ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
ღ … रोमांस … ღ आँख खुलते ही सुबह सोचा कि उसी के सुख के लिए अब उसे याद नहीं करूँगा और उसकी याद चली आई। आँख बंद करता रहा और वह आती रही। वह पहला दिन जब वह मिली थी और आज का यह दिन आँख क्या सचमुच कभी खुली भी थी। |
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प्रेम में अपने व्यक्तित्व को झुकाना और छोटा करना पड़ता है।
प्रेम में अपवित्र और मैला-कुचैला होना पड़ता है। भूलना पड़ता है। इज्जत आबरू, घर-द्वार, कविता-कला, खानपान, जीवन-मरण, ध्येय, उच्चताएँ-महानताएँ सब धूल में मिल जाती हैं। तब मिलता है प्रेम। उससे भी आश्चर्यजनक यह, कि मिलते ही उसका खोना शुरू हो जाता है। प्रेम क्षणों में ही नवजात, अप्रतिम, अलौकिक और सुंदर रहता है। फिर भी उस प्रेम को पाने के लिए …… चाँद पर दाग है सभी देख सकते हैं। खुद के लिए आईने दोस्ती निभाते हैं। |
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ღ ~ :iloveyou: ~ ღ हाईटेक रोमांस …:party: रोमांस को समय और दूरी का मुँह नहीं ताकना पड़ता। हाईटेक रोमांस ई-मेल, चैटिंग और एसएमएस द्वारा तुरंत संचारित भाषा-प्रधान। हाईटेक रोमांस स्थल पब, डिस्को, पार्टियों, डेटिंग :think::cheers: |
Re: ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
aslta vista baby i m back |
Re: ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
आहा हा हा हा …:lol:
अवेसम भाई …:) |
Re: ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
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Re: ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
भाई यस॰आर,
ये सही नहीं लगता की हम गड़े मुर्दे की तारीफ़ करें या उसका कोई भी जिक्र करें। क्या आप भूल गये उस गुटबाज़ी और ओछी राजनीति को …!!! Quote:
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Re: ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
न इतनी तेज़ चले सरफिरी हवा से कहो, शजर पे एक ही पत्ता दिखाई देता है।
यह एक अब्र का टुकड़ा कहां-कहां बरसे, तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है।। |
Re: ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
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Re: ღ ~ हाईटेक रोमांस ~ ღ
ahaa haa haa haa...:lol:
हार्दिक धन्यवाद खालिद भाई जी आप भी कुछ अर्ज करें :hurray::hurray::hurray: Quote:
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