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बेल, एंडरसन को आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में फायदा
आस्ट्रेलिया पर एशेज श्रृंखला के पहले टेस्ट में 14 रन की जीत के बाद इंग्लैंड के इयान बेल और जेम्स एंडरसन ने दुबई में जारी आईसीसी टेस्ट खिलाड़ी रैंकिंग में अपने स्थान में सुधार किया. वहीं कोई भी भारतीय बल्लेबाजी शीर्ष 20 में नहीं है. बेल ने 25 और 109 रन की पारियां खेली थी, जिससे उन्होंने रिलायंस आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में बल्लेबाजों की सूची में शीर्ष 20 में वापसी की. वह पांच पायदान के फायदे से 17वें स्थान पर पहुंच गये. अन्य बल्लेबाजों शेन वाटसन (43) ने दो, फिल हयूज (45) ने तीन, ब्रैड हैडिन (48) ने दो, स्टीव स्मिथ (52) ने पांच, जानी बेयरस्टो (65) ने तीन, स्टुअर्ट ब्राड (67) ने छह पायदान की छलांग लगायी है. टेस्ट में पदार्पण कर रहे एशटन एगर ने 11वें नंबपर बल्लेबाजी करते हुए 98 रन की पारी खेलकर इतिहास रच दिया था, उन्होंने बल्लेबाजी सूची में 60वें स्थान पर प्रवेश किया है. बल्लेबाजी सूची में अब भी दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला शीर्ष पर हैं जबकि वेस्टइंडीज के शिवनारायण चदंपाल दूसरे और दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स तीसरे स्थान पर हैं. कोई भी भारतीय बल्लेबाजी सूची में शीर्ष 20 में नहीं है. वहीं एंडरसन को मैच में 10 विकेट (158 रन देकर) चटकाने का फायदा मिला, जिससे वह गेंदबाजों की रैंकिंग में एक पायदान के लाभ से छठे स्थान पर पहुंच गये. आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जेम्स पैटिनसन तीन पायदान की छलांग से 20वें स्थान पर हैं और दोबारा शीर्ष 20 में पहुंच गये हैं. पैटिनसन के साथी तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने 10 पायदान की छलांग लगायी जिससे वह 44वें नंबर पर हैं. दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन गेंदबाजों की सूची में शीर्ष पर हैं. साथी गेंदबाज वनरेन फिलैंडर दूसरे और श्रीलंका के रंगना हेराथ तीसरे स्थान पर हैं. भारतीय गेंदबाजों में आफ स्पिनर आर अश्विन सातवें स्थान पर हैं. |
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एशियाई ग्रां प्री में अरूणाचल के दो तीरंदाज
अरूणचाल प्रदेश के दो तीरंदाज 26 जुलाई से दो अगस्त तक मंगोलिया के उलानबाटोर में होने वाली दूसरी एशियाई ग्रां प्री तीरंदाजी चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. ईटानगर में खेल एवं युवा मामलों के सहायक निदेशक तदार अपा ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सांगे ल्हादेन खेल अकादमी के सोरांग युमी और मासेलो मिहु के अलावा कोच एकासिनी देवी भी चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.’’ प्रतिभावान तीरंदाज गेनुंग तेकसिंग को भी पुणे में राष्ट्रीय तीरंदाजी कोचिंग शिविर में ट्रेनिंग के लिए चुना गया है. विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए चयनित तीरंदाजों की ट्रेनिंग के उद्देश्य से 20 दिवसीय कोचिंग शिविर का आयोजन किया जा रहा है. |
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विदेशी गोलकीपिंग कोच नियुक्त करेगा हाकी इंडिया
