क्या आप जानते हैँ
दोस्तोँ इस सुत्र का मकसद कुछ सामान्य जानकारी देना हैँ
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मध्य काल मेँ पालवाले जहाज पनचक्कियां और हथकरघे उस समय प्रचलित सबसे जटिल मशीनेँ थीँ ।
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ढाका की पारदर्शी मलमल से श्रेष्ठतर कपडा शायद हीँ कहीँ बनाया गया हो
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दिल्ली मेँ स्थित पिटवां लोहे की लाट किसी भी सदी की उत्कृष्ट तकनीकी उपलब्धि से होड ले सकती हैँ
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सिंचाई के लिए प्रयुक्त रहट का पहला विस्तृत विवरण 16 वीँ शताब्दी के बाबरनामा मेँ मिलता हैँ
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इनकी दौनो की कहीं कोई होड़ में आसपास भी नहीं है ना ही कोई आज तक ऐसा दोबारा बना सका है |
वस्त्र उधोग के क्षेत्र मेँ चरखे का यांत्रिक उपकरण के रुप बहुत महत्व रहा हैँ
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भारत मेँ चरखे का लिखित उल्लेख इसामी की फुतुह उस सलातीन मेँ मिलता हैँ
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रेशम के कीडे पालने की प्रथा दिल्ली सल्तनत मेँ ही प्रचलित हुई
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13 वीँ शताब्दी मेँ समुद्री जहाजोँ मेँ चुंबकीय कुतुबनुमा का प्रयोग शुरु हो चुका था
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