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great_brother 08-05-2011 03:57 PM

व्यंग्यबाण
 
मित्रों प्रस्तुत है एक और नया सूत्र ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother .......

मेरा विश्वास है कि ये सूत्र भी आपका पूरा मनोरंजन करते हुए उपयोगी सिद्ध होगा .....

मित्रों आपका स्वागत है इस सूत्र को जारी रखने के लिए अपने विचार को देते रहे ...............


great_brother 08-05-2011 04:00 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
मेरा विश्वास है कि ये सूत्र भी आपका पूरा मनोरंजन करते हुए उपयोगी सिद्ध होगा .....

दोस्तों , आखिर मेरा मन भी हो गया ट्वेंटी-ट्वेंटी

विश्व कप जीतने के बाद देश एक बार फिर क्रिकेटमय है। वर्ल्ड कप चल रहा था तो अच्छा भला टाइम पास हो रहा था।

मन लग जाता था। खत्म हुआ तो यही चिंता सता रही थी कि अब क्या करें। कोई काम तो वैसे ही नहीं है। सचमुच परेशानी खड़ी हो जाती है। ऑफिस में घंटे-दो घंटे काम करते हैं तो बोर हो जाते हैं। फिर बाहर जाकर चाय पीओ, राजनीति पर बात करो, घर के रोने रोओ। प्रमिका के नखरों या अत्याचारों की कितनी बातें की जाए। इधर कुछ राज्यों में चुनाव हो भी रहे हैं तो उनके बारे में कोई आइडिया ही नहीं है।


मित्रों आपका स्वागत है इस सूत्र को जारी रखने के लिए अपने विचार को देते रहे ...............

great_brother 08-05-2011 04:06 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
मेरा विश्वास है कि ये सूत्र भी आपका पूरा मनोरंजन करते हुए उपयोगी सिद्ध होगा .....

दोस्तों , आखिर मेरा मन भी हो गया ट्वेंटी-ट्वेंटी


हमारे तो समय काटने की दिक्कत खड़ी हो गई थी। अखबारों में भी अच्छी-अच्छी खबरें छपनी बंद हो गईं। विकीलीक्स को जितने रहस्य उधेड़ने थे, उधेड़ लिए। सरकार भी लोकपाल बिल के लिए जल्दी ही मान गई। न जाने कितने चिंतनों के दौर से भी गुजर गए। फिल्मी अभिनेताओं की पिक्चरें हिट-फलॉप होनी थीं, सो हो गईं। अब क्या करें।

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great_brother 08-05-2011 04:08 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
मेरा विश्वास है कि ये सूत्र भी आपका पूरा मनोरंजन करते हुए उपयोगी सिद्ध होगा .....

दोस्तों , आखिर मेरा मन भी हो गया ट्वेंटी-ट्वेंटी


पर कहते हैं न कि भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं। इसलिए अब क्रिकेट का सहारा हो गया है। अब भ्रष्टाचार और घोटालों से हटकर ध्यान ट्वेंटी-ट्वेंटी पर केंद्रित कर लिया है। और फिर यह है भी बहुत मजेदार चीज। अब कुछ दिन तो मजे में निकल जाएंगे। रात को देर तक क्रिकेट देखो और सुबह आराम से उठो। अगर घर के काम-काजों की वजह से नींद पूरी नहीं हो पाए तो आराम से दफतर में सोओ। कोई क्या कहेगा। जब सभी लोग सामूहिक नींद लेंगे, तो काहे की परेशानी। बच्चे भी ज्यादा किट-किट नहीं करेंगे। प्रेमिका भी अधिक परेशान नहीं करेगी।

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great_brother 08-05-2011 04:32 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
मेरा विश्वास है कि ये सूत्र भी आपका पूरा मनोरंजन करते हुए उपयोगी सिद्ध होगा .....

