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rajnish manga 27-12-2013 07:12 PM

कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 
कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं

हमारी संस्कृति और धर्म में कन्या को देवी का रूप माना जाता है, उसे पूजनीय माना जाता है. लेकिन वास्तविकता क्या है? हम अपनी और से कुछ न कह कर विभिन्न समाचार पत्रों और अन्य स्रोतों से संकलित की हुयी सुर्खियाँ प्रस्तुत कर रहे हैं जो कुछ और ही कह रही है. इसे पढ़ कर आपकी आँखें फटी की फटी रह जायेंगी. यह पढ़ कर समाज की दोहरी मानसिकता का पर्दाफ़ाश हो जाता है - वह समाज जिसमें हिन्दू भी हैं, मुस्लिम भी हैं, सिख भी हैं और अन्य धर्मों को मानने वाले भी. इनकी सोच में धार्मिंक मामलों पर भले ही दुनिया भर के विरोधाभास हों, किन्तु परिवार में कन्या के जन्म को लेकर कमोबेश समानता पायी जाती है. एक बानगी:

1. कल्याण पश्चिम (महाराष्ट्र) में एक महिला कोलड़की पैदाहोने पर नाराज उसके पति ने बच्ची समेत उसे घर से निकाल दिया। खास बात यह है ऐसा कारनामा एक पढ़े-लिखे कंप्यूटर ऑपरेटर ने काम किया.

2. लड़कीके जन्म पर ससुराल वालों से 10 लाख रूपये दहेज मांगने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं दस लाख रूपये न देने पर नवविवाहिता के साथ मारपीट भी की गई है।

3. प्रबल चाहत होने के बावजूद पुत्रीपैदाहोने की जानकारी पर भी क्षण भर के लिए मुझे कोई ख़ुशी महसूस नहीं हुयी l उस वक्त मैं शून्यता में थाl सगे-सम्बन्धियों को दूरभाष पर सूचना देते समय ह्रदय से ख़ुशी गायब थीl

4. नगर के मोहल्ला गोविंद देव निवासी एक विवाहिता को कन्यापैदाहोने पर घर से निकाल दिया गया। पीड़िता ने दुध-मुंही बच्ची के साथ कोतवाली जाकर घर वापसी के लिए गुहार लगाई।

5. अमृतसर में एक महिला की उसी के पति ने इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने तीसरी बार एक लड़की को जन्म दिया।

6. दहेज की मांग पूरी न करने औरलड़की पैदाहोने की सजा के तौर पर पानीपत की देसराज कॉलोनी में एक विवाहिता को जहरीला पदार्थ खिलाकर उसकी हत्या कर दी गई।

7. नवजात बेटी और पत्नी की हत्या की साजिश.

मोगा: मोगा की आरा रोड के किनारे स्थित एक नर्सिग होम में रविवार की दोपहर उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब अस्पताल में एक बेटी को जन्म दे चुकी महिला से उसके पति समेत ससुराल वालों ने उससे मार-पीट की.

8. फर्रुखाबाद: थाना कमालगंज क्षेत्र के ग्राम अजमदपुर निवासी नौशाद पुत्र लाल मोहम्मद की पत्नी नाजमा बानो ने घटियाघाट स्थित टोलटैक्स रूम के सामने रोड पर ही एक लड़की को जन्म दिया। जिस पर साथ जा रहे पति नौशाद लड़की पैदा होने से पत्नी नाजमा वानो व बच्ची को रोड पर ही छोड़कर चला गया। महिला को घटियाघाट निवासी ही महिलायें हामिदा व मजदा वानो ने प्रसव कराया व उसकी देखरेख की।

9. लड़की पैदाहोते ही घर वाले डर जाते हैं-हाय! अब क्या करें। इसके ब्याह का क्या होगा? इस चक्कर में वे चाहते हैं कि घर मेंलड़की पैदाही न हो। लड़की जब स्कूल, कालेज जाने लगती है बाप-भाई डरने लगते हैं।

(क्रमशः)

rajnish manga 27-12-2013 07:14 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 
अब कुछ उत्साहवर्धक सुर्खियाँ

उपरोक्त नकारात्मक सुर्ख़ियों के बाद अब हम आपके सामने कुछ ऐसी सुर्खियाँ रखना चाहते हैं जिनसे आशा बंधती है कि परिस्थिति इतनी खराब नहीं जितनी दिखाई देती है. हम ऐसे सभी लोगों को सलाम करते हैं जो मजबूती से खड़े हो कर दकियानूसी ताकतों और ऐसी ही परम्पराओं का विरोध करते हैं और मानसिकता में बदलाव लाने के लिये कटिबद्ध रहते हैं:

1. लड़की पैदाहोने पर पैसे नहीं लेता यह अस्पताल कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के प्रयासों के तहत एक अनूठी मिसाल पेश की है पुणे के एक अस्पताल ने. पुणे के पास के ही इस जनरल ऐंड मेटरनिटी हॉस्पिटल चलाने वाले डॉक्टर गणेश रक बच्चीपैदाहोने पर फीस नहीं लेते। ऐडमिशन फी से लेकर चेकअप चार्जेज तक कुछ भी नहीं लिया जाता। इतना ही नहीं, बच्ची के जन्म का उत्सव मनाने के लिए उनके परिवार जनों को आर्थिक सहयोग भी दिया जाता है.

2. 'लड़की पैदाकरने वालों को सम्मानित करेगी खाप' - देशवाल खाप की महापंचायत में निर्णय लिया गया कि एक से अधिक बेटी पैदा करने वाले परिवार को देशवाल खाप सम्मानित करेगी।

Dr.Shree Vijay 27-12-2013 08:02 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 

जों इंसान कन्या के जन्म कों एक त्रासदी समझता हें,
वह इंसान कहलाने के लायक भी नही हें वह पशुओं से भी
निम्न कोटि का हें, वह यह क्यों भूल जाता हें की उसकी जन्मदात्री
माँ भी स्वयं एक कन्या ही हें उसकी पत्नीः भी एक कन्या ही हैं.........

ऐसे व्यक्तियों कों पशु या राक्षस कहना यह पशुओं एवं राक्षसों का अपमान करना हें |

उत्तम सूत्र................................


rafik 23-07-2014 03:47 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 
आखिर कबतक ऐसे अपराध होते रहेगे ,एक पढ़ा लिखा इन्सान केसे हेवान बन सकता !
समाज कब समझेगा कि लडकी अनमोल होती है !
लडकी को तो भगवान ने भी समझा तभी तो भगवान के नाम से पहले लड़की का नाम लगा जेसे सीताराम ,राधाकृष्ण
मुस्लिम समाज में भी लडकी होने पर घर में बरकत मानी जाती है ,और कुछ भी काम शुरू करने से पहले बिस्स्मिल्लाह बोला जाता है ये भी लड़की का नाम होता है
अगर लडकी पैदा नहीं होगी तो ,बरकत कहा से आयेगी

rajnish manga 23-07-2014 10:31 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 
बहुत सुन्दर विचार. ज़रुरत इस बात की है कि यह विचार 120 करोड़ जनता के दिलो-दिमाग में इस प्रकार समा जाये, जिस प्रकार हम सांस लेते हैं पर इसका हमें आभास तक नहीं होता. ठीक इसी प्रकार परिवार व समाज के लिये कन्या के महत्व को समझें और आत्मसात कर लें. हृदय में धड़कन और धमनियों में रक्त के प्रवाह की तरह ही समाज में कन्या का होना अनिवार्य है. कोई किन्तु-परन्तु नहीं चाहिये.

Dr.Shree Vijay 26-07-2014 05:31 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 

एक स्त्री एक दिन एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के
पास के गई और बोली,
" डाक्टर मैँ एक गंभीर समस्या मेँ हुँ और मेँ
आपकीमदद चाहती हुँ । मैं गर्भवती हूँ,
आप किसी को बताइयेगा नही मैने एक जान
पहचान के सोनोग्राफी लैब से यह जान लिया है
कि मेरे गर्भ में एक बच्ची है । मै पहले से
एकबेटी की माँ हूँ और मैं किसी भी दशा मे
दो बेटियाँ नहीं चाहती ।"
डाक्टर ने कहा ,"ठीक है, तो मेँ
आपकी क्या सहायता कर सकता हु ?"
तो वो स्त्री बोली," मैँ यह चाहती हू कि इस
गर्भ को गिराने मेँ मेरी मदद करें ।"
डाक्टर अनुभवी और समझदार था।
थोडा सोचा और फिर बोला,"मुझे लगता है कि मेरे
पास एक और सरल रास्ता है जो आपकी मुश्किल
को हल कर देगा।" वो स्त्री बहुत खुश हुई..
डाक्टर आगे बोला, " हम एक काम करते है
आप दो बेटियां नही चाहती ना ?? ?
तो पहली बेटी को मार देते है जिससे आप इस
अजन्मी बच्ची को जन्मदे सके और
आपकी समस्या का हल भी हो जाएगा. वैसे
भी हमको एक बच्ची को मारना है तो पहले
वाली को ही मार देते है ना.?"
तो वो स्त्री तुरंत बोली"ना ना डाक्टर.".!!!
हत्या करनागुनाह है पाप है और वैसे भी मैं
अपनी बेटी को बहुत चाहती हूँ । उसको खरोंच
भी आती है तो दर्द का अहसास मुझे होता है
डाक्टर तुरंत बोला, "पहले
कि हत्या करो या अभी जो जन्मा नही
उसकी हत्या करो दोनो गुनाह
है पाप हैं ।"
यह बात उस स्त्री को समझ आ गई । वह स्वयं
की सोच पर लज्जित हुई और पश्चाताप करते हुए
घर चली गई ।

