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-   -   क्या है जन लोकपाल बिल ! (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2389)

VIDROHI NAYAK 05-04-2011 04:57 PM

क्या है जन लोकपाल बिल !
 
कुछ अवगत नागरिकों द्वारा शुरू की गई एक पहल का नाम है जन लोकपाल बिल. इस कानून के अंतर्गत, केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोक्युक्त का गथन होगा. जस्टिस संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण और अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगो के द्वारा वेबसाइट पर दी गयी प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार विमर्श के बाद तेयार किया गया है. यह संस्था निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी. कोई भी नेता या सरकारी आधिकारी जांच की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पायेगा. इस बिल को शांति भूषण, जे. एम. लिंगदोह, किरण बेदी, अन्ना हजारे आदि का भारी समर्थन प्राप्त हुआ है.

VIDROHI NAYAK 05-04-2011 04:57 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
इस बिल की मांग है की भ्रष्टाचारियो के खिलाफ कोई भी मामले की जांच एक साल के भीतर पूरी की जाये. प्ररिक्षण एक साल के अन्दर पूरा होगा और दो साल के अन्दर अन्दर भ्रष्ट नेता व आधिकारियो को सजा सुनाई जायेगी . इसी के साथ ही भ्रष्टाचारियो का अपराध सिद्ध होते ही सरकर को हुए घाटे की वसूली की जाये. यह बिल एक आम नागरिक के लिए मददगार जरूर साबित होगा क्यूंकि यदि किसी नागरिक का काम तय समय में नहीं होता तो लोकपाल बिल दोषी अफसर पर जुरमाना लागायेगा और वह जुरमाना शिकायत करता को मुआवजे के रूप में मिलेगा. इसी के साथ अगर आपका राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि तय समय के भीतर नहीं बनता है या पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती है तो आप इसकी शिकायत लोकपाल से कर सकते है. आप किसी भी तरह के भ्रस्टाचार की शिकायत लोकपाल से कर सकते है जैसे की सरकारी राशन में काली बाजारी, सड़क बनाने में गुणवत्ता की अनदेखी या पंचायत निधि का दुरूपयोग.

VIDROHI NAYAK 05-04-2011 04:57 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
लोकपाल के सदस्यों का चयन जजों, नागरिको और सेवाधनिक संस्थायो द्वारा किया जायेगा. इसमें कोई भी नेता की कोई भागे दारी नहीं होगी. इनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से, जनता की भागीदारी से होगी.
सीवीसी, विजिलेंस विभाग, सिबिआई की भ्रस्टाचार निरोधक विभाग (ऐन्टी करप्शन डिपार्ट्मन्ट) का लोकपाल में विलय कर दिया जायेगा. लोकपाल को किसी जज, नेता या अफसर के खिलाफ जांच करने व मुकदमा चलाने के लिए पूर्ण शक्ति और व्यवस्था होगी.

VIDROHI NAYAK 05-04-2011 04:58 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
अंत में -
इस बिल के प्रति प्रधानमंत्री एवं सभी राज्यों के मुखामंत्रियो को १ दिसम्बर २०१० को भेजा गया था, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.

sagar - 05-04-2011 06:42 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
Quote:

Originally Posted by vidrohi nayak (Post 70493)
कुछ अवगत नागरिकों द्वारा शुरू की गई एक पहल का नाम है जन लोकपाल बिल. इस कानून के अंतर्गत, केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोक्युक्त का गथन होगा. जस्टिस संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण और अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगो के द्वारा वेबसाइट पर दी गयी प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार विमर्श के बाद तेयार किया गया है. यह संस्था निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी. कोई भी नेता या सरकारी आधिकारी जांच की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पायेगा. इस बिल को शांति भूषण, जे. एम. लिंगदोह, किरण बेदी, अन्ना हजारे आदि का भारी समर्थन प्राप्त हुआ है.

