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rajnish manga 05-11-2014 06:50 AM

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इस सूत्र मैं हम किसी ऐसे विषय की चर्चा करेंगे जो इन दिनों सुर्ख़ियों में हैं और जिसके बारे में सरकारी स्तर पर और आम व्यक्ति के स्तर पर संवाद और समझ होना जरुरी है क्योंकि यह हम सब को कहीं न कहीं प्रभावित करता है.



rajnish manga 05-11-2014 06:59 AM

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Road Safety in India

"In India, the main rule for most drivers is that you don't stop for anyone," said young banker Rakesh Pillai, 31, who wears frameless glasses and sports a neatly trimmed moustache. "Cars don't stop for walkers, and walkers don't stop for cars.

According to a report by Reuters, India has the world's deadliest roads, the result of a flood of untrained drivers, inadequate law enforcement, badly maintained highways and cars that fail modern crash tests.

Alarmed by the increasing fatalities, the new government has begun a five-year project to cut road deaths by a fifth every year, part of the most ambitious overhaul of highway laws since independence in 1947. About 1.2 million Indians were killed in car accidents over the past decade, on average one every four minutes, while 5.5 million were seriously injured.

While road deaths in many emerging markets have dipped even as vehicle sales rose, Indian fatalities have shot up by half in the last 10 years.The government is proposing a drastic increase in fines and prison sentences for dangerous driving. It will create an authority with a sole focus on road safety, impose stricter regulations on car manufacturers, and employ technology, such as automated driving tests, to cut down on corruption.

rajnish manga 06-11-2014 08:23 AM

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Air pollution takes a toll on grain production in India

Air pollution seems to have a direct and negative impact on grain production in India, a US study warned on Monday, with recent increases in smog decreasing projected yields by half.

Analysing 30 years of data, US scientists developed a statistical model suggesting that air pollution caused wheat yields in densely populated states to be 50% lower than what they could have been in 2010.Up to 90% of the decrease in potential food production seems to be linked to smog, a mix of black carbon and other pollutants, the study said.

Changes linked to global warming and precipitation levels accounted for the other 10%.

"The numbers are staggering," Jennifer Burney, an author of the study and scientist at the University of California told the Thomson Reuters Foundation.

"We hope our study puts the potential benefits on cleaning up the air on the table," she said, noting that agriculture is often not considered when governments debate the economic costs of air pollution and new legislation aimed at combating it.

The research paper 'Recent climate and air pollution impacts on Indian agriculture', published in the Proceedings of National Academy of Sciences, analysed what could have been the wheat production if there was less pollution.

Food production in India continues to increase because of new technologies and management techniques.

Scientists examined historical data on crop yields, emissions, and precipitation to draw their conclusions.

While tackling global warming requires international action, reducing smog is often a simpler process that can be done at the national level.

"The technologies to fix this problem exist," Burney said. Trucks need better particulate filters for diesel, and the Indian government should help rural residents use cleaner fuels in their cooking stoves, rather than biomass, she said.

"None of these (mitigation techniques) are very high tech," she said, adding that better public policies on clean air could help India meet its goal of reducing hunger to zero.

(Based on newspaper reports)

भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने उक्त अध्ययन के बारे में अपनी असहमति जताई है. कुछ हद तक वे वायु प्रदुषण के प्रभावों को स्वीकार करते हैं लेकिन वे यह मानने के लिए तैयार नहीं कि इसकी वजह से गेहूँ या अन्य अनाजों का उत्पादन 50 % तक घट गया है. हमारा यह विचार है कि इस वैज्ञानिक शोध के लिए पिछले तीस वर्ष के आंकड़े लिए गए थे जिनके आधार पर निष्कर्ष निकाले गये. इसमें त्रुटियों की गुंजाईश को नकारा नहीं जा सकता. फिर भी यह आंकड़े हमें चेताते हैं. अब प्रदूषण, जिसमे वायु प्रदुषण भी शामिल है, महज़ एक कांसेप्ट नहीं रहा बल्कि सच में भयानक शक्ल अख्तियार करता जा रहा है जिसका बुरा असर हमारी सवा अरब की आबादी पर पड़ रहा है.

rajnish manga 07-11-2014 10:57 AM

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इंडियन नेवी को एक और झटका
टारपीडो रिकवरी पोत डूबा



इंडियन नेवी को एक और भारी झटका लगा है. आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्नम समुद्र तट से कुछ दूर हिंद महासागर में बृहस्पतिवार को रात आठ बजे नेवी का एक टारपीडो रिकवरी जलपोत अचानक एक हादसे का शिकार हो कर डूब गया. इस हादसे में एक नौसैनिक की मौत हो गई और चार नौसैनिक लापता हैं. लापता नौसैनिकों की तलाश जारी है. इस काम में नौसेना के पोत तथा हेलिकॉप्टर तथा वायुयान लगे हुए हैं.
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rajnish manga 07-11-2014 11:01 AM