अगले महीने मलेशिया में होने वाले एशिया कप से पहले हाकी इंडिया भारतीय पुरूष टीम के लिये विदेशी गोलकीपिंग कोच की नियुक्ति करेगा. हाकी इंडिया महासचिव नरिंदर बत्रा ने इसकी पुष्टि की कि वे अल्पकालीन आधार पर विदेशी गोलकीपिंग कोच की तलाश में है. बत्रा ने कहा,‘हम पुरूष टीम के लिये गोलकीपिंग कोच तलाश रहे हैं. हमें विदेशी कोच की तलाश है. हमने तीन उम्मीदवारों का चयन किया है और उनमें से जो स्वीकार्य होगा, उसकी दो तीन दिन में नियुक्ति की जायेगी.’ गोलकीपिंग कोच को कुछ समय के लिये ही नियुक्त किया जायेगा. आगामी एशिया कप और इस साल दिसंबर में होने वाले जूनियर विश्व कप तक. बत्रा ने नामों का खुलासा करने से इनकार किया लेकिन हाकी इंडिया सूत्रों के अनुसार दक्षिण अफ्रीका के डेव स्टानिफोर्थ दौड़ में सबसे आगे हैं. सूत्रों ने बताया,‘स्टानिफोर्थ का नाम सबसे आगे है. ग्रेग क्लार्क (जूनियर कोच) ने भी उनके नाम का सुझाव दिया लेकिन हमें उनकी शर्तें देखनी होंगी.’ |
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इतालवी पुलिस ने जमैकाई फर्राटा धावकों के होटल पर छापे मारे
इतालवी पुलिस ने उस होटल में छापे मारकर अज्ञात पदार्थ बरामद किये हैं, जहां जमैकाई धावक असाफा पावेल और शेरोन सिम्पसन रह रहे थे . खिलाड़ियों और कनाडाई ट्रेनर क्रिस्टोफर शूरेब के कमरों की सोमवार को तलाशी ली गई जिनके पास से ड्रग और मसल सप्लीमेंट बरामद हुए. उडाइन के पुलिस कप्तान अंतोनियो पिसापिया ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभी स्पष्ट नहीं है कि ये ड्रग और मसल सप्लीमेंट वैध हैं या अवैध. उन्होंने कहा कि हम इसकी जांच कर रहे हैं. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है और कोई जांच के दायरे में नहीं है. इस बीच चक्काफेंक खिलाड़ी एलिसन रेंडाल ने स्वीकार किया कि वह उन पांच जमैकाई एथलीटों में है जिन्हें पिछले महीने जमैकाई चैम्पियनशिप में प्रतिबंधित दवाओं के सेवन का दोषी पाया गया था . रेंडाल ने लंदन ओलंपिक में भाग लिया था. जमैकाई एथलेटिक्स संघ ने सोमवार को एक संक्षिप्त बयान जारी करके कहा था कि खिलाड़ियों के लिये डोपिंग निरोधक प्रबंधन प्रक्रि या शुरू कर दी गई है. |
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भारतीय मुक्केबाजों ने सर्बिया में जीते नौ पदक
भारत के युवा मुक्केबाजों ने सर्बिया के किकिंडा में संपन्न हुए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट ‘गोल्डन ग्लव आफ वोजवोदिना’ में चार स्वर्ण सहित नौ पदक अपनी झोली में डाले. ए सिलामबरसन (52 किग्रा) को टूर्नामेंट का ‘बेस्ट फाइटर’ घोषित किया गया. उन्होंने और मनीष सोलंकी (69 किग्रा) ने पुरूष वर्ग से स्वर्ण पदक हासिल किये जबकि राजेश कुमारी (48 किग्रा) और चंदा उदानशिवे (51 किग्रा) ने महिला वर्ग में सोने के पदक जीते. युवा विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदकधारी ललिता प्रसाद (49 किग्रा) और मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन नीरज पराशर (64 किग्रा) को खिताबी बाउट में हारने से रजत पदक से संतोष करना पड़ा. मार्थाम्मा सातिवादा (64 किग्रा), दीक्षा (91 किग्रा) और पेमा चोटान (91 किग्रा से अधिक) ने भी रजत पदक हासिल किये. वर्ष 2012 एगलोराव कप के रजत पदकधारी सिलामबरसन ने फ्लाईवेट वर्ग में शानदार फार्म जारी रखते हुए स्काटलैंड के स्टीफन बायल को पस्त किया. वेल्टरवेट मुक्केबाज सोलंकी ने स्थानीय मुक्केबाज स्टानोजेविच लाजार के खिलाफ बेहतरीन पंच से जीत दर्ज की. 