मुड़ वापस आण का वादा तू कद भगत निभावेगा ,
मुड़ वापस आण का वादा तू कद भगत निभावेगा ,
गोरयां तै तू आज़ाद कराग्या कुण अपनेयाँ तै छुड्वावेगा ! भगतसिंह तेरी कुर्बानी तै तो देश नै आज़ादी पाई थी या गोरी सेना खदेड़ खदेड़ नै देश तै कै बाहर भगाई थी इस राजनीती मंह तै इन रिश्वतखोरां नै कौन भगावेगा ! मेहनत काश करके मेहनत न रोटी दो जून जुटा पाया इन रिश्वत खोरां और बेईमानां नै यो देश लूट लूट कै खाया नुए जान मिले खान नै तो बता कुण करके मेहनत खावेगा ! भगत सिंह तन्ने मरती बरिया याहे कसम उठाई थी रह तेरी मई इस हमने नै भी आँख बिछाई थी मुड़ वापस आण की कसम तू भगत सिंह इब किस दिन तू निभावेगा ! कह '' नामदेव ''इब काम चाले कोणी आना तै तन्ने जरुर पड़ेगा तेरे बिना भगत सिंह इन बेईमान के आगे कुण अड़ेगा तेरे बिना इस भोली जनता नै बता लड़ना कुण सिखावेगा ! writer ................. sombir naamdev v.p.o. daya disst hissar haryana mob. no. 9321083377 https://fbcdn-sphotos-e-a.akamaihd.n...75888901_n.jpg |
Re: मुड़ वापस आण का वादा तू कद भगत निभावेगा ,
:bravo::bravo:
बहुत ही सुन्दर लिखा है | |
Re: मुड़ वापस आण का वादा तू कद भगत निभावेगा ,
sikander ji aapka bahoot bahoot dhanyavaad
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