आखिर क्या है डी. बी. टी. एल.
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डी.बी.टी.एल. के जरिए गैस सिलैंडर पर सबसिडी शुरू |
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एक जनवरी से रसोई गैस सिलेंडर 809 रुपये में मिलेगा रसोई गैस के उपभोक्ताओं को एक जनवरी 2015 से एलपीजी गैस का सिलेंडर कम से कम 809 रूपये का मिलेगा। लेकिन साथ ही जिन उपभोक्ताओं ने सरकारी हिदायतों के साथ रसोई गैस संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं उन्हें उनके बैंक खातों में सीधी सबसिडी भी मिलनी शुरू हो जाएगी। रविवार को डीसी तनु कश्यप ने •िाले के गैस उपभोक्ताओं से अपील की है कि वह अपने आधार कार्ड नंबर 31 दिसंबर 2014 तक संबंधित गैस एजेंसियों तथा बैंक खातों के साथ ¨लक करवाएं ताकि उन्हें सबसिडी का लाभ हासिल हो सके। उन्होंने बताया कि रूपनगर •िाले में एक जनवरी 2015 से एमडीबीटीएल योजना लागू की जा रही है जिसके अंतर्गत गैस उपभोक्ताओं को गैस की सबसिडी सीधी उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जायेगी। लेकिन इसके लिए उपभोक्ताओं को अपने आधार कार्ड नंबर बैंक खातों के साथ ¨लक करवाते हुए संबंधित गैस एजेंसियों के पास दिए आधार नंबर के साथ ¨लक करवाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपभोक्ता का बैंक खाता होना अति जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन व्यक्तियों के अभी तक आधार कार्ड नहीं बने हैं, वह रूपनगर के अलावा चमकौर साहिब तथा नंगल के सुविधा केन्द्रों में जाकर अपने आधार कार्ड बनवा सकते हैं। इसके अलावा नूरपुरबेदी ब्लाक के गांव जीओवाल, आनंदपुर साहिब तहसील के गांव नूरपुरकलां और रूपनगर तहसील के गांव शामपुरा व ¨सह के ग्राम सुविधा केंद्र से भी आधार कार्ड बनवाए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि •िाले की सभी गैस एजेंसियों में ड्राप बॉक्स लगाए गए हैं जिनमें उपभोक्ता अपने आधार कार्ड की कापी जिस पर एलपीजी का कनैक्शन नंबर सहित बैंक का नाम व खाता नंबर तथा आईएफएससी कोड लिखा हो, डाल सकते हैं। इसके अलावा बैंक को भी यही जानकारी उपलब्ध करवाना जरूरी बनाया गया है। उन्होंने गैस ऐजेंसियों के मालिकों को भी इस प्रक्रिया में उपभोक्ताओं को जागरूक करने व सहायता करने की अपील की।जिला खाद्य एवं आपूर्ति कंट्रोलर रेणू वर्मा ने कहा कि एक जनवरी 2015 से उपभोक्ता को पहले सिलेंडर पूरी कीमत अदा करने के बाद मिलेगा तथा उसके बाद सबसिडी सीधी उनके खाते में पहुंच जाया करेगी। कहा कि इस सुविधा को हासिल करने के लिए जारी की गई औपचारिकताओं को पूरा करना अति जरूरी है। अन्यथा सिलेंडर पूरी कीमत पर ही लेना होगा। |
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डी. बी. टी. एल. यानी हिडेन एजेंडा |
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आजकल बहुत से लोग बैंक और गैस एजेंसी के बीच लुढ़कते मिल जाते हैं — सरकार की डी. बी. टी. एल. योजना का हिस्सा बन्ने के चक्कर में। करें भी क्या — न हिस्सा बनें तो गैस सिलेंडर नौ-साढ़े नौ सौ का गले पड़ेगा। आधार वालों का तो फिर ठीक है — लेकिन नान आधार वालों के साथ समस्या यह है कि एजेंसी वाले बैंक की तरफ टरकाने की कोशिश करते हैं तो बैंक वाले एजेंसी की तरफ। |
