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Dr.Shree Vijay 04-04-2014 06:30 PM

फिर चुनाव आया है :.........
 

*** फिर चुनाव आया है ***


Dr.Shree Vijay 04-04-2014 06:35 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 

फिर चुनाव आया है :

सफारी त्याग कर
खादी का कुर्ता,
जब आपने अपनाया है।
छुपाकर करोड़ों, घोटालों का
चन्दे को हाथ फैलाया है,
गिरगिट के रंगों ने, बता दिया था,
कि फिर चुनाव आया है।
ऊंचे लेवल का घटिया माल
अब जनता भी समझती है।
समाज सेवा की कसौटी पर,
सोना और पीतल परखती है।
खुद पर सोने का पॉलिश, जब
आपने चढ़ाया है,
हम समझ गए श्रीमान
कि फिर चुनाव आया है।
हुजूर! हमें फिर
वह किस्सा याद आया है,
कि भेड़ की खाल में - भेड़िया
मेमनों में घुस आया है।
अब ‘हरिया’ को आपने
जब ‘हरिकाका’ और
उसकी जवान लड़की को ‘बिटिया’
कह कर बुलाया है।
तभी हम समझ गए थे श्रीमान!
कि फिर चुनाव आया है :.........



(अभय तिवारी, भोपाल)


साभार :.........



rajnish manga 04-04-2014 11:27 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 
चुनाव के मौसम का हाल सुन्दर और चुटीला है.




Dr.Shree Vijay 05-04-2014 01:21 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 478904)
चुनाव के मौसम का हाल सुन्दर और चुटीला है.




अभिप्राय व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.........


Dr.Shree Vijay 05-04-2014 01:24 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 

खंभे पर चढ़ गए
जब मोदी के विरोधी नेता जी :


कुछ ने कहा मोदी से डर गए,
इसीलिए नेता जी खुद खंभे पर चढ़ गए।
अरे वो तो अपनी सभा का माहौल बना रहे थे,
विरोधी का पोस्टर छुपाकर,
अपना लगा रहे थे।
कौन कहता है कि नेता जी,
मोदी से घबरा रहे थे।
जिसने देखा वो पड़ गया अचंभे में,
कांग्रेस के नेता स्वयं,
चढ़ गए खंभे पे।
इतने में बीजेपी का समर्थक आया,
उसने इन नेताजी को समझाया।
अरे भाई कहां-कहां इनका चेहरा छुपाओगे,
इनकी तो हवा है, तो क्या हवा भी नहीं खाओगे।
पर कांग्रेस के नेता जी नहीं माने,
लगे वो तो अपना पोस्टर चिपकाने।
बीजेपी समर्थक बोला ,
ऐसा करने किधर-किधर जाओगे।
खंभे पर से उतर जाओ,
नहीं तो भाई गिर जाओगे..!!! :.........





साभार :.........



Dr.Shree Vijay 05-04-2014 01:38 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 


कुमार बकवास की नई कविता :

कोई बंटी समझता है, कोई बबली समझता है। मगर कुर्सी की बैचेनी को, बस "कजरी" समझता है।

मैं कुर्सी से दूर कैसा हूं, मुझसे कुर्सी दूर कैसी है ! फकत मोदी समझता है या मेरा दिल समझता है !!

सत्ता एक अहसासों की पावन सी कहानी है ! कभी मोदी दीवाना था कभी कजरी दीवाना है !

यहां सब लोग कहते हैं कजरी सत्ता पिपासु है। अगर तुम समझो तो ढोंगी है जो ना समझो तो साधू है।

समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता ! ये बंगला और ये गाड़ी, मैं इसको खो नहीं सकता !!

मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले ! जो मोदी का न हो पाया, वो मेरा हो नहीं सकता !!

भ्रमर कोई अगर कुर्सी पर जा बैठा तो हंगामा! हमारे दिल में सत्ता का जो ख्वाब आ जाए तो हंगामा!!

अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा कुर्सी का! मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा! :.........





साभार :.........



