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rajnish manga 03-12-2014 03:08 PM

अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
पर्यटन स्थल / TOURIST PLACE
अलवर (राजस्थान) / Alwar (Rajasthan)




rajnish manga 03-12-2014 03:20 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल
अलवर

अलवर एक पहाड़ी क्षेत्र है जो राजस्थान राज्य में अरावली की पथरीली चट्टानों के बीच स्थित है। यह स्थान अलवर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। ऐतिहासिक रूप से यह स्थान मेवाड़ के नाम से भी जाना जाता था। अलवर सुंदर झीलों, भव्य महलों, शानदार मंदिरों, शानदार स्मारकों और विशाल किलों के लिए प्रसिद्द है।

अलवर का राजस्थान के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। अलवर ऐतिहासिक इमारतों से भरा पड़ा है। अलवर अरावली की पहाड़ियों के मध्य में बसा है। अलवर का प्राचीन नाम 'शाल्वपुर' था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस क्षेत्र को मत्स्य देश के नाम से जाना जाता था जहाँ पांडवों ने अपने निर्वासन का 13 वाँ वर्ष भेष बदलकर बिताया था। अलवर में 14वीं शताब्दी में निर्मित मकबरा और कई प्राचीन मस्जिदें स्थित हैं। नयनाभिराम सिलिसर्थ झील के किनारे स्थित महल में एक संग्रहालय है, जिसमें हिन्दी, संस्कृत और फारसी पांडुलिपियां तथा राजस्थानी व मुगल लघु चित्रों का संग्रह रखा गया है। यहां के अन्य दर्शनीय स्थलों में प्रसिद्ध सरिस्का बाघ अभयारण्य शामिल है। अलवर सुंदर झीलों, भव्य महलों, शानदार मंदिरों, शानदार स्मारकों और विशाल किलों के लिए प्रसिद्ध है। अलवर का सौंदर्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है

rajnish manga 03-12-2014 03:23 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल
अलवर
नीमराना फोर्ट पैलेस

राजस्थान के शहर अलवर में कई पर्यटन स्थलों में से एक है। सन् 1464 में स्थापित नीमराना फोर्ट पैलेस देश के कुछ प्राचीनतम हेरिटेज रिजॉर्ट्स में से एक है। पृथ्वीराज चौहान तृतीय की तीसरी राजधानी नीमराना किला दिल्ली जयपुर हाइवे पर स्थित है और 25 एकड़ क्षेत्र में फैला है। दस लेवल पर बना यह भव्य किला बाहर से देखने में मनमोहक है, लेकिन किला के अंदर से बाहर का नजारा उससे भी अधिक आकर्षक लगता है। राजस्थान के अलवर जिले में अरावली क्षेत्र के नीमराना गांव में स्थित यह किला पर्यटकों को आकर्षित करता है।

rajnish manga 03-12-2014 03:32 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, नीमराना फोर्ट पैलेस, अलवर

http://www.indovacation.net/images/N...Neemrana17.jpg

नीमराना फोर्ट पैलेस, अलवर / Alwar

rajnish manga 03-12-2014 03:34 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
सिटी पैलेस

सिटी पैलैस परिसर अलवर के पूर्वी छोर की शान है। सिटी पैलैस के ऊपर अरावली की पहाड़ियां हैं जिन पर बाला किला बना है। सिटी पैलेस परिसर बहुत ही ख़ूबसूरत है और इसके साथ-साथ बालकॉनी की योजना है।




rajnish manga 03-12-2014 03:49 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
सिटी पैलेस

[/QUOTE]

rajnish manga 03-12-2014 05:55 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
सरिस्का

राजस्थान के अलवर जिले में अरावली की पहाड़ियों पर 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला सरिस्का मुख्य रूप से वन्य जीव अभयारण्य और टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है। अलवर के सरिस्का की गिनती भारत के जाने माने वन्य जीव अभयारण्यों में की जाती है। इसके अलावा इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व भी है।

rajnish manga 03-12-2014 07:47 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
सिलीसेढ़ झील

https://encrypted-tbn2.gstatic.com/i...4sZBc7Trttr6Os^https://encrypted-tbn3.gstatic.com/i...iPxtZ2gJIvy7Er