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नौसेना द्वारा दिल्ली में जारी बयान में ने बताया गया कि यह पोत एक नियमित अभ्यास के दौरान बेड़े के जहाजों से दागे गए टॉरपीडो इकट्ठे करने के नियमित मिशन पर था, तभी इसके एक कंपार्टमेंट में पानी भरने का पता चला। नौसेना ने यह भी सूचना दी कि बचाव अभियान के दौरान चालक दल के एक सदस्य की मृत्यु हो गयी और चार जवान लापता हैं। 23 लोगों को क्षेत्र में तैनात तलाशी और बचाव जहाजों ने सुरक्षित बचा लिया।

विशाखापट्टनम में नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि घटना विशाखापट्टनम पोस्ट से 10-15 किलोमीटर के दायरे में घटी है। टॉरपीडो रिकवरी वेसल (टीआरवी) एक सहायक पोत होता है, जिसका इस्तेमाल बेड़े के जहाजों और पनडुब्ब्यिों से अभ्यास के दौरान दागे गए टॉरपीडो को एकत्रित करने के लिए किया जाता है।

23 मीटर लंबे इस पोत का निर्माण 1983 में गोवा शिपयार्ड द्वारा किया गया था और इसने पिछले 31 साल तक भारतीय नौसेना की सेवा की है। पिछले कुछ समय में नौसेना को ऐसे कई हादसों का सामना करना पड़ा है। इस तरह की दुर्घटनाओं के मद्देनजर एडमिरल डी के जोशी के इस्तीफे के बाद इस साल 17 अप्रैल को एडमिरल आर के धोवन ने नौसेना प्रमुख का पद संभाला था।

rajnish manga 07-11-2014 11:03 AM

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नौसेना में इस प्रकार की दुर्घटनाओं का होना अनोखा नहीं है. विश्व की सभी बड़ी नौसेनाओं को इस प्रकार के हादसों का सामना करना पड़ता है. यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि हादसे का क्या कारण था. लेकिन जिस प्रकार से एक के बाद एक हमारी नेवी को हादसों का सामना करना पड़ा है और अपने विशेष जलपोतों से हाथ धोना पड़ा है उससे नेवी की मारक क्षमता में कमी आयी है और कहीं न कहीं हमारे जांबाज़ नौसैनिकों के आत्म विश्वास में भी कमी आ सकती है.

यह आवश्यक है कि भारत सरकार द्वारा वैश्विक स्तर के नौसेना विशेषज्ञ दलों से अपने फ्लीट का विश्वसनीयता ऑडिट करवाया जाये जिससे एक एक पोत की सुरक्षा, कार्यक्षमता व विश्वसनीयता को सुनिश्चित बनाया जा सके. अपने नौसैनिक बेड़े के पुराने पोतों को फेज़ आउट करने से पहले उनके रिप्लेसमेंट की भी योजना तैयार रखी जाये और उसके लिए अतिरिक्त बजटीय प्रावधान रखा जाये.

rajnish manga 08-11-2014 07:08 PM

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Israel (West Asia)



rajnish manga 08-11-2014 07:13 PM

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Israel / इजराइल


rajnish manga 08-11-2014 08:53 PM

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Israel / इजराइल

मैं जब छोटा था तो उन दिनों छपने वाली पत्रिका "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" में लीओन यूरिस के उपन्यास "Exodus" का हिंदी रूपांतर प्रकाशित हुआ था 'भगदड़'. उसको पढ़ कर ही मुझे यहूदियों के दो हज़ार वर्षों तक चलने वाले संघर्षों की कुछ जानकारी हो सकी. यह संघर्ष था अपने अस्तित्व के लिए और था अपने 'होमलैंड' के लिए. आपको याद होगा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की जर्मन फ़ौजों द्वारा लाखों की तादाद में बिना किसी कसूर के यहूदियों को मौत के घाट उतार दिया गया था. उन पर झूठे मुकद्दमे चला कर भी उनको फांसी पर लटका दिया गया था. ये मुकद्दमे न्यूरेमबर्ग ट्रायल्स के नाम से कुख्यात हैं.

यह संघर्ष इजराइल बनने के बाद भी जारी है. लेकिन इजराइल राज्य की स्थापना यहूदियों के लिए एक टर्निंग पॉइंट था. अब वह अपने बूते पर एक सामरिक तथा वैज्ञानिक शक्ति के तौर पर उभर कर सामने आया है. आज इजराइल से कहीं बड़ी ताकतें उसके सहयोग की अपेक्षा व कामना करती हैं. भारत ने प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में सन 1992 में इजराइल से पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित किये थे. उससे पहले चीन द्वारा भी इजराइल से पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित हो चुके थे. इस प्रकार इजराइल अपनी उपलब्धियों के बल पर 'बहिष्कृत राष्ट्र' के खेमे से बाहर आ गया था.
>>>

rajnish manga 08-11-2014 08:59 PM

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Israel / इजराइल

इजरायल दुनिया का एकमात्र यहूदी देश है. अपनी आजादी से पहले भी और आजादी के बाद भी इजराइल अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है. यूं कहे तो इजरायल का अस्तित्व संघर्ष और सिर्फ संघर्ष पर टिका है. उसका आज तक का इतिहास अत्यंत ही संघर्षपूर्ण रहा है.


