Re: " कबीर के दोहे "
कहत कबीर सुनो भाई साधु बिरला जाने मनमों ।
भाव भगतसे साई खडा देखो जाके पंढरपुरमों ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
तीन लोकमों सांई हमारा पंढरपुरमो बडा है ।
पुंडलीकसे मिलने आया रह्या बीटपर खडा है ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
मदन मुरत खुब सुरत भुलगया भगवतनकु ।
भीमा कीनारे आपही ठाडा जुग अठ्ठावीस भये उनकू ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
शंख चक्र पद्म बिराजे पीतवसन श्याम तनकू ।
केशर कस्तुर शीस मिरवित आनंद भयो सबकू ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
कहत कबीर भाई साधू ध्यान धरो उनकू ।
जनम मरन मिट गया फेरा येही बुझो तनकू ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
भीमा किनारे मुर्शद मोला पीर पैगंबर बडा है ।
तनके दरगा म्यागे साई आकल आकेला खडा है ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
वोही हमारा अल्ला हे मुरशद पीर मौला है ॥
सब घट म्यानें घरघर भरा वोही आकल आकेला है । जिदर देखे उदर भरा मौजुद उनोका बोलबाला है ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
नामा दरजी बङा हटेला आपसे दूध पिलाये हैं ।
बंदा उनोका नारा माहादा जनी खाना खिलाया है ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
क्यां कहूं उनोकी तारीफ बाबा तीनो लोकमें भरा है ।
कहत कबीर सुनो भाई साधु जमकाल हमसे डर भागा है ॥ |
Re: " कबीर के दोहे "
भीमा किनारे बिटपर नीट कटपर रखे कर जिन्ने ।
वोही हमारा पीर पैगंबर हारा सुख भया दरुशनमें ॥ |
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