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-   -   हमारी शेर "ओ" शायरी (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1040)

munneraja 29-10-2010 08:14 PM

हमारी शेर "ओ" शायरी
 
तुम्ही बताओ प्यार तुमसे कैसे करें
दिल के हर कोने में तुम ही तुम हो
फिर दूसरा एहसास वहाँ पैदा कैसे करें
कत्ले आम मचा रखा है तुम्हारे एहसास ने
थोडी सी जगह खाली कर दो तो प्यार तुम से करें

Hamsafar+ 29-10-2010 08:42 PM

वो पैकर-ए-बहार थे जिधर से वो गुज़र गये
ख़िज़ाँ-नसीब रास्ते भी सज गये सँवर गये

ये बात होश की नहीं ये रंग बेख़ुदी का है
मैं कुछ जवाब दे गया वो कुछ सवाल कर गये

मेरी नज़र का ज़ौक़ भी शरीक़-ए-हुस्न हो गया
वो और भी सँवर गये वो और भी निखर गये

हमें तो शौक़-ए-जुस्तजू में होश ही नहीं रहा
सुना है वो तो बारहा क़रीब से गुज़र गये

Sikandar_Khan 29-10-2010 09:14 PM

वाह वाह वाह ..........

munneraja 30-10-2010 09:52 AM

Quote:

Originally Posted by sikandar (Post 6980)
वाह वाह वाह ..........

अनुज
माना कि आप एक अच्छे श्रोता हैं
लेकिन आप भूल क्यों जाते हैं कि आप एक अच्छे वक्ता भी हैं
इस वाह वाह के अलावा कुछ और गाकर बोलिए

khalid 30-10-2010 10:19 AM

इश्क और दोस्ती मेरी जिन्दगी का गुमान हैँ
इश्क मेरी रुह दोस्ती मेरा इमान हैँ
इश्क पे कर दुँ फिदा अपनी सारी जिन्दगी
मगर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान हैँ

ABHAY 30-10-2010 10:24 AM

हा हा क्या लिखा है लगता है धोती को अभी अभी पानी में गोता है और खुद रगे सियार की तरह बोला है इरसाद इरसाद , क्या हाल है इरसाद !

Hamsafar+ 30-10-2010 10:25 AM


चिट्ठी है वतन से चिट्ठी आयी है
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनों को याद ..
वतन की मिट्टी आई है, चिट्ठी आई है ...

ऊपर मेरा नाम लिखा हैं, अंदर ये पैगाम लिखा हैं ...
ओ परदेस को जाने वाले, लौट के फिर ना आने वाले
सात समुंदर पार गया तू, हमको ज़िंदा मार गया तू
खून के रिश्ते तोड़ गया तू, आँख में आँसू छोड़ गया तू
कम खाते हैं कम सोते हैं, बहुत ज़्यादा हम रोते हैं,
चिट्ठी ...

सूनी हो गईं शहर की गलियाँ, कांटे बन गईं बाग की कलियाँ ...
कहते हैं सावन के झूले, भूल गया तू हम नहीं भूले
तेरे बिन जब आई दीवाली, दीप नहीं दिल जले हैं खाली
तेरे बिन जब आई होली, पिचकारी से छूटी गोली
पीपल सूना पनघट सूना घर शमशान का बना नमूना...
फ़सल कटी आई बैसाखी, तेरा आना रह गया बाकी, चिट्ठी ...

पहले जब तू ख़त लिखता था कागज़ में चेहरा दिखता था...
बंद हुआ ये मेल भी अब तो, खतम हुआ ये खेल भी अब तो
डोली में जब बैठी बहना, रस्ता देख रहे थे नैना ...
मैं तो बाप हूँ मेरा क्या है, तेरी माँ का हाल बुरा है
तेरी बीवी करती है सेवा, सूरत से लगती हैं बेवा
तूने पैसा बहुत कमाया, इस पैसे ने देश छुड़ाया
पंछी पिंजरा तोड़ के आजा, देश पराया छोड़ के आजा
आजा उमर बहुत है छोटी, अपने घर में भी हैं रोटी,
चिट्ठी ...

Sikandar_Khan 30-10-2010 10:36 AM

कुछ राज हैँ
जो हम बता नही पाते
कुछ आंसू है
जो हम छुपा नही पाते
एक हम बदनसीब हैँ
चो आपको याद तक नही
और एक आप खुशनसीब है जिन्हे हम भूला नही पाते .

Hamsafar+ 30-10-2010 11:08 AM

एक वादा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं
वरना इन तारों भरी रातों में क्या होता नहीं

जी में आता है उलट दें उनके चेहरे से नक़ाब
हौसला करते हैं लेकिन हौसला होता नहीं

शम्मा जिसकी आबरू पर जान दे दे झूम कर
वो पतंगा जल तो जाता है फ़ना होता नहीं

एक मुद्दत से रह-ओ-रस्म-ए-नज़ारा बन्द है
अब तो उनका तूर पर भी सामना होता नहीं

TIGERLOVE 31-10-2010 09:14 PM

वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ,
ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ.
दोस्त नहीं बदलता वक़्त के साथ,
बस वक़्त बदल जाता है दोस्तों के साथ.


सभी मित्रो को मेरा नमस्कार !!


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