यह एक प्राकृतिक झील है। यह झील दिल्ली-जयपुर मार्ग पर अलवर से 12 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है। सिलीसेढ़ झील अलवर की सबसे प्रसिद्ध और सुंदर झील है। इसके आसपास के सुन्दर भवनों का निर्माण महाराव राजा विनय सिंह ने 1845 में करवाया था। झील के चारों ओर हरी-भरी पहाड़ियां और आसपास के मनारेम दृश्य को देखा जा सकता है।


rajnish manga 03-12-2014 08:36 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
भानगढ़ फोर्ट

http://media-cdn.tripadvisor.com/med...bhangarh-1.jpghttps://encrypted-tbn1.gstatic.com/i...U28P0YgON3gou_^https://encrypted-tbn0.gstatic.com/i...mQDYtC33bkWybP


भानगढ़ का किला इससे जुडी हुई कथाओं की वजह से डरावना और भुतहा समझा जाता है. यहाँ तक कि पुरातत्व विभाग ने भी अपने सूचना पट्ट पर यहाँ रात में आने की मनाही की हुई है. पिछले दिनों कुछ टीवी चैनलों की तरफ से इस क्षेत्र के विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिक यंत्रों की सहायता से इस बात की जांच करने की कोशिश की गई कि क्या वास्तव में यहाँ भूत वगैरह हैं अथवा यह लोगों का सिर्फ वहम ही है. उन लोगों ने अलग अलग टीम बना कर एक दूसरे से अलग अध्ययन किया. उन्होंने रात यहीं बिताई और उनके साथ कोई अनहोनी घटना नहीं हुई. लेकिन उन्होंने पुख्ता रूप से कोई निष्कर्ष नहीं निकाले.

rajnish manga 03-12-2014 08:47 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
मूसी रानी की छतरी







rajnish manga 03-12-2014 08:54 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
विजय मंदिर महल


http://edge.ixigo.com/img/vijay-mand...80x480_fit.jpg

इस मंदिर महल को महाराजा जय सिंह प्रभाकर ने सन 1918 में बनवाया था. इस विषय में कुछ दिलचस्प किंवदंतियाँ भी इस इलाके में प्रसिद्ध हैं.

rajnish manga 03-12-2014 09:00 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
अलवर पहुँचना

अलवर जयपुर से 148 किमी. और दिल्ली से 156 किमी. दूर है। जयपुर से राष्ट्रीय राजमार्ग 8 द्वारा शाहपूरा और अमेर होते हुए अलवर पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग 8 द्वारा धारूहेडा और मानेसर होते हुए अलवर पहुंचा जा सकता है।

पर्यटक रेल, वायुमार्ग और सड़क द्वारा अलवर पहुँच सकते हैं। अलवर का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा है। विदेशी पर्यटक नई दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इस गंतव्य तक पहुँच सकते हैं। अलवर रेलवे स्टेशन दिल्ली और जयपुर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन दोनों स्थानों से टैक्सी सुविधा उपलब्ध है। पड़ोसी शहरों से अलवर के लिए बस और टैक्सी भी चलती हैं।

अलवर में वर्ष में अधिकांश समय मौसम सूखा होता है। अक्टूबर से मार्च के बीच का समय छुट्टियों में अलवर की यात्रा के लिए उत्तम होता है। उस समय अलवर की सौंदर्य देखने लायक होता है। अलवर में रूकने के लिए सस्ते और मंहगे होटल हैं जहां आप अपनी सुविधा के अनुसार रूक सकते हैं।

rajnish manga 03-12-2014 09:47 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
कंपनी बाग़



rajnish manga 03-12-2014 10:11 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
अलेवा जलप्रपात /Alewa Waterfall




rajnish manga 03-12-2014 10:24 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
भरथरी या भर्तहरी मंदिर


[/QUOTE]

dipu 07-12-2014 01:33 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
nice information

rajnish manga 17-12-2014 02:43 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
अलवर के निकट

भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर
साभार: जाट देवता संदीप पँवार




rajnish manga 17-12-2014 02:51 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर

अलवर एक ऐतिहासिक नगर है. इस नगर में और इसके आसपास बहुत से दर्शनीय स्थल हैं (जिनमें से कई स्थानों का ऊपर सचित्र वर्णन किया जा चुका है). भरथरी (भर्तहरी) मंदिर का यात्रा विवरण तथा राजा भरथरी या भर्तहरी के बारे में हम विशेष विवरण भी पेश करेंगे. भानगढ-सरिस्का-पाण्डुपोल देखने के बाद अब महाराजा वीर विक्रमादित्य के बडे भाई राजा भृतहरि उर्फ़ भरथरी की तपस्या स्थली के दर्शन करने चलते है। विक्रम ने ही विक्रम संवत का शुभारभ कराया था। जहाँ अंग्रेजी नव वर्ष 1 जनवरी को शुरु होता है तो वही विक्रम संवत बोले तो हिन्दू नव वर्ष चैत्र मास के नवरात्र के साथ आरम्भ होता है। मैंने उज्जैन में इन्ही राजा की एक तपस्या स्थली देखी थी। आज अलवर जिले में स्थित इनकी दूसरी तपस्या स्थली की बात हो रही है।

अलवर क्षेत्र में राजा भृतहरि का अन्तिम समय बीता था। उस समय यहाँ घना वन हुआ करता था। जहाँ भरथरी (भृतहरि का दूसरा पुकारे जाने वाला नाम) की समाधि है। उसके सातवे दरवाजे पर एक अखंड दीपक हमेशा जलता रहता है। इस ज्योति को भृतहरि की ज्योति कहा जाता है। अलवर से इस समाधी स्थल की दूरी 32 किमी है। यह जयपुर से अलवर जाने वाले मार्ग पर थोडा सा हटकर बना है। नाथपंथ का नाम बुलन्द करने वाले कनफ़डे नाथ साधुओं के लिये यह स्थल काफ़ी महत्व रखता है। यहाँ भाद्रपद शुक्ल की सप्तमी और अष्टमी तिथि को शानदार मेला भी लगता है।


rajnish manga 17-12-2014 02:58 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर


rajnish manga 17-12-2014 03:07 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर

हमारी गाडी जयपुर-अलवर हाईवे पर अलवर की ओर चली जा रही थी। एक जगह सूखी नदी पार कर आगे बढे। अशोक भाई ने कहा कि अब भृतहरि आने वाला है। एक तिराहे जैसी जगह से अलवर वाला मार्ग उल्टे हाथ मुड गया, जबकि भृतहरि वाला मार्ग सीधे हाथ जाता है। सीधे हाथ मुडते ही एक दरवाजा दिखाई दिया। इसे पार कर कोई दो किमी आगे जाना होता है। जल्द ही भृतहरि धाम के नाम से बोर्ड दिखायी देने लगे। आखिरकार भृतहरि धाम आ ही गया। गाडी किनारे खडी कर दी। समाधी मन्दिर सामने दिखायी दे रहा था।

मन्दिर के सामने काफ़ी खुली जगह है। जिसके दोनों ओर दुकाने लगी हुई है। इन दुकानों पर जरुरत का हर सामान मिलता है। बच्चों के खिलौने की काफ़ी दुकाने है। हमें देखते ही दुकाने वाले प्रसाद बेचने के चक्कर में आवाज लगाने लगे। उन्हे क्या पता? हम भक्ति करने नहीं घुमक्कडी करने आये है। अशोक भाई ने कहा था कि यहाँ पर लकडी का चकला व बेलन मिलता है। अशोक भाई के घर से एक बेलन लाने का आदेश मिल चुका था। हमने सलाह दी कि अशोक भाई बिना चलके के बेलन लेकर गये तो तुम्हारी खैर नहीं।




rajnish manga 17-12-2014 03:09 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर

यहाँ तो लकडी के जंगल भी नहीं है। फ़िर यहाँ के लकडी वाले बेलन इतने मशहूर क्यों है? मन्दिर के आसपास कई जातियों की धर्मशाला बनी हुई है। जिसमें गुर्जर, यादव व सैनी समाज की धर्मशाला प्रमुख है। मेले के दिनों को छोडकर यहाँ ठहरना मुश्किल नहीं है। भृतहरि महाराज को यहाँ के गुर्जर समाज ने काफ़ी सहयोग दिया था जिससे गुर्जर समाज इनकी समाधी पर अपना हक समझता है।