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पर एक सवाल मन में आजकल अक्सर उठता है कि इस क़वायद की ज़रूरत क्या थी — सरकार का तर्क हो सकता है कि अनधिकृत, अवैध कनेक्शनों को ख़त्म करना और सब्सिडी का लाभ सीधे गैस उपभोक्ता तक पहुँचाना हो — लेकिन साल भर पहले जब आप के. वाई. सी. नामक प्रोग्राम चला कर अवैध कनेक्शनों की छंटनी कर चुकने और बैंक खातों को जोड़ने की कसरत कर चुके हैं तो यह बात किसके गले उतरेगी। दरअसल डी. बी. टी. एल. के साथ एक सरकारी हिडेन एजेंडा भी जुड़ा हुआ है जिसका ज़िक्र इस क़वायद में कहीं नहीं होता। सरकार का एकमात्र उद्देश्य गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को ख़त्म करना या न्यूनतम करना है। अब अगर कोई भी सरकार, चाहे पहले की अलोकप्रिय कही गयी यू. पी. ए. की सरकार हो या वर्तमान में लोकप्रिय कही जाने वाली मोदी सरकार हो — सिलेंडर के दाम सीधे बाज़ार के हवाले कर देती तो निश्चित था कि आगे आने वाले कई चुनावों में उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ती। इससे बचने के लिए आला सरकारी दिमागों ने मखमल में लपेट कर जूता मारने की स्कीम बनायीं, जिसे नाम दिया गया — डी. बी. टी. एल.। |
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इससे होगा यह कि हर उपभोक्ता चाहे वह गरीबी रेखा से नीचे ही क्यों न पाया जाता हो –बाजार भाव से यानि लगभग साढ़े नौ सौ का सिलेंडर खरीदने की सरकारी दृष्टि में ‘अच्छी आदत’ डालेगा और सरकार शुरूआती दौर में उसके खाते में सब्सिडी के पैसे यानि लगभग 500 रूपये डालेगी और विज्ञापनों एवं भाषणों के ज़रिये जनता के बीच ढिंढोरा पीटा जायेगा कि कैसे सरकार उन्हें 500 रूपये की नकद सब्सिडी हर सिलेंडर पर दे रही है जो सामने से दिखेगी। |
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कोई यह न कह सके कि मेरा बैंक खाता नहीं है इसके लिए पहले ही प्रधानमंत्री जन-धन योजना का बैनर दिखा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों के जीरो बैलेंस वाले खाते खुलवा दिए गए हैं ताकि सभी उपभोक्ताओं के खाते लिंक कराये जा सकें। |
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अब आगे की जो तस्वीर है वो धुंधली है और वही असली एजेंडा है। सिलेंडर लेते वक़्त तो आपको बाज़ार भाव के दाम ही देने हैं, इसके बाद सब्सिडी का पैसा आया या नहीं इसके लिए आप शुरुआत में तो नए जोश के साथ अपने बैंक के चक्कर लगाने से गुरेज़ नहीं करेंगे। शुरुआत के कुछ महीने सब ठीक चलेगा — इसके बाद सब्सिडी का पैसा वज़ीफ़े की लाइन पर मिलना शुरू हो जायेगा। ‘अभी नहीं आया — अगले महीने बाद आएगा। तीन महीने से नहीं आया — चौथे महीने में आएगा। ‘ टाइप की कुछ लाइनें आपको सब्र करने पर मजबूर कर देंगी कि अब सिलेंडर तो आपको मार्किट रेट से ही लेने हैं — सब्सिडी साल भर में मिल ही जाएगी। |
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यह होगा पहला झटका — दूसरा झटका तब लगेगा जब सब्सिडी में कटौती होनी शुरू होगी। अभी पांच सौ हैं, कुछ महीनों में सरकार फैसला सुनाएगी अब सिलेंडर पर सब्सिडी सिर्फ 400 सब्सिडी रूपये मिलेगी — कुछ महीनों बाद तीन सौ और फिर ऐसे ही होते होते शायद यह सब्सिडी एक दिन 50 रूपये ही रह जाए या बिलकुल ख़त्म कर दी जाए। आप सिलेंडर बाज़ार भाव से 950 या 1000 का ले रहे हैं यह आपको दिखेगा और बैंक में सब्सिडी जो आगे दो तीन महीने लेट मिलेगी — कहाँ से कहाँ पहुँच कर आपको मिल रही है, यह आपको नहीं दिखेगा जिससे आपको तकलीफ भी कम होगी और आपकी आदत भी तब तक बन जाएगी 1000 रूपये में सिलेंडर लेने की — इस तरह सरकार आपको मखमल में लपेट कर जूता मारने में कामयाब रहेगी। |
