सौरभ-भक्ति-मंजरी
इसमें अपने कुछ भक्तिमय काव्य लिखूँगा, जिसमें गीत का आधिक्य होगा।
***************************** सूचना:- रचनाएँ किसी को अच्छी लगे या न लगे इसकी मुझे कोई चिन्ता नहीं है। झूठी प्रशंसा की कोई आवश्यकता नहीं है। व्यर्थ की टिप्पणी न करें। ***************************** |
Re: सौरभ-भक्ति-मंजरी
सबसे पहले आराध्य प्रभु श्री राम जी की वन्दना-
***************************** तुरीण शर सुशोभित धनुधारक अधम शठ विश्रवा सूत संघारक तुलसीकृत चरितमानस नायक सर्वक्लेषहर्ता अमित सुखदायक कौसल्या अरु दशरथ के नन्दन संत, देव जिनका करते वन्दन जनक-सूता-कन्त जगत विधाता भरत, शत्रुघन, लक्ष्मण के भ्राता हे सकल जगत के पालनहारी शिव के भक्त विष्णु के अवतारी पवनपुत्र हनु, विभीषण के प्यारे शबरी गौतम तीया को तारे काला जल ज्यों कालिन्दी तरणी मनमोहक छवि, तुम श्यामल वर्णी अवध नरेश अतुलित बल के धाम नर में उत्तम मर्यादा श्रीराम करबद्ध शीशनत और निष्काम सुरेश 'सौरभ' का तुम्हें प्रणाम! ***************************** सुरेश कुमार 'सौरभ' ***************************** |
Re: सौरभ-भक्ति-मंजरी
Quote:
|
Re: 1Ò41Ô41Ñ61Ñ3-1Ñ31Î91Ô51Ð41Ó1-1Ñ41Í01Ï61Ñ61Ó2
काव्य-सौरभ की तरह लगता है इसमें भी करना पङेगा। इस सूत्र में बिना टिप्पणी के सिर्फ रचना रहेगी और उसी हर रचना के लिए एक अलग सूत्र रहेगा, जिसमें टिप्पणियाँ और विचार लिये जायेंगे।
|
All times are GMT +5. The time now is 11:30 AM. |
Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.