My Hindi Forum

My Hindi Forum (http://myhindiforum.com/index.php)
-   Debates (http://myhindiforum.com/forumdisplay.php?f=29)
-   -   MyHindiForum की बेडियाँ! (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2316)

jitendragarg 30-03-2011 01:04 AM

MyHindiForum की बेडियाँ!
 
भाइयों, जैसा की आप पहले भी सुन और देख चुके है, की कुछ नियामक पड़ छोड़ कर और ये फोरम छोड़ कर चले गए, जैसे अक्ष जी, गुना जी आदि! लगता है, अब समय आ गया है, मैं भी फोरम छोड़ दूं! जानता हूँ, अचानक से खबर सुनकर धक्का जरूर लगेगा आप लोगो को! इसलिए पुराने किस्सों के बारे में, और प्रबंधन सदस्यों के मतभेद के बारे में बताना चाहूँगा.

फोरम जैसे की आप जानते है, की मेरे और अभिषेक जी के दिमाग की उपज थी, पर सम्पूर्ण धनराशि उनकी ही जेब से निकली थी. मेरे पास था तो सिर्फ नया जोश, थोडा सा अनुभव, और हिंदी के प्रति प्रेम. पर आप लोगो ने ये बात हमेशा ही गौर की होगी, की फोरम पर हमेशा से ही अभिषेक जी की ही चलती आई है! मैं तो सारे अधिकार भी नहीं रखता हूँ, अधिकतर कामों के लिए मुझे अभिषेक को ही बोलना पड़ता है! ऐसे में कई बार हमारी इस बात पर बहस होती रहती है, और हर बार मैं एक दो दिन के लिए गुस्सा होकर चला जाता हूँ.! पर हर बार, मैं चुप चाप फोरम पर वापिस आप लोगो से जुड़ने आ जाता हूँ! लेकिन इस तरह अपने आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाना मुझे अच्छा नहीं लगता!

पुराने नियामकों को हटाने के पीछे भी यही कारण था, की वो मेरे सुझाये हुए हर नए तरीके को मान रहे थे, और अभिषेक अपने आप को प्रबंधन से हटा हुआ महसूस कर रहे थे! इसलिए प्रबंधन का निर्माण नए सिरे से किया गया था. लेकिन वो समस्या का हल नहीं है! इसलिए इस हफ्ते मैं अभिषेक से मिलकर इस बारे में काफी चर्चा किया. मैं सिर्फ इतना सुझाव दिया की लोगो से अभिसय्स.कॉम का नाम हटा दिया जाये, क्यूंकि वो अभिषेक का खुद का ब्लॉग है. और इस तरह से मेरे द्वारा किये गए सारे कार्य कहीं नज़र ही नहीं आते. मैं अन्य प्रबंधन के सदस्यों के बराबर ही अहमियत रखता हूँ.

आप लोग ही बताइए, ये कहाँ तक सही है, की अभिषेक ने शुरुआत में पैसा खर्चा कर अपने आप को इस फोरम का इकलौता मालिक बना लिया है. अब मेरे कहने पर की मैं बराबर काम किया हूँ, और पैसा भी आधा आधा बाँट रहा हूँ, तो इस फोरम को एक अलग साईट का दर्जा मिलना चाहिए न की अभिषेक की साईट का एक हिस्सा बने रहने देना चाहिए! इस बात पर प्रबंधन के सदस्यों से भी राय ली हम लोगों ने, लेकिन कुछ नए कारणों से सभी प्रबंधन सदस्य आपस में बंट गए है!

मैं पिछले जून से ये ही सब देख रहा हूँ, और मुझे लगता है, की फोरम आज इस स्तर पर है, की मैं भी अपना नाम फोरम के लोगो में देख सकूं. जब मेहनत बराबर तो प्रतिष्ठा भी बराबर होनी चाहिए न! इसलिए आज बड़े भारी मन से ये ९ महीने से प्रबंधन के गर्भ में पल रहा अवैध बच्चा, आज पुरे फोरम के सामने आ रहा है. मैं चाहता हूँ, की मुझे पूरा समर्थन मिले ताकि इस फोरम को abhisays.com के जाल से मुक्त करा सके और इसे वाहन पहुंचा सके जहाँ का सपना हम लोगो ने भी नहीं देखा है!