क्या आपको समझ मेँ आयी ?
अगर आई हो तो SHARE करके दुसरे
लोगो को भी समझाने मे मदद कीजिये
ना महेरबानी. बडी कृपा होगी ।
हो सकता है आपका ही एक
shareकिसी की सोच बदल दे..
और एक कन्या भ्रूण सुरक्षित, पूर्ण विकसित
होकर इस संसारमें जन्म ले.....


rajnish manga 26-07-2014 08:36 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 
इस सुन्दर प्रसंग का संदेश यही है कि कन्या भ्रूण हत्या महापाप है और ईश्वर की बनाई हुई इस प्यारी सृष्टि के सिद्धांतों के प्रति सबसे बड़ा अपराध है. हम चाहते हैं कि यह महत्वपूर्ण संदेश जन जन तक न सिर्फ पहुंचे बल्कि प्रत्येक नर-नारी द्वारा मन, वचन तथा कर्म में उतारा जाये.

rafik 30-07-2014 03:22 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 
क्या बेटियां पराई होती हैं? अपने विचार ज़रूर बताएं - आदतन ही सही, लेकिन अक्सर बेटियों को अपने ही पैरंट्स के मुंह से यह सुनने को मिल जाता है कि... भई दूसरे की अमानत है... या... बेटियां तो पराई होती हैं... मेहमान होती हैं वगैरह-वगैरह। सुनकर कैसा लगता है, हर बेटी जानती है। कभी-कभी मम्मी की झिड़की में भी यह उलाहना होता है कि कुछ काम-काज सीख ले, दूसरे घर जाएगी तो लोग क्या कहेंगे? बेटी बहू बनकर ससुराल पहुंची तो वहां भी उसका पहला इंट्रोडक्शन कुछ ऐसे होता है, देखो, अब तुम इस घर... खानदान की बहू हो। मतलब यहां भी वही आइडेंटिटी क्राइसिस, ना वो घर मेरा था, ना यह घर मेरा है। क्या क्या आप इससे सहमत हैं? क्या सच में बेटी पराई होती है? अधिक से अधिक share करें!

rafik 30-07-2014 03:26 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 
क़ानून को हाथ में लिए खड़ी है ,
आँखों पर काली पट्टी चडी है
हर पुरुष उसके आगे नतमस्तक है
वो गंगा है , यमुना है , सरस्वती है
सब का पाप धोने के लिए बहती है
हर पुरुष उनके आगे नतमस्तक है
वो वैष्णो देवी मै है , वो काली है , अम्बे है,
वो शेरो वाली है , वो माँ संतोषी है
हर पुरुष उनके आगे नतमस्तक है
वो ही तो है , जिस के आँचल के नीर से पल कर"जग"बड़ा हुआ है
आज हर पुरुष अपने पैरों पर खड़ा हुआ है
हर पुरुष उनके आगेभीनतमस्तक है |
फिर जब तुम स्त्री की इतनी इज्जत करते हो
उसे मंदिर में पूजते हो , उसके पानी में पाप धोते हो
उसके आँचल में पल कर बड़े होते हो ...|
फिर क्यूँ ... सरे आम उसी स्त्री को नोचतें हो ?
क्यूँ उसके जिस्म की इतनी भूख है तुम्हे ?
क्यूँ जर्रा जर्रा कर देना चाहते हो "स्त्रीत्व" को तुम ?
क्यूँ "हर दिन" , "हर अखबार" , का "हर पन्ना"
स्त्री के आसूं से सजा होता है ?
क्यूँ स्त्री के लिए मंदिर के बाहर होना
इतनी बड़ी "सजा" होता है ?
आखिर कब तक चलेगी ये दानवता
आखिर कब तक शर्मसार होती रहेगी मानवता ???
जवाब मत दीजिये , वरन अपने अंदर जवाब खोजिये

rafik 30-07-2014 03:43 PM

Re: कन्या का जन्म एक त्रासदी नहीं
 
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