ग़ज़ल- मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए
ग़ज़ल- मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए
■■■■■■■■■■■■■■■■■■ मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए शेर जम जाये तो ताली भी बजाते रहिए आँख से हो के ही जाता है दिलों का रस्ता दिल में आने के लिए आँख लड़ाते रहिए बाल नुच जायें तो नुच जायें सभी सिर के मगर यूँ ही सड़कों पे सदा इश्क़ लुटाते रहिए याद उसकी मुझे बेचैन बहुत करती है जबतलक होश न खो जाये पिलाते रहिए आपको भी कहा जायेगा, बड़ा शायर है एक ही नज़्म को हर बार सुनाते रहिए चैन से जीना है 'आकाश' अगर घर में तो पाँव घरवाली के हर रोज़ दबाते रहिए ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- 04/04/2024 ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 ________________________ वज़्न- 2122 1122 1122 22/112 |
All times are GMT +5. The time now is 02:12 AM. |
Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.