2012 के जूनियर कांस्य पदकधारी ने इस तरह सर्वसम्मति से हुए फैसले से अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल किया. रूस के परमिनोव इलिया के खिलाफ 17 वर्षीय प्रसाद ने तेज तर्रार मुक्कों से आक्रामक प्रदर्शन दिखाया लेकिन वह हार गये और उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा. पराशर भी फाइनल में स्काटलैंड के सैम बाल के खिलाफ जजों के फैसले से हार गये. महिला वर्ग में कुमारी (48 किग्रा) बुल्गारिया की पोपतोलेवा वालेंटिना को रोमांचक मुकाबले में हराकर लाइट फ्लाईवेट खिताब अपने नाम किया. इस युवा मुक्केबाज ने हर किसी को अपने रिफलेक्स से प्रभावित किया जिससे उन्हें टूर्नामेंट की ‘बेस्ट टेकनीकल बाक्सर’ पुरस्कार प्राप्त हुआ. चंदा ने बुल्गारिया की मुक्केबाज बुयूक्लिवा मारिना को हराकर फ्लाईवेट वर्ग में स्वर्ण पदक जीता. |
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धोनी ने नहीं की जिम्बाब्वे के खिलाफ कप्तानी
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी करने का सौरव गांगुली का रिकार्ड शायद कभी नहीं तोड़ पाएंगे. महेंद्र सिंह धोनी को भारत का सबसे सफल कप्तान माना जाता है लेकिन टेस्ट खेलने वाले सभी देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी करने का सौरव गांगुली का रिकार्ड शायद वह कभी नहीं तोड़ पाएंगे. धोनी ने आज तक जिम्बाब्वे के खिलाफ कप्तानी नहीं की है. ‘कैप्टन कूल’ आगामी जिम्बाब्वे दौरे पर भी नहीं जा रहे हैं और इसलिए शायद वह इस देश के खिलाफ कभी टीम की अगुवाई नहीं कर पाएंगे. असल में धोनी हमेशा जिम्बाब्वे के दौरे पर जाने से बचते रहे हैं. वह केवल एक बार 2005 में गांगुली के नेतृत्व वाली टीम के साथ जिम्बाब्वे गये थे. भारत इससे पहले 2010 में त्रिकोणीय श्रृंखला खेलने के लिये जिम्बाब्वे दौरे पर गया था. उस समय भी धोनी ने विश्राम लिया था और सुरेश रैना ने टीम की अगुवाई की थी. इस बार धोनी को फिर से विश्राम मिला है और उनकी जगह विराट कोहली को कप्तान बनाया गया है. धोनी एकदिवसीय क्रिकेट में आईसीसी के पूर्णकालिक सदस्यों में से जिम्बाब्वे को छोड़कर बाकी सभी देशों के खिलाफ कप्तानी कर चुके हैं. टेस्ट मैचों में जिम्बाब्वे के अलावा पाकिस्तान के खिलाफ भी धोनी को कप्तानी का मौका नहीं मिला है. गांगुली भारत के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने टेस्ट खेलने वाली सभी देशों के खिलाफ एकदिवसीय और टेस्ट दोनों प्रारूपों में टीम की अगुवाई की है. इसके अलावा वह टेस्ट खेलने वाले सभी दस देशों में टीम का नेतृत्व कर चुके हैं. वनडे में तो उन्होंने रिकार्ड 14 देशों के खिलाफ कप्तानी की है और 15 देशों के दर्शकों ने उनकी कप्तानी का जलवा देखा है. भारत के एक और सफल कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन के समय में बांग्लादेश को टेस्ट दर्जा नहीं मिला था. उन्होंने अपने समय के सभी टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ टीम की अगुवाई की थी. अजहर को हालांकि पाकिस्तानी सरजमीं पर कप्तानी करने का मौका नहीं मिला. राहुल द्रविड़ ने भी वनडे में सभी देशों के खिलाफ कप्तानी की है लेकिन उन्हें जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड के दर्शकों के सामने अपने नेतृत्वकौशल को दिखाने का मौका नहीं मिला है. सचिन तेंदुलकर ने भी वनडे में बांग्लादेश को छोड़कर बाकी देशों के खिलाफ कप्तानी की है. धोनी को जिम्बाब्वे के खिलाफ कप्तानी का मौका किसी बहुराष्ट्रीय प्रतियोगिता में ही मिल सकता है क्योंकि भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) के हिसाब से भारत को अगले सप्ताह से होने वाले दौरे के बाद अगले तीन साल तक