कहा जाता है कि कोई 2000 साल पहले यहूदियों को उस जगह से निकाल दिया गया था जहां आज का इजराइल मौजूद है. और इस लिए वहां बसे सारे फिलिस्तीनी अरबों को मार कर या वहां से भगा कर वहां कब्ज़ा करना इजराइल का इतिहाससम्मत अधिकार है.

दूसरी तरफ इजराइली राष्ट्र की रक्षा हेतु इजराइल ने न केवल अपने गौरवमयी इतिहास व धरोहर को पुनः संजोया, हिब्रु भाषा का पुनरुथान किया अपितु जो सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया वह यह था-" विश्व के सभी यहुदियों को इजराइल की नागरिकता का अधिकार देना.

rajnish manga 08-11-2014 09:04 PM

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Israel / इजराइल

क्या आपको पता है? 64 साल पहले यानी 17 सितंबर 1950 को भारत ने इजरायल को औपचारिक तौर पर मान्यता दी थी। दोनों देशों के बीच फुल डिप्लोमैटिक रिलेशन की शुरुआत 1992 में हुई। हालांकि, इस दौरान दोनों देशों के बीच का रिलेशन प्रत्येक सेक्टर में नजदीक आता गया।


दुनिया के नक्शे पर एक छोटा सा देश इजरायल जिसका क्षेत्रफल मात्र 20770 वर्ग किमी है। जी हां, इतना छोटा देश है कि भारत के क्षेत्रफल का मात्र 0.63 प्रतिशत है। इतना ही नहीं इजरायल के पूरे क्षेत्रफल का मात्र 2 प्रतिशत ही पानी से युक्त है। जबकि भारत में 9.5 प्रतिशत से ज्यादा इलाका पानी से युक्त है।

rajnish manga 08-11-2014 09:14 PM

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Israel / इजराइल

आतंकवाद के साए से दुनिया को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में सभी राष्ट्रों सेएकजुट होने की पुरजोर अपील करने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमरीका यात्रा के समय इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी मुलाकात की। भारत की तरह इस्राइलभी आतंकवाद का सामना करने वाले देशों मे से एक है।

मुलाकात और बातचीत में इन दोनोंनेताओं ने अपने मजबूत संबंधों, सुरक्षा और व्यापार की समीक्षा की। कृषि सहित आपसीसहयोग के संबंधों को और ज्यादा बढ़ाने के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने रक्षा संबंधों और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तथा साइबर सुरक्षा के क्षेत्रमें सहयोग के बारे में भी विचार-विमर्श किया।

2006 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप मेंइजराइल की यात्रा कर चुके हैं।

भारत और इजराइल के बीच वर्तमान में करीब छह अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार है। इसमुलाकात में भारत-इस्राइल संबंधों का दायरा बढ़ा है। हमधरती पर दो सबसे पुरानी सभ्यताओं के प्रतिनिधि हैं, हम दोलोकतंत्र भी हैं, जिन्हें अपनी परंपरा पर गर्व है, परंतु भविष्य को भी उज्जवल बनानाचाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम मिलकर काम करेंगे तो इससे हमारे दोनों देशों केलोगों को लाभ होगा।

rajnish manga 08-11-2014 09:17 PM

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Israel / इजराइल

5 दिसम्बर 2013 को राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री ने बताया था कि 1992 में राजनयिक संबंधों के स्थापित होने के बाद भारत-इस्राइल द्विपक्षीय संबंध और अधिक सुदृढ़ हुए हैं। भारत के इस्राइल के साथ सौहार्दपूर्ण और विविधतापूर्ण संबंध है जो कि दोनों के लिए उपयोगी हैं। इस्राइल के सहयोग से भारत में विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि रक्षा कृषि, जल प्रबंधन, अनुसंधान एवं विकास और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में लाभ प्राप्त हुआ है।

भारत के इस्राइल के साथ संबंध स्वतः बलबूते पर हैं और अरब जगत के साथ सुदृढ, समय-परीक्षित और ऐतिहासिक संबंधों के मूल्य पर नहीं है। इस्राइल के साथ सुदृढ होते हुए संबंधों के बावजूद भी, अरब और फिलीस्तिनी पक्ष को ठोस समर्थन देने की पारम्परिक नीति में कोई परिवर्तन नहीं है।

rajnish manga 08-11-2014 09:27 PM

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Israel / इजराइल : गृह मंत्री राज नाथ की यात्रा का महत्व

भारत से अपने रिश्ते को इजरायल कितना ज्यादा महत्व देता है इसका प्रदर्शन बृहस्पतिवार को भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के इजरायल पहुंचने पर हुआ. गृहमंत्री सिंह मौसम खराब होने की वजह से बुधवार की सुबह के बजाय रात में पहुंचे.

