विज्ञान प्रश्नोत्तर
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Re: विज्ञान प्रश्नोत्तर
रश्न : पृथ्वी सूर्य का चक्कर क्यूँ लगाती है?
उत्तर : गुरुत्वाकर्षण के कारण! परन्तु, जैसे पृथ्वी पर कोई वस्तु अगर हम छोड़ते हैं, तो ग्रुत्वकर्षण के कारण वो पृथ्वी की ओर आकर्षित हो जाती है, वह पृथ्वी का चक्कर तो नहीं लगाने लगती! फिर आकाशीय पिंड क्यूँ चक्कर लगाने लगते हैं? वो एक-दुसरे में क्यूँ नहीं मिल जाते? पृथ्वी क्यूँ सूर्य में विलीन नहीं हो जाती? उत्तर : पृथ्वी से कृत्रिम उपग्रह छोड़े जाते है, वह पृथ्वी का चक्कर लगाते है। यह भी गुरुत्वाकर्षण से होता है। जब हम पृथ्वी से कोई भी पिंड छोड़ते है, वह पृथ्वी की ओर वापिस आयेगा या परिक्रमा करेगा, या पृथ्वी को छोड़कर अंतरिक्ष मे जायेगा, वह उसकी गति पर निर्भर करता है। इस विशेष गति को पलायन वेग(Escape Velocity) कहते है, पृथ्वी के लिये यह 11.2 km/s है। इससे कम होने पर पिंड वापिस आयेगा, ज्यादा होने पर अंतरिक्ष मे चला जायेगा, समान होने पर परिक्रमा करेगा। यह सरल शब्दो मे है, वास्तविक प्रक्रिया थोड़ी और जटिल है। उसमे पिंड के गति की दिशा और कोण की भी गणना होती है। पृथ्वी और अन्य ग्रहों की कक्षा समय के साथ कम हो रही है, एक समय ऐसा भी आयेगा जब पृथ्वी सूर्य मे समा जायेगी। लेकिन यह और बात है कि सूर्य उसके पहले ही लाल दानव बन कर इतना बड़ा हो जायेगा कि पृथ्वी को निगल लेगा। |
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प्रश्न: फोटॉन हर समय गति क्योँ करता रहता है?
उत्तर : सभी मूलभूत कण(क्वार्क, इलेक्ट्रान, प्रोटान) गतिमान रहते हैं। प्रकृति मे स्थिरता का अभाव है। |
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प्रश्न: प्रत्येक फोटॉन एक निश्चित वेग से ही गति क्योँ करता है, जबकि एक फोटॉन दूसरे फोटॉन से कई गुना अधिक ऊर्जा का भी हो सकता है ?
उत्तर : अनमोल, वापिस उसी बिंदु पर आ गये! E=mc2 इसमे c स्थिर है, E बढ़ेगी तो m भी बढ़ेगा। ज्यादा ऊर्जा वाले कण का संवेग ज्यादा होगा। वैसे फोटान की गति पर नियंत्रण संभव है, उसे धीमा किया जा सकता है। |
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प्रश्न : अगर किसी फोटॉन को खाली अन्तरिक्ष मेँ छोड़ दिया जाये और वह भविष्य मेँ किसी दूसरे पिँड से न टकराये न ही किसी बल या ऊर्जा का उसपर प्रभाव पड़े तो क्या वह फोटॉन अनन्तकाल तक गति करता रहेगा?
उत्तर : फोटॉन अनन्त काल तक गतिमान रहेगा। न्यूटन का पहला नियम भी यही कहता है कि अगर किसी गतिमान पिँड पर बाह्य बलोँ का अभाव हो तो वह चिरकाल तक उसी वेग से गतिमान रहेगा। |
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इंटरनेट पर भारी मात्रा मेँ डाटा मौजूद है। यह डाटा संग्रहीत कहाँ होता है?
उत्तर : हर वेब साईट का अपना सर्वर होता है, डाटा उसी सर्वर पर होता है. एक सर्वर पर एक से ज्यादा साईट भी हो सकती है. कुछ कम्पनियाँ इस काम के लिए सर्वर राकहती है जिन्हें होस्टिंग कंपनी कहते है. वैसे अपने नीजी सर्वर भी रखे जा सकते है, जैसे ब्लॉग वाणी का अपना सर्वर था. |
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उसकी संग्रहण क्षमता कितनी होगी?
उत्तर : सर्वर की क्षमता होस्टिंग कंपनी पर निर्भर है, कितनी भी हो सकी है. |
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इंटरनेट का क्या कोई मालिक भी है?
उत्तर : इंटरनेट एक जाल मात्र है, जिसने इन सर्वरों को जोड़ रखा है, इसका कोई मालिक नहीं है, अलबत्ता कुछ नियामक संस्थान है जो इसके सञ्चालन के नियम तय करते है. |
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हमलोग जो इंटरनेट के पैसे सर्विस प्रदाता को देते हैँ वो पैसे कौन लेता है? (अन्त मेँ)
उत्तर : सर्विस प्रदाता ही, क्योंकि वह आपके कंप्यूटर को जाल से जोड़ता है, उसी के पैसे लेता है. |
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इंटरनेट पर साईट बनानेँ पर जो वार्षिक धन चुकाना पड़ता है तो यह धन कौन लेता है? उसे कौन अधिकार देता है ऐसा करनेँ का?
उत्तर : होस्टींग कंपनी क्योंकि आपकी साईट उसके सर्वर पर है! आपको सर्वर का किराया देना होगा! |
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