! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
आतंकवाद , बोम्ब ब्लास्ट ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ??? दोस्तों हम रोज सुबह चाय की चुस्कयों के साथ अखवार पड़ते है, और बीती हुयी ख़बरों से रूबरू होते है. एक शब्द "आतंकवाद " इस पर रोज कोई न कोई कोई खबर आती है, पता नहीं कैसे लोग है, माफ़ करना इनको लोग कहना गलत होगा, खूंखार भेडिये !!! क्या इनका परिवार नहीं होता है, या ये जीवित नहीं मरे हुए इंसान ... सोच कर ! क्या इनको दर्द नहीं होता , जो इंसानों के मरते रहते रहते है, क्या मकसद है इनका ??? खैर हम रोज ही पड़ते हैं ! आज मैं इस सूत्र का आगाज कर रहा हूँ, इस सूत्र में , उन्ही न्यूज़ पेपर की कटिंग पोस्ट करेंगे, और साथ आप लोगों का समर्थन की आप लोगों को भी कोई भी जानकारी हो वो यहाँ जरूर पोस्ट करें...... धन्यवाद आप सभी का हमसफ़र(एस. आर. ) |
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Re: ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
हम्सफर्जी, आपने एकदम ज्वलंत व सामायिक मुद्दा इस सूत्र में उठाया है. आज के दिन अपने देश का ही नहीं परन्तु पुर विश्व समुदाय के लिए बहुत ही गंभीर मसला है ये आतंकवाद. बहुत बढ़िया सूत्र है, इसके ऊपर जो भी तथ्य या जानकारी होगी इस पर जरुर मेरा सहयोग रहेगा, धन्यवाद.
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Re: ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
आज के जमाना में जहा इंसानियत खत्म हो रही है वही इंसानियत को फिर से बनाने वाला पैदा ले लिया है जश्न मनावों भाई लोग :cheers: और वो कोई और नहीं मैं हू जब करोरो या उससे भी जादा कमीने मरे होंगे तो मेरे जैसा इंसान फिर से इंसानियत को बचाने के लिए इस धरती पे आया है ! हा ह आहा हा आह :cheers:
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Re: ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
जब "इंसान" इंसान ही नहीं रहा तो फिर इंसानियत कहाँ से रहेगी
आज के मशीनी युग ने मनुष्य की भावनाओं को कुचल कर रख दिया है इंसान की सफलता का पैमाना पैसा है और पैसा कमाने के लिए इंसानियत को दफ़न कर देना सबले पहली और अहम् शर्त मानी जाती है |
Re: ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
ऐसा नहीं है , यदि आप इंसान बने रहें तो पैसा और शोहरत खुद ब खुद आपके कदम चूमती है/
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Re: ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
वन्दे मातरम् ...
बहुत ही उम्दा विषय है यस आर भाई जी ...:clap::clap::clap::clap::clap::bravo: Quote:
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Re: ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
insaniyat gayi tail lene.paise ke aage sab kuch rak hai.chahe bo kuch b ho.aapki izzet sohrat imandari etc..pr
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Re: ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
पैसे की अहमियत बस नमक सी है दोस्त ...:cheers:
इस जिन्दगी में ...:) अधिक हुआ तो स्वादहीन और कम हुआ तो दावत का मजा खत्म ...:think: Quote:
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Re: ! उफ़ इंसानियत कहाँ गयी ???
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