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-   -   *प्रणाम का महत्व* (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=16940)

soni pushpa 04-11-2016 08:27 PM

*प्रणाम का महत्व*
 
*प्रणाम का महत्व*

महाभारत का युद्ध चल रहा था-
एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर...
"भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि-

"मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा"

उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई-

भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए।

तब-

श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा अभी मेरे साथ चलो-

श्रीकृष्ण द्रौपदी को लेकर सीधे भीष्म पितामह के शिविर में पहुँच गए-

शिविर के बाहर खड़े होकर उन्होंने द्रोपदी से कहा कि- अन्दर जाकर पितामह को प्रणाम करो-

द्रौपदी ने अन्दर जाकर पितामह भीष्म को प्रणाम किया तो उन्होंने-
"अखंड सौभाग्यवती भव" का आशीर्वाद दे दिया, फिर उन्होंने द्रोपदी से पूछा कि !!

"वत्स, तुम इतनी रात में अकेली यहाँ कैसे आई हो, क्या तुमको श्रीकृष्ण यहाँ लेकर आए हैं" ?

तब द्रोपदी ने कहा कि-

"हाँ और वे कक्ष के बाहर खड़े हैं" तब भीष्म भी कक्ष के बाहर आ गए और दोनों ने एक दूसरे से प्रणाम किया-

भीष्म ने कहा-

"मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम श्रीकृष्ण ही कर सकते हैं"

शिविर से वापस लौटते समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि-

"तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है"-

" अगर तुम प्रतिदिन भीष्म, धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य, आदि को प्रणाम करती होतीं और दुर्योधन, दुःशासन, आदि की पत्नियाँ भी पांडवों को प्रणाम करती होतीं, तो शायद इस युद्ध की नौबत ही न आती"-
......तात्पर्य्......

वर्तमान में हमारे घरों में जो इतनी समस्याए हैं उनका भी मूल कारण यही है कि -

"जाने अनजाने अक्सर घर के बड़ों की उपेक्षा हो जाती है।"

" यदि घर के बच्चे प्रतिदिन घर के सभी बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें तो, शायद किसी भी घर में कभी कोई क्लेश न हो "

बड़ों के दिए "आशीर्वाद" कवच की तरह काम करते हैं उनको कोई "अस्त्र-शस्त्र" नहीं भेद सकता -

"निवेदन:-
सभी प्रणाम एवं अभिवादन की इस संस्कृति को सुनिश्चित कर नियमबद्ध करें तो घर स्वर्ग बन जाए।"

*क्योंकि*:-

*प्रणाम प्रेम है।*
*प्रणाम अनुशासन है।*
प्रणाम शीतलता है।
प्रणाम आदर सिखाता है।
*प्रणाम से सुविचार आते हैं।*
प्रणाम झुकना सिखाता है।
प्रणाम क्रोध मिटाता है।
प्रणाम आँसू धो देता है।
*प्रणाम अहंकार मिटाता है।*
*प्रणाम हमारी संस्कृति है।*



*सबको प्रणाम*

Internet ķe madhyam se

Rajat Vynar 05-11-2016 03:32 PM

Re: *प्रणाम का महत्व*
 
सोनी जी, अति सुन्दर उद्धरण के लिए सादर प्रणाम, सादर चरण स्पर्श। रचना पढ़ने में काफी आनन्द आया।

rajnish manga 05-11-2016 07:12 PM

Re: *प्रणाम का महत्व*
 
Quote:

Originally Posted by soni pushpa (Post 559787)
*प्रणाम का महत्व*

वर्तमान में हमारे घरों में जो इतनी समस्याए हैं उनका भी मूल कारण यही है कि -

"जाने अनजाने अक्सर घर के बड़ों की उपेक्षा हो जाती है।"
*प्रणाम हमारी संस्कृति है।*
*सबको प्रणाम*

अत्यंत श्रेष्ठ तथा प्रभावशाली आलेख. बड़ों का आदर किया जाना नैतिक रूप से सामाजिक तथा व्यवहारिक रूप से आवश्यक है. प्रस्तुति हेतु आपका धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.


soni pushpa 08-11-2016 11:36 AM

Re: *प्रणाम का महत्व*
 
Quote:

Originally Posted by Rajat Vynar (Post 559796)
सोनी जी, अति सुन्दर उद्धरण के लिए सादर प्रणाम, सादर चरण स्पर्श। रचना पढ़ने में काफी आनन्द आया।

are . rajat ji please no charan sparsh kyunki charan sparsh bhagwan or mahan hastiyon ke kiye jate hain or ham sab sadharan insaan hi hain

aapko ye lekh pasand aaya bahut bahut dhanywad ..

soni pushpa 08-11-2016 11:39 AM

Re: *प्रणाम का महत्व*
 
[QUOTE=rajnish manga;559799][size=3]अत्यंत श्रेष्ठ तथा प्रभावशाली आलेख. बड़ों का आदर किया जाना नैतिक रूप से सामाजिक तथा व्यवहारिक रूप से आवश्यक है. प्रस्तुति हेतु आपका धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.

जी भाई सही कहा आपने बड़ों का आदर नमन से किया जाय और आशीर्वाद प्राप्त किये जायं वो सर्वदा सही है बशर्ते की उसमे आदरभाव हो .सुन्दर टिपण्णी के लिए हार्दिक आभार सह धन्यवाद भाई


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