माँ यशोदा के लालन आये
जन्माष्टमी पर विशेष
माँ यशोदा के लालन आये काली अंधियारी रात भई, जब लालन आये अवनि में आते ही दिखलाये प्रभाव अपने कान्हा ने . कंस मामा को सुलाए गए यशोदा घर पार कर यमुना कालिंदी कान्हा के आने से व्रज ने नन्द बाबा को बधाइयाँ दी तूने कान्हा ,भेज महामाया को कंस की नींद उड़ा ही दी कुछ ही दिन के होकर तुमने अपनी लीलाएं रचा ही दी यमलार्जुन को श्राप मुक्त कर मोक्ष की राह बतला ही दी असफल कर दी कंस की रचाई षड़यंत्र की गोष्ठी आई मासी बनकर पूतना दिया ज़हर तुझको उसने पर उसको भी मोक्ष मुक्ति दी ग्वालन संग खेल खेल में कान्हा कालिय मर्दन कर कालिंदी को मुक्ति दी गौवें(गाय) चराकर माखन चुराकर गोपियाँ संग तूने लीलाएं की उखल से बाँध कर समझाया जग को माँ कितनी होती है अपनी माटी खाकर गए यशोदा माँ पहु तब दर्शन ब्रह्मांड का मुख में दिखाकर माँ को ये अनुभूति दी भले हूँ ब्रह्मांड नायक माँ मैं पर हूँ तो तेरो लल्ला ही राधा जी संग रास रचाकर सृष्टि को प्रेम की प्यारी सिख ही दी संग सुदामा उदहारण दिया दोस्ती का और द्रौपदी चिर बढाकर महाभारत की आगाही दी रुक्ष्मिनी संग ब्याह रचकर कान्हा रुक्मी को तुमने मुक्ति दी कंस को मारा , कौरव के त्रास से इस धरती को मुक्ति दी पूर्ण पुरुषोत्तम हो ही कान्हा क्यूंकि जीवन के हर पल को समझा था तुमने साथ दिया अपनों का पर, राधा संग न रहकर भी प्रेम की सारे संसार को शिक्षा दी आओ आ जाओ कान्हा दिल से पुकारूं बाट निहारूं क्यूंकि तुम थे तब तो एक कंस था ,अब तो विश्व ही कंसों से भरा पड़ा चीख रही है मानवता और मानव जीवन शांति से अलग हुआ फैली है बर्बरता चहुँ और इंसा खड़ा अब बिलख रहा क्रूरता अन्याय के घर हैं अब तो सच्चाई और इंसा बेघर खड़ा आजा कान्हा दर्श दिखा जा पापियों का नाश अब तू कर दे ज़रा . |
Re: माँ यशोदा के लालन आये
जन्माष्टमी के उप्कल्श्य में आपकी इस कविता का हार्दिक अभिनन्दन है. इसमें कान्हा की बाल-लीलाओं का वर्णन भी है और आज के हालात में उनकी उपस्थिति पर भी ज़ोर दिया गया है और आह्वान किया गया है ताकि समाज को अन्यान्य व्याधियों से मुक्त किया जा सके.
|
Re: माँ यशोदा के लालन आये
[QUOTE=rajnish manga;559085][size=3]जन्माष्टमी के उप्कल्श्य में आपकी इस कविता का हार्दिक अभिनन्दन है. इसमें कान्हा की बाल-लीलाओं का वर्णन भी है और आज के हालात में उनकी उपस्थिति पर भी ज़ोर दिया गया है और आह्वान किया गया है ताकि समाज को अन्यान्य व्याधियों से मुक्त किया जा सके.
जी भाई भगवान् कृष्ण की बाल लीलाओं के बारे में जितना लिखे मन करता है लिखते ही जाएँ बहुत ही प्यारी लीलाएं की थी कान्हा ने . टिपण्णी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद भाई . कविता में तस्वीरें डालने के लिए के लिए हार्धिक आभार सह धन्यवाद भाई .. |
All times are GMT +5. The time now is 01:41 PM. |
Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.