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-   -   अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें........... (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=9601)

Dr.Shree Vijay 20-08-2013 09:13 PM

अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
सभी मित्रों को समर्पित मेरा दूसरा सूत्र....................

Dr.Shree Vijay 20-08-2013 09:15 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
सभी मित्रों से नम्र निवेदन हें की इस में बढ़ चढ़ हिस्सा ले............

Dr.Shree Vijay 20-08-2013 09:17 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा.............

rajnish manga 20-08-2013 10:03 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 351952)
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा.............



वफ़ा की बात से तुम क्यों संभल के बैठ गये
तुम्हारी बात नहीं बात है ज़माने की

Dr.Shree Vijay 20-08-2013 10:07 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 351989)
वफ़ा की बात से तुम क्यों संभल के बैठ गये
तुम्हारी बात नहीं बात है ज़माने की


कसमे वादे निभाएंगे हम मिलते रहेंगे जनम जनम,
देखा मैंने तुझ को तो मुझे ऐसा लगा,
बरसों का सोया हुआ, प्यार मेरा जागा,
तू है दिया, मैं हूँ बाती, आजा मेरे जीवन साथी,
कसमे वादे निभाएंगे हम मिलते रहेंगे जनम जनम.....................

rajnish manga 20-08-2013 10:16 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 351990)



कसमे वादे निभाएंगे हम मिलते रहेंगे जनम जनम,
देखा मैंने तुझ को तो मुझे ऐसा लगा,
बरसों का सोया हुआ, प्यार मेरा जागा,
तू है दिया, मैं हूँ बाती, आजा मेरे जीवन साथी,
कसमे वादे निभाएंगे हम मिलते रहेंगे जनम जनम



मेरी भीगी हुई पलकों ने सदायें दी थीं
दिल धड़कने की वो आवाज़ न सुनते कैसे

Dr.Shree Vijay 20-08-2013 10:20 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 351991)
मेरी भीगी हुई पलकों ने सदायें दी थीं
दिल धड़कने की वो आवाज़ न सुनते कैसे





शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं,
नसीब मैं नहीं था जो, हमको मिला नहीं............

rajnish manga 20-08-2013 10:38 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
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Originally Posted by dr.shree vijay (Post 351992)


शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं,
नसीब मैं नहीं था जो, हमको मिला नहीं............



हरेक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो के ये अंदाज़े गुफ्तगू क्या है

Dr.Shree Vijay 21-08-2013 12:28 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
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Originally Posted by rajnish manga (Post 352006)
हरेक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो के ये अंदाज़े गुफ्तगू क्या है







हम तुम से जुदा होके मर जायेंगे रो रो के.
मर जायेंगे रो रो के ..मर जायेंगे रो रो के.............

rajnish manga 21-08-2013 10:58 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 352275)


हम तुम से जुदा होके मर जायेंगे रो रो के.
मर जायेंगे रो रो के ..मर जायेंगे रो रो के.............




किसने कहा था राह से हट कर सफ़र करो
हमने खुद अपने पाँव में कांटे चुभो लिये :hello:

Dr.Shree Vijay 21-08-2013 11:10 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 352924)
किसने कहा था राह से हट कर सफ़र करो
हमने खुद अपने पाँव में कांटे चुभो लिये :hello:




ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं हम क्या करें
तसब्बुर मैं कोई बसता नहीं हम क्या करें
तुम्ही कह दो अब ऐ जान-ए- वफ़ा हम क्या करें
लुटे दिल मैं दिया जलता नहीं हम क्या करें
तुम्ही कह दो अब ऐ जान-ए-अदा हम क्या करें...........:bravo:

rajnish manga 22-08-2013 12:00 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
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Originally Posted by dr.shree vijay (Post 352938)


ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं हम क्या करें
तसब्बुर मैं कोई बसता नहीं हम क्या करें
तुम्ही कह दो अब ऐ जान-ए- वफ़ा हम क्या करें
लुटे दिल मैं दिया जलता नहीं हम क्या करें
तुम्ही कह दो अब ऐ जान-ए-अदा हम क्या करें...........:bravo:



रुदादे-ग़में उल्फत उनसे, हम क्या कहते क्योंकर कहते
इक हर्फ़ न निकला होठों से, और आँख में आंसू आ भी गये
इस महफिले- ऐशो-इशरत में, इस अंजुमने-इरफानी में
सब जाम बकब बैठे ही रहे हम पी भी गये छलका भी गये