अभी तो आज अभिषेक इस बात को मैं पूरी दुनिया के सामने न उछलूँ, इसलीये मेरी मेहनत उपयोगी है बोल रहे है. पर अपना नाम तो वो शायद ही हटाये. आखिर इसमें उनका ही फायदा है. कैसे, ये थोड़े समय बाद विस्तार से लिखूंगा, अगर अभिषेक ने और बाकी नियामकों ने जल्द ही कोई नतीजा नहीं निकला तो! तब तक आप लोग से समर्थन की मांग कर रहा हूँ.


:cheers:

Sikandar_Khan 30-03-2011 01:15 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by jitendragarg (Post 66115)
भाइयों, जैसा की आप पहले भी सुन और देख चुके है, की कुछ नियामक पड़ छोड़ कर और ये फोरम छोड़ कर चले गए, जैसे अक्ष जी, गुना जी आदि! लगता है, अब समय आ गया है, मैं भी फोरम छोड़ दूं! जानता हूँ, अचानक से खबर सुनकर धक्का जरूर लगेगा आप लोगो को! इसलिए पुराने किस्सों के बारे में, और प्रबंधन सदस्यों के मतभेद के बारे में बताना चाहूँगा.

फोरम जैसे की आप जानते है, की मेरे और अभिषेक जी के दिमाग की उपज थी, पर सम्पूर्ण धनराशि उनकी ही जेब से निकली थी. मेरे पास था तो सिर्फ नया जोश, थोडा सा अनुभव, और हिंदी के प्रति प्रेम. पर आप लोगो ने ये बात हमेशा ही गौर की होगी, की फोरम पर हमेशा से ही अभिषेक जी की ही चलती आई है! मैं तो सारे अधिकार भी नहीं रखता हूँ, अधिकतर कामों के लिए मुझे अभिषेक को ही बोलना पड़ता है! ऐसे में कई बार हमारी इस बात पर बहस होती रहती है, और हर बार मैं एक दो दिन के लिए गुस्सा होकर चला जाता हूँ.! पर हर बार, मैं चुप चाप फोरम पर वापिस आप लोगो से जुड़ने आ जाता हूँ! लेकिन इस तरह अपने आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाना मुझे अच्छा नहीं लगता!

पुराने नियामकों को हटाने के पीछे भी यही कारण था, की वो मेरे सुझाये हुए हर नए तरीके को मान रहे थे, और अभिषेक अपने आप को प्रबंधन से हटा हुआ महसूस कर रहे थे! इसलिए प्रबंधन का निर्माण नए सिरे से किया गया था. लेकिन वो समस्या का हल नहीं है! इसलिए इस हफ्ते मैं अभिषेक से मिलकर इस बारे में काफी चर्चा किया. मैं सिर्फ इतना सुझाव दिया की लोगो से अभिसय्स.कॉम का नाम हटा दिया जाये, क्यूंकि वो अभिषेक का खुद का ब्लॉग है. और इस तरह से मेरे द्वारा किये गए सारे कार्य कहीं नज़र ही नहीं आते. मैं अन्य प्रबंधन के सदस्यों के बराबर ही अहमियत रखता हूँ.

आप लोग ही बताइए, ये कहाँ तक सही है, की अभिषेक ने शुरुआत में पैसा खर्चा कर अपने आप को इस फोरम का इकलौता मालिक बना लिया है. अब मेरे कहने पर की मैं बराबर काम किया हूँ, और पैसा भी आधा आधा बाँट रहा हूँ, तो इस फोरम को एक अलग साईट का दर्जा मिलना चाहिए न की अभिषेक की साईट का एक हिस्सा बने रहने देना चाहिए! इस बात पर प्रबंधन के सदस्यों से भी राय ली हम लोगों ने, लेकिन कुछ नए कारणों से सभी प्रबंधन सदस्य आपस में बंट गए है!

मैं पिछले जून से ये ही सब देख रहा हूँ, और मुझे लगता है, की फोरम आज इस स्तर पर है, की मैं भी अपना नाम फोरम के लोगो में देख सकूं. जब मेहनत बराबर तो प्रतिष्ठा भी बराबर होनी चाहिए न! इसलिए आज बड़े भारी मन से ये ९ महीने से प्रबंधन के गर्भ में पल रहा अवैध बच्चा, आज पुरे फोरम के सामने आ रहा है. मैं चाहता हूँ, की मुझे पूरा समर्थन मिले ताकि इस फोरम को abhisays.com के जाल से मुक्त करा सके और इसे वहां पहुंचा सके जहाँ का सपना हम लोगो ने भी नहीं देखा है!

