Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
दोनों के संवाद आगे बढते है। बसंत अपना नाम राजा बताता है। मासुम और भोला भाला ईन्सान बन के मीठी बातों से कामना को मनाने की कोशिश करता रहता है। अपने दोस्त से कह कर उसने एक अलग टेक्सी ले जिस से वह रोज कामना को मिल सके।
(एसी ही परिस्थिती फिल्म गजनी में दिखाई दी, जहां एक बिझनस मेन एक सीदी-सादी लडकी के लिए सीदासादा ईन्सान बन जाता है।) राजा बने हुए बसंत को उमीद थी के वह किसी तरह कामना के मन में खुद के प्रति प्रेम प्रस्थापित कर ले उस के बाद अपने धनवान होने का रहस्य कामना को बताएगा तो वह अधिक खुश होगी। लेकिन यहां कहानी में एक ओर रोचक मोड सामने आता है! |
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
बसंत को बातोंबातों में पता चलता है की कामना को धनवानों से नफरत है! भला एसी भी कोई लडकी हो सकती है? थोडे समय बाद ईसका कारण भी सामने आता है की किस तरह पैसों की वजह से कामना के मां-बाप अलग हो गए। किस प्रकार पैसों के लिए उस की मां ने उसे छोड़ कर किसी अमीर आदमी के साथ चली गई वगैरह। ईसी कारण से उसके पिता भी गुजर गए और उनके गरीब दोस्त ने कामना को अपनी बच्ची बना कर अपना लिया।
http://oi66.tinypic.com/2cn8i6q.jpg http://oi63.tinypic.com/2ibj2iv.jpg |
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
http://file2.answcdn.com/answ-cld/im...x00me3uwoq.jpg
कामना को अब पैसे और पैसेवालों से नफरत हो चूकी थी। ड्राईवर बना बसंत अब बड़ी उलझन में फंस गया था। लेकिन उसका प्रेम ईतनी हद तक बढ चुका था की वह कामना के लिए सब कुछ छोड कर ड्राईवर बना रहता! |
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
ईस बीच बसंत बिझनस भी चालु रखता है। क्लब के एक मेम्बर ने उसे देख भी लिया था...ड्राईवर के स्वांग मेंं!
|
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
http://s2.favim.com/orig/33/beautifu...com-261816.jpg
ईस उलझनों मैं...कामना की सहेली कहानी मे साक्षात भगवान बन कर आती है। वह कभी कभी कामना के साथ टेक्सी में आती थी। उस की चंचलता के कारण बसंत को लगता है की कामना भी बसंत के बारे में सोच रही है। अब बसंत के मन में कुछ उम्मीद जगती है। |
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
http://www.iserbia.rs/slike/window-heart.jpg
बसंत दो-चार बार टेक्सी खराब होने का बहाना निकाल कर रास्ते में रुक जाता था। जहां उसे बातो का ओर समय मिल जाता था। एक महिने बाद कामना का पैर ठीक हो गया था। उस दिन लोटते वक्त कहा की उसे टेक्सी की जरुरत नहीं है। बसंत उसे दुसरे रास्ते कहीं ओर ले गया, कामना उसे रोकती रही लेकिन वह नहीं रुका। जब किसी जगह वह बात करने को रुका तब कामना ने कोई बात नहीं की बस रोती रही। तब बसंत अपने प्रेम का इज़हार करता है और कहता है की अगर वह ड्राईवर है क्या ईस लिय कामना उसे नहीं स्वीकार कर सकती? वापस लौटते समय दोनों चुप थे, कामना शायद कुछ सोच रही थी। अगले दिन स्कुल में छुट्टी थी। बसंत ने उसको पुछा के क्या वह कल मिलने आएगी? तब कामना "हां" कह कर उतर जाती है! बसंत के जीवन में सच में बसंत खिल गई थी! |
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
पहली मुलाकात सपने की तरह हुई। दोनों एसी ही सडकों पर घुमते रहे। एसे ही एक -दो बार दोनों घुमते रहे। एक बार भुख लगने पर बसंत ने किसी होटल या रेस्टोरंंट मे जाना चाहा। लेकिन कामना उसे एक ढाबे पर ले गई जहां बसंत को दाल-रोटी खानी पडी। सोचिए कोई अरबोंपति प्यार के लिए ढाबे पर बैठे रोटी तोड रहा है! लेकिन बसंत बहुत खुश था। उसे लगता था की किसी तरह वह कामना के दिल से अमीरों के प्रति घृणा निकाल देगा।
http://oi63.tinypic.com/fooeic.jpg |
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
लेकिन हुआ ईसका ठीक उल्टा। एक कामना के पालक पिता जो किसी फेक्टरी में काम करते थे वे फेक्टरी के एक गंभीर अकस्मात में गुजर जाते है। कामना पर मुसीबत का पहाड टुट पडता है। पालक मां, छोटे भाई की जिम्मेदारी उस पर आ पडी।
https://s-media-cache-ak0.pinimg.com...575d742c31.jpg मुसीबतों के ओर कई पहाड कामना पर तुटने वाले थे....और बसंत का बेपनाह प्रेम और धन भी उसे रोक नहीं सकते थे। |
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
थोडे ही दिनों के बाद कामना की सहेली उसे जबरन एक बिझनस एक्जीबीशन में ले जाती है। वहां उन्हें बसंत दिख जाता है। बसंत जो सुट बुट में सज्ज फर्राटेदार अंग्रेजी में अपने क्लायन्ट्स को अपने बिझनस के बारे में स्पीच दे रहा था।
http://footage.framepool.com/shotimg...nchen-riem.jpg यहां कामना का दिल मानों किसी ने नीचोड़ दिया हो एसा दुःख हुआ। लेकिन अब बसंत के पास ओर कोई चारा नहीं था। वह अंजान बनने का नाटक करते हुए बोलता रहा। कामना तैश में आ कर उस से कुछ बोलने गई, लेकिन वसंत बडे शान्दार अभिनय से उसे किसी अन्जान की तरह ही बात करता रहा। उस ने कहा की शायद वह उसके भाई राजा की बात कर रही है । कामना को पहले तो यकीन न हुआ। लेकिन उनके पास भी ओर कोई रास्ता न था। एक्जीबीशन के बाहर ही उन्हें राजा यानी की बसंत ड्राईवर के स्वांग में मिल गया। वहां कामना और उसकी सहेली ने उसे ईसका कारण पुछा....कि क्युं उसने अपने ईतने अमीर भाई के बारे में बताया नहीं। राजा यानी की बसंत ने खुद्दारी, अनबन वगैरह का बहाना निकाल कर उन्हें समजा दिया। कामना अब खुश थी के राजा भी उसकी ही तरह पैसे से नफरत करता है। |
Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
http://www.independent.ie/incoming/a...S/h342/Val.jpg
क्लब में आई नई मेम्बर मिसिज. सहग्ल ईन दिनों चर्चा में थी। अपने तीसरे पति की वे तीसरी पत्नी थी! उनकी मित्रता बसंत से थी। पैसो की अहमीयत के विषय में दोनो की चर्चा हुई तो बसंत ने कहा की सभी के लिए पैसे ईतने मायने नहीं रखते। लेकिन मिसिज सहगल की सोच ठीक विपरीत थी। उन्ही ने बसंत को कामना के साथ ड्राईवर बने घुमते देख लिया था। |
All times are GMT +5. The time now is 08:51 PM. |
Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.