My Hindi Forum

My Hindi Forum (http://myhindiforum.com/index.php)
-   Music & Songs (http://myhindiforum.com/forumdisplay.php?f=14)
-   -   पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=10950)

dipu 24-10-2013 04:05 PM

पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbna..._manna_dey.jpg

बेंगलुरु. महान पार्श्*व गायक मन्*ना डे का यहां के हेब्*बल में गुरुवार को अंतिम संस्*कार कर दिया गया। इससे पहले बेंगलुरु के कल्*चरल सेंटर में उनका शव रखा गया था, जहां पर उनके प्रशंसकों ने उन्*हें श्रद्धंजलि दी। मन्*ना डे के निधन पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से लेकर गुजरात के मुख्*यमंत्री नरेंद्र मोदी तक सभी ने दुख जताया है, लेकिन उनके अंतिम संस्*कार में कोई हस्*ती नहीं पहुंची। बॉलीवुड के सितारे तो सिर्फ ट्विटर पर ही श्रद्धांजलि देने में लगे रहे। हालांकि, दुख की बात यह रही कि बॉलीवुड की कोई भी हस्*ती उनके अंतिम संस्*कार में नहीं पहुंची। दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजे गए मन्ना डे 94 वर्ष के थे।

वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। फेफड़े में सक्रमण से जूझ रहे मन्*ना डे ने गुरुवार तड़के करीब चार बजे बेंगलुरू के अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह चार महीने से वह अस्*पताल में भर्ती थे। मन्*ना डे अंतिम समय में न केवल बीमारी से कष्*ट झेल रहे थे बल्कि घर में पैसे और प्रॉपर्टी को लेकर चल रही कलह से भी बेहद परेशान थे।

मन्*ना डे की बेटी और दामाद ने उनके एक रिश्तेदार पर आरोप लगाया था कि इलाज के नाम पर उसने बैंक से पैसा निकालकर अपनी पत्नी के नाम कर दिए। मन्ना डे कोलकाता में कुछ जमीन भी छोड़ गए हैं और कुछ महीने पहले तक मात्र बारह लाख रुपए उनके बैंक में जमा थे। मन्ना डे समझते रहे कि ‘ऐ भाई जरा देखके चलो, ये सर्कस है शो तीन घंटे का'। मन्ना डे कभी दुनियादार नहीं रहे, इसीलिए इतने गुणवान होकर भी उन्होंने बहुत धन जमा नहीं किया।

Dr.Shree Vijay 24-10-2013 06:32 PM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 


आदरणीय श्री मन्नादा को फोरम के सभी मित्रों की तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित हें..............



dipu 24-10-2013 08:38 PM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
Quote:

Originally Posted by Dr.Shree Vijay (Post 402288)


आदरणीय श्री मन्नादा को फोरम के सभी मित्रों की तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित हें..............



:hello::hello:

Dark Saint Alaick 26-10-2013 11:39 AM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
पत्नी के लिए गीत रिकॉर्ड करने की मन्ना डे की थी आखिरी ख्वाहिश

मशहूर गायक मन्ना डे की आखिरी ख्वाहिश थी कि वह अपनी दिवंगत पत्नी सुलोचना की याद में एक भावुक प्रेम गीत रिकॉर्ड करे। उनके करीबी सहयोगी सुपर्णा कांति घोष ने बताया, ‘‘वह आखिरी सांस तक गाना चाहते थे। लंबे समय से चल रहे अपने खराब खराब स्वास्थ्य के बावजूद वह फिर से गायकी शुरू करने के लिए उत्सुक थे। उनकी आखिरी ख्वाहिश अपनी पत्नी के लिए एक गीत रिकार्ड करने की थी ।’’ डे ने इस साल अपनी पत्नी की याद में चार रवीन्द्र संगीत रिकॉर्ड करने का निर्णय किया था। घोष ने बताया कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किये जाने के बाद, वह अपना स्वास्थ्य ठीक होने का इंतजार कर रहे थे ताकि वह गीत रिकॉर्र्ड कर सकें। लेकिन बेंगलूर में आज लंबी बीमारी के बाद उनके निधन के साथ ही दुर्भाग्य से उनकी अंतिम ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। खुद एक संगीतकार और गायक घोष ने कहा ‘‘काश र्ईश्वर उनकी अंतिम इच्छा पूरी कर देते। वह केवल एक प्रेमी के रूप में अपनी दिवंगत पत्नी को श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते थे।’’ वर्ष 1953 में शादी करने वाले डे की पत्नी का पिछले साल जनवरी में कैंसर के कारण निधन हो गया था। तब से वह अकेले रह रहे थे।

