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bindujain 22-01-2013 05:40 PM

गणतंत्र दिवस
 
गणतंत्र दिवस हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है, २६ जनवरी १९५० को भारत का संविधान लागू हुआ| बस तभी से देश गणतंत्र हुआ और उसी उपलक्ष मे गणतंत्र दिवस हर वर्ष मनाया जाता है|
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जनवरी 26, 1950 भारतीय इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया और भारत वास्तव में एक संप्रभु देश बना। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया. देश अंतत: महात्मा गांधी और कई स्वतंत्रता सेनानियो, जिन्होने अपने देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया, उनका सपना एहसास हुआ. जनवरी के 26 वें राष्ट्रीय छुट्टी फैसला सुनाया है और पहचान की गई है और भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया कभी के बाद से.
आज गणतंत्र दिवस पूरे देश में बहुत उत्साह और विशेष रूप से राजधानी में एक साथ मनाया जाता है, नई दिल्ली जहां समारोह में देश के राष्ट्रपति के साथ शुरू करते हैं. इस अवसर की शुरुआत हमेशा के बलिदान की पवित्र याद दिलाते हैं जो शहीदों स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए मर गया, और अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सफल युद्धों. तो, आगे आता है के लिए राष्ट्रपति के क्षेत्र में उनके असाधारण साहस के लिए सशस्त्र बलों से लोगों को बहादुरी के पदक और पुरस्कार भी नागरिकों, जो खुद को अलग स्थितियों में उनकी वीरता के विभिन्न कार्यों के विशिष्ट है.
इस अवसर के महत्व पर, हर साल एक भव्य परेड की राजधानी में आयोजित किया, राजघाट से है, विजयपथ साथ. सेना की विभिन्न रेजीमेंटों, नौसेना और वायु सेना मार्च पास्ट अपने सभी सजधज और सरकारी सजावट भी घुड़सवार सेना के घोड़ों में आकर्षक इस अवसर पर वाद सुसज्जित हैं. एन सी सी कैडेटों की क्रीम, में से चुने हुए पूरे देश में विचार के लिए इस समारोह में भाग लेने के सम्मान एक, के रूप में राजधानी में विभिन्न स्कूलों के बच्चों को स्कूल है. वे कई समारोह की तैयारी दिन और कोई कसर नहीं खर्च करते हैं बख्शा देखना है कि हर विस्तार का ध्यान रखा, अभ्यास के लिए अपने व्यवहार से है, आवश्यक रंगमंच की सामग्री और अपनी वर्दी.
परेड देश के विभिन्न राज्यों से शानदार प्रदर्शन के बाद एक तमाशा है. ये चलती प्रदर्शित उन राज्यों में लोगों और संगीत और है कि विशेष रूप से राज्य के प्रत्येक प्रदर्शन के साथ गाने की गतिविधियों के दृश्य चित्रित. हर प्रदर्शन के बाहर विविधता और भारत की संस्कृति की समृद्धि और पूरे शो लाता है इस अवसर पर एक उत्सव हवा बख्शी है. परेड और आगामी जलूस राष्ट्रीय टेलीविजन से प्रसारित होता है और देश के हर कोने में लाखों दर्शकों ने देखा है.
इस दिन लोगों को देशभक्ति के उत्साह पूरे देश को एक साथ लाता है उसे भी जरूरी विविधता में. देश के हर भाग के अवसर में प्रतिनिधित्व किया है, जो गणतंत्र भारत के सभी राष्ट्रीय अवकाश के दिन सबसे लोकप्रिय बनाता है।

bindujain 22-01-2013 05:42 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
गणतंत्र दिवस : इतिहास के झरोखे से

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भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर 59 वर्ष पहले भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की थी। अंग्रेजों के शासनकाल से छुटकारा पाने के 894 दिन बाद हमारा देश स्वतंत्र राज्य बना। तब से आज तक हर वर्ष समूचे राष्ट्र में गणतंत्र दिवस बड़े गर्व और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

