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-   -   डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=16105)

rajnish manga 05-09-2015 11:15 PM

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
 
शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष
डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन


आज 5 सितम्बर है यानी शिक्षक दिवस I भारत के दूसरे राष्ट्रपति डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 ई. को हुआ था I वह एक आदर्श शिक्षक, भारतीय संस्कृति और सभ्यता के संवाहक, महान शिक्षाविद, दार्शनिक और सबसे बेहतर हिन्दू धर्म के सर्वश्रेष्ठ विचारक माने जाते है I

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके इन्ही गुणों के कारण वर्ष 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्नसे सम्मानित किया गया था I ज्ञात हो कि राजनीति में आने से पूर्व उन्होंने अपने जीवन के तक़रीबन 40 वर्ष इस देश के बच्चों को शिक्षा दी थी I

rajnish manga 05-09-2015 11:17 PM

Re: डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
 
शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष
डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन

अपने जीवन के आखिरी चरण में भी यह महान देशभक्त देश और समाज की सेवा करते हुए भी, देश के सबसे ऊँचे पदों पर रहते हुए भी एक शिक्षक ही बने रहे और इन्होने अपना पूरा जीवन शिक्षा को ही समर्पित कर दिया i

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन इस सम्पूर्ण विश्व को एक विद्यालय की ही तरह से देखते थे i उनके अनुसार शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य के मस्तिष्क का सदुपयोग किया जाना संभव है i इसीलिए समस्त विश्व को एक ही इकाई समझकर शिक्षा का प्रबंध किया जाना चाहिए i

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने एक बार ब्रिटेन के एडिनबरा विश्वविद्यालय में भाषण देते हुए कहा था कि, “मानव की जाति एक होनी चाहिए, मानव इतिहास का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव जाति की मुक्ति होती है i लेकिन यह तभी संभव है जब समस्त देशों की नीतियों का आधार विश्व-शांति की स्थापना का प्रयत्न करना हो i

एक अन्य कथन में डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि, “यदि सही तरीके से शिक्षा दी जाय तो समाज की अनेकों बुराइयों को जड़ से मिटाया जा सकता है i

डाक्टर राधाकृष्णन के अनुसार, “मात्र जानकारियाँ देना शिक्षा नहीं है i यदयपि जानकारी का अपना महत्त्व है और आधुनिक युग में तकनीक की जानकारी महत्त्वपूर्ण भी है तथापि व्यक्ति के बौद्धिक झुकाव और उसकी लोकतान्त्रिक भावना का भी बड़ा महत्त्व है i ये बातें व्यक्ति को एक उत्तरदायी नागरिक बनाती हैंi शिक्षा का लक्ष्य है ज्ञान के प्रति समर्पण की भावना और निरंतर सीखते रहने की प्रवृत्ति i यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो ब्यक्ति को ज्ञान और कौशल दोनों प्रदान करती है तथा इनका जीवन में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करती है i करुणा, प्रेम और श्रेष्ठ परम्पराओं का विकास भी शिक्षा के उद्देश्य हैंi

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जब 1962 में देश के दूसरे राष्ट्रपति बने उस समय उनके कार्यकाल के दौरान ही कुछ लोग उनसे मिलने के लिए आये और उन्होंने इस बात की इच्छा जाहिर की कि वह चाहते है कि वह सभी उनके जन्म दिवस (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस के रूप में मनायें i इस डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा कि अगर आप सभी ऐसा कर रहे तो मैं अपने आपको बहुत अधिक गौरान्वित महशूस कर रहा हूँ i


और तब से लेकर आज तक पूरे भारत वर्ष में 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है i

soni pushpa 11-09-2015 07:59 PM

Re: डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 554527)
शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष
डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन

अपने जीवन के आखिरी चरण में भी यह महान देशभक्त देश और समाज की सेवा करते हुए भी, देश के सबसे ऊँचे पदों पर रहते हुए भी एक शिक्षक ही बने रहे और इन्होने अपना पूरा जीवन शिक्षा को ही समर्पित कर दिया i

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन इस सम्पूर्ण विश्व को एक विद्यालय की ही तरह से देखते थे i उनके अनुसार शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य के मस्तिष्क का सदुपयोग किया जाना संभव है i इसीलिए समस्त विश्व को एक ही इकाई समझकर शिक्षा का प्रबंध किया जाना चाहिए i

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने एक बार ब्रिटेन के एडिनबरा विश्वविद्यालय में भाषण देते हुए कहा था कि, “मानव की जाति एक होनी चाहिए, मानव इतिहास का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव जाति की मुक्ति होती है i लेकिन यह तभी संभव है जब समस्त देशों की नीतियों का आधार विश्व-शांति की स्थापना का प्रयत्न करना हो i

एक अन्य कथन में डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि, “यदि सही तरीके से शिक्षा दी जाय तो समाज की अनेकों बुराइयों को जड़ से मिटाया जा सकता है i

डाक्टर राधाकृष्णन के अनुसार, “मात्र जानकारियाँ देना शिक्षा नहीं है i यदयपि जानकारी का अपना महत्त्व है और आधुनिक युग में तकनीक की जानकारी महत्त्वपूर्ण भी है तथापि व्यक्ति के बौद्धिक झुकाव और उसकी लोकतान्त्रिक भावना का भी बड़ा महत्त्व है i ये बातें व्यक्ति को एक उत्तरदायी नागरिक बनाती हैंi शिक्षा का लक्ष्य है ज्ञान के प्रति समर्पण की भावना और निरंतर सीखते रहने की प्रवृत्ति i यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो ब्यक्ति को ज्ञान और कौशल दोनों प्रदान करती है तथा इनका जीवन में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करती है i करुणा, प्रेम और श्रेष्ठ परम्पराओं का विकास भी शिक्षा के उद्देश्य हैंi

डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जब 1962 में देश के दूसरे राष्ट्रपति बने उस समय उनके कार्यकाल के दौरान ही कुछ लोग उनसे मिलने के लिए आये और उन्होंने इस बात की इच्छा जाहिर की कि वह चाहते है कि वह सभी उनके जन्म दिवस (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस के रूप में मनायें i इस डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा कि अगर आप सभी ऐसा कर रहे तो मैं अपने आपको बहुत अधिक गौरान्वित महशूस कर रहा हूँ i


और तब से लेकर आज तक पूरे भारत वर्ष में 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है i

बहुत अछि जानकारी दी है आपने भाई बहुत बहुत धन्यवद ..


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