अशोक भाई को कोई सीडी चाहिए थी। वे सीढी तलाशने चले गये। तब तक मैंने समाधी मन्दिर व भैरव मन्दिर के दर्शन के साथ फ़ोटो भी ले लिये। बाहर आने के बाद दुकानों के बीच पहुँचकर देखा कि वहाँ नशा करने वाली चिलम बिक्री के लिये उपलब्ध है। अपने एक साथी को चिलम पीते हुए स्टाइल में फ़ोटो के कहा। चिलम खाली थी अन्यथा उसमें से धुआं भी निकलता दिखायी देता। कुछ देर वहाँ रुकने के बाद वापिस लौटने लगे।

राजा भृतहरि की कहानी काफ़ी रोमांचक है। उज्जैन के राजा गन्धर्वसेन के दो पुत्र थे। पहली पत्नी से भृतहरि हुए, जबकि दूसरी पत्नी से छोटे पुत्र विक्रम हुए। चन्द्रसेन की मृत्यु के उपरांत भृतहरि राजा बने। भृतहरि की पत्नी का नाम पिंगला था। राजा अपनी पत्नी का पागलपन की हद तक दीवाना था। पत्नी के प्रति इतना प्यार व कवि ह्र्दय होने के कारण राजा विलासपूर्ण जीवन जीने लगा। विक्रम ने इस बात का विरोध किया तो राजा भृतहरि ने विक्रम को राज्य से बाहर निकाल दिया। जिस रानी के प्यार में राजा इतना दीवाना था उसी रानी के कारण राजा का मोह जल्द ही टूटने वाला था। राजा को अपनी पत्नी के कारण वैराग्य हो गया। राजा के लिये कई कहानी बतायी जाती है।

rajnish manga 17-12-2014 03:11 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर

पहली कहानी-

एक बार एक योगी राजा भृतहरि के दरबार में आये। राजा की आवभगत से योगी काफ़ी प्रसन्न हुए। जाते समय उन्होंने राजा को एक फ़ल दिया और कहा कि इसे खाने के बाद आप चिरकाल तक युवा बन जाओगे। राजा भृतहरि ने फ़ल लेकर अपनी जान से प्यारी पत्नी को दे दिया। राजा ने रानी को उस फ़ल की विशेषता भी बतायी कि इसे खाकर तुम्हारा यौवन हमेशा ऐसा ही बना रहेगा। राजा जिस रानी को अपनी जान से ज्यादा प्यार करता था वह रानी किसी सेनानायक के प्रेम प्रसंग में फ़ंसी थी। रानी ने सोचा कि सेना नायक की जवानी बनी रहेगी तो वह उसे हमेशा खुश रखेगा। रानी ने वह फ़ल उस नायक को दे दिया। सेनानायक भी कम नहीं था। उसने सोचा कि रानी के साथ तो वह धन-दौलत के लिये प्रेम का नाटक करता है।

वह रानी के साथ-साथ किसी वैश्या/नृतकी के चक्कर में उलझा हुआ था। वह नृतकी सेनानायक की कोई बात नहीं टालती थी। उसने वह फ़ल, उस वैश्या को यह सोचकर दे दिया कि नृतकी उसके काम बाद में भी आती रहेगी। वैश्या के पास राजा भृतहरि का आना-जाना होता था। वैश्या ने सोचा कि यह अमरफ़ल खाकर यह पापी जीवन लम्बा करने से क्या लाभ? इस फ़ल के असली हकदार तो राजा होंगे जिससे राज्य का भला होगा। जब वह फ़ल पुन: राजा के हाथों में पहुँचा तो राजा भृतहरि की खोपडी खराब हो गयी। राजा के मन में वैराग्य उतपन्न हो गया। राजा ने राज-पाठ छोडकर नाथ संप्रदाय के गुरु गोरखनाथ की शरण में जा पहुँचे।

rajnish manga 17-12-2014 05:56 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर


