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rajnish manga 24-10-2013 02:03 PM

लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
(विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व हिन्दी-इंगलिश इन्टरनेट साइट्स से साभार)

जहां हम कवि, लेखक और चित्रकारों की प्रतिभा व तीव्र बुद्घि से अत्यंत प्रभावित होते हैं, वहां उनमें कुछ स्वभावगत विचित्रताएं भी होती हैं। जिन्हें आप चाहें तो उनका सनकीपन कह लीजिए, चाहे अत्यधिक ज्ञान का उन्माद, किंतु ये हैं बड़ी मनोरंजक। कहा जाता है कि बड़े बड़े लेखक लिखने से पहले खास मूड बनाने के लिये कई प्रकार की कोशिशें करते थे. अपना मनपसंद और अनुकूल वातावरण मिलने पर वे लगातार काम कर सकते थे. तो चलिए नजर डालते हैं इनकी स्वभावगत विचित्रताओं पर,जिनको जानने के बाद आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर ये ऐसा क्यों करते थे?

rajnish manga 24-10-2013 02:05 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
बाल्जाक: दीप जले दिन रैन

प्रसिद्घ फ्रांसीसी उपन्यासकार बाल्जाक को आदत थी कि वह लिखते समय अपनी बगल में जलता दीप रखता था। यहां तक कि दोपहर के प्रखर प्रकाश में भी उनकी बगल में दीप जलता रहता। इसके अतिरिक्त पाजामा और डेंसिंग गाउन पहनकर ही उन्हें लिखने की प्रेरणा मिलती थी।
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चार्ल्ज़ डिकन्स: उत्तर दिशा की ओर सोना

प्रसिद्घ अंग्रेजी उपन्यासकार चार्ल्स डिकेंस की एक आदत पर आपको हंसी आए बिना नहीं रहेगी। वह अपने साथ हमेशा एक कम्पास (दिशासूचक यंत्र) रखते थे। उनका यह दृढ़ विश्वास था कि यदि वह उत्तर दिशा में सिर रखकर नहीं सोएंगे तो उन्हें मौत उठा ले जाएगी। वह जहां कहीं भी गए हमेशा उस कम्पास की सहायता से उत्तर की ओर सिर करके सोते रहे।

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rajnish manga 24-10-2013 02:09 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
सामरसेट मॉम: दुष्ट नेत्र का चिन्ह

सामरसेट मॉम अपने को अंधविश्वासी नहीं मानते थे किंतु फिर भी वह अपने लिखने के कागजों, पुस्तकों की जिल्दों, घर के प्रवेश द्वारों, यहां तक कि अपनी ताश के पत्तों पर भी दुष्ट नेत्र का चिन्ह अंकित करवाते थे। लिखते समय वे सदैव अपने पास एक ताबीज रखते थे ताकि दुष्ट प्रकृति वाली वस्तुओं का उनके मस्तिष्क पर प्रभाव न पड़े।
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बायरन: देखते थे अधिक डरावने सपने

विख्यात अंग्रेजी कवि बायरन सोते-सोते डरावने सपने अधिक देखते थे। उनके डर से वे सदैव अपने सिरहाने कारतूसों से भरी दो पिस्तौलें रखकर सोते थे, ताकि स्वप्न के काल्पनिक शत्रु से मुकाबला किया जा सके। कहा जाता है कि बहुत सी रातों में उनके कमरे से पिस्तौलों के चलने की आवाज भी सुनाई दी थी।

rajnish manga 24-10-2013 02:11 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
लियो टॉलस्टाय: उड़ने की सनक

रूसी लेखक लियो टॉलस्टाय को न जाने कैसे विश्वास हो गया था कि वह पक्षियों के समान हवा में उड़ सकते हैं। उनकी यह अजीब सनक यहां तक बढ़ गई कि एक दिन उन्होंने अपने दुमंजिले मकान की खिड़की से पक्षियों की भांति हाथ फड़फड़ाते हुए छलांग लगा दी और परिणामत: हाथ पैर तुड़ा बैठे।

