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sagar - 17-09-2011 05:09 PM

दोस्ती
 
फूलों सी नाजुक चीज है दोस्ती,

सुर्ख गुलाब की महक है दोस्ती,
सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,

दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,
काँटों के दामन में महकता फूल है दोस्ती,

जिंदगी भर साथ निभाने वाला रिश्ता है दोस्ती ,
रिश्तों की नाजुकता समझाती है दोस्ती,

रिश्तों में विश्वास दिलाती है दोस्ती,
तन्हाई में सहारा है दोस्ती,

मझधार में किनारा है दोस्ती,
जिंदगी भर जीवन में महकती है दोस्ती,

किसी-किसी के नसीब में आती है दोस्ती,
हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती,

हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती,
कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की वरना इस जमीं पर "खुदा" है दोस्ती

abhisays 17-09-2011 06:10 PM

Re: दोस्ती
 
बहुत बढ़िया सागर जी... :bravo::bravo::bravo::bravo:

arvind 17-09-2011 06:10 PM

Re: दोस्ती
 
बोलती है दोस्ती, चुप रहता है प्यार।
हँसाती है दोस्ती, रुलाता है प्यार।
मिलाती है दोस्ती, जुदा करता है प्यार।
फिर भी क्यों दोस्ती छोड़कर,
लोग करते है प्यार?

~VIKRAM~ 17-09-2011 06:23 PM

Re: दोस्ती
 
सागर जी अच्छी रचना के साथ अच्छे सूत्र का आरंभ किया ऐसी ही रचनाए is सूत्र में आती rahegi तो अच्छा लगेगा ..

Quote:

Originally Posted by arvind (Post 100016)
बोलती है दोस्ती, चुप रहता है प्यार।
हँसाती है दोस्ती, रुलाता है प्यार।
मिलाती है दोस्ती, जुदा करता है प्यार।
फिर भी क्यों दोस्ती छोड़कर,
लोग करते है प्यार?

अरविन्द जी अच्छी रचना सच्चाई पर स्वीकार jaldi नहीं होता हमें ...

khalid 17-09-2011 08:22 PM

Re: दोस्ती
 
दोस्ती गजल हैँ गुनगुना ने के लिए
दोस्ती इक नगमा हैँ सुनाने क लिए
दोस्ती एक जज्बा हैँ जो सब को मिलता नहीँ
क्योँ की जिगर चाहिए दोस्ती निभाने के लिए

abhisays 17-09-2011 08:49 PM

Re: दोस्ती
 
Quote:

Originally Posted by khalid (Post 100179)
दोस्ती गजल हैँ गुनगुना ने के लिए
दोस्ती इक नगमा हैँ सुनाने क लिए
दोस्ती एक जज्बा हैँ जो सब को मिलता नहीँ
क्योँ की जिगर चाहिए दोस्ती निभाने के लिए

क्या बात कही है खालिद भाई बहुत खूब..

sagar - 17-09-2011 08:52 PM

Re: दोस्ती
 
दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम
दुनिया के गमो को भी जानते हैं हम
आप जैसे दोस्तों का सहारा है
तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम

sagar - 17-09-2011 08:52 PM

Re: दोस्ती
 
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी
कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने
तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी

sagar - 17-09-2011 08:53 PM

Re: दोस्ती
 
कोई दौलत पर नाज़ करते हैं
कोई शोहरत पर नाज़ करते हैं
जिसके साथ आप जैसा दोस्त हो
वो अपनी किस्मत पर नाज़ करते हैं

sagar - 17-09-2011 08:54 PM

Re: दोस्ती
 
हर खुशी दिल के करीब नहीं होती
ज़िंदगी ग़मों से दूर नहीं होती
इस दोस्ती को संभाल कर रखना
क्यूंकि दोस्ती हर किसी को नसीब नहीं होती


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