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आकाश महेशपुरी 10-12-2017 04:46 AM

सब रोटी का खेल
 
रोना-हँसना यहाँ जगत में सब रोटी का खेल
●●●
रोटी की ही खोज में, छूट गया है देश
मातृभूमि की याद है, भाए ना परदेश
भाए ना परदेश, गांव की मिट्टी भाती
वाहन का ये शोर, वहां कोयल है गाती
आकर देश पराये लगता पहुंच गए हैं जेल-
रोना-हँसना यहाँ जगत में सब रोटी का खेल
●●●
बच्चे गाते गीत हैं, दबा दबा कर पेट
तब होता जाकर कहीं, अन्न देव से भेट
अन्न देव से भेट, नहीं अक्षर से लेकिन
कैसी दुनिया हाय, दिखाती कैसे ये दिन
रोटी है तो बचपन वरना यह भी एक झमेल-
रोना-हँसना यहाँ जगत में सब रोटी का खेल
●●●
अपनों की खातिर सदा, करता था संधर्ष
खुशियाँ घर में बाँटकर, मिलता उसको हर्ष
मिलता उसको हर्ष, हुई जबसे बीमारी
घर वालों पे आज, वही मानव है भारी
पलकों पर था लेकिन अब तो देंगे उसे धकेल-
रोना-हँसना यहाँ जगत में सब रोटी का खेल

गीत- आकाश महेशपुरी
●○●○●○●○●○●○●○●○●○●○●

नोट- यह रचना मेरी प्रथम प्रकाशित पुस्तक "सब रोटी का खेल" जो मेरी किशोरावस्था में लिखी गयी रचनाओं का हूबहू संकलन है, से ली गयी है। यहाँ यह रचना मेरे द्वारा शिल्पगत त्रुटियों में यथासम्भव सुधार करने के उपरांत प्रस्तुत की जा रही है।

rajnish manga 11-12-2017 06:49 PM

Re: सब रोटी का खेल
 
Quote:

Originally Posted by आकाश महेशपुरी (Post 562420)

रोना-हँसना यहाँ जगत में सब रोटी का खेल
●●●
रोटी की ही खोज में, छूट गया है देश
मातृभूमि की याद है, भाए ना परदेश
भाए ना परदेश, गांव की मिट्टी भाती
वाहन का ये शोर, वहां कोयल है गाती
आकर देश पराये लगता पहुंच गए हैं जेल-
रोना-हँसना यहाँ जगत में सब रोटी का खेल
●●●
....
नोट- यह रचना मेरी प्रथम प्रकाशित पुस्तक "सब रोटी का खेल" जो मेरी किशोरावस्था में लिखी गयी रचनाओं का हूबहू संकलन है, से ली गयी है। यहाँ यह रचना मेरे द्वारा शिल्पगत त्रुटियों में यथासम्भव सुधार करने के उपरांत प्रस्तुत की जा रही है।

मैं आपका आभारी हूँ कि आपने अपनी पुस्तक से अपने आरंभिक काल की रचना हमसे साझा की. रचना में मातृभूमि के प्रति कवि का प्रेम उजागर होता है. उसके साथ ही इस कविता में जीवन से जुड़े एक महत्वपूर्ण विषय पर काव्यात्मक चिंतन रखा गया है.

आकाश महेशपुरी 19-12-2017 12:15 PM

Re: सब रोटी का खेल
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 562425)
मैं आपका आभारी हूँ कि आपने अपनी पुस्तक से अपने आरंभिक काल की रचना हमसे साझा की. रचना में मातृभूमि के प्रति कवि का प्रेम उजागर होता है. उसके साथ ही इस कविता में जीवन से जुड़े एक महत्वपूर्ण विषय पर काव्यात्मक चिंतन रखा गया है.

अत्यंत आभार आदरणीय, इतना सम्मान व प्यार देने के लिए! सादर नमन!


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