!!पहेली बूझो तो ... !!
आई दोस्तों पहेलियों को बुझने का सिलसिला सुरु करें ...
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शानदार आईडिया.. |
चार अक्षर का मेरा नाम,
टिमटिम तारे बनाना काम, शादी, उत्सव या त्योहार, सब जलाएँ बार-बार। |
तीन पैर की चंपा रानी,
शाम-सवेरे नहाय, चावल-दाल को छोड़कर, कच्ची रोटी खाय। |
सुबह-सुबह ही आता हूँ,
दुनिया की खबर सुनाता हूँ, बिन मेरे उदास हो जाते, सबका प्यारा रहता हूँ। |
पैर नहीं हैं,
पर चलती रहती, दोनों हाथों से अपना मुंह पोंछती रहती। |
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दोस्तों क्या हुआ, सभी गायब हो गए, क्या जादा मुश्किल है !
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