Dr.Shree Vijay 22-08-2013 11:59 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
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Originally Posted by rajnish manga (Post 353005)
रुदादे-ग़में उल्फत उनसे, हम क्या कहते क्योंकर कहते
इक हर्फ़ न निकला होठों से, और आँख में आंसू आ भी गये
इस महफिले- ऐशो-इशरत में, इस अंजुमने-इरफानी में
सब जाम बकब बैठे ही रहे हम पी भी गये छलका भी गये






ये जो मोहब्बत है उनका है काम महबूब का बस लेते हुए नाम
मर जाएँ मिट जाए हो जाएँ रे बदनाम
रहने को छोडो भी जाने दो यार हम ना करेंगे प्यार ...प्यार ...प्यार.................

rajnish manga 22-08-2013 02:17 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
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Originally Posted by dr.shree vijay (Post 353231)

ये जो मोहब्बत है उनका है काम महबूब का बस लेते हुए नाम
मर जाएँ मिट जाए हो जाएँ रे बदनाम
रहने को छोडो भी जाने दो यार हम ना करेंगे प्यार ...प्यार ...प्यार



राम राम रटते रहो, जब लग घट में प्राण.
कभी तो दीन दयाल के भनक पड़ेगी कान.

Dr.Shree Vijay 22-08-2013 08:48 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
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Originally Posted by rajnish manga (Post 353239)
राम राम रटते रहो, जब लग घट में प्राण.
कभी तो दीन दयाल के भनक पड़ेगी कान.

ना कजरे की धार,ना मोतियों का हार.....
ना कोई किया श्रृंगार,फिर भी कितनी सुन्दर हो.............

internetpremi 22-08-2013 09:04 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by Dr.Shree Vijay (Post 353598)
ना कजरे की धार,ना मोतियों का हार.....
ना कोई किया श्रृंगार,फिर भी कितनी सुन्दर हो.............

होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा

rajnish manga 22-08-2013 09:14 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
दो से भले तीन, स्वागत है, मित्र / कुछ लोग और आएंगे तो कारवाँ बन जाएगा:

अब अन्ताक्षरी:

गज़ब किया तेरे वादे पे ऐतराज़ किया
तमाम रात क़यामत का इंतज़ार किया

Dr.Shree Vijay 22-08-2013 09:15 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 



गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा में तो गया मारा आ के यहाँ रे आके यंहा रे....................

rajnish manga 22-08-2013 10:02 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 353620)
दो से भले तीन, स्वागत है, मित्र / कुछ लोग और आएंगे तो कारवाँ बन जाएगा:

अब अन्ताक्षरी:

गज़ब किया तेरे वादे पे ऐतराज़ किया
तमाम रात क़यामत का इंतज़ार किया

Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 353622)

गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा
में तो गया मारा
आ के यहाँ रे
आके यंहा रे....................

रात बाकी थी जब वो बिछड़े थे
कट गई उम्र, रात बाकी है

Dr.Shree Vijay 22-08-2013 10:04 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 353831)
रात बाकी थी जब वो बिछड़े थे
कट गई उम्र, रात बाकी है



हम तो तेरे आशिक है सदियों पुराने
चाहे तू माने, चाहे ना माने.................

rajnish manga 22-08-2013 10:07 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 353843)

हम तो तेरे आशिक है सदियों पुराने
चाहे तू माने, चाहे ना माने.................


न हरम में न सकूं मिलता है बुतखाने में
चैन मिलता है तो साक़ी तेरे मयखाने में

Dr.Shree Vijay 22-08-2013 10:13 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 353845)
न हरम में न सकूं मिलता है बुतखाने में
चैन मिलता है तो साक़ी तेरे मयखाने में



मुझे तमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक
दीवाना मुझे बनाओ ना दीवानगी की हद तक
ऐ सनम मुझसे पूछो कितनी चाहत हुई है
मुझे तुमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक....................

rajnish manga 22-08-2013 11:22 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 353858)
मुझे तमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक
दीवाना मुझे बनाओ ना दीवानगी की हद तक
ऐ सनम मुझसे पूछो कितनी चाहत हुई है
मुझे तुमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक

कमर बांधे हुये चलने को यां सब यार बैठे हैं
बहुत आगे गये बाकी जो हैं तैयार बैठे हैं


bindujain 23-08-2013 04:52 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
रोचक ,मनोरंजक सूत्र है

bindujain 23-08-2013 04:58 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 354039)
कमर बांधे हुये चलने को यां सब यार बैठे हैं
बहुत आगे गये बाकी जो हैं तैयार बैठे हैं

