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rajnish manga 06-07-2017 07:07 PM

मन्त्र फूंका है किसी ने
 
ग़ज़ल: मन्त्र फूंका है किसी ने
रजनीश मंगा

मन्त्र फूंका है किसी ने मुझ पे इतने जोर से
मैं जकड़ता जा रहा हूँ जैसे कि चारों और से

दुश्मनी के बाद ग़र हो गुफ़्तगू अच्छा ही है
बात की होगी मगर शुरुआत किसकी ओर से

बेख़बर कितने सही पर बात यह पचती नहीं
डर गया है एक बलशाली किसी कमज़ोर से

शोलाबारी वो करें और हम भी हों अगियार से
तब पेशकदमी कामयाबी पायेगी किस तौर से

मुश्किलों के बीच में न और मुश्किल हो खड़ी
अज़्म ले लो के निकलना चाहिये इस दौर से

Rajat Vynar 10-07-2017 09:08 AM

Re: मन्त्र फूंका है किसी ने
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 561309)
ग़ज़ल: मन्त्र फूंका है किसी ने
रजनीश मंगा

मन्त्र फूंका है किसी ने मुझ पे इतने जोर से
मैं जकड़ता जा रहा हूँ जैसे कि चारों और से

सुन्दर गजल।

विज्ञान के इस दौर में तंत्र-मंत्र?

क्या आप तंत्र-मंत्र पर विश्वास करते हैं?

Deep_ 10-07-2017 12:30 PM

Re: मन्त्र फूंका है किसी ने
 
सुंदर पेशकश ।

rajnish manga 12-07-2017 03:27 PM

Re: मन्त्र फूंका है किसी ने
 
Quote:

Originally Posted by rajat vynar (Post 561423)
सुन्दर गजल।

विज्ञान के इस दौर में तंत्र-मंत्र?

क्या आप तंत्र-मंत्र पर विश्वास करते हैं?

नहीं, मैं विश्वास नहीं करता लेकिन एक मनोदशा या स्थिति को अभिव्यक्त करने के लिए इन शब्दों को लाक्षणिक अर्थ में प्रयुक्त किया गया है. आपका हार्दिक धन्यवाद, रजत जी.

rajnish manga 12-07-2017 03:29 PM

Re: मन्त्र फूंका है किसी ने
 
Quote:

Originally Posted by deep_ (Post 561424)
सुंदर पेशकश ।

रचना पसंद करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, दीप जी.

soni pushpa 24-07-2017 01:31 AM

Re: मन्त्र फूंका है किसी ने
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 561309)
ग़ज़ल: मन्त्र फूंका है किसी ने
रजनीश मंगा

मन्त्र फूंका है किसी ने मुझ पे इतने जोर से
मैं जकड़ता जा रहा हूँ जैसे कि चारों और से

दुश्मनी के बाद ग़र हो गुफ़्तगू अच्छा ही है
बात की होगी मगर शुरुआत किसकी ओर से

बेख़बर कितने सही पर बात यह पचती नहीं
डर गया है एक बलशाली किसी कमज़ोर से

शोलाबारी वो करें और हम भी हों अगियार से
तब पेशकदमी कामयाबी पायेगी किस तौर से

मुश्किलों के बीच में न और मुश्किल हो खड़ी
अज़्म ले लो के निकलना चाहिये इस दौर से

उहापोह की स्थिति को बड़े अच्छे तरीके से आपने प्रस्तुत किया है.... शोलाबारी वो करें और हम भी हों अगियार से तब पेशकदमी कामयाबी पायेगी किस तौर से..

देश की वर्तमान परिस्थिति कुछ ऐसी ही है न भाई। .बहुत बहुत धन्यवाद इस कविता को आपने हम सबसे शेयर किया भाई

Pavitra 24-07-2017 11:14 AM

Re: मन्त्र फूंका है किसी ने
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 561309)
ग़ज़ल: मन्त्र फूंका है किसी ने
रजनीश मंगा

मन्त्र फूंका है किसी ने मुझ पे इतने जोर से
मैं जकड़ता जा रहा हूँ जैसे कि चारों और से

दुश्मनी के बाद ग़र हो गुफ़्तगू अच्छा ही है
बात की होगी मगर शुरुआत किसकी ओर से

बेख़बर कितने सही पर बात यह पचती नहीं
डर गया है एक बलशाली किसी कमज़ोर से

वाह! बेहतरीन...... बहुत ही उम्दा लिखा है आपने...... और गजल के इन तीनों शेर ने तो बहुत ही प्रभावित किया...... :bravo:

rajnish manga 28-07-2017 06:07 PM

Re: मन्त्र फूंका है किसी ने
 
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Originally Posted by soni pushpa (Post 561502)
उहापोह की स्थिति को बड़े अच्छे तरीके से आपने प्रस्तुत किया है.... शोलाबारी वो करें और हम भी हों अगियार से तब पेशकदमी कामयाबी पायेगी किस तौर से..

देश की वर्तमान परिस्थिति कुछ ऐसी ही है न भाई। .बहुत बहुत धन्यवाद इस कविता को आपने हम सबसे शेयर किया भाई

मेरी उक्त कविता पर आपकी सुंदर समीक्षात्मक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.

rajnish manga 28-07-2017 06:14 PM

Re: मन्त्र फूंका है किसी ने
 
Quote:

Originally Posted by pavitra (Post 561505)
वाह! बेहतरीन...... बहुत ही उम्दा लिखा है आपने...... और गजल के इन तीनों शेर ने तो बहुत ही प्रभावित किया...... :bravo:

मेरी उक्त ग़ज़ल को पसंद करने तथा आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, पवित्रा जी.


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