Dark Saint Alaick 26-10-2013 11:40 AM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
पहलवान प्रबोध चंद्र डे से मन्ना डे बनने का सफर

कालेज के दिनों में राज्य स्तरीय उदयीमान पहलवान प्रबोध चंद्र डे भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था... और वे देश के सर्वश्रेष्ठ गायक बने। मन्नाडे ने विद्यासागर कालेज में पढाई करते हुए गोबोर बाबू से कुश्ती का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अखिल बंगाल कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचे। डे ने अपनी आत्मकथा ‘मेमोरिज कम एलाइव’ में लिखा, ‘‘ उस समय मेरी एक ही आंकाक्षा थी कि फाइनल में जीत दर्ज करना और भारत का सर्वश्रेष्ठ पहलवान बनना। पूरी बचपन और किशोरावस्था में संगीत से कन्नी काटने के बाद मेरी इच्छा कुश्ती में चैम्पियन पहलवान बनने की थी। लेकिन युवावस्था में प्रवेश करने और वयस्क बनने के साथ संगीत मेरे जीवन और आत्मा पर छा गया।’’ आंखों की रौशनी कम होने के साथ कुश्ती के क्षेत्र में आगे बढने की उनकी आकांक्षा प्रभावित हुई। जब उन्होंने चश्मा पहन कर कुश्ती लड़ना चाहा तब कई दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा। ऐसे ही एक कुश्ती मैच में उनका चश्मा टूट गया और कांच का एक छोटा सा टुकड़ा आंख के नीचे धंस गया। तभी वह कुश्ती से पीछे हट गए और खेल को छोड़ दिया। उन्हें ऐहसास हो गया था कि उनके लिए सही अर्थो में संगीत ही है। डे ने कहा, ‘‘ यह ज्यादा लम्बा नहीं खींचा। मुझे खेल और संगीत में से एक को चुनना था। मैंने संगीत को चुना।’’ उनके चाचा और संगीतकार कृष्ण चंद्र डे ने संगीत की शिक्षा और प्रशिक्षण देना शुरू किया और मन्ना डे नाम उन्हीं का दिया हुआ है। उन्होंने मन्ना डे को 1942 में फिल्म ‘तमन्ना’ से बालीवुड में प्रवेश दिलाया। मन्नाडे ने हिन्दी, बंगाली समेत कई भाषाओं में 3500 से अधिक गाने गाये। उन्हें दो बार सर्वश्रेष्ठ गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार, पद्मभूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया।

Dark Saint Alaick 26-10-2013 11:40 AM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
मन्ना डे एक गाना गाकर मलयाली लोगों के दिल पर छा गए

मशहूर गायक मन्ना डे 1964 में मलयाली फिल्म ‘चेम्मेन’ में एक गाना गाकर मलयाली लोगों के दिल पर छा गए । संगीतकार सलील चौधरी के ‘मनासे मायने वारू...’ को मन्ना ने आवाज दी थी और यह सर्वकालिक लोकप्रिय गानों में एक है । फिल्म समीक्षकों के मुताबिक मन्ना डे ने एक गाना गाकर जो लोकप्रियता हासिल की वह अतुलनीय है ।

Dark Saint Alaick 26-10-2013 11:41 AM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
मन्ना डे की पहचान बन चुकी टोपी एक कश्मीरी शख्स ने तोहफे में दी थी

