें
कुछ नहीं कर पाए
जैसा करना था हमें!

jai_bhardwaj 04-12-2010 11:38 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
जिनको नज़र दी हमने दुनिया को देखने की,
वे ही न जाने नज़रें क्यों हमसे फेरते हैं !!
पोंछे थे हमने जिनकी आँखों के अश्क हरदम
वे देखकर हमें क्यों, अब आँखे तरेरते हैं !!

Kumar Anil 05-12-2010 02:31 PM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
भाई यह बात हजम नहीँ हो रही कि कामेश का दर्द से भी कोई रिश्ता है । मस्ती मेँ जीने का राज तो बस कामेश से पूछो । खैर , अपने अजीज मित्र को मैँ तो दर्द नहीँ ही दे सकता । मित्र मेरी शतकीय प्रविष्टि तुम्हेँ समर्पित -
साथ हम तुम जो दोनो रहेँगे दिन हँसेँगे औ रातेँ उड़ेँगी
नूर हर शै छलकने लगेगा
वादियाँ भी महकने लगेँगी । लब से लब जब हमारे मिलेँगे ,
जल्द कलियाँ जवाँ हो खिलेँगी ,
रश्क मदिरा को उस वक्त होगा ,
जबकि मदहोश पलकेँ उठेँगी ।
जर्रा जर्रा बनेगा शरारा
जब हम बेताब बाँहोँ मेँ होँगे वेग तूफाँ का तेज होगा
जिस्म दो जबकि एक जान होगी ।
शोखियोँ से अगर रूठ जाओ बिजलियाँ कदमबोसी करेँगी ,
गर हकीकत मेँ तुम रूठ जाओ ,
जाँ मेरी जिस्म से दूर होगी ।
साथ हम तुम जो दोनो रहेँगे दिन हँसेँगे औ रातेँ उड़ेँगी ।

teji 06-12-2010 07:39 AM

Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
 
सफ़र मैं हूँ एक सफ़र मुझ में भी है
मैं शहर में घूमता हूँ, एक शहर मुझ में भी है

मेरे टूटे घर को हंसकर मत देख मेरे नसीब

मैं अभी टूटा नहीं हूँ, एक घर मुझ में भी है

खूब वाकिफ हूँ मैं दुनिया की हकीकत से मगर
शख्स कोई हर तरफ से बेखबर मुझ में भी है

आदमी में बढ़ रहा है दिनों दिन कैसा ज़हर
देखता मैं भी हूँ, कुछ ज़हर मुझ में भी है

वक़्त के जरुरत से कोई अछुता है नहीं
कैसे मैं इनकार कर दूं, कुछ असर मुझ में भी है

बेधड़क बेख़ौफ़ चलता हूँ बियाबान में ,मगर
आईने से सामना होने का डर मुझ में भी है .


All times are GMT +5. The time now is 02:03 PM.

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