आज अन्ना हजारे इस लोकपाल बिल के लिए जंतर मंत्र पर अपने हजारों समथको के साथ आमरण अनसन पर बेठे हे ! और जनता से अपील की की वो भी इस आमरण अनशन में उनका साथ दे !

VIDROHI NAYAK 05-04-2011 08:33 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
1 Attachment(s)
अन्ना हजारे

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1302017464किसान बाबूराव हजारे (जन्म 15 जून, 1938), भारत के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अधिकांश लोग उन्हें अण्णा हजारे के नाम से ही जानते हैं। सन् १९९२ में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सूचना के अधिकार के लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे। वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई करने के लिये भी प्रसिद्ध हैं।
परिचय
15 जून 1938 को महाराष्ट्र के अहमद नगर के भिंगर कस्बे में जन्मे अन्ना का बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। पिता मजदूर थे। दादा फौज में। दादा की पोस्टिंग भिंगनगर में थी। वैसे अन्ना के पुरखों का गांव अहमद नगर जिले में ही स्थित रालेगन सिद्धि में था। दादा की मौत के सात साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन आ गया। अन्ना के छह भाई हैं। परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं। वहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। परिवार पर कष्टों का बोझ देखकर वह दादर स्टेशन के बाहर एक फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रुपये की पगार में काम करने लगे। इसके बाद उन्होंने फूलों की अपनी दुकान खोल ली और अपने दो भाइयों को भी रालेगन से बुला लिया।

छठे दशक के आसपास वह फौज में शामिल हो गए। उनकी पहली पोस्टिंग बतौर ड्राइवर पंजाब में हुई। यहीं पाकिस्तानी हमले में वह मौत को धता बता कर बचे थे। इसी दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उन्होंने विवेकानंद की एक बुकलेट 'कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन' खरीदी और उसको पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी। उन्होंने गांधी और विनोबा को भी पढ़ा। 1970 में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प किया। मुम्बई पोस्टिंग के दौरान वह अपने गांव रालेगन आते-जाते रहे। चट्टान पर बैठकर गांव को सुधारने की बात सोचते रहते।
जम्मू पोस्टिंग के दौरान 15 साल फौज में पूरे होने पर 1975 में उन्होंने वीआरएस ले लिया और गांव में आकर डट गए। उन्होंने गांव की तस्वीर ही बदल दी। उन्होंने अपनी जमीन बच्चों के हॉस्टल के लिए दान कर दी। आज उनकी पेंशन का सारा पैसा गांव के विकास में खर्च होता है। वह गांव के मंदिर में रहते हैं और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बनने वाला खाना ही खाते हैं। आज गांव का हर शख्स आत्मनिर्भर है। आस-पड़ोस के गांवों के लिए भी यहां से चारा, दूध आदि जाता है। गांव में एक तरह का रामराज है। गांव में तो उन्होंने रामराज स्थापित कर दिया है। अब वह अपने दल-बल के साथ देश में रामराज की स्थापना की मुहिम में निकले हैं : भ्रष्टाचार रहित भारत।
प्रमुख कार्य
अन्ना हजारे ने 1975 से सूखा प्रभावित रालेगांव सिद्धि में काम शुरू किया। वर्षा जल संग्रह, सौर ऊर्जा, बायो गैस का प्रयोग और पवन ऊर्जा के उपयोग से गांव को स्वावलंबी और समृद्ध बना दिया। यह गांव विश्व के अन्य समुदायों के लिए आदर्श बन गया है।

VIDROHI NAYAK 05-04-2011 08:37 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
1 Attachment(s)
3-4 दिनों में झुक जाएगी सरकारः अन्ना हजारे

