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-   -   दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=6340)

Sanjeev khullar 23-01-2013 08:36 PM

मेरा गम - संजीव
 
हमने उसे खुदा बनाया "संजीव" उसके
प्यार के लिए ,
और वो बोले खुदा कभी किसी एक
का नही हुआ
"संजीव"

Dark Saint Alaick 23-01-2013 10:51 PM

Re: मेरा गम - संजीव
 
Quote:

Originally Posted by Sanjeev khullar (Post 215590)
हमने उसे खुदा बनाया "संजीव" उसके
प्यार के लिए ,
और वो बोले खुदा कभी किसी एक
का नही हुआ
"संजीव"

आगाज़ तो बेहद इम्प्रेसिव है, माशाअल्लाह। लेकिन आगे भी तो आने दीजिए, जनाबे-आला। इस थ्रेड का मकसद तभी समझ में आएगा। :hello:

bindujain 24-01-2013 04:58 AM

Re: मेरा गम - संजीव
 
Quote:

Originally Posted by sanjeev khullar (Post 215590)
हमने उसे खुदा बनाया "संजीव" उसके
प्यार के लिए ,
और वो बोले खुदा कभी किसी एक
का नही हुआ
"संजीव"

सही जा रहे हो ..........

abhisays 24-01-2013 08:46 AM

Re: मेरा गम - संजीव
 
:bravo: आगे की लाइन्स कहाँ हैं बंधू।

rajnish manga 24-01-2013 03:08 PM

Re: मेरा गम - संजीव
 
Quote:

Originally Posted by Sanjeev khullar (Post 215590)
हमने उसे खुदा बनाया "संजीव" उसके
प्यार के लिए ,
और वो बोले खुदा कभी किसी एक
का नही हुआ
"संजीव"

:bravo:

सुन्दर प्रयास है आपका.
एक शे'र मुलाहिजा करें संजीव जी:

दुनियां तेरे वजूद को करती रही तलाश
हमने तेरे ख़याल को यज़दां बना दिया

(यज़दां = खुदा)

Sanjeev khullar 24-01-2013 09:17 PM

दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव
 
एहसान नही जिंदगी तेरा मुझ पर,
मैने हर सांस की कीमत दी है यहां
"संजीव"

Dark Saint Alaick 24-01-2013 10:07 PM

Re: दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव
 
बहुत बढ़िया संजीवजी। यह तो बानगी थी, कुछ और भी पेश करें, तभी पता चलेगा कि सूत्र कहां तक जाएगा।
अगर काव्यात्मक भाषा में कहूं, तो -

लिफाफा सौंप कर खो गया कहीं कासिद
कोरे कागज़ को पढने में मशगूल हैं हम। :hello:

Alone_boy 25-01-2013 09:02 AM

Re: दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव
 
Quote:

Originally Posted by Sanjeev khullar (Post 216436)
एहसान नही जिंदगी तेरा मुझ पर,
मैने हर सांस की कीमत दी है यहां
"संजीव"

bahut khoob :gm:

Sanjeev khullar 25-01-2013 09:49 AM

मेरा गम शेयरी- संजीव
 
उडाओ न मजाक मेरा ऐसे दोस्तो,
कही मोहब्बत तुमे भी मुझसा पागल न करदे
"संजीव"

john07 14-02-2013 12:05 AM

Re: दो लाइन शायरी 'मेरा गम' -संजीव
 
यूँ न देख मेरे कब्र की तरफ,
तेरे आँखों में अश्क मुझसे देखे नहीं जाते....


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