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-   -   " कबीर के दोहे " (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2382)

Hamsafar+ 05-04-2011 10:29 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
सब आलमका रखनेवाला बिठ्ठल पंढरपुरवाला ।
फकीर उनोके खूप बिराजे सब संतनका हुवा मेला ॥

Hamsafar+ 05-04-2011 10:29 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
रामनाम बिन कछु नहीं जाने मारूं जमकू टोला ।
मन तुरंगपर स्वार होकर करो उनोपर हल्ला ॥

Hamsafar+ 05-04-2011 10:29 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
कटार सीका सिंघासन छोडा गोपीचंद मुद्रा माला ।
ब्रह्मा ब्रिंद जमकू न जाने ज्यानो लक्ष्मीवाला ॥

Hamsafar+ 05-04-2011 10:31 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
Quote:

Originally Posted by abhisays (Post 70215)
हमसफ़र जी कबीर के दोहे तो काफी अच्छे है, share करने के लिए थैंक्स.

हौशला आफजाई के लिए हार्दिक आभार

Hamsafar+ 05-04-2011 10:32 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
महेल खजाना कछु नहीं चाहत नही घोडा हाती सुत पाला ।
घर घर जागे धरतरी माई तीनों लोकमों उजाला ॥

Hamsafar+ 05-04-2011 10:33 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
निशान झेंडा दीये डेरे चंदरभागामों हुवा मेला ।
आखाडीं एकादशीसे कबीर भगत हुवा चेला ॥

Hamsafar+ 05-04-2011 10:34 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
है कुई ऐसा ये दुनयामों जाकर बोले बात ।
देखो बाबा भीमा किनारे उनसे जोरो हात ॥

Hamsafar+ 05-04-2011 10:34 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
नजरभर देखो नजरभर देखो ।
कछु खरच नहीं मुफत नाम चाखो ॥

Hamsafar+ 05-04-2011 10:35 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
ओही मुर्शद ओही मौला वोही बना है पीर ।
अब कांहा पकरू निजाम रोजा ओही भरा भरपूर ॥

Hamsafar+ 05-04-2011 10:35 AM

Re: " कबीर के दोहे "
 
जंगल जाना उसके खातर सोही मीठा मुखमों ।
अल्ला मौला राम रहिम दोनो भरा तनमों ॥


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