जिम्बाब्वे के खिलाफ कोई मैच नहीं खेलना है. धोनी केवल एक बार जिम्बाब्वे दौरे पर गये हैं. उन्होंने आठ साल पहले 2005 में त्रिकोणीय श्रृंखला में भाग लेने के लिये जिम्बाब्वे दौरा किया था. उस दौरे में उन्होंने पांच मैच में 173 रन बनाये थे. जिम्बाब्वे के खिलाफ उसी दौरे में धोनी ने दो मैच खेले थे. तब से लेकर वह कभी इस देश के खिलाफ नहीं खेल पाये हैं. जहां तक जिम्बाब्वे के दौरे का सवाल है तो बीच में गांगुली के कप्तानी काल को छोड़कर हर बार भारतीय टीम बदले हुए कप्तान के साथ वहां गयी. भारत ने पहली बार 1992 में अजहरूद्दीन की अगुवाई में जिम्बाब्वे दौरा किया था. इसके बाद जब भारतीय टीम 1997 में जिम्बाब्वे गयी तो तेंदुलकर के हाथों में टीम की कमान थी. इसके एक साल बाद 1998 में अजहरूद्दीन को फिर से कप्तानी मिल गयी थी और उनकी अगुवाई में टीम ने जिम्बाब्वे ने तीन वनडे मैच खेले थे. भारत ने गांगुली की कप्तानी में जिम्बाब्वे में 2001 में त्रिकोणीय श्रृंखला, 2003 में आईसीसी विश्व कप और 2005 में फिर से त्रिकोणीय श्रृंखला के मैच खेले थे. भारत इसके बाद 2010 में रैना की अगुवाई में जिम्बाब्वे और श्रीलंका के खिलाफ त्रिकोणीय श्रृंखला खेलने के लिये जिम्बाब्वे गया था. भारत ने वैसे जिम्बाब्वे में अभी तक 20 वनडे मैच खेले हैं जिसमें से 12 में उसे जीत और आठ में हार मिली है. जहां तक जिम्बाब्वे के खिलाफ उसकी सरजमीं पर भारतीय प्रदर्शन का सवाल है तो 12 मैचों में से आठ भारत ने जीते हैं जबकि चार में जिम्बाब्वे को जीत मिली है. |
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जिंदगी से रूठ गया धोनी का सबसे प्यारा यार
http://i1.dainikbhaskar.com/thumbnai.../17/3273_2.jpg जिंदगी में एक अच्छे दोस्त की अहमियत क्या होती है इस बात को समझाने के लिए किसी उदाहरण की जरूरत नहीं होती। हर इंसान अपने जीवन में उस खास शख्स की अहमियत को जानता है। टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मैदान पर भले ही कितने भी डिप्लोमैट क्यों न दिखें, लेकिन उन जैसा दिलदार शख्स मिलना मुश्किल है। धोनी के बचपन के दोस्त संतोष लाल का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। धोनी ने अपने इस जिगरी दोस्त की मदद करने के लिए उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए रांची से दिल्ली शिफ्ट करवाया था, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। माही को अपने इस दोस्त की कमी हमेशा खलती रहेगी। संतोष सिर्फ एक साथी खिलाड़ी ही नहीं बल्कि धोनी को हेलिकॉप्टर शॉट की कला सिखाने वाले मददगार भी थे। प्रोफशनल वर्ल्ड में अपने खास पैंतरे आज के जमाने में कोई किसी को नहीं सिखाता। सालों पुरानी दोस्ती प्रोफेशनलिज्म की रेस में तार-तार हो जाती है। लेकिन ऐसे में संतोष ने अपना सबसे खास हथियार धोनी को देकर उन्हें बुलंदियों तक पहुंचाने में खास रोल निभाया। |
Re: खेल डेस्क
Ipl तो जैसे प्रीमियर लीग से घपला लीग बनती जा रही है। इस सीजन में उठे स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के बवाल के बाद अब इसमें डोपिंग का मामला भी सामने आया है। कोलकाता नाइटराइडर्स के फास्त बॉलर प्रदीप सांगवान आईपीएल के दौरान हुए डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं।