अभी तो आज अभिषेक इस बात को मैं पूरी दुनिया के सामने न उछलूँ, इसलीये मेरी मेहनत उपयोगी है बोल रहे है. पर अपना नाम तो वो शायद ही हटाये. आखिर इसमें उनका ही फायदा है. कैसे, ये थोड़े समय बाद विस्तार से लिखूंगा, अगर अभिषेक ने और बाकी नियामकों ने जल्द ही कोई नतीजा नहीं निकला तो! तब तक आप लोग से समर्थन की मांग कर रहा हूँ.


:cheers:

जितेन्द्र जी मेरा सर्मथन आपकी ओर है
जब आपने अभिषेक जी के साथ फोरम को बराबर की ऊर्जा दी है तो दर्जा भी बराबर होना चाहिए
फिर अभिषेक जी की ओर से ऐसा सौतेला व्यवहार क्योँ है

jitendragarg 30-03-2011 01:30 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by Sikandar (Post 66119)
जितेन्द्र जी मेरा सर्मथन आपकी ओर है
जब आपने अभिषेक जी के साथ फोरम को बराबर की ऊर्जा दी है तो दर्जा भी बराबर होना चाहिए
फिर अभिषेक जी की ओर से ऐसा सौतेला व्यवहार क्योँ है

ये तो अभिषेक या उनके समर्थक अरविन्द और भूमि ही बताएँगे. मैं कभी नहीं चाहता था, की हम लोगो की आपस की बातें सब को पता चले पर इतिहास वाले सूत्र में जब वो खुले आप मेरी योग्यता अपने से कम बताएगा, तो मैं कैसे बर्दाश्त करू.

:chee.... अरे भाड में गया चीर्स भी! जब अपने ही फोरम पर ये हाल है, तो सदस्यों से क्या जाम टकराए. :bang-head:

VIDROHI NAYAK 30-03-2011 01:32 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by jitendragarg (Post 66115)
भाइयों, जैसा की आप पहले भी सुन और देख चुके है, की कुछ नियामक पड़ छोड़ कर और ये फोरम छोड़ कर चले गए, जैसे अक्ष जी, गुना जी आदि! लगता है, अब समय आ गया है, मैं भी फोरम छोड़ दूं! जानता हूँ, अचानक से खबर सुनकर धक्का जरूर लगेगा आप लोगो को! इसलिए पुराने किस्सों के बारे में, और प्रबंधन सदस्यों के मतभेद के बारे में बताना चाहूँगा.

फोरम जैसे की आप जानते है, की मेरे और अभिषेक जी के दिमाग की उपज थी, पर सम्पूर्ण धनराशि उनकी ही जेब से निकली थी. मेरे पास था तो सिर्फ नया जोश, थोडा सा अनुभव, और हिंदी के प्रति प्रेम. पर आप लोगो ने ये बात हमेशा ही गौर की होगी, की फोरम पर हमेशा से ही अभिषेक जी की ही चलती आई है! मैं तो सारे अधिकार भी नहीं रखता हूँ, अधिकतर कामों के लिए मुझे अभिषेक को ही बोलना पड़ता है! ऐसे में कई बार हमारी इस बात पर बहस होती रहती है, और हर बार मैं एक दो दिन के लिए गुस्सा होकर चला जाता हूँ.! पर हर बार, मैं चुप चाप फोरम पर वापिस आप लोगो से जुड़ने आ जाता हूँ! लेकिन इस तरह अपने आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाना मुझे अच्छा नहीं लगता!

