My Hindi Forum

My Hindi Forum (http://myhindiforum.com/index.php)
-   Music & Songs (http://myhindiforum.com/forumdisplay.php?f=14)
-   -   ज़िन्दगी ... . (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=7171)

bindujain 02-05-2013 03:22 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
ज़िन्दगी क्या ह
कुछ लफ्ज़ ऐसे होते हैं
जिन्हें बयाँ कर पाना
उनके बारे में कुछ
कह पाना
बेहद मुश्किल होता है
मसलन एक लफ्ज़ है
ज़िन्दगी!!

ज़िन्दगी
लम्हों और एहसासों के बीच का
एक अजीबोगरीब रिश्ता है
अमीक रब्त है उनका
जैसे हर लम्हा अलग है
एक दूसरे से
वैसे ही
हर एक एहसास जुदा जुदा है
एक दूसरे से
कभी जब सोचता हूँ
कि कितना कुछ लिखा है
मैंने इस ज़िन्दगी के बारे में
तो हर बार लगता है
अभी कितना कुछ है लिखने को
बहुत कुछ बाकी है अभी
जिसे सोचा तक नहीं
अभी देखा ही कहाँ ज़िन्दगी को
ठीक से.

ज़िन्दगी एक ख्याल है.
ख़्वाब है.
अनसुलझी पहेली या अधूरी रह गयी
जरूरत
जज्बात, मौसिकी या एक खूबसूरत ग़ज़ल?
यादों की हरी डालियों पर
बातों की कोमल पत्तियाँ है ज़िन्दगी
आसूँओं की बरसात में
धुली उन पत्तियों की लताफत है ज़िन्दगी
वक़्त की रफ़्तार से
तेज़ है ज़िन्दगी
नाज़ुक कभी चट्टान है ज़िन्दगी
दरिया के पानी की तरह मगरूर है
ज़िन्दगी
खुदा की सनक है
इंसानी दुआ है ज़िन्दगी
जहां समझा शुरुआत है
वहीँ ख़त्म मिली है ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
तू ही बता
क्या है
ज़िन्दगी!!

bindujain 02-05-2013 04:27 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
अच्छे विचार : बुरे विचार

http://indizen.files.wordpress.com/2...pg?w=199&h=300
“मुझे कोई मार्ग नहीं सूझ रहा है. मैं हर समय उन चीज़ों के बारे में सोचता रहता हूँ जिनका निषेध किया गया है. मेरे मन में उन वस्तुओं को प्राप्त करने की इच्छा होती रहती है जो वर्जित हैं. मैं उन कार्यों को करने की योजनायें बनाते रहता हूँ जिन्हें करना मेरे हित में नहीं होगा. मैं क्या करूं?” – शिष्य ने गुरु से उद्विग्नतापूर्वक पूछा.

गुरु ने शिष्य को पास ही गमले में लगे एक पौधे को देखने के लिए कहा और पूछा कि वह क्या है. शिष्य के पास उत्तर नहीं था.

“यह बैलाडोना का विषैला पौधा है. यदि तुम इसकी पत्तियों को खा लो तो तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी. लेकिन इसे देखने मात्र से यह तुम्हारा कुछ अहित नहीं कर सकता. उसी प्रकार, अधोगति को ले जाने वाले विचार तुम्हें तब तक हानि नहीं पहुंचा सकते जब तक तुम उनमें वास्तविक रूप से प्रवृत्त न हो जाओ”.

bindujain 02-05-2013 05:35 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
क्या भरोसा है इस ज़िन्दगी का

"दो बातन को भूल मत, जो चाहे कल्याण ।
नारायण एक मौत को, दूजो श्री भगवान ॥"


क्या भरोसा है इस ज़िन्दगी का, साथ देती नहीं ये किसी का ।
सांस रुक जाएगी चलते-चलते, शम्मा बुझ जाएगी जलते-जलते ॥

चार दिन की मिली जिंदगानी तुझे, चार दिन में ही करनी मुलाकात है ।
राख़ बनकर के एक दिन तो उड़ जायेंगे, उससे पहले ही प्रभु से मिलना तो है ॥
क्या भरोसा है इस ज़िन्दगी का...................