इजरायल पहुंते भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का सरकार द्वारा शानदार स्वागत किया गया. इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री मोशे यालोन और जन सुरक्षा मंत्री वाई अहरोनोविच ने व्यस्तता के बावजूद अपने कार्यक्रम में बदलाव किए और राजनाथ सिंह से मुलाकात की.

नेतन्याहू ने भारतीय गृह मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय और इजरायली सरलता और निरंतरता के संबंध को साझा करते हैं. सुरक्षा सहयोग और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह इजरायल पहुंचे हैं. भारत-इजरायल के संबंधों को देखते हुए इस यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

गृहमंत्री ने अपने इजरायल दौरे की शुरुआत यरुशलम स्थित पवित्र स्थलों की यात्रा से की. इसके बाद देश में सुरक्षा हालातों का जायजा लेने के लिए उन्होंने इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार योसी कोहेन के साथ जॉर्डन वैली व इजरायल के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों का हवाई दौरा किया.गौरतलब है कि राजनाथ सिंह जून 2000 में तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के बाद इजरायल आने वाले पहले गृह मंत्री हैं.
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rajnish manga 09-11-2014 09:46 PM

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बर्लिन की दीवार
(Berlin Wall or the Iron Curtain)
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/i...1xk68XipWAjDGk


बर्लिन की दीवार के दो दृष्य. पूर्वी जर्मनी के सैकड़ों लोगों को इस दीवार को फांदने के प्रयास में गोलियों से भून दिया गया.

rajnish manga 09-11-2014 09:56 PM

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बर्लिन की दीवार

आज बर्लिन की दीवार (which was known as the iron curtain during its existence) गिराये जाने की सिल्वर जुबली है. आज से 25 साल पहले गिरा दी गयी पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी को बांटने वाली बर्लिन की दीवार को फोटो और वीडियो के साथ गूगल ने डूडल बनाकर याद किया. जर्मनी को पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में बांटने वाली इस दीवार को 25 साल पूर्व आज ही के दिन गिरा दिया गया था और पूर्वी तथा पश्चिमी जर्मनी का एक बार फिर से एकीकरण कर दिया गया था.

उल्*लेखनीय है कि बर्लिन की दीवार पश्चिमी बर्लिन और जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य के बीच एक बाधा के रूप में जानी जाती थी. इस दीवार ने 28 साल तक बर्लिन शहर को पूर्वी और पश्चिमी टुकड़ों में बांटकर रखा हुआ था. इस दीवार का निर्माण 13 अगस्त, 1961 को शुरू हुआ और 9 नवम्बर, 1989 के बाद के सप्ताहों में इसे तोड़ दिया गया था

rajnish manga 09-11-2014 10:00 PM

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बर्लिन की दीवार


बर्लिन दीवार के विध्वंस की पृष्ठभूमि इस प्रकार है कि 7 मई 1989 को पूर्व जर्मनी (जिसकी सत्ता कम्युनिस्ट शासकों के हाथ में थी और जो सोवियत संघ द्वारा समर्थित थे) के लोगों ने संसदीय चुनाव में हिस्सा लिया. परिणाम क्या होंगे लोग जानते थे, क्योंकि एक बार फिर चुनावों में धांधली हुई. सत्ताधारियों का दावा था कि 98 फीसदी वोट उन्हें मिले. यहां से विरोध की शुरुआत हुई और अगले दिन लाइपत्सिष की सड़कों पर प्रदर्शनकारी उतर चुके थे.

1989 की जुलाई में वारसा संधि वार्ता हुई. सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाएल गोर्बाचेव ने ब्रेजनेव की नीति खारिज कर दी. इससे सोवियत संघ के समाजवादी पड़ोसी के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के अधिकार खत्म हो गए. इसके बाद से उनके पड़ोसी देशों को अपनी राष्ट्रीय समस्याओं का हल खुद निकालना था.

rajnish manga 09-11-2014 10:02 PM

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बर्लिन की दीवार
7 नवंबर 1989 तक प्रदर्शनकारी पूर्व जर्मनी की राजधानी तक पहुंच चुके थे. सैकड़ों हजार लोग अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों पर उतर आए थे. उनका स्लोगन था 'नो वॉयलेंस'. जीडीआर के 40 साल के इतिहास में यह सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जाता है. उसके ठीक बाद ही दीवार को गिराकर पश्चिमी और पूर्वी जर्मनी को एक कर दिया गया. बर्लिन यूरोप की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने में सबसे बड़ा योगदान देता है.