लगभग 2 दशक पुरानी इस यात्रा को सन् 1930 में एक सपने के रूप में संकल्पित किया गया और हमारे भारत के शूरवीर क्रांतिकारियों ने सन् 1950 में इसे एक गणतंत्र के रूप में साकार किया। तभी से धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत का निर्माण हुआ और एक ऐतिहासिक घटना साकार हुई।

31 दिसंबर 1929 की मध्य रात्रि में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र के दौरान राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने की पहल की गई थी। इस सत्र की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। बैठक में उपस्थित सभी क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सरकार के शासन से भारत को आजाद करने और पूर्णरूपेण स्वतंत्रता को साकार करने के लिए 26 जनवरी 1930 को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में एक ऐतिहासिक पहल बनाने की शपथ ली थी। भारत के उन शूरवीरों ने अपनी लक्ष्य पर खरे उतरने की भरसक कोशिश की और भारत सचमुच स्वतंत्र देश बन गया।

उसके बाद भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें भारतीय नेताओं और अंग्रेज कैबिनेट मिशन ने भाग लिया। भारत को एक संविधान देने के विषय में कई चर्चाएँ, सिफारिशें और वाद-विवाद हुआ। कई बार संशोधन करने के पश्चात भारतीय संविधान को अंतिम रूप दिया गया जो 3 वर्ष बाद यानी 26 नवंबर 1949 को आधिकारिक रूप से अपनाया गया।

इस अवसर पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हालांकि भारत 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बन चुका था, लेकिन इस स्वतंत्रता की सच्ची भावना को प्रकट किया 26 जनवरी 1950 को। इर्विन स्टेडियम जाकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और इस तरह गणतंत्र के रूप में भारतीय संविधान प्रभावी हुआ।

bindujain 22-01-2013 05:44 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
रग-रग में जोश भरता 'जन गण मन'

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राष्ट्रगीत हो या राष्ट्रध्वज देशवासियों के आन-बान और शान के साथ प्रेरणा स्रोत होता है। जो राष्ट्रीय सार्वभौमिकता का प्रतीक है। राष्ट्र के सम्मान का राष्ट्रगान "जन गण मन" तमाम हिन्दुस्तानियों की शान और जोश का संचार करने वाला ऐसा ही राष्ट्रगान है जो रग-रग में जोश भरता है।

दुनिया की अव्वल सर्च इंजन वेबसाइट गूगल के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र की शैक्षणिक, वैज्ञानिक व कला से जु़ड़ी वैश्विक संस्था यूनेस्को ने दुनिया की अव्वल सर्च इंजन वेबसाइट गूगल के माध्यम से यूनेस्को एंड इंडिया नेशनल एंथम की साइट पर "जन गण मन" को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान बताया हैं। आर्थिक-सामाजिक नजरिए से परिपूर्ण इस राष्ट्रगान में सांप्रदायिक सद्भाव झलकता है।

राष्ट्रीयता से ओतप्रोत इस राष्ट्रगीत को बंगाली साहित्यकार और नोबल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने दिसंबर 1911 में लिखा जिसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता सालाना अधिवेशन में यानी 27 दिसंबर 1911 को गाया गया। रवींद्रनाथ टैगोर संपादित 'तत्वबोधिनी' पत्रिका में "भारत विधाता" शीर्षक से जनवरी 1912 में पहली दफा यह गीत मशहूर हुआ। खुद रवींद्रनाथ टैगोर ने इसका अंग्रेजी अनुवाद 'दि मॉर्निंग सांग ऑफ इंडिया' शीर्षक से 1919 में किया था और इसके हिन्दी अनुवाद को 24 जनवरी 1950 में राष्ट्रगान का दर्जा प्रदान किया गया।