पुराने नियामकों को हटाने के पीछे भी यही कारण था, की वो मेरे सुझाये हुए हर नए तरीके को मान रहे थे, और अभिषेक अपने आप को प्रबंधन से हटा हुआ महसूस कर रहे थे! इसलिए प्रबंधन का निर्माण नए सिरे से किया गया था. लेकिन वो समस्या का हल नहीं है! इसलिए इस हफ्ते मैं अभिषेक से मिलकर इस बारे में काफी चर्चा किया. मैं सिर्फ इतना सुझाव दिया की लोगो से अभिसय्स.कॉम का नाम हटा दिया जाये, क्यूंकि वो अभिषेक का खुद का ब्लॉग है. और इस तरह से मेरे द्वारा किये गए सारे कार्य कहीं नज़र ही नहीं आते. मैं अन्य प्रबंधन के सदस्यों के बराबर ही अहमियत रखता हूँ.

आप लोग ही बताइए, ये कहाँ तक सही है, की अभिषेक ने शुरुआत में पैसा खर्चा कर अपने आप को इस फोरम का इकलौता मालिक बना लिया है. अब मेरे कहने पर की मैं बराबर काम किया हूँ, और पैसा भी आधा आधा बाँट रहा हूँ, तो इस फोरम को एक अलग साईट का दर्जा मिलना चाहिए न की अभिषेक की साईट का एक हिस्सा बने रहने देना चाहिए! इस बात पर प्रबंधन के सदस्यों से भी राय ली हम लोगों ने, लेकिन कुछ नए कारणों से सभी प्रबंधन सदस्य आपस में बंट गए है!

मैं पिछले जून से ये ही सब देख रहा हूँ, और मुझे लगता है, की फोरम आज इस स्तर पर है, की मैं भी अपना नाम फोरम के लोगो में देख सकूं. जब मेहनत बराबर तो प्रतिष्ठा भी बराबर होनी चाहिए न! इसलिए आज बड़े भारी मन से ये ९ महीने से प्रबंधन के गर्भ में पल रहा अवैध बच्चा, आज पुरे फोरम के सामने आ रहा है. मैं चाहता हूँ, की मुझे पूरा समर्थन मिले ताकि इस फोरम को abhisays.com के जाल से मुक्त करा सके और इसे वाहन पहुंचा सके जहाँ का सपना हम लोगो ने भी नहीं देखा है!

अभी तो आज अभिषेक इस बात को मैं पूरी दुनिया के सामने न उछलूँ, इसलीये मेरी मेहनत उपयोगी है बोल रहे है. पर अपना नाम तो वो शायद ही हटाये. आखिर इसमें उनका ही फायदा है. कैसे, ये थोड़े समय बाद विस्तार से लिखूंगा, अगर अभिषेक ने और बाकी नियामकों ने जल्द ही कोई नतीजा नहीं निकला तो! तब तक आप लोग से समर्थन की मांग कर रहा हूँ.


:cheers:

अब अवश्य आपके समर्थन में हम हैं ! और अभिषेक जी से निवेदन है की कुछ परिश्रम को भी महत्व दिया जाए ! कोई भी कार्य सिर्फ पैसे की दम पर नहीं हो सकता, मैन पॉवर की आव्यशकता तो पड़ती ही है अतः जितेन्द्र जी को भी उनका हक मिलना चाहिए ! अगर ऐसा नहीं होता है तो जितेन्द्र जी के साथ मै भी इस फोरम से विदा ले लूँगा ! हो सकता हो की इस बात से फोरम पर कोई असर ना पड़े परन्तु ऐसे संप्रभुता के माहोल में मुझ पे फरक जरुर पड़ सकता है !और मै ऐसे माहोल में नहीं रहना चाहूँगा !

Sikandar_Khan 30-03-2011 01:40 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by jitendragarg (Post 66124)
ये तो अभिषेक या उनके समर्थक अरविन्द और भूमि ही बताएँगे. मैं कभी नहीं चाहता था, की हम लोगो की आपस की बातें सब को पता चले पर इतिहास वाले सूत्र में जब वो खुले आप मेरी योग्यता अपने से कम बताएगा, तो मैं कैसे बर्दाश्त करू.