सोवियत संघ के पतन और शीत युद्ध के अंत के बादबर्लिन की दीवार एकमात्र बाधा नहीं थी जो दूर हुई बल्कि इसके साथ ही धन, व्यापार, लोगों और विचारों के प्रवाह को बाधित करने वालो अवरोधों का भी पतन हो गया।

इस सिल्वर जुबिली के अवसर पर जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल ने पूर्वी जर्मनी की कम्युनिस्ट सरकार के दौर में मारे गए लोगों की याद में समारोह में हिस्सा लिया. चांसलर मार्केल और दूसरे अन्य अधिकारीयों ने बर्लिन वॉल मेमोरियल पर फूल रखकर उन शहीदों को याद किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस बात समझना बेहद जरूरी है कि इस दीवार के कारण पूरा जर्मनी ही नहीं, बल्कि पूर्वी यूरोप भी पीड़ित रहा है.
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soni pushpa 10-11-2014 12:49 AM

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आदरणीय रजनीश जी ... बहुत बहुत धन्यवाद इतनी रोचक जानकारी हम सबके साथ शेयर करने के लिए और एक नया सूत्र शुरू करने के लिए बधाइयाँ ...

rajnish manga 11-11-2014 09:22 PM

Re: Spotlight
 
स्पॉटलाइट पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, पुष्पा सोनी जी.

rajnish manga 11-11-2014 09:46 PM

Re: Spotlight
 
विश्व में आत्महत्या के मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में हर 40 सैकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है. स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि संसार में जितने व्यक्ति खुदकुशी करने से मरते हैं उतने तो युद्धों, लड़ाई-झगड़ों, प्राकृतिक आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं को मिला कर भी नहीं मरते. संसार में हर वर्ष लगभग 15 लाख हिंसात्मक मौतें होती हैं जिनमें से 8 लाख तो अकेले खुदकुशी के कारण ही होती हैं. आत्महत्या के कारण मरने वालों की बात करें तो केन्द्रीय और पूर्वी यूरोप तथा एशिया में इनकी दर सबसे अधिक है. कुल आत्महत्याओं के लगभग 25% केस विकसित और धनवान देशों में देखने में आते हैं.

rafik 12-11-2014 11:27 AM

Re: Spotlight
 
नए सूत्र में बहुत अच्छी जानकारी मिल रही है ,सूत्र के लिए मेरा धन्यवाद स्वीकार करे !:hello::hello::hello:

rajnish manga 18-11-2014 09:25 PM

Re: Spotlight
 
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया


rajnish manga 18-11-2014 09:32 PM

Re: Spotlight
 
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया


Jhariya a dormant town sitting on an underground fire
for decades

rajnish manga 18-11-2014 09:35 PM

Re: Spotlight
 
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया

जिन दो नगरों की हम बात कर रहे हैं, उनमे से एक अमरीका में और दूसरा भारत में स्थित है। सेन्ट्रालिया को इस आलेख में इसलिए जगह दी गयी है ताकि आप समझ सकें की इस प्रकार की गंभीर प्राकृतिक परिस्थितियाँ कहीं भी पैदा हो सकती हैं। यह भी मानव के विकास की कहानी के परिणाम हैं। सेन्ट्रालिया कोलंबिया काउंटी, अमरीका के पेंसिलवानिया राज्य में बसा हुआ एक नगर है. यहाँ पर लगभग पिछले 50 वर्ष से भूमिगत आग लगी हुई है। 2010 में यहाँ की जनसंख्या 16336 थी. अब एक प्रेत नगर दिखाई देता है।

सेंट्रालिया नामक इस शहर की त्रासदी एक तकनीकी खामी के चलते आयी है, जैसा चेर्नोबिल या भोपाल में हुआ। पर सुनामी, चेर्नोबिल या भोपाल में आपदा सब पर एक साथ आयी, जिसने सारे निवासियो को एकजुट होने का मौका दिया उससे लड़ने का, पुनर्स्थापना का जज्बा दिखाने का। ऐसी आपदाओं पर मीडिया की चौबीसो घँटे नज़र रहने की वजह से राहत और सहानुभूति की वर्षा भी होती है। सेंट्रालिया मे आपदा धधकती आग के रूप में जमीन के नीचे है और धीरे धीरे फैल रही है।


