जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
सन् 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में सात से 11 सितंबर तक चली फिल्लौर की लड़ाई को आज भी सेना इतिहास में सबसे घातक जंग का दर्जा दिया जाता है। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें भारतीय सेना ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय उस समय के सबसे आधुनिक अमेरिका निर्मित पैटर्न टैंकों सहित पाकिस्तान की पूरी डिवीजन को तबाह कर दिया था। युद्ध में 11 सितंबर वह ऐतिहासिक दिन था जब भारतीय सेना की आम्र्ड पूना हार्स रेजीमेंट ने पाकिस्तान के सियालकोट क्षेत्र के निकट फिल्लौर पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध में रेजीमेंट के कमांडिंग आफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल एबी तारापोर ने शौर्य का परिचय दिया था, जो कि युद्ध में शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत परवीर चक्र देकर सम्मानित किया गया था। आज 11 सितंबर को इसी दिन सेना की खड्ग कोर के अधीन आने वाली पटियाला स्थित आम्र्ड डिवीजन में इस युद्ध की 45वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। डिवीजन में बने ब्लैक एलीफेंट युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन होगा । सटीक लगाए थे निशाने सियालकोट सेक्टर के नजदीक फिल्लौर के क्षेत्र को कब्जाने की जिम्मेदारी प्रथम आम्र्ड डिवीजन के तहत पूना हार्स रेजीमेंट के कमांडिंग आफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल एबी तारापोर को सौंपी गई। 7 सितंबर को यहां रेजीमेंट का सामना पाकिस्तान की पैटर्न टैंक डिवीजन से हुआ। अमेरिका की ओर से सबसे मजबूत और खतरनाक बताए जा रहे पैटर्न टैंक से सीधी लड़ाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी। लेफ्टिनेंट कर्नल एबी ताराबोर के नेतृत्व में गोलंदार (निशाना लगाने वाला) ने इतने सटीक लक्ष्य भेदे कि दुश्मन के 65 पैटर्न टैंक बर्बाद हो गए। युद्ध में पूना हार्स के केवल नौ टैंक बर्बाद हुए थे। बहादुरी के दम पर युद्ध के नतीजों को बदलने के बाद 16 सितंबर को लेफ्टिनेंट कर्नल एबी तारापोर युद्ध के मैदान पर ही शहीद हो गए। फ्लि्लौर के युद्ध में सेना के पांच आफिसर व 64 सैनिक शहीद हुए थे। परमवीर चक्र से नवाजा मरणोपरांत लेफ्टिनेंट कर्नल एबी तारापोर को बेमिसाल साहस और बहादुरी के लिए परमवीर चक्र से नवाजा गया। यह इंडियन आम्र्ड फोर्स का पहला परमवीर चक्र था। कुछ वर्षो बाद रेजीमेंट का गौरव बढ़ाने के लिए यह परमवीर चक्र तारापोर के परिजनों ने पूना हार्स रेजीमेंट को समर्पित कर दिया था। आज भी यह परमवीर चक्र पूना हार्स रेजीमेंट की शान बढ़ा रहा है। |
Re: जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
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Lieutenant Colonel Ardeshir Burzarji Tarapore |
Re: जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
भाई एस आर जी,
टैंक का नाम पैटन (Patton) टैंक है ना कि पैटर्न टैंक स्थान का नाम फ़िल्लौरा है ना कि फ़िल्लौर ! साथ ही एक और जानकारी : इस युद्ध में पाकिस्तान ने 97 टैंक खोए थे जिनमें से लगभग 32 टैंक सही काम करने लायक भारतीय सेना ने अपने कब्जे में लिए थे। भारत ने भी अपने 32 टैंक खोए थे। अमेरिका से पाकिस्तान को मिले ये पैटन टैंक अपने समय के सर्वोत्तम, अभेद्य टैंक बताए जाते थे ! |
Re: जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
bahut hi achhi jankari di gayi hai inko padhkar evam yaad karke hum apne un shaidon ko jinhe aaj ke chaploos netaon ne bhula diya hai ko sachhi shadhanjali de sakte hain . in dono sadasyon ke hum shkra gujar hain
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Re: जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
बहुत अच्छा सुत्र बनाये आपने
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Re: जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
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Re: जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपने इसी प्रकार की जानकारी दे कर सूत्र को गति प्रदान करे
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Re: जब पाकिस्तान के 65 टैंक किए थे तबाह
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