क्रिकेट के इतिहास में सांगवान ऐसे दूसरे क्रिकेटर बन गए हैं, जो डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। उनसे पहले पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ प्रतिबंधित दवा के सेवन के दोषी पाए गए थे। बीसीसीआई और दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सूत्रों ने सांगवान के पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि की है। बीसीसीआई के एक अधिकारी के अनुसार सांगवान के ए-नमूने में प्रतिबंधित दवा के अंश पाए गए हैं। बोर्ड ने इस संदर्भ में डीडीसीए को एक पत्र भी लिखा है। सांगवान के बी- नमूने का परीक्षण होना अभी बाकी है। फिलहाल यह पता नहीं चला है कि यह सिर्फ एक प्रतिबंधित दवा थी या फिर प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवा। अधिकारी ने कहा कि बीसीसीआई डोपिंग मामलों को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता, लेकिन अभी यह नहीं कहा जा सकता कि सांगवान के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। सांगवान आईपीएल के पिछले दो संस्करणों में केकेआर की तरफ से खेले थे। सांगवान को आईपीएल-6 में सिर्फ दो मैच खेलने का मौका मिल पाया और वे इन मैचों में कोई विकेट नहीं ले सके थे। हालांकि, बीसीसीआई वाडा और नाडा के तहत नहीं आती है, लेकिन उसकी अपनी डोपिंग रोधी एजेंसी है। सांगवान डोपिंग में पॉजिटिव पाए जाने वाले दूसरे क्रिकेटर जरूर हैं, लेकिन उनसे पहले कई खिलाड़ी डोपिंग के दाग को ढो चुके हैं। |
Re: खेल डेस्क
जैसे सांगवान डोपिंग प्रकरण में फंसे हैं कुछ वैसे ही 10 साल पहले ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वार्न पर ऐसे संगीन आरोप लगे थे। फरवरी 2003 में वर्ल्ड कप शुरू होने से ठीक पहले वार्न डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए।
उनका दावा था कि उन्होंने अपने लुक्स सुधारने के लिए कुछ दवाएं ली थीं, लेकिन उनका इरादा परफॉर्मेंस एन्हांसमेंट ड्रग्स लेने का बिल्कुल भी नहीं था। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड को उनकी दलीलें नहीं जचीं और उन पर एक साल का प्रतिबंध लग गया। |
Re: खेल डेस्क
पोंटिंग की कप्तानी में देखिए कौन रहा बेहतर?
टेस्ट सचिन तेंडुलकर ने पोंटिंग के कार्यकाल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 टेस्ट खेले जिनमें से 6 में टीम इंडिया को जीत मिली और कुल 2 बार ऑस्ट्रेलिया जीत सका। तीन मैच ड्रा रहे। वहीं यदि ब्रायन लारा के आंकड़े देखें जाएं तो उन्होंने कुल 4 मैच खेले। उन चारों में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज को हराया। सचिन ने पोंटिंग की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैचों में लारा से ज्यादा रन भी बनाए। जहां सचिन ने 71.16 के औसत से 4 सेंचुरी समेत 1352 रन बनाए, वहीं लारा कुल 1 सेंचुरी लगाते हुए 48.25 के औसत से 386 रन बना सके। पोंटिंग के करियर की बात करें तो जिन मैचों में वे भारत और वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले उनमें सचिन का परफॉर्मेंस लारा से कहीं बेहतर रहा। सचिन ने 29 मैचों की 56 पारियों में 61.20 के औसत से 9 सेंचुरी समेत 3060 रन बनाए। वहीं लारा ने 16 मैचों की 32 पारियों में 1453 रन बनाए, जिसमें कुल 6 सेंचुरी शामिल थीं। वनडे पोंटिंग के करियर में उन्होंने जितने भी भारत और वेस्ट इंडीज के खिलाफ वनडे खेले उनमें सचिन क्लीयर कट विनर रहे। सचिन ने जहां 55 मैचों में 47.45 के औसत से 8 सेंचुरी लगाते हुए 2515 रन बनाए, वहीं लारा ने 32 मैचों में 35.07 के सामान्य औसत से 1052 रन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए। |
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