rajnish manga 18-11-2014 09:54 PM

Re: Spotlight
 
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया

सेंट्रालिया की आग से बहुत पहले भारत का एक नगर भी इसी प्रकार की स्थितियों से दो चार हा था और आज तक है. सन 1916 से यानी लगभग 98 वर्ष से कार्बन मोनोआक्साईड की दम धोंटू गंध गोफ और भू-धसान की पीड़ा तथा घरों की फटी दीवारों के बीच भय के साये में ज़िंदगी गुज़ारते रहे हैं झरिया के लोग. वृद्ध चल बसे, बच्चे अब बू़ढे हो गए हैं और नई पीढ़ी आग की लपेटों में झुलसने को विवश है. लोग कहते हैं कि अब पलायन की बेला है. पांच लाख लोग विस्थापन के कगार पर हैं. कई पुश्तों से झरिया की माटी से लगाव अब याद भर रह जाएगा. झरिया के विस्थापन की तलवार जिन लोगों पर लटकी है वे कई तरह के सवाल पूछते हैं. वैसे दबी ज़ुबान में लोग इस तथ्य को स्वीकारते हैं कि देश दुनिया के कई हिस्से में इस तरह की आग लगती है और इस पर क़ाबू भी पा लिया जाता है. यदि शुरू में ही ईमानदारी से प्रयास किया जाता तो शायद इतनी खतरनाक हालत नहीं होती.

कुछ ऐसा ही झरिया बिहार में हो रहा है। झरिया पूर्वी भारत के झारखंड राज्य में स्थित जिला धनबाद के आठ विकास ब्लॉक में से एक है। यहाँ सवाल अस्सी हजार परिवारों का है, 7500 करोड़ रूपये भी स्वीकृत हो गये हैं। पर मीडिया की निगाह से अछूते इस भारतीय सेंट्रालिया के निवासी भी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की रस्साकशी देखने को मजबूर हैं।

rajnish manga 18-11-2014 10:04 PM

Re: Spotlight
 
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया

मामला चाहे भारत जैसे विकासशील देश का हो या अमरीका जैसे विकसित देश का, सरकार अगर अकर्मण्य हो तो योजनायें फाईलों में ही दफ्न रह जाती हैं। ऐसी आग को पूर्णतः बुझाना नामुमकिन है क्योंकि जैसे जैसे ज़मीन पर दरारें उभरती हैं आक्सीज़न ज़मीन तक पहुँचने में कामयाब होने लगती है। पानी जैसे माध्यम भी नाकाफी सिद्ध हुये हैं। ऐसे में इलाके में रह रहे परिवारों का न्यायपूर्ण पुर्नवास ही एकमात्र समझदारी का हल है, जो सेंट्रालिया में किया भी गया, पर झरिया जैसे क्षेत्रों में अपाहिज सरकार के होते यह कदम लागू करना भी भूमीगत आग को बुझाने जितना ही कठिन है। अनेकों समितियां, योजनायें, सिफारिशें, पुनर्वास हेतु सहायता राशि का आबंटन आदि सभी कदम अब तक बहुत अधिक कामयाब नहीं हो पाये हैं. भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है, कौन बता सकता है?

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rajnish manga 27-11-2014 09:24 PM

Re: Spotlight
 
1 Attachment(s)
काठमांडू में बर्फ़ पिघली

बधाई हो .... बर्फ़ पिघल गयी. यह हमारे sub-continent के लिए बहुत संतोष की बात है. भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने आखिरकार हाथ मिला ही लिए.






rajnish manga 27-11-2014 09:29 PM

Re: Spotlight
 
काठमांडू में बर्फ़ पिघली

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1417108646

18th SAARC Summit

जब से काठमांडू में सार्क सम्मलेन शुरू हुआ है, तब से न्यूज़ चैनलों पर रह रह कर एक ही तस्वीर दिखाई जा रही थी. प्रधानमंत्री मोदी बैठे हुए अपने नाक की सीध में देख रहे हैं और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री उनकी पीठ के पीछे से अपनी नाक की सीध में चले जा रहे थे. न नेत्र-मिलन, न दुआ-सलाम, न खैरियत, न गर्मजोशी. हाथ मिलाना दो बड़े दूर की बात है. इस तस्वीर को सार्क के सभी देशों में देखा गया और सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों और प्रधानमंत्रियों ने अपनी आँखों से देखा. सभी ग़मगीन थे और सभी गहन चिंता में डूबे हुए थे. कई प्रस्ताव अधर में लटके थे. सम्मलेन की सफलता खटाई में पड़ी थी. इस बात को ले कर बड़े बड़े कयास लगाए गए. टीवी चेनलों में बार बार वही तस्वीर दिखाई जाती रही, बहस मुबाहसे हुए, पार्टियों के प्रवक्ता बचाव और प्रहार करके अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे.

