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rajnish manga 14-05-2016 07:50 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
हर बारिश में ज़ख्म हरे हो जायेंगे,
यादों को दफ़नाने से भी क्या होगा.


(सुरेंद्र चतुर्वदी)

rajnish manga 14-05-2016 07:58 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा: जहाँ आँख खुली वहीं सवेरा


एक दिन जब मेरी खुली आँखें
बस तभी से हुआ सवेरा है

(महेश कटारे ‘सुगम’)

rajnish manga 14-05-2016 08:04 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > सर पटकना = परेशान होना

मुसाफ़िर अपनी मंज़िल पर पहुँच कर चैन पाते हैं
वो मौजें सर पटकती हैं जिन्हें साहिल नहीं मिलता

मखदूम दहलवी


rajnish manga 14-05-2016 08:36 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
मुहावरा > साँसें उखड़ना = बहुत थक जाना


मैं मंज़िल के निशाँ कभी के छू लेता
लेकिन रस्तों की भी उखड़ी साँसें थीं !!


यूसुफ रईस

soni pushpa 23-05-2016 11:24 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 
शायरी में मुहावरे पहले कभी नहीं पढ़े थे भाई नई जानकारी मिली हमें .. यह तो बहुत बहुत अच्छी जानकारी है .. धन्यवाद सह आभार भाई

rajnish manga 15-02-2018 10:09 AM

Re: शायरी में मुहावरे
 

rajnish manga 25-06-2018 11:13 PM

Re: शायरी में मुहावरे
 
'असद' ख़ुशी से मिरे हाथ पाँव फूल गए
कहा जो उस ने ज़रा मेरे पाँव दाब तो दे
मिर्ज़ा ग़ालिब

सर उड़ाने के जो वादे को मुकर्रर चाहा
हँस के बोले कि तिरे सर की क़सम है हम को
मिर्ज़ा ग़ालिब
**
छानी कहाँ ख़ाक पाया कहीं तुम्हें
मिट्टी मिरी ख़राब अबस दर-ब-दर हुई
भारतेंदु हरिश्चंद्र
**
आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए
साहब को दिल देने पे कितना ग़ुरूर था
मिर्ज़ा ग़ालिब
**
इतना समझ चुकी थी मैं उसके मिज़ाज को
वो जा रहा था और मैं हैरान भी न थी
Parveen Shakir


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