Re: गीत गाता चल
ला पिला दे साकिया पैमाना पैमाने के बाद
होश की बातें करूंगा, होश में आने के बाद दिल मेरा लेने की खातिर, मिन्नतें क्या क्या न कीं कैसे नज़रें फेर लीं, मतलब निकल जाने के बाद वक्त सारी ज़िन्दगी में, दो ही गुज़रे हैं कठिन इक तेरे आने से पहले, इक तेरे जाने के बाद सुर्ख रूह होता है इंसां, ठोकरें खाने के बाद रंग लाती है हिना, पत्थर पे पिस जाने के बाद --मुमताज़ रशिद |
Re: गीत गाता चल
सत्यम शिवम है सुन्दरतम "गीत गाता चल"
इक इक मोती सच्चा मोती "गीत गाता चल" कैसे मैं तारीफ़ करूं इन शब्दों चलचित्रों की है गीतों की माला इकलौती "गीत गाता चल" |
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भंवरा बड़ा नादान - Bhanwra Bada Naadaan (Asha Bhosle)
Movie/Album: साहब बीबी और गुलाम (1962) Music By: हेमंत कुमार Lyrics By: शकील बदायुनी Performed By: आशा भोंसले भँवरा बड़ा नादान हाय बगियन का मेहमान हाय फिर भी जाने ना, जाने ना, जाने ना कलियन की मुस्कान हाय कभी उड़ जाए, कभी मंडराए भेद जिया के खोले ना सामने आए, नैना मिलाए मुख देखे कुछ बोले ना भँवरा बड़ा नादान... अँखियों में रच के, चले बच बच के जैसे हो कोई बेगाना रहे संग दिल के, मिले नहीं मिल के बन के रहे वो अनजाना भँवरा बड़ा नादान... कोई जब रोके, कोई जब टोके गुनगुन करता भागे रे ना कुछ पूछे, ना कुछ बुझे कैसा अनाड़ी लागे रे भँवरा बड़ा नादान... |
Re: गीत गाता चल
Movie/Album: साहिब बिबी और गुलाम (1962) Music By: हेमंत कुमार Lyrics By: शकिल बदायुनी Performed By: गीता दत्त पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे के मैं तनमन की सुधबुध गवाँ बैठी हर आहट पे समझी वो आय गयो रे झट घूँघट में मुखड़ा छुपा बैठी मोरे अंगना में जब पुरवैय्या चली मोरे द्वारे की खूल गयी किवड़िया मैंने जाना के आ गये सावारियाँ मोरे झट फूलन की सजीया पे जा बैठी पिया ऐसो जिया में... मैंने सेदूर से माँग अपनी भरी रूप सैय्यां के कारण सजाया इस डर से के पी की नज़र ना लगे झट नैनन में कजरा लगा बैठी पिया ऐसो जिया में... |
Re: गीत गाता चल
Movie/Album: साहब बीबी और गुलाम (1962) Music By: हेमंत कुमार Lyrics By: शकील बदायुनी Performed By: गीता दत्त न जाओ सैय्याँ, छुड़ा के बैय्याँ कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी मचल रहा है सुहाग मेरा जो तुम ना होगे, तो क्या करूँगी ये बिखरी ज़ुल्फें, ये खिलता गजरा ये महकी चुनरी, ये मन की मदीरा ये सब तुम्हारे लिए है प्रीतम मैं आज तुम को ना जाने दूँगी, जाने ना दूँगी न जाओ सैय्याँ... मैं तुम्हारी दासी, जनम की प्यासी तुम ही हो मेरा सिंगार प्रीतम तुम्हारे रस्ते की धूल ले कर मैं मांग अपनी सदा भरूँगी, सदा भरूँगी न जाओ सैय्याँ... जो मुझसे अँखियाँ चुरा रहे हो तो मेरी इतनी अरज भी सुन लो तुम्हारे चरणों में आ गयी हूँ यहीं जिऊँगी, यहीं मरूँगी, यहीं मरूँगी न जाओ सैय्याँ... |
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बेहतरीन सूत्र............. |
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beautiful
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Movie/Album: बूँद जो बन गयी मोती (1967) Music By: सतीश भाटिया Lyrics By: भरत व्यास Performed By: मुकेश हरी हरी वसुंधरा पे नीला नीला ये गगन के जिसपे बादलों की पालकी उड़ा रहा पवन दिशायें देखो रंगभरी, चमक रही उमंगभरी ये किसने फूल फूल पे किया सिंगार है ये कौन चित्रकार है, ये कौन चित्रकार ये कौन चित्रकार है... तपस्वीयों सी हैं अटल ये पर्वतों की चोटियाँ ये सर्प सी घूमेरदार, घेरदार घाटियाँ ध्वजा से ये खड़े हुये हैं वृक्ष देवदार के गलीचे ये गुलाब के, बगीचे ये बहार के ये किस कवि की कल्पना का चमत्कार है ये कौन चित्रकार हैं... कुदरत की इस पवित्रता को तुम निहार लो इसके गुणों को अपने मन में तुम उतार लो चमका लो आज लालिमा, अपने ललाट की कण-कण से झाँकती तुम्हें, छबि विराट की अपनी तो आँख एक है, उसकी हज़ार है ये कौन चित्रकार है... |
Re: गीत गाता चल
Quote:
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Movie/Album: अदालत (1958) Music By: मदन मोहन Lyrics By: राजिंदर कृष्ण Performed By: लता मंगेशकर उनको ये शिकायत है के हम कुछ नहीं कहते अपनी तो ये आदत है के हम कुछ नहीं कहते मजबूर बहुत करता है ये दिल तो ज़ुबां को कुछ ऐसी ही हालत है के हम कुछ नहीं कहते उनको ये शिकायत है... कहने को बहुत कुछ था अगर कहने पे आते दुनिया की इनायत है के हम कुछ नहीं कहते उनको ये शिकायत है... कुछ कहने पे तूफान उठा लेती है दुनिया अब इसपे कयामत है के हम कुछ नहीं कहते उनको ये शिकायत है... |
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