rajnish manga 27-11-2014 09:32 PM

Re: Spotlight
 
काठमांडू में बर्फ़ पिघली
18th SAARC Summit

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1417108646

और लीजिये साहब, हम शाम की चाय का लुत्फ़ लेने के लिए बैठे थे कि सोचा कि क्यों न दिन भर की सरगर्मियों पर नज़र डाल ली जाये. सो, टीवी ऑन कर दिया गया. वाह, क्या बात है! यह मैं क्या देख रहा हूँ! दोनों प्रधानमंत्री एक-दूसरे से हाथ मिला रहे हैं. मोदी जी और नवाज़ शरीफ शेक हैंड कर रहे हैं. और वह भी कोई छोटा-मोटा हैंडशेक नहीं था. आधे मिनट से ज्यादा चलने वाला हैंडशेक था. एक चैनल ने सूचित किया कि हैंडशेक 31 सैकेंड तक चला. यह महत्वपूर्ण बात उन्होंने अगले कुछ मिनटों में कम से कम तीस बार दोहराई. पृष्ठभूमि में दोनों प्रधानमंत्रियों के हैंड शेक का दृश्य निरंतर चल रहा था. इसके बाद जैसा कि अक्सर होता है हमने चैनल बदल दिया. लीजिये दूसरे चैनल पर भी इसी स्वर्गिक दृश्य की झलक दिखाई जा रही थी. इसमें भी दृश्य की पृष्ठभूमि में बार बार हमारी जानकारी में बढ़ोत्तरी की जा रही थी कि हैंड शेक पूरे तैंतीस सैकेंड तक जारी रहा. इन्होने एक नयी बात की. इस चैनल ने स्क्रीन पर एक घड़ी भी चलती हुयी दिखा दी. वे शायद इस बारे में कोई ग़लतफ़हमी पैदा नहीं करना चाहते थे. दर्शक स्वयं जांच कर लें कि हैंडशेक कितनी अवधि का था.



rajnish manga 27-11-2014 09:34 PM

Re: Spotlight
 
काठमांडू में बर्फ़ पिघली
18th SAARC Summit

http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1417108646

इस रूहानी कवरेज के बाद लगभग सभी चैनलों ने इस हैंड शेक की राजनैतिक अहमियत पर विचार विमर्श करने के लिए प्रमुख राजनैतिक दलों के नुमाइंदों और कुछ वरिष्ठ पत्रकारों तथा विदेशी मामलों के विशेषज्ञों को प्यार से बात करते हुए दिखाया जिसमे कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का कॉलर नहीं फाड़ रहा था (क्योंकि वे सब वीडियो कांफ्रेंसिंग में थे). उधर दूसरी ओर शिव सेना के हवाले से खबर आयी कि वो चाहते हैं कि पाकिस्तान से हर प्रकार की वार्ता बंद कर देनी चाहिए और उससे हर प्रकार के रिश्ते तोड़ देने चाहियें.

खैर यह कम इत्मीनान की बात नहीं है कि बर्फ पिघल गई है या पिघलने लगी है. इसके क्या दूरगामी परिणाम निकलेंगे यह जानने के लिए इंतज़ार करें हमारे अगले एपिसोड का.


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rajnish manga 01-12-2014 10:05 PM

Re: Spotlight
 
लुप्त होने की कगार पर प्राणी


CAG ने एक रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी है जिसमे उन प्राणियों का ज़िक्र किया गया है जिनकी प्रजातियों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है. हो सकता है प्राणियों की ये प्रजातियाँ हमारे देखते देखते ही विलुप्त हो जाएँ. रिपोर्ट में 100 वर्ष पुरानी संस्था "भारतीय प्राणी सर्वेक्षण" (Zoological Survey of India) के हवाले से चौंकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत किये गए हैं. इन आंकड़ों के अनुसार जहाँ सन 2010 में लुप्त होते जा रहे प्राणियों की प्रजातियों की कुल संख्या 190 बताई गयी थी वहां साल 2012 के आंकड़ों के मुताबिक़ ऐसे प्राणियों की संख्या बढ़ कर डबल से भी अधिक यानि 443 हो गई. CAG ने बताया कि ZSI जिनका मुख्य काम विभिन्न जीव जंतुओं के संरक्षण के उद्देश्य से निरंतर सर्वेक्षण करना है, अपना काम सुचारू रूप से नहीं कर रहे हैं.
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rajnish manga 01-12-2014 10:26 PM

Re: Spotlight
 
लुप्त होने की कगार पर प्राणी


पशुओं की लुप्त होती जा रही प्रजातियों के संरक्षण के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट उनके जीवन के लिए जरूरी परिवेश में निरंतर कमी को माना जा रहा है. लगातार घटता वन्य क्षेत्र इसका एक बड़ा कारण है.

CAG की लिस्ट में विलुप्त होने का खतरा झेलते प्राणियों को पाँच श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिसे निम्न तालिका में दिखाया गया है:

क्रमांक/ श्रेणी/ 2010 में स्थिति/ 2012 में स्थिति

1 Birds 57 / 139 (पक्षी)

2 Mammals 62 / 123 (स्तनपायी)

3 Amphibians 35 / 74 (भूमि + जल के जीव)

4 Reptiles 14 / 40 (रेंगने वाले जीव)

5 Fish 22 / 67 (मछली)

TOTAL 190 / 443

यदि इन प्राणियों की नस्ल को बचाने के लिए जल्द ही कारगर कदम नहीं उठाये गए कुछ ही वर्षों में ये नष्ट हो जायेंगी और उनके बारे में हमें किताबों में ही पढ़ना पड़ेगा.