:chee.... अरे भाड में गया चीर्स भी! जब अपने ही फोरम पर ये हाल है, तो सदस्यों से क्या जाम टकराए. :bang-head:

इतना नाराज मत हो भाई
कोई न कोई समाधान तो जरूर निकलेगा
इस समस्या का
अब देखते हैँ अभिषेक महाराज क्या कहते हैँ |

Sikandar_Khan 30-03-2011 01:43 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by vidrohi nayak (Post 66125)
अब अवश्य आपके समर्थन में हम हैं ! और अभिषेक जी से निवेदन है की कुछ परिश्रम को भी महत्व दिया जाए ! कोई भी कार्य सिर्फ पैसे की दम पर नहीं हो सकता, मैन पॉवर की आव्यशकता तो पड़ती ही है अतः जितेन्द्र जी को भी उनका हक मिलना चाहिए ! अगर ऐसा नहीं होता है तो जितेन्द्र जी के साथ मै भी इस फोरम से विदा ले लूँगा ! हो सकता हो की इस बात से फोरम पर कोई असर ना पड़े परन्तु ऐसे संप्रभुता के माहोल में मुझ पे फरक जरुर पड़ सकता है !और मै ऐसे माहोल में नहीं रहना चाहूँगा !

मित्र रातुल जी
जानकर अच्छा लगा कि आपने जितेन्द्र जी की भावनाओँ को समझा
और आप उनके सर्मथन
मे हैँ |

amit_tiwari 30-03-2011 01:50 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by jitendragarg (Post 66115)
भाइयों, जैसा की आप पहले भी सुन और देख चुके है, की कुछ नियामक पड़ छोड़ कर और ये फोरम छोड़ कर चले गए,

आखिर इसमें उनका ही फायदा है. कैसे, ये थोड़े समय बाद विस्तार से लिखूंगा, अगर अभिषेक ने और बाकी नियामकों ने जल्द ही कोई नतीजा नहीं निकला तो! तब तक आप लोग से समर्थन की मांग कर रहा हूँ.


:cheers:

बहुत सही समय पर आपने सदस्यों के सामने यह बात राखी है जीतू भाई |

सभी सदस्यों को लग रहा होगा की हम झगडा कर रहे हैं किन्तु ऐसा नहीं है, हम सिर्फ चाहते हैं की जीतेन्द्र भाई को उनका सही सम्मान मिले और हिंदी का फोरम एक व्यक्ति की छवि से बाहर निकले |


अब ये तो सामने वाली पार्टी पर है की वो हमारी वाजिब बात को सपोर्ट करते हैं या नहीं |

abhisays 30-03-2011 07:36 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
जीतेन्द्र गर्ग जी यानी प्रशाशक बनाना चाहते हैं. सही है. लेकिन क्यों?

अचानक क्या हो गया भाई.
  • फोरम पर तुमारे दर्शन तो होते नहीं हैं?
  • vbulletin , php , mysql , आदि पर तुमने कुछ खास काम किया है नहीं.
  • ना तो फोरम के सदस्यों के बीच तुम लोकप्रिय हो.
  • चौपाल पर आज तक तुमने ६-७ प्रविस्तिया की है.
  • तुमारे अधिकतर बनाये हुए सूत्र फ्लॉप ही हुए हैं.
सवाल है क्यों बनाया जाये तुम्हे प्रशाशक????????????

abhisays 30-03-2011 07:43 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
बात निकल ही आई है तो चलिए कुछ बातें हो जाये..

१. फोरम पर सबसे ज्यादा पोस्ट करने वाले हमसफ़र यानी संतोष जी से पंगा इन्ही ने किया था.
२. युवराज जी भी काफी अच्छा चल रहे थे, जितेंद्रगार्ग के कारण ही वो विवाद में पड़े और उन्हें हमें ना चाहते हुए भी बैन करना पड़ा.

और भी कई कहानिया है, जल्द ही सब सबूत समेत यहाँ पर होंगी.

sagar - 30-03-2011 07:59 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by abhisays (Post 66161)
बात निकल ही आई है तो चलिए कुछ बातें हो जाये..

१. फोरम पर सबसे ज्यादा पोस्ट करने वाले हमसफ़र यानी संतोष जी से पंगा इन्ही ने किया था.
२. युवराज जी भी काफी अच्छा चल रहे थे, जितेंद्रगार्ग के कारण ही वो विवाद में पड़े और उन्हें हमें ना चाहते हुए भी बैन करना पड़ा.

और भी कई कहानिया है, जल्द ही सब सबूत समेत यहाँ पर होंगी.

अभिजी जारी रखो.... ताकि दोनों पक्ष का सही -२ पता चल सके


All times are GMT +5. The time now is 02:31 PM.

Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.