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पर अगर हम इस मुद्दे पर गंभीरता से मनन करें तो कई बातें सामने आती हैं। भारत की ज्यादातर आबादी गरीब और मध्य वर्गीय है, जिसे सरकारी सहायता की ज़रूरत है। देखा जाए तो ग्रामीण भारत में गैस का उपयोग नाम मात्र ही होता है। वहां आज भी लोग लकड़ी और गोबर के कंडों पर आश्रित हैं। गैस का उपयोग शहरी अर्ध-शहरी क्षेत्र के लोग करते हैं और इसमें भी बड़े शहरों में उन लोगों का बड़ा हिस्सा मिलेगा जो रोज़ी रोटी के चक्कर में शहर पहुँचते हैं और किराए से रहते हैं। उनके पास वैध कनेक्शन नहीं होते — या वे बाजार भाव से सिलेंडर लेते हैं या एक दो किलो गैस लेकर काम चलाते हैं। ऐसे में कितने लोग और परिवार तो ऐसे ही इस दायरे से बाहर हो जाते हैं। जो बचते हैं उनमे पांच लोगों के परिवार को महीने में एक सिलेंडर पर 500 रूपये की सब्सिडी — यानि प्रति व्यक्ति 100 रूपये की सब्सिडी देने में भी सरकार को दिक्कत है। |
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जबकि अगर देखा जाए तो इसी देश की जनता के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष करों द्वारा चुकाए पैसों का सरकारी दुरूपयोग किस तरह होता है, यह देख कर तो किसी शर्मदार इंसान की आँख का पानी ही सूख जाए। साल भर के नेताओं- अधिकारियों के अपने लश्कर सहित विदेशी दौरे, पांच सितारा होटलों में होने वाली सरकारी मीटिंग्स, यहाँ वहां विचरते नेताओं-मंत्रियों-अधिकारीयों के काफिलों का खर्च, केंद्र और राज्य से जुडी ऐसी ढेरों समितियां, आयोग, विभाग जो मृतप्राय पड़े हैं — उनसे सम्बंधित भवनों, कर्मचारियों, अधिकारियों पर होने वाला व्यय … इसके सिवा सरकारी योजनाओ -परियोजनाओं और निर्माण कार्यों में होने वाली लूट … इन सारे खर्चों को एकसाथ मिला लिया जाये तो साल भर में दी जाने वाली गैस सब्सिडी से कई गुना ज्यादा पैसा बर्बाद होता दिखेगा लेकिन सरकार में शामिल लोगों को अपने गैर ज़रूरी खर्च और अपने बीच होती लूट देखने की फुर्सत नहीं होती — उन्हें दिखती है तो लोगों को दी जाने वाली वो सब्सिडी जिसे ख़त्म करने के लिए उसे डी. बी. टी. एल. जैसे प्रपंचों का सहारा लेना पड़ता है। |
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चंडीगढ़ (लल्लन यादव): पंजाब के 6 व हिमाचल के 10 जिलों में शुक्रवार 12 बजे के बाद से डी.बी.टी.एल. (डायरैक्ट बैंक ट्रांसफर ऑफ एल.पी.जी.) के जरिए एल.पी.जी. गैस उपभोगताओं को सबसिडी पर गैस सिलैंडर मिलने शुरू हो जाएंगे। वहीं जिनका डी.बी.टी.एल. द्वारा पंजीकरण उनके बैंक खाता धारकों से नहीं है उन्हें 15 नवम्बर से 14 फरवरी तक पंजीकरण करवाना जरूरी है व इन उपभोक्ताओं को सबसिडी वाले सिलैंडर ही दिए जाएंगे। |
