अमृत वचन......................
महापुरुषों के अनमोल वचन................. |
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ati sundar aur shreshth vachan. inka presentation bhee sundar hai. dhanyawad.
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आपका हार्दिक आभार.......................... |
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परिश्रम
------- परिश्रम करने से ही कार्य सिद्ध होते है, केवल इच्छा करने से नहीं - हितोपदेश मरते दम तक तू अपने पसीने की रोटी खाना - बाइबल मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र उसकी दस उंगलियाँ हैं - राबर्ट कोलियर मानव सुख जीवन में है और जीवन परिश्रम में है - अज्ञात -: अनमोल वचन |
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प्रिय मित्र दिनेश जी आपका सूत्र पर हार्दिक स्वागत एवं सहयोग के लिए हार्दिक आभार.............. :hello: :hello: :hello: |
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आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति................ एक बार जरुर पढ़े.. हाथ मैं झोला लटकाए एक बुजुर्ग महिला बस मैं चढ़ी, सीट खाली नही देख एकदम से वह निराश हो गयी, फिर भी जैसा कि बस मैं चढ़ने वाला हर यात्री सोचता है कि शायद किसी सीट पर अटकने की जगह मिल जाए, वह भी पीछे की औरचली, तभी उसकी नजर एक सीट पर पड़ी, उस पर बस एक ही युवक बैठा था, आंखों मैं संतोष की चमक आ गयी, पास जाने पर जब उस पर कोईकपडा या कुछ सामान नही दिखायी दिया, तो उसने धम्म सेशरीर को छोड़ दिया सीट पर, तभी युवक बोलता हैं अरे रे कहाँ बेठ रही हो, यहाँ सवारी आएगी| बूढी आंखों मैं उभरी चमक घुप्प से गायब हो गयी , आगे और सीट देखने की हिम्मत उसमें नही रही और वह वहीं सीटों के बीच फर्श पर ही बैठ गयी, इसके बाद उस खाली सीट को देख कर कईं बार आंखों मैं चमकआती रही और बुझती रही, तभी कॉलेज में पढने वाली सुन्दर सी दिखने वाली लड़की बस पर चढ़ी, अन्य लोगों को खड़ा देख उसने समझ लिया कि वह सीट खाली नही है, कोई आएगा, नीचे गया होगा, और वह भी खड़ी हो गयी महिला के पास, तभी आवाज आई बैठ जाइये ना, यहाँ कोई नही आएगा| इस आवाज पर लड़की ने मुड़कर देखा तो युवक उससे ही मुखातिब था, उसने आश्चर्य से पूछा “कोई नही आएगा”, युवक उसी मुस्कान के साथ बोला- जी नही, इस पर लड़की मुडी और नीचे बैठी उस बुजर्ग महिला को बोली माँ जी आप ऊपर बैठ जाइये और उसने इतना कह कर बुजर्ग महिला को सीट में बैठा दिया| अब युवक का चेहरा देखने लायक था, वह लड़की को खा जाने वाली नजरों से देख रहा था| “दोस्तों याद रखे मानव कहलाना ही काफी नहीं है आप के अन्दर मानवता का गुण होना भी जरुरी हैं|”.................... |
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खुद का अपमान कराके जीने से तो अच्छा है मर जाना; क्योंकि प्राणों को त्यागने से केवल एक ही बार कष्ट होता है; पर अपमानित होकर जीवित रहने से आजीवन दुःख होता है।
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जब आप किसी को भौतिक पदार्थ देने में असमर्थ हो, तो भी अपनी सद्भावनायें और शुभकामनायें दूसरो को देते रहिए।
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दूसरों पर विश्वास तुम्हे अधिकाधिक असहाय और दुखी बनाएगा |मार्गदर्शन के लिए अपनी ही ओर देखो , दूसरों की ओर नही |तुम्हारी सत्यता तुम्हे दृढ बनाएगी |तुम्हारी दृढ़ता तुम्हे लक्ष तक पहुंचायेगी| (पं.श्रीराम शर्मा आचार्य )
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कामयाब लोगो कि चमक सभी को दिखाई देती है,
उसने कितने अंधेरे देखे यह कोई नही जानता है.........!!! |
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जब लगने लगे कि मंजिल मिलना अब मुश्किल है ,
तो ऐसी दशा मे मंजिल नहीं मार्ग बदलना चाहिए । |
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"आप चाहे जितने भी भले
और सहिष्णु क्यों ना हों, लेकिन आप एक पागल कुत्ते के साथ सो नहीं सकते...” |
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" नकारात्मक बाते जीवन में बडा गहरा असर डालती है "
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भाग्य आपको परिस्थितियाँ देता है, पर
पुरुषार्थ उनसे निकलने की हिम्मत देता है। |
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वही पुत्र हैं जो पितृभक्त है, वही पिता हैं
जो ठीक से पालन करता हैं, वही मित्र है जिस पर विश्वास किया जा सके और वही देश है जहाँ जीविका हो। |
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आप किसी विषय का विशुद्ध ज्ञान हासिल करना चाहते
हैं, तो इसे दूसरों को सिखाना शुरू कर दीजिए। |
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तुम बर्फ के समान विशुद्ध रहो और हिम के समान स्थिर तो भी लोक निन्दा से नहीं बच पाओगे |
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बुद्धिमान व्यक्तियों की प्रशंसा की जाती है, धनवान व्यक्तियों से ईर्ष्या की जाती है, बलशाली व्यक्तियों से डरा जाता है
लेकिन विश्वास केवल चरित्रवान व्यक्तियों पर ही किया जाता है | |
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जो अपना आत्मविश्वास खो कर अपने
मन की बात मान ले.......उससे बड़ा कायर दुनियाँ मेँ और कोई नही..... आत्मनिर्णय को प्रबल किजीये निडर बनिये |
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मुस्कराना मेरी आदत है .........
प्रसन्न रहना मेरा स्वाभाव है ........ और तुमको जगाना मेरा उद्देश्य है ......... |
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जीवन का सबसे बड़ा अपराध -
किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना। और जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि - किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना. |
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जीत निश्चित हो तो कायर भी लड़ सकते है, वीर वही है जो हार निश्चित हो फिर भी मैदान नहीं छोड़ते
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आपकी कल्पना की कोई सीमा नहीं, इसलिए आपके हासिल करने की भी कोई सीमा नहीं, इरादा बुलंद रखिये, याद रखे हज़ार मिल लंबी यात्रा भी एक कदम से ही शुरू होती है...
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ज्ञान की बातें सुनकर जो उन पर अमल करता है, उसी के हृदय में ज्ञान की ज्योति प्रकट होती है।
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