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1302017816 देश में गहरी जड़ें जमा चुके भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जन लोकपाल बिल लाने की मांग करते हुए अन्ना हजारे ने मंगलवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया। जंतर - मंतर पर सामाजिक कार्यकर्ता हजारे को सपोर्ट करने हजारों लोग जुटे। अन्ना को उम्मीद है कि 3-4 दिनों में सरकार बाज आएगी और लोगों की मांग मानेगी। उन्होंने कहा कि हम सरकार से बस यही मांग रहे हैं कि एक कमिटी बनाओ जिसमें आधे लोग आपके और आधे लोग पब्लिक के हों और यह जनलोकपाल बिल का ड्राफ्ट बनाने का काम शुरू करे।
हालांकि प्रधानमंत्री के मन में हजारे और उनके मिशन के लिए काफी सम्मान है। हजारे ने बताया , ' पीएम ने उनसे कहा है कि हम आप पर भरोसा करते हैं , आपका सम्मान करते हैं। ’ उन्होंने आगे कहा, ‘ लेकिन पिछले महीने की बैठक के बाद एक बार भी पीएम हमारे साथ बातचीत के लिए नहीं बैठे। पीएम ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए प्रस्तावित कानून पर हमारी जॉइंट कमिटी की मांग को भी खारिज कर दिया। ’
अन्ना ने जंतर - मंतर पर उमड़े समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को दुश्मनों से नहीं बल्कि गद्दारों से खतरा है। उन्होंने कहा , ' हमारा आंदोलन किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है। हमारी मांग है कि जॉइंट कमिटी बनाई जाए। ' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस तरह हमने 7 कानून बनाए हैं तो फिर देश में क्यों नहीं ? अन्ना ने कहा , ' सरकार मेरे अनशन से नहीं डरती , उसे डर है तो बस यह कि पब्लिक भड़केगी तो उनकी सरकार गिर जाएगी। इसलिए मुझे लगता है कि सरकार 3-4 दिन में झुकेगी और उन्हें जन लोकपाल बिल की मांग मांगनी पड़ेगी। '
उन्होंने कहा कि सरकार अकेले ही बिल का मसौदा तैयार करती है तो यह निरंकुश है , यह लोकशाही नहीं है। अन्ना ने ऐलान किया कि जब तक बिल की मांग पूरी नहीं होती वह महाराष्ट्र नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि देश भर में 500 शहरों में और महाराष्ट्र में 250 ब्लॉक में लोग आंदोलन के समर्थन पर अनशन पर बैठे हैं।
आमरण अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे सुबह राजघाट गए और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। फिर एक खुली जीप में इंडिया गेट की ओर रवाना हुए। इस दौरान स्कूली बच्चे और तिरंगा लहराते समर्थक उनके साथ थे। हजारे ने प्रधानमंत्री की अपील को ठुकराते हुए आमरण अनशन शुरू किया। पीएमओ ने सोमवार रात उनके फैसले पर निराशा जताई थी और बयान जारी कर कहा था कि इस बात पर गहरी निराशा प्रकट करते हैं कि हजारे अब भी अपनी भूख हड़ताल पर जाने के बारे में सोच रहे हैं।

VIDROHI NAYAK 05-04-2011 08:45 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
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Originally Posted by sagar - (Post 70551)
आज अन्ना हजारे इस लोकपाल बिल के लिए जंतर मंत्र पर अपने हजारों समथको के साथ आमरण अनसन पर बेठे हे ! और जनता से अपील की की वो भी इस आमरण अनशन में उनका साथ दे !

हमें इसका अंत पता है. ये अनशन ३-४ दिनो तक चलेगा. भगवान करे तब तक अन्ना जी स्वस्थ्य रहे. उसके बाद अनशन हमेशा की तरह ख़तम हो जाएगा और अन्ना जी और सरकार के तरफ से ये बाते आएगी की अन्ना जी और सरकार के बीच बातचीत हो चुकी है, जल्द ही सकारात्मक कदम उठाए जाएगे. वे कदम क्या होगे और कब उठेगे, किसी को नही पता. ऐसा ही होता रहा था , हो रहा है , और होएगा ! विकिलिक्स के खुलासक तो बहुत शर्मिन्दित होंगे !

sagar - 05-04-2011 08:45 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
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Originally Posted by VIDROHI NAYAK (Post 70605)
अन्ना हजारे

