अप्रेल फुल बनाओ
यहाँ पर आप सब को अप्रेल फुल बनाने का जादू बताना है ताकि सभी १ अप्रेल का मजा ले सके:crazyeyes:
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Re: अप्रेल फुल बनाओ
मेरी नज़र में कोई भी मजाक सोच समझ कर करना चाहिए
मजाक मजाक में किसी के जज्बातों से नहीं खेलना चाहिए क्योकि मजाक से किसी को कितना दुख पहुँच सकता है कई बार मजाक करने वाले अंदाजा नहीं लगा पाते! मजाक ऐसा हो की जिसका मजाक बने वो भी दिल खोल के मज़ा ले ये है मेरी सोच क्या मैं गलत हूँ?????? |
Re: अप्रेल फुल बनाओ
मजाक को मजाक की तरह ही लें साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि सामने वाले कि भावनाओं को ठेस न पहुंचे
बिलकुल, एक हद में किया जाय तो कोई बुराई नहीं |
Re: अप्रेल फुल बनाओ
ध्यान दीजिए मजाक बिलकुल बुरा नहीं है तब जब
मजाक ऐसा हो की जिसका मजाक बने वो भी दिल खोल के मज़ा ले ये है मेरी सोच |
Re: अप्रेल फुल बनाओ
चलो एक तरीका में ही बताता हू जो मेरे साथ ही आजमाया था बस में ज्यादा समझदार निकला और बच गया
तो सबसे पहले अपने ऐसे दोस्त के बारे में दिमाग लगा के सोचो जिसकी अभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है या फिर अभी अभी ही वो फ्री हुआ है अब बस अपनी गर्ल फ्रेंड को कहो की उसे फोन करे और बोले की वो आपसे मिलना चाहती है , आप बहुत स्मार्ट है और भी जो आप उसके बारे में जानते है बस तारीफ कर दो उसे फिर एक बार शाम को फोन करो और फिर से अपनी गर्ल फ्रेंड से बात कराओ बस काम हो गया होगा अब आपको विश्वास हो जाये की आपका दोस्त आपके झांसे में आ गया है तो उसे कही अकेला बुलाओ और फिर पूरा का पूरा group मज्जे ले ले कर हँसो |
Re: अप्रेल फुल बनाओ
दोस्तों, वैसे तो किसी से झूठ बोलना या किसी को मुर्ख बनाना बुरी बात है ..लेकिन एक अप्रैल के दिन ये सब करने की छुट होती है. और लोगों को मुर्ख बनने में और बनाने में मजा भी आता है.वैसे तो हर एक अप्रैल वाले दिन मैं भी लोगों को मुर्ख बनाने से नहीं चूकता और कभी कभी बन भी जाता हूँ.. ऐसी ही एक घटना बताता हूँ.. एक दिन पहली अप्रैल को मैं रोज की भाँती अपनी दुकान पर पहुंचा तो पाया की पडोसी दुकानदार के शटर पर एक परचा चिपका हुआ है की .."आज हमारी पूजनीय माताजी का निधन हो गया है ..इस कारण आज दुकान बंद रहेगी.. संस्कार निगमबोध घाट पर दोपहर बारह बजे होगा." यह पढ़ कर मैंने दुकान खोलने का विचार त्यागा तथा अन्य दुकानदारों ने भी दुकान नहीं खोली. सभी दुकानदार एकत्र हो कर नियत समय से पहले निगम बोध घाट (दिल्ली का एक प्रसिद्द शमशान घाट) पहुँच गए. वहां जा कर हमने देखा की वो पडोसी दुकानदार पहले से वहां मौजूद है. हम सभी नें उसके साथ सांत्वना व्यक्त की और उसनें भी हमारे साथ सांत्वना व्यक्त
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Re: अप्रेल फुल बनाओ
की. किन्तु उसे देख कर लग नहीं रहा था की उसके साथ कोई ऐसी घटना घटी है.. जब हमने उससे उसकी माताजी के विषय में पूछा तो उसनें बताया की उसकी माताजी का तो दस वर्ष पहले ही स्वर्गवास हो चूका है. वो तो किसी अन्य दुकानदार के शटर पर लगे नोट को पढ़ कर यहाँ आया है. मतलब किसी अनजान व्यक्ति नें एक सूचना उसके साथ वाले दुकानदार के शटर पर चिपका दी थी, जिसे देख कर उसनें दुकान ना खोल कर सीधे शमशान आना उचित समझा . और उसके दुकान ना खोलने पर वही कागज़ पडोसी के शटर से उतार कर उसी के शटर पर चिपका दिया. और इस तरह किसी की शरारत के कारण पूरी मार्केट तीन घंटे बाद खुली. इस तरह सभी का सामूहिक "अप्रैल फूल" मना.
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Re: अप्रेल फुल बनाओ
यार अब बताओ भी या हमें ही शुरू करना होगा
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Re: अप्रेल फुल बनाओ
मेरे कुछ दोस्त नेपाल के आसपास रहते हैँ एक बार उनमे से एक का फोन आया की दुसरे के मुँह से खुन की उल्टी हुई हैँ मैँ उस वक्त अपने पास के शहर मेँ था मैँ घबरा कर अपने घर फोन करके निकल गया जब आधे रास्ते का सफर तय कर लिया तो फोन आया कहाँ हो मेरे बताने पर उसने कहा की मैँ मजाक मेँ बोला था मैँ वापस आ गया लेकिन मैँ पुरा दिन परेशान हो गया ऐसा अप्रेल फुल भी बेकार हैँ
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Re: अप्रेल फुल बनाओ
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