हंसी जिस ने खोजी वो धन ले के लौटा
ख़ुशी जिस ने खोजी चमन ले के लौटा
मगर प्यार को खोजने जो गया वो
न तन ले के लौटा न मन ले के लौटा

rajnish manga 23-08-2013 09:34 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by bindujain (Post 354044)

हंसी जिस ने खोजी वो धन ले के लौटा
ख़ुशी जिस ने खोजी चमन ले के लौटा
मगर प्यार को खोजने जो गया वो
न तन ले के लौटा न मन ले के लौटा

टूटते है जब ये तारे, देख लेता है जहां
टूटता है दिल तो कोई देखने वाला नहीं

aspundir 23-08-2013 04:48 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 354143)
टूटते है जब ये तारे, देख लेता है जहां
टूटता है दिल तो कोई देखने वाला नहीं

है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ ।
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ ।

dipu 23-08-2013 07:02 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by aspundir (Post 354227)
है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ ।
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ ।

HUM THE JINKE SAHARE
WO HUYE NAA HAMRE
TUTI JAB DIL KI NAIYA
SAAMNE THE KINAARE


:thinking:

jai_bhardwaj 23-08-2013 07:17 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by dipu (Post 354266)
hum the jinke sahare
wo huye naa hamre
tuti jab dil ki naiya
saamne the kinaare


:thinking:

रसके भरे तोरे नैन सांवरिया
तड़पत हूँ दिन रैन सांवरिया

rajnish manga 23-08-2013 07:33 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by dipu (Post 354266)


hum the jinke sahare
wo huye naa hamre
tuti jab dil ki naiya
saamne the kinaare



एक कतरे की भला थी क्या बिसात
जब मिला दरिया में दरिया हो गया
तेरे आने से हुई रोशन हयात
तेरे जाने से अँधेरा हो गया

aspundir 24-08-2013 12:00 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 354275)
एक कतरे की भला थी क्या बिसात
जब मिला दरिया में दरिया हो गया
तेरे आने से हुई रोशन हयात
तेरे जाने से अँधेरा हो गया

यारी है मेरी ईमान मेरा यार मेरी ज़िन्दगी
यार हो बन्दो से ये
यार हो बन्दो से ये सबसे बड़ी है बंदगी

internetpremi 24-08-2013 09:52 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
गीत गाता हूँ मैं
गुनगुनाता हूँ मैं
मैं ने हँसने का वादा किया था कभी
इसलिये अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं


rajnish manga 24-08-2013 10:51 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by internetpremi (Post 354930)


गीत गाता हूँ मैं
गुनगुनाता हूँ मैं
मैं ने हँसने का वादा किया था कभी
इसलिये अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं


मैं तेरी मस्त निगाहों का भरम रख लूँगा
होश आया भी तो कह दूंगा मुझे होश नहीं

Dr.Shree Vijay 26-08-2013 06:58 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 354975)
मैं तेरी मस्त निगाहों का भरम रख लूँगा
होश आया भी तो कह दूंगा मुझे होश नहीं





हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते,
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना....................

internetpremi 26-08-2013 08:20 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे

Dr.Shree Vijay 26-08-2013 08:29 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by internetpremi (Post 357927)
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे




ठुमक चलत रामचंद्र, ठुमक चलत रामचंद्र
बाजे पेंजनिया,बाजे पेंजनिया.........................

internetpremi 26-08-2013 08:37 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
याद आ रही है, तेरी याद आ रही है

Dr.Shree Vijay 26-08-2013 08:40 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by internetpremi (Post 357949)
याद आ रही है, तेरी याद आ रही है





हम तुम्हे चाहते हे ऐसे मरने वाला कोई
मरने वाला कोई जिंदगी चाहता हो जैसे...................

rajnish manga 26-08-2013 08:47 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by dr.shree vijay (Post 357964)

हम तुम्हे चाहते हे ऐसे मरने वाला कोई
मरने वाला कोई जिंदगी चाहता हो जैसे

सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूं
सिर्फ इक बार नज़रों से नजरें मिलीं
और कसम टूट जाये तो मैं क्या करूं

Dr.Shree Vijay 26-08-2013 09:06 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 357975)
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूं
सिर्फ इक बार नज़रों से नजरें मिलीं
और कसम टूट जाये तो मैं क्या करूं





रहा गर्दिशों में हर पर मेरे इश्क का सितारा ,
कभी डगमगाई कस्ती कभी खो गया किनारा.................


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