निर्मल बाबा : कमजोर मानसिकता की देन
दोस्तों हमारा देश संतों महात्माओ का देश है ,
और हम संतो ऋषि यों की परंपरा के कारण ही आज हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाए हुये है , इस संत परंपरा को हमें ख़तम नहीं होने देना है .राष्ट्र के विकास के लिए उच्च कोटि के संतों का होना बहूत जरूरी है ,हमारी इसी मानसिकता और और कमजोरी का फायदा उठा कर कोई हमें पाखंड और अंध विश्वाश में धकेले ऐसा हम सहन नहीं करेंगे , निर्मल बाबा जैसे संत हमारी ही कमजोर मानसिकता की देन है ऋषियों के प्रति हमारे सम्मान को देखकर कोई पाखंडी उसका नाजायज फायदा उठाये ये हम सहन नहीं करेंगे , ऐसे ही एक पाखंडी संत निर्मल बाबा ने हमारी भावनाओ के साथ खिलवाड़ किया है ये निर्मल बाबा जैसे संत हमारी ही मानसिकता की देंन हैं क्युकी हम संतो की धरती पर बसे है इसलिए संतो का सम्मान करते है लेकिन पाखंडी संतो को बढ़ावा देने से हमारे ही भविष्य को खतरा है , दोस्तों संतों के अच्छे विचारों का स्वागत कीजिये और पाखंडियों से बचिए . एक संत को भला धन की क्या जरुरत है/वो लोग आपसे पैसे लेकर क्या करेंगे , धन उनके किसी काम का नहीं लेकिन पाखंडी धन लेकर क्या करेंगे आश्रम बना देंगे धरमशाला भी बना देंगे लेकिन उसमे रहेंगे कौन ? बाबा के चेले या उसके अनुयायी क्या कभी किसी बाबा के आश्रम में गरीबों और फुटपाथ पर सोने वाले गरीबों को जगह दी गयी ? क्या किसी बाबा ने रोड पर रोटी रोटी को तरस रहे गरीब भिखारियों की तरफ देखा ? तो भाइयो ऐसे बाबा ओ का घर भरने से क्या फायदा क्यों न खुद जाकर रोड पर बैठे भिखारी को कम्बल दे दीजिये कम से कम वो बेचारा तो ठण्ड से बचेगा . या गरीब बच्चों को खाना खिला दो अगर आपके पास ज्यादा धन है तो एक .दो गरीब बच्चों की पढाई का खर्चा उठा लीजिये उनका कल्याण होगा ही साथ ही आपके मन को संतुस्ति मिलेगी आध्यात्मिक शांति मिलेगी, आपको अपने इस काम से इतनी संतुस्ति मिलेगी जो इन ढोंगियों को पैसे देने पर कभी नहीं मिली होगी |
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बिलकुल सही बात कही है. मित्र.
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गली गली में शोर है निर्मल बाबा चोर है.
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Re: निर्मल बाबा : कमजोर मानसिकता की देन
mujhe तो इन सब के पीछे सबसे बड़ा कारन जो नजर आता है वो है हमारी रातो रात kadod pati banane की chahat
हम chahte hain की हम subah jab so kar uthe हमारी aalmariya noto se bhari ho aur wo हमारी मेहनत से नही bhagwaan dwara ho |
Re: निर्मल बाबा : कमजोर मानसिकता की देन
वैसे एक बात तो तय है, अब निर्मल बाबा की दूकान बंद हो चुकी है.
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बेशक इसके पीछे लोगों के रातों रात करोड़ पति बनाने चाहत है,. लेकिन बाबा किसी क्या को करोड़ पति बनाएगा वो सबसे पहले अपना घर भरेगा , उसके बाद जो बचेगा उससे अपने चेलों को पलेगा जिनके दम पर कम रहा है , रही लोगो उसके पास जाने की तो कुछ कारण आपने बता ही दिया है , और ये की लोग दुखों को लेकर उनके पास जाते है , लेकिन ये उनकी माज्बूरी का फायदा उठाते है , और भोले भले मासूमों को सपने दिखाकर ठगते हैं ; |
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जो उसने लोगों को लूट लूट कर अपनी दुकान में जमा कर लिया है , इतनी सम्पति तो वो जोड़ ही चूका की बैठकर आराम से खा सके, अपने कानून का तो आपको पता ही की वो बाबा क्या सजा दे सकता . क्यूँकी सारे सबूत मिलने के बाद भी सरकार कस्साब की जमाई की भांति खातिर कर रही , बाबा तो फिर भी बाबा है बोलिए निर्मल बाबा की .................................................. ................ |
Re: निर्मल बाबा : कमजोर मानसिकता की देन
ऐसे लोँगोँ का होना कोई नई बात नही है । विश्व के इतिहास मे हर जगह हर धर्म मे ऐसे लोग मौजूद रहे हैँ । बस इनका रुप बदलता रहा है । कल पुजारियोँ , महतोँ , साधुओँ के नाम से मौजूद थे , आज गुरुओँ बाबाओ के नाम से मौजूद हैँ और कल किसी और नाम से मौजूद रहेँगेँ ।
भला कोई बताए कि एक पूंजीपति की तरह आन बान और शान मे रहने वाला योगी कैसे हो सकता है ? योगी तो किसान है जो मिहनत से फसल उपजाता है , मजदूर है जो पसीने से उत्पादन करता है । आज जो मोडर्न होने का दावा हम करतेँ हैँ वो कितना खोखला है इस बात से पता चलता है । वास्तव मेँ हमने कभी भूख और दरिद्रता को समझा ही नही । जिसने समझा है वो इन बाबाओँ के पास नहीँ जाते, या कहेँ तो जा ही नही सकते । हमारा पेट भरा है , फिर भी भूख नही मिटती ...संतोष नही है ... हमेँ और चाहिए ... चाहे जैसे भी ...इसिलिए इन बाबाओँ की दुकानो मेँ शोर्टकर्ट का रास्ता जानने के लिए जातेँ हैँ । कुछ लोग ऐसे भी हैँ जो गलती से डाक्टरोँ , वैधोँ से हारकर इनकी दुकान मेँ जातेँ हैँ और चमत्कार की आशा रखतेँ हैँ तब जबकि वो बाबा भी जानता है कि वह चमत्कार नही कर सकता , पर दुकान तो चलानी है न ! लेकिन फिर भी दाद देता हूँ ऐसे लोगोँ पर कि लोगोँ को बेवकूफ बनाकर इतना धन इकठ्ठा कर लेना कोई साधारण बात नही है । ये ठीक उस तरह है जैसे दाऊद इब्राहिम जैसे इंसान का मामूली स्लम एरिया से निकलकर एक अन्डरवर्ल्ड डोन बनना । |
Re: निर्मल बाबा : कमजोर मानसिकता की देन
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