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soni pushpa 23-03-2015 11:15 AM

कुछ अजब गजब बातें
 
दोस्तों, इस दुनिया में कई तरह की अजब गजब चीज़े होती है जिनसे हम अनजान होते हैंकुछ अजग गजब बातें यहाँ मै इन्टरनेट के माध्यम से आप सबसे सेर करना चाहूंगी, आशा है आप सबको भी अछि लगेगी



चमड़े के लिए : हर साल करीब 20 लाख कुत्ते और बिल्लियों को फर और चमड़े के लिए मारा जाता है। ऐसा करने में चीन और अन्य एशियाई देश आगे हैं। इनके चमड़े से खिलौने भी बनते हैं।

टेनिस बॉल से कालीन : दुनिया भर में हर साल करीब 15000 टन टेनिस बालों का कचरा पैदा होता है। फ्रेंच टेनिस फेडरेशन इस्तेमाल गेंदों को कालीन बनाने के लिए भेज देता है। 100 मीटर लंबा कालीन बनाने में 40 हजार बॉल इस्तेमाल होती हैं।

जींस : दुनिया भर में जींस की लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि हर 60 सेकेंड पर एक जींस बिक रही है। डेनिम की कुल बिक्री का 81 फीसदी हिस्सा औद्योगिक देशों में हो रहा है जबकि वहां रहने वाली आबादी सिर्फ 13 फीसदी है।

लोगों से ज्यादा साइकिलें : नीदरलैंड के एम्सटर्डम शहर में साइकिलों की संख्या कुल आबादी से ज्यादा है। शहर में कुल 70 लाख लोग रहते हैं जबकि साइकिलों की संख्या करीब 1 करोड़ हैं।

साइकिल की सवारी : दुनिया भर में प्रति सेकेंड करीब 4 साइकिलों की बिक्री होती है। हर साल दुनिया भर में करीब 13 करोड़ साइकिलें बिकती हैं। सत्तर के दशक में इस समय से एक चौथाई बिक्री होती थी। दुनिया में बिक रही 58 फीसदी साइकिलें चीन में बनती हैं।

गोल्फ की बॉल : अमेरिका में हर साल करीब 30 करोड़ गोल्फ बॉल खेलते समय गुम हो जाती हैं। गेंद अक्सर पास के तालाब, पार्किंग या झाड़ियों में चली जाती है जिसे ढूंढना उस समय मुमकिन नहीं होता। इस बात का जवाब देना मुमकिन नहीं कि दुनिया भर में कितनी गोल्फ की गेंदें हर साल खोती हैं।

rajnish manga 23-03-2015 08:21 PM

Re: कुछ अजब गजब बातें
 
इतनी अच्छी व रोचक जानकारी शेयर करने के लिए आपका धन्यवाद, सोनी जी.




apkumar 08-04-2015 09:54 AM

Re: कुछ अजब गजब बातें
 
Wow, thank you Soni for sharing such an informative thread on this forum. I love learning new information like these. And yes, cycling is very good for health and everyone should have cycle at their home. This can save you bunch of money.

soni pushpa 08-04-2015 11:24 AM

Re: कुछ अजब गजब बातें
 
Thanks alott mr. Ap KUMAR , for your very nice comments .

soni pushpa 20-02-2016 05:37 PM

Re: कुछ अजब गजब बातें
 
यहां गर्म सलाखों से होता है बीमारियों का इलाज!

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग लोहे की गर्म सलाखों से दगवाकर कई बीमारियों का उपचार करा रहे हैं। छत्तीसगढ़िया बोलचाल की भाषा में इसे 'आंकना' कहते हैं। इस तरीके से इलाज करने वाले इसे पूरी तरह कारगर होने का दावा करते हैं, जबकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

रोग से पीड़ित लोग हालांकि उपचार के इस तरीके से आराम मिलने की बात कहते हैं, जबकि डॉक्टर इलाज के इस तरीके को काफी खतरनाक व जानलेवा मानते हैं।

सूबे के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के हर पांच-दस गांव में एक ऐसा वैद्य मिल जाएगा, जो कथित रूप से आंक कर ही कई रोगों का इलाज करता है। इनमें से ज्यादातर नि:शुल्क सेवा देते हैं।

कांकेर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर दुधावा मावलीपारा गांव के वैद्य रत्ती सिंह मरकाम के घर हर रविवार सुबह आंक कर इलाज किया जाता है। लोग बताते हैं कि वे हंसियानुमा लोहे को गर्म कर उससे लोगों के शरीर के उन हिस्सों को दागते हैं, जहां तकलीफ होती है।

वे कहते हैं कि वैद्य रत्ती लकवा, गठिया वात, मिर्गी, बाफूर, अंडकोष, धात रोग, बेमची, आलचा सहित कई अन्य रोगों का इलाज करते हैं। उनके पास छत्तीसगढ़ के साथ ही ओडिशा व महाराष्ट्र से भी लोग आते हैं। हाल ही में टाटानगर जमशेदपुर से भी कुछ पीड़ित इलाज कराने आए थे। वे इस इलाज से आराम मिलने का दावा भी करते हैं।