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यह जानकारी पंजाब, हिमाचल एवं जम्मू-कश्मीर इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के कार्यकारी निदेशक पी.के. दास ने शुक्रवार को इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ऑफिस सैक्टर-19 में हुए प्रैस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि जिन एल.पी.जी. गैस उपभोक्ताओं के आधार कार्ड बैंक व गैस एजैंसियों के पास जमा हैं उन्हें 15 नवम्बर से पंजाब के नवांशहर, बरनाला, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर व लुधियाना जबकि हिमाचल के 10 जिलों बिलासपुर, चम्बा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन व ऊना में मार्कीट रेट पर ही एल.पी.जी. गैस सिलैंडर उपभोक्ताओं को मिलेंगे तथा सबसिडी उनके बैंक खाते में आएगी। |
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उन्होंने कहा कि जिन लोगों के आधार कार्ड अभी तक जमा नहीं हुए हैं उन्हें छूट देते हुए 15 नवम्बर से 14 फरवरी तक सबसिडी पर ही गैस सिलैंडर देने की बात कही है। इसके बाद जो 15 फरवरी से 14 मई तक आधार कार्ड व बैंक अकाऊंट गैस एजैंसियों पर जमा करवा देगा उसे 3 माह की सबसिडी दी जाएगी। अगर वह 15 मई तक दस्तावेज जमा नहीं करवाता है तो उसकी सबसिडी खत्म हो जाएगी। । |
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आधार कार्ड के बिना भी डी.बी.टी.एल. पंजीकरण हो सकता है कार्यकारी निदेशक पी.के. दास ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं के पास आधार कार्ड नहीं है वह बैंक अकाऊंट की कॉपी व खाता नंबर गैस एजैंसियों में जमा करवा कर डी.बी.टी.एल. पंजीकरण करवाकर सी.टी.सी. का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर जिनके पास दोनों चीजें उपलब्ध नहीं हैं वह प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही जन-धन योजना के अकाऊंट से भी यह सबसिडी का लाभ ले सकता है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता मोबाइल से स्टार 99 स्टार 99 हैश डायल कर जान सकता है कि उसका आधार कार्ड बैंक से जुड़ा है या नहीं। गैस पाइप लाइन प्रक्रिया में लगेगा समय पी.के. दास ने बताया कि शहर में गैस पाइप लाइन से गैस उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाने में अभी अढ़ाई से 3 साल का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल कार्पोरेशन व पंजाब के सहयोग से यह पाइप लाइन भटिंडा तक बिछाई जा चुकी है और वहां से चंडीगढ़ पहुंचने में अभी कुछ समय लगेगा। चंडीगढ़ में 1 जनवरी से होगी लागू स्कीम पी.के. दास ने बताया कि डी.बी.टी.एल. पंजीकरण चंडीगढ़ में शुरू है और एल.पी.जी. उपभोक्ता अपना आधार कार्ड व बैंक खाता नंबर जमा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में 1 जनवरी से सबसिड़ी प्रक्रिया शुरू की जाएगी जिसके तहत लोगों को मार्कीट रेट पर 12 सिलैंडर उपलब्ध होंगे और सबसिडी अकाऊंट में आएगी। वहीं उन्होंने कहा कि जो 12 से अधिक सिलैंडर उपयोग करता है उसकी सबसिडी सिर्फ 12 सिलैंडर तक ही मिलेगी व 13वां सिलैंडर उसे मार्कीट रेट पर ही लेना पड़ेगा |
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सामान्य जनता के हित में यह उपयोगी जानकारी देने के लिये आपका धन्यवाद, देवराज जी.
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बढ़ीया जानकारी !
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thank u so much for this info .....
