हिन्दी फिल्मों में कुछ बेवकूफ़ियाँ
हिन्दी फिल्मों में कुछ बेवकूफ़ियाँ
कभी सोचा है आपने कि आपकी मनपसंद फिल्मों में भी कितनी छोटी-बड़ी बेवकूफियाँ की गई हैं। पढ़िए कुछ सुपरहिट फिल्मों की सिली गलतियाँ… रा-वन फिल्म में शाहरुख दक्षिण भारतीय बने हैं, लेकिन जब उनकी मौत होती है तो उन्हें ईसाई परम्परा के अनुसार दफनाया जाता है, लेकिन बाद में हम देखते हैं कि उनकी अस्थियाँ पानी में बहाई जा रही हैं। हाँ भई, सभी को खुश रखना पड़ता है न! अमर अकबर एंथोनी तीन लोग एक साथ एक ही महिला के लिए रक्तदान कर रहे हैं। अरे भई, साइंस इमोशन से बढ़कर थोड़े ही है! लगान यह फिल्म 18वीं सदी की कहानी है और उस वक्त एक ओवर में 8 गेंदें हुआ करती थीं। लेकिन फिल्म में एक ओवर में 6 गेंदें दिखाई गई हैं। शायद 8 गेंदों से फिल्म और भी लंबी हो जाती ! बागबान अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी होली के तुरंत बाद 6 महीनों के लिए अलग हो जाते हैं यानि मार्च से लेकर सितंबर तक के लिए। लेकिन इन्हीं 6 महीनों में वे वेलेंटाइन-डे मना लेते हैं, जो फरवरी में आता है और करवाचौथ मनाते हैं, जो अक्सर अक्टूबर में पड़ता है। क्या करें वक्त कम था इमोशन ज्यादा ! क्रिश फिल्म में ऋतिक दो साल के लिए विदेश जाते हैं, लेकिन इसी दौरान प्रीति गर्भवती हो जाती हैं। इस पर भईया नो कमेंट! प्यार तो होना ही था काजोल पब्लिक टॉयलेट यूज करने के लिए ट्रेन से एक स्टेशन पर उतरती हैं और उनकी ट्रेन छूट जाती है। बेचारी को शायद पता नहीं होगा कि ट्रेन के हर कंपार्टमेंट में चार टॉयलेट होते हैं! शोले जया बच्चन पूरी फिल्म में लालटेनें जलाती रहती है क्योंकि गांव में बिजली नहीं है। तो भई यह बताओ कि वीरू जिस टंकी पर चढ़कर आत्महत्या कर रहा था, उसमें बिना बिजली के पानी ठाकुर चढ़ाता था? :gm::gm::gm::gm::gm: |
Re: हिन्दी फिल्मों में कुछ बेवकूफ़ियाँ
बहुत रोचक और सूचनाप्रद विवरण.
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