वैद्य रत्ती सिंह ने बताया कि अपने पिता भंवर सिंह मरकाम से उन्होंने यह चिकित्सा पद्धति सीखी है और आज तक नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं।

इसी प्रकार कांकेर के ही सातलोर (पटौद) में राजबाई शोरी भी इसी तरह इलाज करती हैं। वह कहती हैं कि पीड़ित बिना किसी दबाव के स्वयं उनके पास आते हैं और राहत पाते हैं।

उन्होंने बताया कि दूरदराज से आने वाले मरीजों के रहने व खाने की व्यवस्था भी वे अपने घर पर ही करती हैं। वह कहती हैं कि बच्चों का इलाज करते समय उनका दिल भी दुखता है, लेकिन बीमारी दूर करने के लिए ऐसा करना पड़ता है।

राजधानी रायपुर के चिकित्सक डॉ. नलनेश शर्मा ने इस संबंध में कहा कि इलाज का यह तरीका बहुत ही खतरनाक व जानलेवा है। यदि आंकने से ही बीमारी ठीक हो जाती तो पीड़ित डॉक्टरों के पास क्यों जाते?

उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों को जागरूक होना चाहिए। किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर डॉक्टर के पास जाकर ही इलाज कराना चाहिए।
बहरहाल, यह सिर्फ कांकेर जिले की ही बात नहीं है, सूबे के कई और जिलों में भी इसी तरह गर्म सलाखों से दागकर इलाज करने का दस्तूर आज भी जारी है।


अंतर्जाल के माध्यम से

rajnish manga 20-02-2016 10:40 PM

Re: कुछ अजब गजब बातें
 
Quote:

Originally Posted by soni pushpa (Post 557483)
यहां गर्म सलाखों से होता है बीमारियों का इलाज!

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग लोहे की गर्म सलाखों से दगवाकर कई बीमारियों का उपचार करा रहे हैं। छत्तीसगढ़िया बोलचाल की भाषा में इसे 'आंकना' कहते हैं। इस तरीके से इलाज करने वाले इसे पूरी तरह कारगर होने का दावा करते हैं, जबकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

अंतर्जाल के माध्यम से

मैं आपको इस रिपोर्ट की प्रस्तुति के लिये धन्यवाद देता हूँ, बहन पुष्पा जी. यह इलाज का बहुत भयानक तरीका है. वैसे हमारे देश के बहुत से भागों में इससे मिलते जुलते इलाज प्रचलित हैं. इस बारे में डॉ. नलनेश का कथन काबिले गौर है:

राजधानी रायपुर के चिकित्सक डॉ. नलनेश शर्मा ने इस संबंध में कहा कि इलाज का यह तरीका बहुत ही खतरनाक व जानलेवा है। यदि आंकने से ही बीमारी ठीक हो जाती तो पीड़ित डॉक्टरों के पास क्यों जाते?

उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों को जागरूक होना चाहिए। किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर डॉक्टर के पास जाकर ही इलाज कराना चाहिए।



soni pushpa 22-02-2016 10:56 PM

Re: कुछ अजब गजब बातें
 
[QUOTE=rajnish manga;557487][size=3]मैं आपको इस रिपोर्ट की प्रस्तुति के लिये धन्यवाद देता हूँ, बहन पुष्पा जी. यह इलाज का बहुत भयानक तरीका है. वैसे हमारे देश के बहुत से भागों में इससे मिलते जुलते इलाज प्रचलित हैं. इस बारे में डॉ. नलनेश का कथन काबिले गौर है:

राजधानी रायपुर के चिकित्सक डॉ. नलनेश शर्मा ने इस संबंध में कहा कि इलाज का यह तरीका बहुत ही खतरनाक व जानलेवा है। यदि आंकने से ही बीमारी ठीक हो जाती तो पीड़ित डॉक्टरों के पास क्यों जाते?

उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों को जागरूक होना चाहिए। किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर डॉक्टर के पास जाकर ही इलाज कराना चाहिए।



जी भाई मध्य भारत में आज भी इस तरह से उपचार के तरीके अपनाएं जाते हैं पहले के समय की बातें अलग थी तब कोई सुवीधएं न थी आज जितनी और न ही विज्ञानं का इतना विकास हुआ था आज तो हमारे भारत देश में हर बीमारी का इलाज है और विदेशों से लोग उपचार के लिए भारत आते हैं फिर एइसे खतरनाक उपचारों को बंद करना ही अच्छा न ..बहुत बहुत धन्यवाद भाई इतनी गहनता से ध्यान देकर इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए और अपने विचार यहाँ रखने के लिए


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