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धन्यवाद अरविन्द जी |
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PAHAL Direct Benefits Transfer for LPG(DBTL) Consumers Scheme Ministry of Petroleum and Natural Gas Government of India |
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Join PAHAL (DBTL) Ensure your LPG subsidy in bank and prevent its misuse Launched in 54 districts on 15.11.2014 and To Be Launched in Rest of India on 01.01.2015 |
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If you had joined the previous PAHAL (DBTL) scheme and had got the advance/subsidy in your Bank Account then - You don't have to do anything again. PAHAL (DBTL) Beneficiaries (in Cr.) 04.45, Cash Given (in Rs. Cr.) 5852.42 |
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About the PAHAL (DBTL) Scheme Consumers will need a bank account to join the scheme and receive LPG subsidy Consumers will also get one time permanent advance in their bank account prior to buying the first market priced LPG cylinder Consumers will receive subsidy in their bank account as per their entitlement of subsidized cylinders Till consumers join the scheme they will get cylinders at: Subsidized price for 3 months w.e.f 15.11.2014 till 14.02.2015 Market price for next 3 months, but the subsidy due will be given to them if they join the scheme within these 3 months i,e till 14.05.2015 W.e.f 15.05.2015 all LPG consumers will get cylinders at market price and only those who join the scheme will receive one time permanent advance & subsidy from the date of joining To join the scheme and receive subsidy, consumers should use, Option 1 if they have Adhaar and Option 2 if they don't have Aadhaar: |
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About the DBTL Scheme - Option 1 Step 1: Link your Aadhaar Number to your bank Account by Form 1* and depositing at bank branch (available here) / drop box at LPG distributor Step 2:Link Your Aadhaar Number with your LPG Consumer Number in any one of the following ways: By Hand: Submit Form 2* (click here ) to the LPG distributor via Call Centre: Call 1800-2333-555 and register the Aadhaar Number On Web: At www.rasf.uiadai.gov.in. Click on www.rasf.uiadai.gov.in and follow the procedure By Post : Send Form 2* along with enclosures to the address given in Form 2*By IVRS / SMS Click here * Form 1, 2 are hosted at |
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Option 2
if यू don't have Aadhaar: You can choose either of the methods below : Method 1: Submit your bank account details (Click here to see if your bank accepts Method-1, else open your account with the banks in this list to opt for this method) By Hand: In Form 4*(Click here to download Form-4 ) to your LPG distributor OR On Web: Log onto www.MyLPG.in and enter your bank account details OROr Method 2: Submit your 17-Digit LPG Consumer ID details in Form 3*(Click here do Download Form-3) to your bank branch (Click here to see if your bank accepts Method-2, else open your account with the banks in this list to opt for this method) |
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Re: आखिर क्या है डी. बी. टी. एल.
फॉर INDANE गैस सर्विस Join DBTL If you have Aadhaar Number Click here to join DBTL If you do not have Aadhaar Number Click here to join DBTL |
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Re: आखिर क्या है डी. बी. टी. एल.
