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आइये जाने ........... फेसबुक की ऐसी बातें जो आपको कभी नहीं पता थी 2004 में मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक (Facebook) की शुरुआत की, जिसके अब तक के 400 करोड़ यूजर्स पूरी दुनिया में फैल चुके हैं। चाहे बात पैसे कमाने की हो या फिर नए यूजर्स जोड़ने की, फेसबुक बिना रुकावट के दिन पर दिन बढता ही जा रहा है। फेसबुक का उपयोग कर के आज लोग एक दूसरे से जुड़ते जा रहे हैं। फेसबुक के भी अपने कई प्रतियोगी हैं, जो हर वक्*त उसे मात देने के लिये नई नई तरकीबे निकालते रहते हैं जैसे ट्विटर। क्*या देस, परदेस और क्*या गांव, फेसबुक अब हर जगह फैल चुका है। हो सकता है कि आप भी फेसबुक के काफी पुराने यूज़र हों लेकिन आपको इसके बारे में ज्*यादा जानकारी शायद ही हो। हम आपको फेसबुक की कुछ ऐसी अनोखी बातें बताएंगे जिसके बारे में आपको कभी नहीं पता होगा। आइये जानते हैं |
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फेसबुक की ऐसी बातें
1. क्*या आप जानते हैं फेसबुक का रंग नीला क्*यूं है? ऐसा इसलिये क्*योंकि मार्क जुकरबर्ग कलर ब्*लाइंडनेस से पीडित हैं। तभी तो इन्*होंने अपनी साइट के लिये गहरे नीले रंग का प्रयोग किया है, जिससे इन्*हें देखने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो। 2. कहा जाता है कि फेसबुक पर लगभग 12 प्रतिशत लोग हर आधे घंटे में डंप किये जाते हैं। 3. यह दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्किंग साइट है, जो कि पूरी दुनिया में 70 भाषा में उपलब्*ध है। 4. फेसबुक के बढ़ते चलन को देखते हुए मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग फेसबुक के आदि हो चुके हैं उनके लिये नई बीमारी की खोज हुई है , जिसका नाम है "फेसबुक एडिक्*शन डिसआर्डर" 5. जब फेसबुक की लाइक बटन का नाम नहीं सोंचा गया था, तब मार्क जुकरबर्ग ने कई बार बोला था कि इसका नाम ऑसम बटन होना चाहिये, पर किसी ने उनकी नहीं सुनी। 6. एक बात जो आप सुन कर हैरान हो जाएंगे वह यह, कि फेसबुक सर्च इंजन "गुगल" से भी ज्*यादा पैसे कमाता है |
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कौन थे राजा महाबली और क्*यों मनाते हैं ओणम का त्*योहार
ओनम केरल में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। वैसे तो इसे फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है, पर इसका महत्व सामान्य कृषि संबंधित त्योहारों से कहीं ज्यादा है। दरअसल ओनम की कहानी महान राजा महाबली से जुड़ी हुई है। महाबली की पौराणिक कथा से पता चलता है कि आखिर क्यों आज भी ओनम का त्योहार मनाया जाता है। महाबली की पौराणिक कथा - राजा बलि देवांबा का बेटा और प्रह्लाद का पौत्र था। वह जन्म से ही असुर था। अपने दादा प्रह्लाद के परामर्श के कारण वह राजगद्दी पर बैठने में कामयाब रहा। असुरों का राजा होने के नाते उनका नीतिशस्त्र और प्रसाशनिक क्षमता अद्वितीय थी। वह भगवानों का सम्मान करता था और आपनी उदारता के लिए जाना जाता था। |
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तीनों लोक पर विजय - महाबली योग्य होने के साथ-साथ महत्वकांक्षी भी था। वह ब्रहमांड के तीनों लोक, यानी पृथ्वी, परलोक और पाताल लोक का सम्राट बनना चाहता था। इसलिए उन्होंने देवताओं के विरूद्ध युद्ध छेड़ दिया और परलोक पर कब्जा कर लिया। उन्होंने देवों के राजा इंद्र को पराजित किया और तीनों जगत का शासक बन गया। साथ ही उन्होंने अश्वमेध यगना शुरू किया, ताकि ब्राह्मांड के तीनों लोक पर शासन कर सके |
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वामन अवतार - एक असुर के हाथों पराजित होने के कारण देवता परेशान हो गए। उन्होंने परलोक वापस पाने के लिए भगवान विष्णु से मदद के लिए प्रार्थना की। प्रार्थना सुन कर भगवान विष्णु एक बौने ब्राह्मण लड़के के रूप में महाबली के सामने प्रकट हुए। यह भगवान विष्णु का वामन अवतार था। उन्होंने महान राजा से अपने पैरों के तीन कदम जितनी भूमि देने का आग्रह किया। उदार महाबली ने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके बाद भगवान विष्णु का आकार एकाएक बढ़ता ही चला गया। तब उन्होंने एक कमद से ही पूरी पृथ्वी और दूसरे कदम से पूरा परलोक नाप डाला। अब भगवान विष्णु ने तीसरा कदम रखने के लिए स्थान मांगा। धर्मनिष्ठ महाबली ने तब अपना मस्तक ही प्रस्तुत कर दिया। भगवान विष्णु ने अपना तीसरा कदम उनके मस्तक पर रखकर उन्हें पाताल लोक पहुंचा दिया। |
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ओनम की कहानी पौराणिक कथाओं के अनुसार जब राजा महाबली पाताल लोक जा रहे थे तो उन्होंने भगवान विष्णु से एक वरदान मांगा। उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें साल में एक बार केरल आने की अनुमति दी जाए, ताकि वह सुनिश्चित कर सकें कि उनकी प्रजा खुशहाल और समृद्ध है। भगवान विष्णु ने उनकी इच्छा स्वीकार कर ली। यानी कि ओनम ही वह समय है जब महाबली अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं। शायद यही वजह है कि ओनम इतने हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह ओनम की पौराणिक कथा है, जिसका संबंध प्रचीन असुर राजा बलि से है। |
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फेसबुक, राजा बलि तथा दक्षिण भारत के प्रमुख त्यौहार ओणम के बारे में आपने बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी दी है, बिंदु जी. आपका हार्दिक धन्यवाद.
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