Re: सावधान :.........
फैशनेबल महिलाएँ जरा सावधान हो जाएँ ! आपके होठों पर जहरीले धातुओं का मिश्रण है :...... सावधान! एक ताजा शोध में कई ब्रांडेड लिपस्टिक और लिप ग्लॉस में घातक धातुएँ पाई गई हैं । एक नए अध्ययन के अनुसार लिपस्टिक लगाने वाली महिलाएँ एक बार सोच लें | अमेरिका में विभिन्न दुकानों पर रखी लिपस्टिक और लिप ग्लॉस पर किए गए परीक्षणों में 32 प्रमुख ब्रांडों में सीसा, कैडियम, क्रोमियम, एल्यूमिनियम और पांच अन्य घातक धातुएँ पाई गई हैं। जिसकी हल्की मात्रा के संपर्क में आने से भी दिमाग, व्यवहार और सीखने की क्षमता प्रभावित होती है, लिपस्टिक के प्रयोग से दिमाग पर असर पड़ सकता है । इनमें से कुछ धातु तो ऐसी हैं जो कई जानलेवा रोगों के लिए जिम्मेदार हैं :......... |
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फैशनेबल महिलाएँ जरा सावधान हो जाएँ ! आपके होठों पर जहरीले धातुओं का मिश्रण है :...... अमेरिका की कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ ऑफ बार्कले स्कूल के अनुसंधानकर्ताओं कई प्रमुख ब्रांडों की लिपस्टिकों पर शोध किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि इन सौंदर्य प्रसाधनों में सिर्फ घातक धातुएँ ही नहीं पाई गई बल्कि दैनिक उपयोग में लिपस्टिक का इस्तेमाल जितना अधिक होता है उस लिहाज से इससे होने वाला खतरा और बढ़ जाता है। प्रमुख शोधकर्ता और पर्यावरण स्वास्थ्य विज्ञान के प्रोफेसर एस कैथरीन हामंड ने बताया कि लिपस्टिक में इन घातक धातुओं का मिलना ही केवल मुद्दा नहीं है बल्कि इनका अत्यधिक इस्तेमाल शरीर और स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। गुड मॉर्निंग अमेरिका पत्रिका द्वारा कराए गए इस अध्ययन में 22 लिपस्टिक ब्रांडों को शामिल किया था। इनमें 55 प्रतिशत लिपस्टिकों में जहरीले तत्वों की निहित मात्रा पाई गई। अंडरराइटर्स प्रयोगशाला में की गई जांच में 12 लिपस्टिक उत्पादों में सीसा पाया गया :......... |
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फैशनेबल महिलाएँ जरा सावधान हो जाएँ ! आपके होठों पर जहरीले धातुओं का मिश्रण है :...... इनमें सीसा का उच्चतम स्तर पाया गया। बोस्टन सीसा विषाक्तता रोकथाम कार्यक्रम के चिकित्सा निर्देशक डॉक्टर्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि सीसे की कम मात्रा के संपर्क में आने से भी स्वास्थ्य सम्बंधी गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं और इससे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है । कुछ घातक धातु तो इतनी अधिक मात्रा में पाई गई कि इनका दुष्प्रभाव सारी जिंदगी रहता है। उन्होंने कहा कि इन धातुओं का लिपस्टिक और लिप ग्लॉसों में मिलना इसलिए भी और घातक है क्योंकि इन्हें किसी टिश्यू से सोखा नहीं जाता, और ना ही इन्हें किसी डिजाइन की तरह त्वचा पर इस्तेमाल किया जाता है। लिपस्टिक का इस्तेमाल होठों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए होता है और ये सीधे-सीधे मुँह के जरिए पेट में चली जाती हैं :......... |
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फैशनेबल महिलाएँ जरा सावधान हो जाएँ ! आपके होठों पर जहरीले धातुओं का मिश्रण है :...... अनुसंधानकर्ताओं ने लिपस्टिक के उपयोग का पैमाना बनाते हुए कहा कि अगर आप प्रतिदिन औसत मात्र में भी लिपस्टिक लगाते हैं तो आप प्रतिदिन 24 मिलीग्राम लिपस्टिक अंजाने में ही पेट के अंदर गटक लेते हैं। जो लोग प्रतिदिन लिपस्टिक लगाने के बाद बार-बार उसे ठीक करने के लिए लगाते ही रहते हैं, वह सबसे बड़े खतरे के शिकार हो सकते हैं। चूंकि उनके पेट में प्रतिदिन 87 मिली ग्राम लिपस्टिक चली जाती है । आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली लिपस्टिक में सबसे ज्यादा क्रोमियम पाया गया जिसकी अधिकता से पेट में ट्यूमर तक हो सकता है। इन उत्पादों का अत्यधिक इस्तेमाल करने पर एल्यूमिनियम, कैडमियम और मैग्नीशियम की भी भारी मात्रा शरीर में चली जाती है। लंबे समय तक अत्यधिक मात्रा में मैग्नीशियम शरीर में जाने से आपका स्न्नायु तंत्र प्रभावित हो सकता है। 24 उत्पादों में सीसा (लेड) मिला । हालांकि लिपस्टिक का छोटे बच्चों के इस्तेमाल करने पर सीसे का भयंकर दुष्प्रभाव उन पर होगा :......... |
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हर व्यक्ति और खास तौर पर लिपस्टिक का प्रयोग करने वाली माहिलाओं के लिये जरुरी जानकारी. स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छे अपडेट्स.