दूसरी कहानी- एक बार राजा भृतहरि अपनी रानी पिंगला के साथ जंगल में शिकार करने गये थे। जब इन्हे कोई शिकार नहीं मिला तो यह वापिस आ रहे थे कि इन्हे हिरणों का एक झुण्ड दिखायी दिया। राजा ने झुन्ड में सबसे आगे चल रहे हिरण को मार डाला। मरने से पहले हिरन ने राजा को कहा, राजन यह तुमने अच्छा नहीं किया। यदि तुमने मेरे सींग श्रृंगी बाबा को, नेत्र चंचल नारी को, खाल साधु संतों को, पैर चोरों को और मेरे शरीर की मिट्टी पापी राजा में बाँट दो तो मेरी आत्मा को शांति मिले। अब राजा परेशान हो गया कि करे तो क्या करे? हिरण को लादकर राजा लौटने लगा तो उसे गुरु गोरखनाथ मिल गये। राजा बोला गुरुदेव आप इस हिरण को दुबारा जीवित कर दे। गोरखनाथ बोले, यदि मैं इसे जीवित कर दू तो तुम्हे मेरा शिष्य बनना पडेगा। राजा के पास गुरु की बात मानने के अलावा कोई मार्ग नहीं बचा था। इस तरह राजा भृतहरि गोरखनाथ का शिष्य बना।




rajnish manga 17-12-2014 06:01 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर
भृतहरि की परीक्षा

गुरु गोरखनाथ का शिष्य बनने के बाद भृतहरि के बारे में गोरखनाथ ने अपने अन्य शिष्यों से कहा कि यह देखो। राजा होकर भी इसने काम
, लोभ, क्रोध व अहंकार पर विजय पा ली है। अन्य शिष्यों को यह बात हजम नहीं हुई। उन्होंने कहा गुरु राजा की परीक्षा लेकर देख लो। राजा के पास 365 रसोइया हुआ करते थे। जो राजपरिवार व अन्य अतिथियों के लिये भोजन बनाते थे। इस तरह देखा जाये तो एक रसोइया साल में केवल एक दिन ही काम कर पाता था। 364 दिन इस इन्तजार में बीतते थे कि कब उसका नम्बर आयेगा और राजा से इनाम पायेगा?

गुरु ने परीक्षा लेने के लिये राजा को कहा जाओ, भण्डारे के लिये लकडियाँ ले आओ। राजा नंगे पैर सिर पर लकडियां लेकर आ रहा था। गुरु ने एक शिष्य से कहा, जाओ, उसे धक्का देकर गिरा दो। धक्का देने से राजा व लकडी दोनों गिर गये। राजा ने बिना कुछ कहे, पुन: लकडी उठायी और आश्रम की ओर चल दिये। गुरु बोले, ये देखो, राजा को जरा भी क्रोध नहीं आया।

शिष्य बोले गुरुजी और परीक्षा लो। अबकी बार गुरु जी ने अपनी माया से एक महल बना दिया। गुरु ने राजा को वह महल दिखाया। महल में युवतियाँ स्वादिष्ट भोजन के साथ उनका स्वागत करने लगी। राजा पर उस भोजन का व उन युवतियों का कोई प्रभाव दिखायी नहीं दिया। गुरु अपने शिष्यों से बोले, अब बताओ, राजा पास हुआ कि नहीं।


rajnish manga 17-12-2014 06:04 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर
भृतहरि की परीक्षा

गुरुदेव एक अन्तिम परीक्षा और लेकर देख लो। अबकी बार गुरु ने कहा राजन मेरा शिष्य बनने के लिये एक महीना नंगे पैर मरु भूमि में चलना पडता है। राजा को मरुभूमि में चलते हुए एक सप्ताह बीतने को आया तो गुरु अपने शिष्यों को लेकर वहां पहुँच गये। गुरु ने अपने शिष्यों से कहा
, ये देखो मैं यहाँ मरुभूमि में योगबल से वृक्ष खडा कर देता हूँ। राजा पेड की छाया में नहीं बैठेगा। जब राजा का पैर पेड की छाँव में पडा तो राजा उछल पडा, जैसे आग पर पैर पड गया हो। राजा सोचने लगा कि मरुभूमि में छायादार पेड कहाँ से आ गया? राजा कूदकर छाँव से दूर हट गया।