दोस्तों , आखिर मेरा मन भी हो गया ट्वेंटी-ट्वेंटी


अब साहब मजे क्यों नहीं आएंगे। एक ही एपिसोड में सब-कुछ देखने को मिल जाता है। क्रिकेट का क्रिकेट देख लो। टेस्ट मैच देखते थे तो लगता था कि कोई शास्त्रीय संगीत का सम्मेलन देख रहे हैं। लगता था कि कहीं नींद न लग जाए। पांच दिन तक खेलते जा रहे हैं, खेलते ही जा रहे हैं। बार-बार नींद में से उठकर पूछना पड़ता था कि क्या हुआ। कुछ परिणाम निकला क्या। बीवी बताती थी- जी, वो ड्रा हो गया।

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jitendragarg 08-05-2011 04:34 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
सही! :bravo:

वैसे पोल ठीक से नहीं दिख रहा. कृपया पूरा प्रश्न मुझे मेसेज करे, मैं उसको एडिट कर दूंगा.

great_brother 08-05-2011 04:34 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
मेरा विश्वास है कि ये सूत्र भी आपका पूरा मनोरंजन करते हुए उपयोगी सिद्ध होगा .....

दोस्तों , आखिर मेरा मन भी हो गया ट्वेंटी-ट्वेंटी


लेकिन यहां मजे ही मजे हैं। क्रिकेट का क्रिकेट, नाच-गाने का नाच-गाना। वे अच्छा नहीं खेल रहे तो कोई बात नहीं। थोड़ी देर चिअर गर्ल्स को ही निहार लो। वो टीम का उत्साह कितना बढ़ा पाती है, यह तो पता नहीं। पर हमारा उत्साह तो सातवें आसमान पर पहुंच जाता है। कई बार तो कैमरा बल्लेबाज पर आते ही लगने लग जाता है कि कमबख्त मेरे और चिअर गर्ल के बीच में क्यों आ गया है।

और फिर इन मैचों में हमारे मनपसंद हीरो - हीरोइन भी तो लगातार आते रहते हैं। मैं प्रीति जिंटा के इंतजार में दीवाना रहता हूं। तो प्रेमिका पीछे से कहती रहती है। कि शाहरुख के आते ही मुझे जरूर बुला लेना।


मित्रों आपका स्वागत है इस सूत्र को जारी रखने के लिए अपने विचार को देते रहे ...............

great_brother 08-05-2011 04:37 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
मेरा विश्वास है कि ये सूत्र भी आपका पूरा मनोरंजन करते हुए उपयोगी सिद्ध होगा .....

दोस्तों , आखिर मेरा मन भी हो गया ट्वेंटी-ट्वेंटी


मित्रों छोटे बच्चे अपना मनोरंजन चौकों - छक्कों में ढूंढते रहते हैं। पिताजी भी दबे पांव आकर चिअर गर्ल्स को निहार ही जाते हैं। भले ही सामने कुछ नहीं कहें पर माताजी पीछे से बड़बड़ाती रहती हैं - मुए रात भर सोने ही नहीं देते। ये लड़का इन मुई चिअर गर्लों के चक्कर में कहीं बावला न हो जाए। तो कुल मिलाकर देश ' ट्वेंटीमय ' हो रहा है। वैसे इसका और पहलू है जिस पर किसी का ध्यान नहीं है। यह बड़ा सौहार्दपूर्ण क्रिकेट है। किसी भी तरह के राग द्वेष से अलग।

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great_brother 08-05-2011 04:40 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
मेरा विश्वास है कि ये सूत्र भी आपका पूरा मनोरंजन करते हुए उपयोगी सिद्ध होगा .....

दोस्तों , आखिर मेरा मन भी हो गया ट्वेंटी-ट्वेंटी


दोस्तों
किसी को पता ही नहीं चलता कि कौन किस तरफ से खेल रहा है। धोनी किधर है और युवराज किधर , यह कन्फ्यूजन बना रहता है। किसी विदेशी खिलाड़ी का अच्छा खेल देखकर भी चिढ़ नहीं होती क्योंकि पता चलता है कि वह सचिन की टीम को जिताने जा रहा है। कल तक साउथ अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया के जिन खिलाडि़यों को खलनायक की तरह देखते थे वे अब आत्मीय लगने लगे हैं। ऐसा मंगलमय माहौल किस खेल में होता है भाई ? देश , प्रांत और शहर सब एक - दूसरे में घुल मिल गए हैं। यहीं असली सेक्युलरिज्म भी मिलेगा। विश्व के नेतागण इससे कुछ सीखें। दोस्तो , आखिर मेरा मन भी हो गया ट्वेंटी - ट्वेंटी।

मित्रों आपका स्वागत है इस सूत्र को जारी रखने के लिए अपने विचार को देते रहे ...............

ndhebar 08-05-2011 05:45 PM

Re: ग्रेट ब्रदर के व्यंगबाण by Great_brother
 
हम तो पहले से ही इस खेल के दीवाने हैं


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