rajnish manga 04-12-2014 07:28 PM

Re: Spotlight
 
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस


आज 4 दिसम्बर है - नौसेना दिवस. आप सभी को तथा नौसेना कर्मियों तथा अधिकारियों को बहुत बहुत शुभकामनायें. हर वर्ष
4 दिसंबर का दिन भारत में नौसेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध में नौसेना ने अहम भूमिका निभाई *थी और इसी तारीख को भारतीय फौजों ने कराची बंदरगाह पर जबर्दस्त हमला किया था। इस आक्रमण को 'ऑपरेशन ट्राईडेंट' का नाम दिया गया। नौसेना की अदम्य वीरता और साहस ने इस दिन को भारतीय इतिहास में सदा के लिए अमर कर दिया।

rajnish manga 04-12-2014 07:38 PM

Re: Spotlight
 
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस


rajnish manga 04-12-2014 07:45 PM

Re: Spotlight
 
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस


rajnish manga 04-12-2014 07:52 PM

Re: Spotlight
 
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सन्देश

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस के अवसर पर नौसेना कर्मियों को सलाम किया।

प्रधानमंत्री ने कहा,



नौसेना दिवस के अवसर पर मैं नौसेना कर्मियों की उस अभेद्य भावना और गहरी निष्ठा को सलाम करता हूं जिसके साथ वे हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हैं। हमारे नौसेना कर्मियों की अटल निष्ठा और साहस देश की अमूल्य संपत्ति है।

rajnish manga 04-12-2014 07:58 PM

Re: Spotlight
 
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जनरल मानेकशॉ के नेतृत्व में जहां थलेसना ने पाकिस्तानी फौजों के छक्के छुड़ा दिए, वहीं भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी। 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना के दस्ते ने कराची बंदरगाह पर आक्रमण किया और पाकिस्तानी नौसेना के कई युद्धपोत डुबो दिए।

भारतीय नौसेना के जाबांजों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कराची बंदरगाह के बिलकुल पास जाकर प्रक्षेपास्त्रों से कराची बंदरगाह पर हमला किया था। इस आक्रमण के बाद भारतीय नौसेना का पश्चिमी मोर्चे पर वर्चस्व हो गया। तब तक आहत पाकिस्तानी नौसेना की कमर टूट चुकी थी। पहली बार किसी नौसेना ने दुश्मन की नौसेना को एक सप्ताह के अंदर पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया था।

rajnish manga 04-12-2014 09:20 PM

Re: Spotlight
 
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

साहस गाथा है नौसेना का इतिहास

मौजूदा समय में भारतीय नौसेना के चीफ एडमिरल आर के धोवन हैं। भारत के राष्ट्रपति तीनों सेना के प्रमुख होते हैं। वैसे भारतीय नौसेना का इतिहास काफी पुराना है। इसकी औपचारिक शुरुआत 5 सितंबर 1612 को हुई थी। इस दिन ईस्ट इंडिया कंपनी के लड़ाकू जहाजों का पहला बेड़ा सूरत बंदरगाह पर पहुंचा था। इस बेड़े को 'द ऑनरेबल ईस्ट इंडिया कंपनीज मॅरीन' नाम दिया गया। बाद में यह ' बॉम्बे मॅरीन' कहलाया।


पहले विश्व युद्ध के दौरान इसका नाम बदल कर 'रॉयल इंडियन मॅरीन' कर दिया गया। द्वितीय विश्व युद्ध आते-आते रॉयल इंडियन नेवी में लड़ाकू जहाजों की तादाद बढ़ाकर आठ कर दी गई। युद्ध खत्म होने तक पोतों की संख्या बढ़कर 100 हो गई थी।


26 जनवरी 1950 को जब भारत गणतंत्र बना तो इसी दिन भारतीय नौसेना ने अपने नाम के सामने से 'रॉयल' शब्द हटा दिया। भारत के पहले भारतीय नौसेनाध्यक्ष वाइस एडमिरल आरडी कटारी थे, जिन्होंने 22 अप्रैल 1958 को कार्यभार संभाला।

rajnish manga 04-12-2014 09:29 PM

Re: Spotlight
 
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस


भारतीय नौसेना, भारतीय सेना का समुद्री सेना का एक अंग है उसके पीछे उसका हजारों वर्ष का गौरवशाली इतिहास हैयह सेना अन्य सशस्त्र सेनाओं तथा अर्ध सैनिक बलों के साथ एक जुट हो कर भारतीय सीमाओं, जन-धन, सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा करती है 55,000 नौसैनिकों से सुसज्जित यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना है जो भारतीय समुद्री सीमा को सुरक्षा प्रदान करती है और देश के दुश्मनों के नापाक इरादों को धूल में मिलाने का माद्दा रखती है।





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