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-   -   उमर ख़य्याम की रुबाइयाँ (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=16867)

rajnish manga 30-09-2016 10:33 PM

उमर ख़य्याम की रुबाइयाँ
 
उमर ख़य्याम की रुबाइयाँ
एक रुबाई का अनुवाद


हाथों की लकीरों में किस्मत, जब आ कर सब लिख जायेगी
फिर उसके बाद न दया याचना, न हुशियारी ही काम आयेगी
तहरीर जो किस्मत ने लिख दी, उसमें बदलाव असंभव है
फिर बाढ़ आँसुओं की आ कर, लफ्ज़ एक नहीं धो न पायेगी



(रजनीश मंगा)


soni pushpa 03-11-2016 12:49 AM

Re: उमर ख़य्याम की रुबाइयाँ
 
उमर ख़य्याम जी की रुबाइयों का अनुवाद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद भाई.
कितनी सटीक बात कही है इन पक्तियों में सच कहा है विधि के विधान को कोई नहीं टाल सकता

हाथों की लकीरों में किस्मत, जब आ कर सब लिख जायेगी
फिर उसके बाद न दया याचना, न हुशियारी ही काम आयेगी
तहरीर जो किस्मत ने लिख दी, उसमें बदलाव असंभव है
फिर बाढ़ आँसुओं की आ कर, लफ्ज़ एक नहीं धो न पायेगी

rajnish manga 03-11-2016 03:31 PM

Re: उमर ख़य्याम की रुबाइयाँ
 
Quote:

Originally Posted by soni pushpa (Post 559772)
उमर ख़य्याम जी की रुबाइयों का अनुवाद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद भाई.
कितनी सटीक बात कही है इन पक्तियों में सच कहा है विधि के विधान को कोई नहीं टाल सकता

यह बात सही है कि उमर ख़य्याम की रुबाइयों में जीवन के विविध रूप तथा बहुत गहरी सच्चाइयाँ पढ़ने को मिलती हैं. यही कारण है कि इतनी शताब्दियों के बाद भी संसार भर में इन्हें पढ़ने वालों की कोई कमीं नहीं है. आपका धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.



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