'जन गण मन' में लबरेज राष्ट्रीयता की पोषक, स्फूर्तिदायक भावना को ध्यान में रखते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अपनी आजाद हिंद फौज में 'जय हे' नाम से इस गीत को स्वीकार किया। आजादी की जंग के दौरान 'वंदे मातरम' इस राष्ट्रीय गीत ने हिन्दुस्तानी आजादी की जंग में चैतन्य पैदा कर दिया था।

लेकिन फिर भी कुछ अपरिहार्य कारणों के चलते इसे राष्ट्रगान के बतौर भले ही स्वीकार न किया जा सका, लेकिन भारतीय जनमानस में राष्ट्रगान जितनी ही अहमियत 'वंदे मातरम्*' को भी हासिल है। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ। उस वक्त हमारे पास अपना राष्ट्रगान नहीं था।

आजाद हिन्दुस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य था। जिसके चलते संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यक्रम में भारतीय शिष्टमंडल को भी आमंत्रित किया गया। इस शिष्टमंडल को हिन्दुस्तान के राष्ट्रगान को संयुक्त राष्ट्र संघ कार्यक्रम में पेश करने के लिए कहा गया। लेकिन राष्ट्रगान तो अस्तित्व में ही नहीं था, सो भारत सरकार ने रवींद्रनाथ टैगोर लिखित 'जन गण मन' गीत को कार्यक्रम में पेश करने हेतु स्वीकार किया।

संयुक्त राष्ट्र संघ में यह राष्ट्रगान बेहद कामयाब रहा। जिसे ध्यान में लेते 24 जनवरी 1950 को भारत की संविधान समिति में 'जन गण मन' को भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया। इस पूरे राष्ट्रगीत में 5 पद हैं। प्रथम पद, जिसे सेनाओं ने स्वीकार किया और जिन्हें साधारणतया समारोहों के मौकों पर गाया जाता है।

आज जब देश महासत्ता बनने की दौ़ड़ में कदम बढ़ाते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी की बुलंदियों को छू रहा है, तब इसके विकास की बुनियाद भौतिक विकास, नैतिक तत्वज्ञान और आदर्श के मूलभूत सिद्घांतों और सार्वभौमिकता के मूल्यों पर आधारित होना बेहद जरूरी है। जिन मूल्यों का दिव्यभव्य प्रतीक है देश का राष्ट्रगान 'जन गण मन'।

bindujain 22-01-2013 05:47 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
दोहे गणतंत्र के

भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान।
छह दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान॥

सब धर्मों को मान दे, रचा गया इतिहास।
इसीलिए हर नागरिक, के अधरों पर हास॥

प्रजातंत्र का तंत्र यह, लिये सफलता-रंग।
जात-वर्ग औ क्षेत्र का, भेद नहीं है संग॥

पांच वर्ष में हो रहा, संविधान का यज्ञ।
शांतिपूर्ण ढंग देखकर, चौंके सभी सुविज्ञ॥

bindujain 22-01-2013 05:48 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
दोहे गणतंत्र के


भारत का हर नागरिक, संविधान का मीत।
इसीलिए सबके अधर, विश्वासों का गीत॥

पर कुछ नेता भ्रष्ट हो, फैलाते अंधियार।
ऐसे तो मर जाएगा, भारत का उजियार॥

इसीलिए हो जागरुक, भारत का हर वीर।
तभी मरेगी वेदना, हारेगी सब पीर॥

bindujain 22-01-2013 05:48 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
दोहे गणतंत्र के

जो भी बिखरे राह में, चुनने होंगे शूल।
तभी खिलेंगे देश में, उत्थानों के फूल॥

शनैः शनैः कितना बढ़ा, देखो भ्रष्टाचार।
पर यदि जनता जागरुक, हो सकता उपचार॥

एक बार फिर चेतना, फिर गूंजे उद्घोष।
देश रहेगा स्वस्थ तब, जब हर रक्खे होश॥

bindujain 22-01-2013 05:49 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
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bindujain 22-01-2013 05:52 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
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bindujain 22-01-2013 05:53 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
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bindujain 22-01-2013 05:53 PM

Re: गणतंत्र दिवस
 
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