Dr.Shree Vijay 05-04-2014 07:32 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 


चिरागे जिन्न :

एक बार केजरीवाल को रास्ते में एक चिराग मिला, तो उन्होंने सोचा कि, "क्यों ना चिराग रगड़ कर देखूं शायद इसमें से कोई जिन्न ही निकल आए"।

यह सोच कर केजरीवाल ने चिराग रगड़ा, तो उसमे से धुंए के साथ एक जिन्न निकल कर आया और केजरीवाल से बोला।

जिन्न: क्या आदेश है मेरे आका?

केजरीवाल: मेरे बैंक खाते में 100 करोड़ रूपए जमा करा दो पर किसी को पता न चले।

जिन्न: यह तो थोड़ा मुश्किल काम है आका कोई और हुकुम करें।

केजरीवाल: तो ठीक है मेरे घर से लेकर अमेरिका तक सीधी सड़क बना दो।

जिन्न: आका यह काम भी थोड़ा नामुमकिन सा है कोई और आदेश करें?

जिन्न की बात सुन कर केजरीवाल ने ठंडी सी आह भरते हुए कहा, "अच्छा चलो कम से कम इस चुनाव में मुझे जितवाकर प्रधानमंत्री तो बना दो"।

केजरीवाल की बात सुन कर जिन्न तपाक से बोला, "आका अमेरिका तक सड़क सिंगल लेन बनानी है या डबल लेन"? :.........





साभार :.........



rajnish manga 05-04-2014 08:35 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 
Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 479057)

खंभे पर चढ़ गए
जब मोदी के विरोधी नेता जी :


कुछ ने कहा मोदी से डर गए,
इसीलिए नेता जी खुद खंभे पर चढ़ गए।

Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 479059)

कुमार बकवास की नई कविता :
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले ! जो मोदी का न हो पाया, वो मेरा हो नहीं सकता !!

Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 479093)
चिरागे जिन्न :
जिन्न की बात सुन कर केजरीवाल ने ठंडी सी आह भरते हुए कहा, "अच्छा चलो कम से कम इस चुनाव में मुझे जितवाकर प्रधानमंत्री तो बना दो"।

केजरीवाल की बात सुन कर जिन्न तपाक से बोला, "आका अमेरिका तक सड़क सिंगल लेन बनानी है या डबल लेन"? :.........


हास्य-व्यंग्य की इन रचनाओं के लिये बहुत बहुत धन्यवाद, मित्र.

Dr.Shree Vijay 09-04-2014 03:25 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 


बहुत ईमानदार हैं न :

केजरीवाल इतने ईमानदार हैं कि कोई औरत उनसे ये नहीं पूछती, क्या मैं 'मोटी दिख रही हूं'।

केजरीवाल इतने ईमानदार हैं कि अगर वो पार्टी भी करते हैं तो ठीक दस बजे पुलिस वालों को बुला लेते हैं।

केजरीवाल अपने कोलगेट में खुद नमक का टेस्ट करते हैं, क्यों? क्योंकि वे बहुत ईमानदार हैं न।

क्योंकि वो कभी यू ट्यूब के ऐड 'स्किप' नहीं करते हैं।

क्योंकि वो हमेशा अपनी पेनड्राइव 'सेफली' रिमूव करते हैं।

अरे केजरीवाल तो इतने ईमानदार हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी के भाई को जूता चुराई की रस्म में गिरफ्तार करवा दिया था।

केजरीवाल अपनी मैगी सिर्फ 2 मिनट ही पकाते हैं। क्योंकि... क्योंकि वो बहुत ईमानदार हैं न!!

केजरीवाल जब ROFL लिखते हैं तो वो सच में जमीन में लोटने लगते हैं क्योंकि “rolls on the floor laughing”।

केजरीवाल इतने ईमानदार हैं कि वो जब भी ऑनलाइन मूवी डाउनलोड करते हैं तो उसे देखने से पहले टिकट खरीदते हैं।

केजरीवाल ने यहां तक कि अपने कम्प्यूटर में भी एंटीवायरस नहीं डाला है। क्यों... क्योंकि उन्होंने सिक्योरिटी लेने से मना किया है न।

केजरीवाल इतने ईमानदार हैं कि वो कभी मैक्डोनल्ड के बर्गर के साथ एक्सट्रा सॉस भी नहीं लेते हैं।

क्यों.... अरे यार समझ जाओ न"? :.........





साभार :.........



Dr.Shree Vijay 09-04-2014 03:35 PM

Re: फिर चुनाव आया है :.........
 


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