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1302017464किसान बाबूराव हजारे (जन्म 15 जून, 1938), भारत के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अधिकांश लोग उन्हें अण्णा हजारे के नाम से ही जानते हैं। सन् १९९२ में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सूचना के अधिकार के लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे। वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई करने के लिये भी प्रसिद्ध हैं।
परिचय
15 जून 1938 को महाराष्ट्र के अहमद नगर के भिंगर कस्बे में जन्मे अन्ना का बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। पिता मजदूर थे। दादा फौज में। दादा की पोस्टिंग भिंगनगर में थी। वैसे अन्ना के पुरखों का गांव अहमद नगर जिले में ही स्थित रालेगन सिद्धि में था। दादा की मौत के सात साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन आ गया। अन्ना के छह भाई हैं। परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं। वहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। परिवार पर कष्टों का बोझ देखकर वह दादर स्टेशन के बाहर एक फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रुपये की पगार में काम करने लगे। इसके बाद उन्होंने फूलों की अपनी दुकान खोल ली और अपने दो भाइयों को भी रालेगन से बुला लिया।

छठे दशक के आसपास वह फौज में शामिल हो गए। उनकी पहली पोस्टिंग बतौर ड्राइवर पंजाब में हुई। यहीं पाकिस्तानी हमले में वह मौत को धता बता कर बचे थे। इसी दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उन्होंने विवेकानंद की एक बुकलेट 'कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन' खरीदी और उसको पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी। उन्होंने गांधी और विनोबा को भी पढ़ा। 1970 में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प किया। मुम्बई पोस्टिंग के दौरान वह अपने गांव रालेगन आते-जाते रहे। चट्टान पर बैठकर गांव को सुधारने की बात सोचते रहते।
जम्मू पोस्टिंग के दौरान 15 साल फौज में पूरे होने पर 1975 में उन्होंने वीआरएस ले लिया और गांव में आकर डट गए। उन्होंने गांव की तस्वीर ही बदल दी। उन्होंने अपनी जमीन बच्चों के हॉस्टल के लिए दान कर दी। आज उनकी पेंशन का सारा पैसा गांव के विकास में खर्च होता है। वह गांव के मंदिर में रहते हैं और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बनने वाला खाना ही खाते हैं। आज गांव का हर शख्स आत्मनिर्भर है। आस-पड़ोस के गांवों के लिए भी यहां से चारा, दूध आदि जाता है। गांव में एक तरह का रामराज है। गांव में तो उन्होंने रामराज स्थापित कर दिया है। अब वह अपने दल-बल के साथ देश में रामराज की स्थापना की मुहिम में निकले हैं : भ्रष्टाचार रहित भारत।
प्रमुख कार्य
अन्ना हजारे ने 1975 से सूखा प्रभावित रालेगांव सिद्धि में काम शुरू किया। वर्षा जल संग्रह, सौर ऊर्जा, बायो गैस का प्रयोग और पवन ऊर्जा के उपयोग से गांव को स्वावलंबी और समृद्ध बना दिया। यह गांव विश्व के अन्य समुदायों के लिए आदर्श बन गया है।

अच्छी जानकारी दी हे अपने अन्ना हजारे जी के बारे में :banalema:आप बधाई के पात्र हो नायक भाई :banalema:

Ranveer 05-04-2011 09:50 PM

Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
 
नायक जी
मेरी राय में यहाँ सरकारी लोकपाल और जन लोकपाल में अंतर स्पष्ट करना आवश्यक है
ताकि इसे बेहतर तरीके से समझा जा सके और यह जाना जा सके की दोनों में से जन लोकपाल श्रेष्ठ क्यों है --
1. राज्यसभा के सभापति या स्पीकर से अनुमति:
सरकारी लोकपाल के पास भ्रष्टाचार के मामलों पर ख़ुद या आम लोगों की शिकायत पर सीधे कार्रवाई शुरु करने का अधिकार नहीं होगा. सांसदों से संबंधित मामलों में आम लोगों को अपनी शिकायतें राज्यसभा के सभापति या लोकसभा अध्यक्ष को भेजनी पड़ेंगी.
वहीं प्रस्तावित जनलोकपाल बिल के तहत लोकपाल ख़ुद किसी भी मामले की जांच शुरु करने का अधिकार रखता है. इसमें किसी से जांच के लिए अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है.
सरकारी विधेयक में लोकपाल केवल परामर्श दे सकता है. वह जांच के बाद अधिकार प्राप्त संस्था के पास इस सिफ़ारिश को भेजेगा. जहां तक मंत्रीमंडल के सदस्यों का सवाल है इस पर प्रधानमंत्री फ़ैसला करेंगे. वहीं जनलोकपाल सशक्त संस्था होगी. उसके पास किसी भी सरकारी अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की क्षमता होगी.
सरकारी विधेयक में लोकपाल के पास पुलिस शक्ति नहीं होगी. जनलोकपाल न केवल प्राथमिकी दर्ज करा पाएगा बल्कि उसके पास पुलिस फ़ोर्स भी होगी.

2. अधिकार क्षेत्र सीमित:
अगर कोई शिकायत झूठी पाई जाती है तो सरकारी विधेयक में शिकायतकर्ता को जेल भी भेजा जा सकता है. लेकिन जनलोकपाल बिल में झूठी शिकायत करने वाले पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
सरकारी विधेयक में लोकपाल का अधिकार क्षेत्र सांसद, मंत्री और प्रधानमंत्री तक सीमित रहेगा. जनलोकपाल के दायरे में प्रधानमत्री समेत नेता, अधिकारी, न्यायाधीश सभी आएँगे.
लोकपाल में तीन सदस्य होंगे जो सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे. जनलोकपाल में 10 सदस्य होंगे और इसका एक अध्यक्ष होगा. चार की क़ानूनी पृष्टभूमि होगी. बाक़ी का चयन किसी भी क्षेत्र से होगा.
3. चयनकर्ताओं में अंतर:
सरकार द्वारा प्रस्तावित लोकपाल को नियुक्त करने वाली समिति में उपराष्ट्रपति. प्रधानमंत्री, दोनो सदनों के नेता, दोनो सदनों के विपक्ष के नेता, क़ानून और गृह मंत्री होंगे. वहीं प्रस्तावित जनलोकपाल बिल में न्यायिक क्षेत्र के लोग, मुख्य चुनाव आयुक्त, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, भारतीय मूल के नोबेल और मैगासेसे पुरस्कार के विजेता चयन करेंगे.
लोकपाल की जांच पूरी होने के लिए छह महीने से लेकर एक साल का समय तय किया गया है. प्रस्तावित जनलोकपाल बिल के अनुसार एक साल में जांच पूरी होनी चाहिए और अदालती कार्यवाही भी उसके एक साल में पूरी होनी चाहिए.
सरकारी लोकपाल विधेयक में नौकरशाहों और जजों के ख़िलाफ़ जांच का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन जनलोकपाल के तहत नौकरशाहों और जजों के ख़िलाफ़ भी जांच करने का अधिकार शामिल है. भ्रष्ट अफ़सरों को लोकपाल बर्ख़ास्त कर सकेगा.

4. सज़ा और नुक़सान की भरपाई:
सरकारी लोकपाल विधेयक में दोषी को छह से सात महीने की सज़ा हो सकती है और धोटाले के धन को वापिस लेने का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं जनलोकपाल बिल में कम से कम पांच साल और अधिकतम उम्र क़ैद की सज़ा हो सकती है. साथ ही धोटाले की भरपाई का भी प्रावधान है.
ऐसी स्थिति मे जिसमें लोकपाल भ्रष्ट पाया जाए, उसमें जनलोकपाल बिल में उसको पद से हटाने का प्रावधान भी है. इसी के साथ केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा सभी को जनलोकपाल का हिस्सा बनाने का प्रावधान भी है.


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