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Quote:
प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक आभार......... |
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सावधान! बैक्टीरिया रोधी साबुन बिगाड़ सकता है आपकी सेहत ?......... http://hindi.pardaphash.com/uploads/...660/159520.jpg न्यूयॉर्क :...... बैक्टीरिया रोधी यानी एंटीबैक्टीरियल साबुन से हाथ धोते हैं, रुकिए! इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है। भले ही इस बात पर आपको आश्चर्य हो, लेकिन हालिया अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। एक चौंकाने वाले अध्ययन के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि बैक्टरीरिया रोधी साबुन में कुछ ऐसे रसायन होते हैं, जो गर्भ में पल रहे शिशुओं और नवजातों के शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। 'ट्राइक्लोसन' नामक एंटीबैक्टीरियल एजेंट साबुन, कॉस्मेटिक्स, कुछ ब्रांड के टूथपेस्ट और कील मुहांसे खत्म करने वाले क्रीम समेत हजारों तरह के उपभोक्ता उत्पादों में पाया जाता है। ट्राइक्लोसन के प्रभाव की समीक्षा फिलहाल यूएस फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (एफडीए) के अधीन है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ट्राइक्लोसन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में मेडिसिन के प्रोफेसर पाउल ब्लैंक ने कहा, "रोगाणुरोधी साबुन इस्तेमाल करने में कई तरह के जोखिम हो सकते हैं। हमारे अध्ययन के दौरान यह बात सामने आई है कि लोग अपने कार्यस्थल और घर पर इस रसायन का अवशोषण करते हैं।" ब्लैंक बिना ट्राइक्लोसन वाले साबुन का इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं। ब्लैंक कहते हैं कि यदि कोई साबुन जिसमें ट्राइक्लोसन न हो, उसका इस्तेमाल बेहतर है। अगर न हो, तो सादा साबुन और पानी बेहतर विकल्प है। यह अध्ययन पत्रिका 'ऑक्यूपेशनल एंड इन्वॉयरमेंटल मेडिसिन' में प्रकाशित हुआ है :......... |
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सावधान! 'मुथूट फाइनेंस' में आप भी गोल्ड लोन लेने की सोच रहे हैं तो ?......... http://hindi.pardaphash.com/uploads/...660/158784.jpg लखनऊ :...... यदि आप भी गोल्ड लोन का कारोबार करने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी मुथूट फाइनेंस में सोने के एवज में कर्ज लेने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि सोने के आभूषणों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देने वाली कंपनी वह कर रही है जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे| जी हाँ इस कंपनी में ग्राहकों द्वारा रखे गए जेवरों से कटिंग की जा रही है| यह सुनकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन यह सच है| इसका खुलासा तब हुआ जब एक ग्राहक ने अपना सारा लोन चुकाने के बाद अपने जेवरात वापस मांगे। ग्राहक ने गोमतीनगर थाने में मुथूट कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है| प्राप्त जानकारी के अनुसार, चिनहट के इस्माइलगंज निवासी वकील अखंड प्रताप सिंह को कुछ रुपयों की जरुरत थी तो उन्होंने जानी मानी गोल्ड फाइनेंस कंपनी मुथूट फाइनेंस की पत्रकारपुरम गोमतीनगर शाखा में संपर्क किया| 5 दिसम्बर 2012 को 12 लाख रुपये के जेवरात गिरवी रखकर उन्होंने 8 लाख 71 हजार रुपये का लोन लिया| वे नियमानुसार समय से अपनी सारी किश्ते भी चुकाते रहे। पिछले शनिवार को जब वे अपनी किश्त जमा करने शाखा पहुंचे तो देखा कि वहां एक ग्राहक से फाइनेंस कर्मचारियों का झगड़ा हो रहा था। पता चला कि उसके जेवरों में कटिंग की गई है। इस पर अखंड को भी शक हुआ तो उन्होंने भी बैंक कर्मचारी को अपने जेवरात चेक करवाने के लिए कहा| इस पर कर्मचारी जेवरात दिखाने के बजाय अखंड से पूरा लोन चुकाने की बात कही| अब अखंड का शक यकीन में बदल गया। उन्होंने जल्द से रुपयों का इंतजाम किया और कंपनी का सारा लोन चुका दिया। उसके बाद मुथूट के कर्मचारियों ने गिरवी रखी गई जेवरात वापस कर दी। अखण्ड प्रताप के मुताबिक, उन्होंने जेवरात चेक की तो उसमें कई जगह कटिंग की गई थी। यह देख कर वह सन्न रह गए। उन्होंने इस सम्बन्ध में मुथूट के रीजनल मैनेजर ओपी श्रीवास्तव से शिकायत की तो वह झगड़ पड़े| पीड़ित का कहना है कि उसके बाद वह गोमतीनगर थाने में मुथूट फाइनेंस कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत लेकर गया तो पुलिस मामला दर्ज करने के बजाय समझौता करवाने लगी| बाद में जब वह अपनी बात पर अड़ा रहा तो उसकी रिपोर्ट तो दर्ज कर ली गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले को लेकर गोमतीनगर थाना प्रभारी आरपी यादव के मुताबिक आरोप काफी गंभीर हैं। रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है। वहीँ, अखंड का कहना है कि मुथूट फाइनेंस में हजारों लोगों ने सोने के एवज में कर्ज ले रखा है। यह कंपनी जेवरों को बंधक रखकर लोन मुहैया कराती है। करोड़ों रुपये के जेवरात का भंडार है। आशंका है कि सभी ग्राहकों के जेवरों में थोड़ी थोड़ी कटिंग की गई होगी। या फिर असली बदलकर नकली रखे जाने का भी शक है। पुलिस मामले की सही तरीके से जांच करे तो बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है :......... साभार :......... |
Re: सावधान :.........
बेहद जरूरी और उपयोगी जानकारी हें
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Re: सावधान :.........
eisi jankariyan kai logo ko kai tarah ke nuksanhone se bacha sakti hai.
bahut bahut dhanywad dr shree vijay ji |
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