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bhavna 08-09-2011 08:13 AM

जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
तमाम बीमारियों और ऑपरेशनों में ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ जाती है।
ऐसे में मरीज के घरवालों के सामने असली चुनौती यह होती है
कि वे सेफ ब्लड का इंतजाम कहां से करें। साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है
कि मरीज को ब्लड चढ़ाने का प्रॉसेस ठीक तरीके से पूरा हो
और उसमें पूरी तरह से सावधानी बरती जाए।
अगर ब्लड की जरूरत पड़ जाए तो किन बातों का रखें ध्यान,
आइये जानते हैं क्या है एक्सपर्ट्स की राय ........................

bhavna 08-09-2011 08:13 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
अगर किसी मरीज को ब्लड या उसके दूसरे कम्पोनेंट्स की जरूरत है, तो सबसे पहले डोनर का इंतजाम करना पड़ता है, जिससे ब्लड के बदले ब्लड दिया जा सके। इसे रिप्लेसमेंट डोनेशन कहते हैं। वैसे, लॉयंस व रोटरी ब्लड बैंक सिर्फ प्रॉसेसिंग चार्ज लेकर बिना रिप्लेसमेंट के ही ब्लड दे देते हैं। इमर्जेंसी में दूसरे ब्लड बैंक भी बिना डोनेशन के ही ब्लड दे देते हैं।

bhavna 08-09-2011 08:14 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
तरीका क्या है
-डॉक्टर के ब्लड की जरूरत बताने के बाद अस्पताल में ही किसी ब्लड बैंक का फॉर्म मिल जाता है। इस फॉर्म को लेकर मरीज के घरवाले डॉक्टर से भरवा लें। फॉर्म पूरा भरा होना चाहिए। इस फॉर्म में मरीज की उम्र, सेक्स, ब्लड ग्रुप, जो ब्लड ग्रुप चाहिए के अलावा और भी कई जानकारियां होती हैं। इस फॉर्म पर डॉक्टर के साइन और अस्पताल की मुहर लगवा लें।

bhavna 08-09-2011 08:14 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
इसके दौरान मरीज के ब्लड का सैंपल लिया जाता है। यह सैंपल दो ट्यूबों में लिया जाना चाहिए।
एक प्लेन ट्यूब में 3 एमएल और दूसरी ईडीटीए केमिकल वाली ट्यूब में 2 से 3 एमएल। दो ट्यूब इसलिए ली जाती हैं, ताकि जांच में समस्या होने पर दोबारा सैंपल लेने न भेजना पड़े। ब्लड बैंक सात दिन तक मरीज के ब्लड का सैंपल संभालकर रखते हैं, जिससे मरीज को किसी तरह का रिएक्शन होने पर उसके ऑरिजिनल ब्लड की जांच की जा सके।

bhavna 08-09-2011 08:14 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
सैंपल ब्लड बैंक में आ जाने पर सबसे पहले देखा जाता है कि किस ग्रुप का ब्लड चाहिए। फिर लाए गए सैंपल के ब्लड ग्रुप की जांच होती है। उसके बाद ऐंटीबॉडी स्क्रीनिंग की जाती है। अब ब्लड बैंक में मौजूद उसी ग्रुप के ब्लड से सैंपल का क्रॉस मैच होता है। पूरी तरह कंफर्म करने के लिए एक बार फिर बैंक में मौजूद खून की जांच करते हैं। फिर से दोनों तरह के ब्लड को मैच किया जाता है। इस काम में एक से डेढ़ घंटा लग सकता है। इसके बाद ब्लड इश्यू किया जाता है।

bhavna 08-09-2011 08:14 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
इश्यू करते वक्त ब्लड बैग पर स्टिकर लगाया जाता है और क्रॉसमैच की रिपोर्ट भी दी जाती है। ऐसे में ब्लड बैग और फॉर्म पर लिखे डिटेल्स का मिलान कर लेना चाहिए। मसलन: मरीज का नाम, ब्लड ग्रुप व सीरियल नंबर और दूसरी सूचनाएं।

bhavna 08-09-2011 08:14 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
ब्लड चढ़ जाने के बाद मरीज नॉर्मल तरीके से खाना खा सकता है,
चाय व पानी पी सकता है। ठीक महसूस करे तो नहा भी सकता है।

bhavna 08-09-2011 08:15 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
सरकारी ब्लड बैंकों में क्रॉस मैचिंग या टेस्टिंग के लिए 850 रुपये लिए जाते हैं। ब्लड के कंपोनेंट्स के लिए 400 रुपये चार्ज किए जाते हैं। इसमें हिपेटाइटिस बी, सी, एचआईवी, वीडीआरएल आदि संक्रामक रोगों की जांच और ब्लड बैग का खर्च भी शामिल होता है। प्राइवेट ब्लड बैंकों में अलग-अलग टेस्ट भी साथ में करते हैं, इसलिए उनके चार्जेज भी अलग-अलग हैं। इन्हें सर्विस चार्ज कहा जाता है। वहां ये चार्ज 5 हजार रुपये तक भी हो सकते हैं।

bhavna 08-09-2011 08:15 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
सावधानी
-बेहद जरूरी न हो, तो ब्लड चढ़वाने से बचना चाहिए।

bhavna 08-09-2011 08:15 AM

Re: जब जरूरत हो खून चढ़ाने की
 
हमेशा लाइसेंस वाले या प्रमाणित ब्लड बैंक से ही ब्लड लें।


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