गुरु गोरखनाथ राजा से बहुत खुश हुए। गुरु ने कहा, राजन मांगो क्या मांगते हो? राजा भृतहरि बोले गुरुजी आप खुश है। मुझे सब कुछ मिल गया। गुरु बोले - नहीं राजन, मेरा अनादर मत करो। कुछ ना कुछ तो लेना ही पडेगा। राजा को एक सुई दिखायी दी। राजा बोला गुरुजी, इस सूई में धागा पिरो दीजिए। राजा ने गुरु का मान भी रख लिया और अपने लिये कुछ ना माँगा। इस तरह राजा भृतहरि एक महीने की परीक्षा सात दिनों में पास कर गये।

राजा भृतहरि की समाधी के पास इनकी गुफ़ा भी है जो शायद उस दिन बन्द थी। हम वहाँ नहीं जा पाये। इस गुफ़ा में एक दीपक के बारे में बताया जाता है जो निरन्तर जलता रहता है। गाडी में बैठकर वापिस चल दिये। अशोक भाई ने बताया था कि रास्ते में अलवर का मशहूर मिल्क केक बनता है। अशोक जी केक खिलाओ या सिर्फ़ दिखाओगे? संदीप जी चिन्ता ना करो, मिल्क के साथ कचौरी भी खिलाऊँगा। यह दुकान एक तिराहे पर है। जिसे देख लगता है कि इसकी प्रतिदिन बिक्री 20-30 हजार के करीब होगी।

**


DevRaj80 18-12-2014 04:45 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तो हमने उज्जैन में भी देखि थी ....

rajnish manga 19-12-2014 09:51 AM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
Quote:

Originally Posted by devraj80 (Post 543034)
भरथरी (भर्तहरी) गुफा तो हमने उज्जैन में भी देखि थी ....





जी हाँ, उज्जैन में भी भरथरी गुफा तथा मंदिर है.

DevRaj80 20-12-2014 10:16 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
पहले भी पढ़ी ये कहानी आज रिपीट हो के फिर यद् आ गयी ... धन्यवाद रजनीश जी

pentagreen 20-02-2015 03:38 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 540883)
राजस्थान का पर्यटक स्थल, अलवर
भानगढ़ फोर्ट

http://media-cdn.tripadvisor.com/med...bhangarh-1.jpghttps://encrypted-tbn1.gstatic.com/i...U28P0YgON3gou_^https://encrypted-tbn0.gstatic.com/i...mQDYtC33bkWybP


भानगढ़ का किला इससे जुडी हुई कथाओं की वजह से डरावना और भुतहा समझा जाता है. यहाँ तक कि पुरातत्व विभाग ने भी अपने सूचना पट्ट पर यहाँ रात में आने की मनाही की हुई है. पिछले दिनों कुछ टीवी चैनलों की तरफ से इस क्षेत्र के विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिक यंत्रों की सहायता से इस बात की जांच करने की कोशिश की गई कि क्या वास्तव में यहाँ भूत वगैरह हैं अथवा यह लोगों का सिर्फ वहम ही है. उन लोगों ने अलग अलग टीम बना कर एक दूसरे से अलग अध्ययन किया. उन्होंने रात यहीं बिताई और उनके साथ कोई अनहोनी घटना नहीं हुई. लेकिन उन्होंने पुख्ता रूप से कोई निष्कर्ष नहीं निकाले.

I have visited Bhangarh fort twice in my life and I really feel that this place is haunted. Even the atmosphere and the air is very strange.

rajnish manga 21-02-2015 09:42 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
Quote:

Originally Posted by pentagreen (Post 548389)
I have visited Bhangarh fort twice in my life and I really feel that this place is haunted. Even the atmosphere and the air is very strange.


Thank you very much for your valuable inputs and feedback.

Suraj Shah 06-03-2015 05:33 PM

Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन
 
सुन्दर ज्ञानवर्धक सूत्र...


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