कश्मीरी फर लगी भूरे रंग की जो टोपी प्रख्यात गायक मन्ना डे की पहचान बन चुकी थी, वह कश्मीर घाटी में आयोजित एक संगीत कार्यक्रम के दौरान उन्हें उस वक्त दी गयी थी जब वह ठंड से ठिठुर रहे थे । डे ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, ‘‘यह दिसंबर का महीना था और मैं एक संगीत कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कश्मीर गया था । उस वक्त वहां ठंड तो थी ही, बर्फबारी भी हो रही थी ।’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘जब मैं मंच पर ठंड से कांप रहा था तो मेरे मन में ख्याल आ रहा था कि मैं किस तरह गाने गाउंगा । मुझे अहसास हो चला था कि ठंड के कारण मैं अपने सुर और तान को लयबद्ध नहीं कर पाउंगा ।’’ जब डे यह सोच ही रहे थे कि तभी उनका एक मुरीद मंच पर आया और उसने बड़ी गर्मजोशी से उन्हें टोपी की पेशकश की । डे ने अपने इस मुरीद के तोहफे को कबूल कर लिया । ‘किंग आॅफ मेलोडी’ के नाम से भी मशहूर डे ने आगे लिखा, ‘‘उस पेशकश ने मुझे बड़ी राहत दी । मैं फिर से आत्मविश्वास से भर गया और दर्शकों ने मेरी प्रस्तुति का खासा लुत्फ उठाया ।’’ इस घटना के बाद से फर की टोपी डे की पहचान बन गयी ।

Dark Saint Alaick 26-10-2013 11:42 AM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
लता मंगेशकर ने मन्ना डे के जज्बे को सलाम किया

मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने मन्ना डे को याद करते हुए कहा कि वह उनकी प्रतिबद्धता एवं जज्बे को सलाम करती हैं । दोनों ने ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’, ‘चुनरी संभाल गोरी उड़ी चली’, ‘ये रात भीगी भीगी’, ‘आजा सनम मधुर चांदनी में’ सहित कई गाने साथ-साथ गाए हैं । डे के निधन के बाद मंगेशकर ने ट्विटर पर उन्हें याद करते हुए कहा, ‘‘महान गायक मन्ना डे साहब आज हमारे बीच नहीं हैं जिन्हें हम मन्ना दा बुलाते थे । वह काफी सुंदर एवं सहज व्यक्तित्व वाले थे । मैं उनको सलाम करती हूं और प्रार्थना करती हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले ।’’ महान गायक के साथ अपनी पहली रिकॉर्डिंग को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मुझे याद है मैंने अनिल बिश्वास के शास्त्रीय गीत को 1947 या 1948 में उनके साथ गाया था । तब पहली बार हमने साथ काम किया था ।’’ मंगेशकर (84) की डे के साथ ‘‘श्री 420’’ का गाना ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ काफी मशहूर रोमांटिक गाना है जिसे राजकपूर और नरगिस पर बारिश की रात में एक छाता के नीचे फिल्माया गया था । सांस एवं गुर्दे की समस्या से पीड़ित डे पिछले पांच महीने से इलाज करा रहे थे और आज सुबह तीन बजकर 50 मिनट पर बेंगलूर में उनका निधन हो गया । वह 94 वर्ष के थे ।

Dark Saint Alaick 26-10-2013 11:43 AM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
बॉलीवुड ने ‘संगीत जगत के दिग्गज’ मन्ना डे को दी श्रद्धांजलि