आशा करता हूँ सभी मित्रो को जानकारी पसंद आई होगी यद्यपि जानकारी को भरसक त्रुटी रहित करने :thinking::thinking:का प्रयास किया गया है परन्तु मई भी एक आम आदमी ही हूँ ... सामान्य बुद्धि रखने वाला :iagree::iagree::iagree: हो सकता है त्रुटी रह गयी हो :help::help::help: त्रुटी की और ध्यान दिलाएं :hug::hug: और कुछ उत्साहवर्धक अथवा सलाह अथवा निर्देशात्मक अवश्य Reply:hi::hi::hi: करें धन्यवाद |
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एलपीजी की डीबीटीएल योजना के लिए गैस कंपनियों ने दी मोहल्लत
अब 31 मार्च तक जुड़वा सकते हैं गैस एजेंसी और बैंक खाते से अपना आधार नंबर |
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रोहतक. डीबीटील योजना का लाभ लेने के लिए अब ग्राहकों की मशक्कत को देखते हुए एलपीजी कंपनियों ने थोड़ी राहत दी है। एक जनवरी से डीबीटीएल (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर फॉर एलपीजी) योजना शुरू हो रही है। इसके लिए पहले 31 दिसंबर तक का समय रखा गया था, लेकिन अब अगर 31 दिसंबर तक आधार से या बैंक से एलपीजी खाते का लिंक नहीं हो पाता है, तो ऐसे में ग्राहक 31 मार्च 2015 तक इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
एलपीजी कंपनियों ने ग्राहकों को ये सुविधा दी है। जनवरी से मार्च तक तीन माह के अंतराल को ग्रेस पीरियड कहा गया है। इस दौरान यदि खाता बैंक से जुड़ जाता है तो सब्सिडी खाते में शुरू हो जाएगी और एडवांस आने वाली सब्सिडी की राशि से सिलेंडर खरीदा जा सकेगा। अभी तक मात्र 32 फीसदी ग्राहक ही आधार से लिंक हो पाए हैं। डाकघर-सहकारी बैंक में खाता है तो नहीं मिलेगा डीबीटीएल का लाभ राष्ट्रीय कृत बैंकों में खुलवाना होगा खाता घरेलू गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी सिर्फ उन्हीं उपभोक्ताओं के खाते में जमा होगी, जिनके खाते आईएफएससी (इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड) वाले बैंकों में होंगे। ऐसा नहीं होने पर उनके खाते में सब्सिडी की राशि जमा नहीं हो सकेगी। डाकघर या सहकारी बैंक में खाते होने पर उन्हें सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा, क्*योंकि कोर बैंकिंग से नहीं जुड़े हैं। |
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आईएफएससी कोड
ये इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड है। इसके जरिए फंड ट्रांसफर होता है। ये आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर करने वालों की पहचान करता है। ये होगा योजना का लाभ - दूसरे नाम से चल रहे फर्जी कनेक्शन होंगे बंद। - ब्लैक मार्केटिंग पर लगेगी रोक। - उपभोक्ताओं की मौत होने के बाद चल रहे नंबर परिजनों के नहीं होने पर होंगे बंद। ऐसे पूरी होगी प्रक्रिया गैस उपभोक्ताओं को आधार नंबर लेकर अपनी गैस एजेंसी और बैंक की शाखा में जाना होगा। जिनके आधार कार्ड हैं वे फार्म नंबर एक बैंक में और फार्म नंबर दो एजेंसी पर जमा करवाएं। जिनके आधार कार्ड नहीं है वे उपभोक्ता फार्म नंबर चार लेकर बैंक में जमा कराएं। |
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मोबाइल से पता करें, आपका आधार कार्ड बैंक से जुड़ा है या नहीं, ये है तरीका
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Re: आखिर क्या है डी. बी. टी. एल.
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Re: आखिर क्या है डी. बी. टी. एल.
नई दिल्ली. एक जनवरी से एलपीजी की सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़ा जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसके तहत अब तक 10 करोड़ आधार नंबर को बैंक अकाउंट से जोड़ा जा चुका है। इसके अलावा मनरेगा, पीडीएस, स्कॉलरशिप, रेमिटेंस आदि के लिए भी आधार को बैंक अकाउंट से जोड़ना जरूरी है। आधार नंबर को बैंक अकाउंट से जोड़ने के लिए नागरिकों से उनका आधार कार्ड या आधार नंबर उस बैंक की शाखा में जमा करवाने को कहा गया है जहां उनका बैंक खाता है।
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ऐसे पता करें बैंक से जुड़ा आधार या नहीं
यह पता करने के लिए कि आपका आधार नंबर आपके बैंक अकाउंट के साथ जुड़ गया है या नहीं, उपभोक्ता अपने मोबाइल पर *99*99# डायल करें। इसके बाद 12 डिजिट का आधार नंबर डालें और ओके करें। आधार नंबर सही है यह पुष्टि करने के लिए 1 डायल करें। इसके बाद मोबाइल पर आधार कार्ड के बैंक से जुड़े होने की जानकारी मिल जाएगी। इस मैसेज में यह भी बताया जाएगा कि किस बैंक से किस तारीख को आधार कार्ड लिंक हुआ है। |
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