गेटे: आत्महत्या करने को तैयार

जर्मन कवि गेटे को हमेशा यह ख्याल रहता था कि कोई शत्रु उनका पीछा कर रहा है और उन्हें ऐसा लगता था जैसे दूसरा गेटे उनसे मिलने आ रहा है। वह इस विचार से इतने भयभीत हो उठते थे कि आत्महत्या तक करने को तैयार हो जाते थे। वहीं फ्रांसिसी लेखक मोपासां को कभी-कभी यह भास होने लगता था कि वह बगल के कमरे में अकेले बैठे हैं और ज्यों ही उन्हें इस भ्रम का भास होता, त्यों ही वह बेहोश हो जाते थे।

rajnish manga 24-10-2013 02:13 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
शिलर: सड़े हुए सेब और घड़ी

जर्मन कवि शिलर अपनी मेज की दराज में सड़े हुए सेब भरे रखता था। उसका कहना था कि वह सड़ी हुई गंध उसके मस्तिष्क को जागरूक बनाए रखती है। वहीं रूसी साहित्यकार चेखव को घड़ी सामने रखकर लिखने की आदत थी। हर वाक्य की समाप्ति पर उनकी निगाह घड़ी पर होती थी।

शरतचन्द्र चटर्जी: एक ही कुर्सी

सुप्रसिद्ध बंगला उपन्यासकार शरतचन्द्र चटर्जी ने अपनी अधिकांश रचनाएं एक ही आरामकुर्सी पर बैठकर पूरी की थी।

rajnish manga 24-10-2013 02:14 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
आर्नाल्ड बैनेट: पहली कमाई

आर्नाल्ड बैनेट करीब 15 वर्ष तक सदैव अपनी जेब में शिलिंग के वे सिक्के रखे रहे जो उन्हें प्रथम लेख के पारिश्रमिक स्वरूप मिले थे।

जॉन डौन: शव पेटी विश्राम

17वीं शताब्दी के कवि तथा सेंटपाल के डीन, जॉन डौन अपने कमरे में शव वाहक संदूक रखते थे। जीवन की अनिश्चितता की याद दिलाने के लिए वह प्रतिदिन कुछ मिनटों के लिए उस संदूक में लेटा करते थे।

rajnish manga 24-10-2013 02:18 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
लियोनार्ड द विंची: सुलेख दायें से बायें

विख्यात लेखक और कलाकार लियोनार्ड द विंची के लिखे अक्षर कुछ गिने-चुने विशेषज्ञ ही पढ़ और समझ पाते थे। वह औरों की भांति बाएं से दाएं न लिखकर, दाएं से बाएं लिखते थे।

अलेक्जेंडर ड्यूमा: रंग बिरंगे कागज़

फ्रांस के प्रसिद्घ लेखक अलेक्जेंडर ड्यूमा को रंग-बिरंगे कागजों की सनक थी। वह उपन्यास नीले कागज पर, कविता पीले कागज पर और लेख गुलाबी कागज पर लिखा करते थे।

rajnish manga 24-10-2013 11:10 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
जोना स्पायरी: रेलयात्रा में लेखन

स्विटज़रलैंड निवासी लेखक जोना स्पायरी ट्रेन की गड़गड़ाहट में ही अपना लेखन कार्य करते थे. उन्हें जब भी लिखना होता वे तेज रफ़्तार वाली ट्रेन से यात्रा करते और प्रतिदिन लगभग 200 कि.मी. तक की यात्रा कर लेते थे. इस प्रकार इस लेखक ने अपने जीवन में 21 लाख 90 हजार कि.मी. की रेल यात्रा की थी.

internetpremi 24-10-2013 11:45 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
रोचक!
आपने श्री जैनेंद्र जैनजी की याद दिला दी।
उन्होंने एक विवाद खडा कर दिया था, यह कहके कि एक अच्छे लेखक को प्रेरणा के लिए एक प्रेमिका की जरूरत है।

rajnish manga 25-10-2013 05:07 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
जैनेन्द्र जी का कथन शेयर करने के लिए आपका धन्यवाद. प्रेमिका की बात तो वो जानें, लेकिन बहुत से लोगों के बारे में तो हमने पहले भी सुना था कि वे शराब, सिगरेट या काफ़ी पीते जाते थे और लिखते जाते थे.


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