हिंदी फिल्म संगीत उद्योग और बॉलीवुड की शख्सियतों ने आज ‘सुनहरे दौर की अंतिम आवाज’ और ‘संगीत जगत के दिग्गज’ के रूप में मशहूर पार्श्व गायक मन्ना डे को याद किया, जिन्होंने रोमांटिक गीतों और विभिन्न तरह के गीतों से कई पीढियों को मंत्रमुग्ध किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी गायक को श्रद्धांजलि देते हुए तबलावादक जाकिर हुसैन ने ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘‘बॉलीवुड के सुनहरे दौरे की अंतिम शानदार आवाज ने विदा ली । मन्ना डे की कमी खलेगी और हमेशा याद आएंगे।’’ डे के साथ कई बार प्रस्तुति देने वाली गायिका उषा उत्थुप ने भी इस महान गायक को याद किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दुखी हूं लेकिन खुशी भी है कि कुछ दिनों से जिस दर्द से वो गुजर रहे थे उससे उन्हें राहत मिल गयी। भले ही उन्हें मुक्ति मिल गयी हो लेकिन हम सबके लिए यह अविश्वसनीय और सदमा है है...मोहम्मद रफी, किशोर कुमार थे लेकिन वह अपनी तरह के अकेले थे। मैंने उनके साथ कई अनोखी प्रस्तुतियां दी और यह सीखने वाला भी रहा। वह बहुमुखी प्रतिभा के गायक थे।’’ गायिका सुनिधी चौहान, गायक कैलाश खेर, अभिनेता अमिताभ बच्चन और गीतकार जावेद अख्तर ने भी गायक के निधन पर शोक प्रकट किया। अख्तर को उनके साथ काम करने का मौका नहीं मिला और उनका कहना है कि वह उन्हें एक व्यक्ति से ज्यादा एक आवाज से जानते थे। अख्तर ने कहा, ‘‘जब मैंने गाना लिखने की शुरूआत की तब तक वह सेवानिवृत्त हो चुके थे। मैं कई बार उनसे मिला लेकिन यह दावा नहीं कर सकता कि मैं उन्हें जानता था। दूसरों की तरह मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। भले ही वह कई साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके थे लेकिन आज उनके निधन के बारे में जानकर झटका लगा। शास्त्रीय संगीत पर उनका अदभुत नियंत्रण था।’’ सुनिधी चौहान ने कहा, ‘‘मन्ना डे के निधन से मुझे आघात पहुंचा है।’’ विशाल डडलानी ने कहा, ‘‘दुनिया एक अंधेरी जगह है....हमेशा जगमगाने वाले संगीत क्षेत्र की महान ज्योति ने हमसे विदा ली। मन्ना डे साहब की आत्मा को शांति मिले।’’ कैलाश खेर ने पोस्ट किया, ‘‘दिग्गज मन्ना डे नहीं रहे और संगीत व फिल्मों को उनका योगदान अद्वितीय है।’’ फिल्म संगीत के अलावा डे ने दिवंगत हरिवंश राय बच्चन रचित ‘मधुशाला’ को भी अपनी आवाज दी। श्रद्धांजलि देते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘‘संगीत क्षेत्र के दिग्गज मन्ना डे नहीं रहे। उनके गाने और कई यादें आ रही है। खासकर मधुशाला की उनकी प्रस्तुति। मन्ना डे की आत्मा को शांति मिले...उनके परिजनों के लिए संवेदना। अदभुत है कि किस तरह हमने अपनी जिंदगी को उनके गानों से जोड़ा।’’ फिल्मकार कुणाल कोहली ने कहा, ‘‘महान गायक किशोर, रफी और मुकेश के साथ अंतिम महान गायह मन्ना डे गुजर गए। ‘एक चतुर...’ से ‘ऐ मेरे प्यारे वतन’ क्या विविधता है।’’ मनोज वाजपेयी ने पोस्ट किया, ‘‘मन्ना डे नहीं रहे। महान गायक...आइये उनके लिए प्रार्थना करें। परिजनों के लिए मेरी संवेदना। 1000 साल तक उनका संगीत जिंदा रहेगा।’’

Dark Saint Alaick 26-10-2013 11:46 AM

Re: पंचतत्व में विलीन हुए मन्ना de
 
भारत ने एक सृजनात्मक प्रतिभा खो दी : मन्ना डे के निधन पर प्रणब

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रख्यात गायक मन्ना डे के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके जाने से देश ने एक ‘सृजनात्मक प्रतिभा’ खो दी है, जिनकी गायकी का अंदाज अनूठा था । मन्नाडे की पुत्री शुमिता देब को भेजे गए शोक संदेश में प्रणब ने कहा, ‘‘मन्ना डे के निधन से देश ने प्रख्यात पार्श्व गायक, असाधारण प्रतिभा संपन्न बहुमुखी कलाकार और सृजनात्मक व्यक्तित्व खो दिया है, जिन्होंने अपनी जादुई आवाज से श्रोताओं को सम्मोहित किया।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘बहुमुखी प्रतिभा के धनी गायक की गायन शैली को सदैव याद रखा जाएगा । अनेक भाषाओं में गाए गए उनके मधुर गीत, जो वह हमारे लिए छोड़ गए हैं, सदैव संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करते रहेंगे ।’’


All times are GMT +5. The time now is 10:43 PM.

Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.