भोजपुरी कविता- चुनाव नियराइल
चुनाव नियराइल
■■■■■■■■■■■■■■■■ चारू ओर लागे कि जहर बोआइल कि देखअ ना भाई चुनाव नियराइल साड़ी बाटात कहीं मुर्गा काटाला दारू के बोतल प दुनिया के हाला बूझे ना लोग बाटे पासा फेकाइल- कि देखअ ना भाई चुनाव नियराइल भाई पियक्कड़ के चम बाटे गोटी आइल चुनाव खाई बकरा के बोटी होई बेमारी त छूटी धाधाइल- कि देखअ ना भाई चुनाव नियराइल गँउवा-नगर में जे लेङा लगावे सबसे अधिक धन भाई उ पावे मार-फउदारी से सभे डेराइल- कि देखअ ना भाई चुनाव नियराइल कुर्सी जे मिली त रही ना नाता आइल चुनाव खूब ऑफर दीआता गोड़वा प माथे के पगरी धराइल- कि देखअ ना भाई चुनाव नियराइल मिलेला ऑफर कि बोलअ का चाहीं केने से बोलल जा केने से नाहीं बाटे शरीफन के बुद्धि हेराइल- कि देखअ ना भाई चुनाव नियराइल नेतन के भरेला सोना के थाली जनता त खाली बजावेला ताली जनता के देश ह जनते पेराइल- कि देखअ ना भाई चुनाव नियराइल रचना- आकाश महेशपुरी दिनांक- 05/01/2021 ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 |
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