कोई तेरा नहीं सब है धोखा यहाँ, काहे जीवन को पल-पल गवांता है तू ।
राम को भूल बैठे हैं जिनके लिए, चार दिन में ही तुझको जला आयेंगे ॥
क्या भरोसा है इस ज़िन्दगी का...................

ले के कंधे पे तुझको चले जायेंगे, तेरे अपने ही तुझको जला आएंगे ।
चार दिन के मुसाफिर तू सो क्यों रहा, अब तो कर ले मोहब्बत मेरे राम से ॥
क्या भरोसा है इस ज़िन्दगी का...................

तुलसी मीरा के जैसे तो हम हैं नहीं, शबरी की जैसी भक्ति भी हममे नहीं ।
फिर भी तेरे ही बच्चे हैं हम रामजी, हमको अपनी शरण मैं ले लो रामजी ॥
क्या भरोसा है इस ज़िन्दगी का..................

bindujain 02-05-2013 05:38 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
ज़िन्दगी


http://2.bp.blogspot.com/_Nk6YCRmqxK...nd-in-hand.JPG


ये ज़िन्दगी रेत की तरह होती है
जब तक इसे खुले हाथों में रक्खो तब तक ये तुम्हारी है
पर अगर इसे मुट्ठी में बंद करना चाहो
तो ये उँगलियों के बीच से फिसल जाती है
यही ज़िन्दगी है:

bindujain 02-05-2013 06:01 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
'ज़िन्दगी'


http://3.bp.blogspot.com/-thFk1GGb95...@yahoo.com.jpg


लोग कहते है कि
ज़िन्दगी ज़हर होती है!
कुछ लोग कहते है
ज़िन्दगी कि कहर होती है!!
पर मुझे तो लगता है
कि तड़पती रहे जो
हमेशा किनारों के लिए
ज़िन्दगी वो लहर होती है!!!

jai_bhardwaj 03-05-2013 07:36 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
Quote:

Originally Posted by bindujain (Post 271390)
'ज़िन्दगी'


http://3.bp.blogspot.com/-thfk1ggb95...@yahoo.com.jpg


लोग कहते है कि
ज़िन्दगी ज़हर होती है!
कुछ लोग कहते है
ज़िन्दगी कि कहर होती है!!
पर मुझे तो लगता है
कि तड़पती रहे जो
हमेशा किनारों के लिए
ज़िन्दगी वो लहर होती है!
!!

पर मुझे तो लगता है
कि तड़पती रहे जो
हमेशा किनारों के लिए
ज़िन्दगी वो लहर होती है!

जद्दोजहद भरी ज़िन्दगी की एक शानदार परिभाषा .......आभार बन्धु .....

rafik 23-05-2014 02:51 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
Quote:

Originally Posted by bindujain (Post 271387)
ज़िन्दगी


http://2.bp.blogspot.com/_nk6ycrmqxk...nd-in-hand.jpg


ये ज़िन्दगी रेत की तरह होती है
जब तक इसे खुले हाथों में रक्खो तब तक ये तुम्हारी है
पर अगर इसे मुट्ठी में बंद करना चाहो
तो ये उँगलियों के बीच से फिसल जाती है
यही ज़िन्दगी है:

बड़े काम का हें जीवन ,यदि जीवन में काम करे

rafik 26-06-2014 09:58 AM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
सुनहरे ख्वाब जो दिखाए जिंदगी ने,
है उसका क्या भरोसा साथ कब तलक निभाएगी !!


है किये जिंदगी ने वादे बहुत,

मौत का वादा है पक्का एक दिन जरुर आएगी !!

bindujain 02-07-2014 10:25 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
http://media.santabanta.com/images/p...hindi-3231.jpg

bindujain 02-07-2014 10:28 PM

Re: ज़िन्दगी ... .
 
http://4.bp.blogspot.com/_VD9tZkRYrQ...eity+Zinta.jpg

Life is much shorter than I imagined it to be.
In Hindi :जितना मैंने सोचा था , ज़िन्दगी उससे कहीं छोटी है.

Abraham Cahan अब्राहम कहन



All times are GMT +5. The time now is 02:46 PM.

Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.