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-   -   वाह वाह क्या बात हें :......... (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=13290)

Dr.Shree Vijay 18-06-2014 07:22 PM

वाह वाह क्या बात हें :.........
 
:laughlaugh: इसमें प्रस्तुत हें हास्यरस से भरपूर
शेरो शायरी, कविताएँ,गजलें और भी बहुत कुछ :laughlaugh:

Dr.Shree Vijay 18-06-2014 07:25 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 

नए रूप में पुराने जमाने के छंद :

अर्ज किया है :

कर्ज़ा देता मित्र को, वही मूर्ख कहलाए,
महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए...

बिना जुर्म के पिट गया, समझाया था तोय,
पंगा लेकर पुलिस से, साबुत बचा न कोय...



Dr.Shree Vijay 18-06-2014 07:28 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 

नए रूप में पुराने जमाने के छंद :

अर्ज किया है :

गुरु पुलिस दोऊ खड़े, काके लागूं पाय,
तभी पुलिस ने गुरु के, पांव दिए तुड़वाय...

पूर्ण सफलता के लिए, दो चीज़ें हों याद,
मंत्री की चमचागिरी, पुलिस का आशीर्वाद...



Dr.Shree Vijay 18-06-2014 07:29 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 

नए रूप में पुराने जमाने के छंद :

अर्ज किया है :

नेता को कहता गधा, शरम न तुझको आए,
कहीं गधा इस बात का, बुरा मान न जाए...

बूढ़ा बोला, वीर रस, मुझसे पढ़ा न जाए,
कहीं दांत का सैट ही, नीचे न गिर जाए...



Dr.Shree Vijay 18-06-2014 07:30 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 

नए रूप में पुराने जमाने के छंद :

अर्ज किया है :

हुल्लड़ खैनी खाइए, इससे खांसी होय,
फिर उस घर में रात को, चोर घुसे न कोय...

हुल्लड़ काले रंग पर, रंग चढ़े न कोय,
लक्स लगाकर कांबली, तेंदुलकर न होय...


Dr.Shree Vijay 18-06-2014 07:30 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 

नए रूप में पुराने जमाने के छंद :

अर्ज किया है :

बुरे समय को देखकर, गंजे तू क्यों रोय,
किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका होय...

दोहों को स्वीकारिये, या दीजे ठुकराय,
जैसे मुझसे बन पड़े, मैंने दिए बनाय...


rajnish manga 18-06-2014 08:44 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 
बहुत अच्छी शुरुआत. आगामी पोस्टों का इंतज़ार है. धन्यवाद.

Dr.Shree Vijay 18-06-2014 11:28 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 509897)
बहुत अच्छी शुरुआत. आगामी पोस्टों का इंतज़ार है. धन्यवाद.

:hello::hello::hello:

Dr.Shree Vijay 18-06-2014 11:30 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 

नए रूप में पुराने जमाने के छंद :

अर्ज किया है :

तुम्हारी कंजूसियों को देखकर मुंह से यही निकलता है,
तुम वो खरीदा समोसा भी खा लेते हो,
जिस पर कॉकरोच चलता है।
अपनी कंजूसियों पर करके घमंड तुम मुस्कुराते हो,
बचाने पेन की स्याही तुम आंसर शीट खाली छोड़ आते हो।
प्रेमिका की कमाई पर हर जगह ऐश करते हो,
अपने दोस्तों को होटलों में कैश करते हो।
कहते हो खुद को शायर और शायरी जब सुनाते हो,
दूसरों की चुराई शायरी, तुम पेश करते हो...


Dr.Shree Vijay 18-06-2014 11:31 PM

Re: वाह वाह क्या बात हें :.........
 

नए रूप में पुराने जमाने के छंद :

अर्ज किया है :

खुद को कर कंजूस इतना
की हर एसएमएस भेजने से पहले,
सर्विस सेंटर वाले कॉल करके खुद पूछें
सर जी आर यू श्योर? भेजना है कि सेंडिंग फेल कर दूं...



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